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नई दिल्ली: राम नवमी (Ram Navmi) के साथ ही नवरात्रि (Navratri) का समापन हो जाता है. मान्यता है कि चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क लग्न में भगवान राम का जन्म हुआ था. यही वजह है कि इस दिन को राम नवमी (Ramnavmi) के नाम से जाना जाता है. राम नवमी के दिन मां दुर्गा के नवें रूप महागौरी की पूजा के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की पूजा का भी विधान है. इस दिन भक्त दिन भर उपवास रखते हैं और राम नाम का जप करते हैं.
राम नवमी कब है?
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार राम नवमी हर साल चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह पर्व हर साल मार्च या अप्रैल महीने में आता है. इस बार राम नवमी (Ram Navmi) दो दिन मनाई जाएगी. हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक 13 अप्रैल को सूर्योदय से लेकर सुबह 08 बजकर 15 मिनट तक अष्टमी है. इसके बाद नवमी लग जाएगी. पंडितों के अनुसार इस बार राम नवमी दो दिन यानी कि 13 अप्रैल और 14 अप्रैल को मनाई जाएगी.
राम नवमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
नवमी तिथि प्रारंभ: 13 अप्रैल 2019 को सुबह 08 बजकर 15 मिनट से
नवमी तिथि समाप्त: 14 अप्रैल 2019 को सुबह 06 बजकर 04 मिनट तक
नवमी पूजन का शुभ मुहूर्त: 13 अप्रैल 2019 को सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक
कैसे मनाई जाती है राम नवमी
राम नवमी की पूजन विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- अब भगवान राम का नाम लेते हुए व्रत का संकल्प लें.
- अब घर के मंदिर में राम दरबार की तस्वीर या मूर्ति की स्थापना कर उसमें गंगाजल छिड़कें.
- अब तस्वीर या मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाकर रखें.
- अब रामलला की मूर्ति को पालने में बैठाएं.
- अब रामलला को स्नान कराकर वस्त्र और पाला पहनाएं.
- इसके बाद रामलला को मौसमी फल, मेवे और मिठाई समर्पित करें. खीर का भोग लगाना अति उत्तम माना जाता है.
- अब रामलला को झूला झुलाएं.
- इसके बाद धूप-बत्ती से उनकी आरती उतारें.
- आरती के बाद रामायण और राम रक्षास्त्रोत का पाठ करें.
- अब नौ कन्याओं को घर में बुलाकर उनको भोजन कराएं. साथ ही यथाशक्ति उपहार और भेंट देकर विदा करें.
- इसके बाद घर के सभी सदस्यों में प्रसाद बांटकर व्रत का पारण करें.