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जम्मू। क्या इस बार भी अमरनाथ यात्रा का प्रतीक हिमलिंग जल्दी पिघल जाएगा? यह सवाल इसलिए उठ खड़ा हुआ है क्योंकि यात्रा के आधिकारिक तौर पर शुरू होने से पहले ही 10 हजार से अधिक श्रद्धालु 14500 फुट की ऊंचाई पर बनने वाले हिमलिंग के दर्शन कर चुके हैं। इसे अब दबे स्वर में स्वीकार किया गया है कि यात्रा के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों तथा लंगरवालों के साथ-साथ अन्य कुछ श्रद्धालु भी गुफा तक पहुंचने में कामयाब हुए हैं। इनकी संख्या 10 हजार से अधिक बताई जा रही है और यह सिलसिला पिछले लगभग 15 दिनों से जारी है।
यात्रा की शुरुआत से पहले दर्शन करने के सबूत सोशल मीडिया पर भी धूम मचा रहे हैं। पहले तो अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के अधिकारी इन पर खामोशी अख्तियार किए हुए थे, लेकिन अब उन्होंने इसे माना है कि ऐसा हो रहा है। हालांकि पिछले साल तक श्राइन बोर्ड श्रद्धालुओं को धमकाता रहा था कि जो यात्रा की शुरुआत से पहले गुफा तक पहुंचेगा, उसे जेल में डाल दिया जाएगा।
सोशल मीडिया पर धूम मचा रही अमरनाथ हिमलिंग की फोटो तथा वीडियो को देख चिंता यह व्यक्त की जाने लगी है कि अमरनाथ हिमलिंग कितने दिनों तक टिक पाएगा। करीब 4 चार साल पहले भी ऐसा हुआ था कि इसी प्रकार श्रद्धालु यात्रा की शुरुआत से पहले गुफा तक पहुंचे थे और हिमलिंग यात्रा की शुरुआत के पहले ही दिन पिघल गया था।
हिमलिंग को पिघलने से बचाने की खातिर कई उपाय भी लगातार किए जाते रहे हैं, पर कोई भी कामयाब नहीं हुआ है। इसकी खातिर गुफा में लगाई गई लोहे की रेलिंग को हटाने का निर्देश कोर्ट भी दे चुका है क्योंकि रेलिंग भी हिमलिंग को भक्तों की सांसों की गर्मी से पिघलने से रोक नहीं पाती है।
पहला जत्था रविवार को : रविवार यानी 30 जून की सुबह पहला जत्था अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना होगा। अगर मौसम ने साथ दिया तो 30 जून की शाम को ही पहले जत्थे के श्रद्धालु 14 हजार 500 फुट की ऊंचाई पर बनने वाले हिमलिंग के प्रथम दर्शन करेंगे। यात्रा में शामिल होने जा रहे लाखों श्रद्धालुओं की सेवा के लिए लखनपुर से लेकर पवित्र गुफा तक 150 से अधिक लंगरों की व्यवस्था स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा की गई है। यही नहीं सेना समेत एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी करीब 60 दिनों तक लखनपुर से लेकर गुफा तक श्रद्धालुओं की सेवा में लगे रहेंगे।
प्रतिदिन 15 हजार श्रद्धालुओं को पहलगाम तथा बालटाल के रास्ते यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई है। अभी तक करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं ने अपना पंजीकरण विभिन्न माध्यमों से करवाया है, जबकि ऑन स्पॉट पंजीकरण को भी एकाध दिन में खोल दिया जाएगा। यात्रा का मुख्य बेस कैंप जम्मू के यात्री भवन में बनाया गया है।
Amarnath Yatra 2019: अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुुरू हो रही है.
खास बातें
नई दिल्ली: दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ (Amarnath) की तीर्थयात्रा शांतिपूर्ण रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए इस साल जम्मू-कश्मीर को अतिरिक्त केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल उपलब्ध कराया गया है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक एम के सिन्हा ने कहा कि पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा बल उपलब्ध कराए जाने से घुसपैठ रोधी ग्रिड को मजबूत करने में, पूरे राजमार्ग पर किसी तरह का अवरोध दूर करने वाले दस्ते की तैनाती और तीर्थयात्रियों के शिविरों के आसपास सुरक्षा मजबूत करने में मदद मिली है.
उन्होंने कहा कि पुलिस, एसडीआरएफ और मजिस्ट्रेट वाले छह विशेष दलों को रामबण जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास उन इलाकों में तैनात किया जाएगा जहां भूस्खलन की आशंका अधिक होती है ताकि यात्रा के दौरान कम से कम अवरोध उत्पन्न हो. सिन्हा ने कहा, "यात्रा पर किसी तरह के खतरे के बारे में कोई विशिष्ट सूचना नहीं मिली है. लेकिन तीर्थयात्रा के दौरान चूंकि ऐसी आशंकाएं बढ़ जाती हैं इसलिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. हमें पिछले सालों की तुलना में इस बार अतिरिक्त केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल मिला है और उसी अनुसार पक्के इंतजाम किए गए हैं."