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अब फ़र्ज़ कीजिए कि एक्साइज़ ड्यूटी और वैट, दोनों हटाकर पेट्रोल को भी जीएसटी के दायरे में लाने का फ़ैसला कर लिया जाए तो क्या होगा?
अगर पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो आम लोगों की मौज तय है. लेकिन केंद्र और राज्य सरकार को इससे नुकसान हो सकता है. 25 मई के दाम देखें तो साफ़ है कि अगर टैक्स न लगें तो पेट्रोल के दाम काफ़ी नीचे आ जाएंगे. 77.83 रुपए प्रति लीटर का दाम टैक्स (एक्साइज़ ड्यूटी और वैट) हटने पर 41.8 रुपए प्रति लीटर रह जाएगा. और अगर इसमें 28% की दर से जीएसटी जोड़ लिया जाए तो भी ये 53.50 रुपए प्रति लीटर बैठेगा. यानी मौजूदा दर से 24.33 रुपए कम. अगर एक लीटर पेट्रोल 77 रुपए के बजाय 53 रुपए में बिकने लगे तो ये कितनी बड़ी राहत होगी, इसका अंदाज़ा लगाना आसान है.लेकिन क्या पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाना इतना आसान है? शायद नहीं! क्रिसिल के अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने बीबीसी से कहा कि अब ये फ़ैसला सिर्फ़ केंद्र सरकार नहीं कर सकती.
लेकिन क्या ये आसान है?
''ये निर्णय अब जीएसटी काउंसिल कर सकती है, जिसमें राज्यों को प्रतिनिधि भी शामिल हैं. इन दिनों भले नेता इस तरह के बयान दे रहे हों, लेकिन वो ज़्यादा से ज़्यादा इस मुद्दे को काउंसिल की बैठक तक ले जा सकते हैं.'' लेकिन अगर पल भर को मान लिया जाए कि ऐसा होता है, तो क्या होगा? उन्होंने कहा, ''अगर सिद्धांत रूप से बात करें तो पेट्रोल के जीएसटी के दायरे में आने पर कीमतों में काफ़ी आनी चाहिए, लेकिन ये इतना आसान नहीं होगा.'' ''अगर आप देखें तो पाएंगे कि सरकार ने पहले जिन उत्पादों पर जीएसटी लगाया, उन पर उसे इस तरह लागू किया गया कि ग्राहकों तक राहत नहीं पहुंची. सरकार को ग्राहकों से ज़्यादा चिंता टैक्स से होने वाली कमाई की है.'' जानकारों के मुताबिक पेट्रोल पर जो वैट अभी लगता है, वो पुराने सेल्स टैक्स का नया नाम है. इसका जीएसटी से कोई लेना-देना नहीं है. हर राज्य ख़ुद ये फ़ैसला कर सकता है कि वो पेट्रोल पर कितना वैट लगाना है.
::/fulltext::गौरतलब है कि नौ अंक का यह सवाल तीनों सेट ए , बी, सी में पूछा गया था, जिसे दृष्टिबाधित हल नहीं कर पाए थे।
रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) के दसवीं बोर्ड के विज्ञान के पेपर में दृष्टिबाधितों से मानव शरीर के पाचन तंत्र का चित्र बनाने के लिए कहा गया था। अब इस मामले में माशिमं बैकफुट पर है। मामले की जानकारी बच्चों ने अपने प्रिंसिपल को दी थी। आपत्तियां माशिमं के विशेषज्ञों व बोर्ड मेंबर्स के बीच में उठी और इस पर निर्णय लिया गया है कि दृष्टिबाधितों को कृपांक दिया जाए। यह सब कुछ हो पाया माशिमं के सदस्य संजय जोशी के प्रयास से। संजय जोशी परीक्षाफल समिति के सदस्य हैं। उन्होंने बच्चों के इस मुद्दे को सामने लाया और माशिमं ने समिति गठित करके मामले की जांच की। तीन विद्योचित के सहायक प्राध्यापकों की कमेटी की अनुशंसा के आधार पर 47 दृष्टिबाधित छात्र-छात्राओं को नौ अंक कृपांक देने का निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि नौ अंक का यह सवाल तीनों सेट ए , बी, सी में पूछा गया था, जिसे दृष्टिबाधित हल नहीं कर पाए थे।
नकल प्रकरण में कई मामले में उलझे
माशिमं की परीक्षाफल समिति की बैठक में गुरुवार को दसवीं-बारहवीं के नकल प्रकरण के मामलों में चर्चा हुई। दसवीं में 32 और बारहवीं में 39 नकल प्रकरणों में कई मामलों में परीक्षाफल निरस्त करने का निर्णय लिया। एक सामूहिक नकल के प्रकरण में जांच होने के बाद निर्णय लेने की अनुशंसा की गई है। - दृष्टिबाधितों से चित्र बनाने का सवाल पूछा गया था, जो कि अव्यवहारिक लगा। इन बच्चों के लिए बोनस अंक देने की अनुशंसा की गई है।
::/fulltext::आप जल्दी में हैं और रेलवे स्टेशन पर टिकट काउंटर पर भीड़ है तो चिंता की बात नहीं। बिना लाइन लगे ही टिकट मिल जाएगी।
ट्रेन से यात्रा करने वाले लोगों के लिए यह राहत वाली खबर है। आप जल्दी में हैं और रेलवे स्टेशन पर टिकट काउंटर पर भीड़ है तो चिंता की बात नहीं। बिना लाइन लगे ही टिकट मिल जाएगी। आपको स्टेशन पर टीटीई ही टिकट दे देंगे। इसके लिए उन्हें हैंड हेल्ड डिवाइस से लैस करने पर काम चल रहा है। हां, आरक्षण नहीं सिर्फ जनरल क्लास के टिकट के लिए ही यह सुविधा उपलब्ध होगी। ध्यान रखना होगा कि ट्रेन खुलने के पहले तक ही आप टिकट ले सकते हैं। ट्रेन में बैठने के बाद यह सुविधा नहीं मिलेगी। टीटीई को इसके लिए हैंड हेल्ड डिवाइस की सुविधा मुहैया कराई जाएगी, ताकि मौके पर ही यात्रियों को टिकट उपलब्ध करा सकें। रांची रेलवे स्टेशन सहित दक्षिण पूर्व रेलवे के कई ए-वन स्टेशनों पर इसकी सुविधा होगी।
तीन महीने में मिलेगी सुविधा
अगले तीन महीने में दक्षिण पूर्व रेलवे कई स्टेशनों पर हैंड हेल्ड डिवाइस मिलने के साथ इसकी सेवा शुरू हो जाएगी। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही, पहले चरण में 850 हैंड हेल्ड डिवाइस विभिन्न स्टेशनों पर देने की योजना है। सफल प्रयोग के बाद दूसरे चरण में इसकी संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। फिलहाल बताया जा रहा है कि इसमें टीटीई संबंधित यात्री से तय किराया के साथ 10 रुपये अतिरिक्त शुल्क लेंगे और गंतव्य स्थल का टिकट देंगे।