Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
खास बातें
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक गुरुवार भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भी कई उपाय और पूजा-पाठ किए जाते हैं. मान्यता है कि मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा से सुख-समृद्धि बढ़ती है. इसके अलावा मान्यता यह भी है कि गुरुवार को भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करने से जीवन खुशहाल रहता है. आइए जानते हैं कि गुरुवार को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कौन-कौन से कार्य किए जाते हैं.
मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा के लिए किए जाते हैं ये कार्य
मान्यतानुसार, गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी सहित भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. जिससे जीवन की नकारात्मकता खत्म हो जाती है, परिणामस्वरूप जीवन में खुशहाली आती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार मां लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं. कहा जाता है कि इनकी पूजा में तुलसी का प्रयोग करना चाहिए.
दांपत्य जीवन की समस्या से मुक्ति पाने के लिए इस दिन व्रत रखा जाता है, साथ ही भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है.
शादी-विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा की जाती है. मान्यता है कि उनकी कृपा से विवाह में आ रही अड़चने दूर हो जाती हैं. साथ ही मांगलिक कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं.
माना जाता है कि गुरू ग्रह के कमजोर होने से जीवन में समस्याएं आती हैं. जिसे दूर करने के लिए गुरुवार को पीले वस्त्र, पीतल, पीले चावल और केले का दान किया जाता है. इसके अलावा जिनकी कुंडली का गुरू ग्रह कमजोर होता है, उन्हें हल्दी की गांठ पीले वस्त्र में बांधकर पहनने के लिए कहा जाता है.
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गुरुवार को बृहस्पति देव के बीज मंत्र का जाप करने से कार्यों में सफलता मिलती है. माना जाता है कि इसके गुरू ग्रह भी मजबूत होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित माना गया है. प्रत्येक महीने की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. मई 2022 का पहला प्रदोष व्रत 13 तारीख, शुक्रवार को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन शुक्रवार का संयोग होने कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जा रहा है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है. आइए जानते हैं शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
शुक्र प्रदोष व्रत 2022 शुभ मुहूर्त
मान्यतानुसार शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त के बाद और रात शुरू होने से पहले प्रदोष काल में की जाती है. पंचांग के मुताबिक शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 04 मिनट से शुरू हो रहा है, जो कि रात 9 बजकर 09 मिनट तक रहेगा. इसके साथ ही शुक्र प्रदोष व्रत के दिन सिद्धि योग दोपहर 03 बजकर 42 मिनट से है.
शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा विधि
-शुक्र प्रदोष व्रत के लिए सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इसके बाद हाथ में अक्षत, जल और फूल लेकर पूजा का संकल्प किया जाता है.
-शुक्र प्रदोष के दिन शाम के समय प्रदोष काल में घर के पूजा स्थल या मंदिर में भगवान शिव की पूजा की जाती है.
-शिवजी की पूजा के लिए सबसे पहले गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है. उसके बाद गाय के दूध से अभिषेक किया जाता है. फिर शिवलिंग पर अक्षत, फूल, बेलपत्र, चंदन, शहद आदि चढ़ाया जाता है. साथ ही भांग, धतूरा, शमी का पत्ता, शक्कर, फल और वस्त्र अर्पित किया जाता है. ये सब चढ़ाते वक्त भक्त ओम् नमः शिवाय का जाप करते हैं.
-शिव चालीसा, शुक्र प्रदोष व्रत का पाठ किया जाता है. पूजन का समापन भगवान शिव की आरती से किया जाता है. आरती के बाद भगवान शिव से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की जाती है.
शिवजी की आरती
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा
ॐ जय शिव..
एकानन चतुरानन पंचानन राजे
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे
ॐ जय शिव..
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे
ॐ जय शिव..
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी
ॐ जय शिव..
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे
ॐ जय शिव..
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता
ॐ जय शिव..
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका
ॐ जय शिव..
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी
ॐ जय शिव..
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे
ॐ जय शिव..
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. )
खास बातें
वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है. पंचांग के मुताबिक इस साल मोहिनी एकादशी 12 मई, गुरुवार को पड़ने वाली है. धार्मिक मान्यता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से पाप और दुखों से छुटकारा मिलता है. मान्यतानुसार मोहिनी एकादशी व्रत के महत्व ( के बारे में गुरू वशिष्ठ ने प्रभु श्रीराम को बताया था. आइए जानते हैं मोहिनी एकादशी व्रत के बारें में.
मोहिनी एकादशी व्रत की कथा क्या है?
कहा जाता है कि एक बार युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से मोहिनी एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताने के लिए कहा. तब भगवान श्रीकृष्ण ने बताया कि मोहिनी एकादशी का व्रत वैशाख शुक्ल की एकादशी के दिन रखा जाता है. मोहिनी एकादशी व्रत की कथा कुछ इस प्रकार है. पौराणिक मन्यतानुसार, समुद्र मंथन के समय अमृत कलश को प्राप्त करने के लिए देवताओं को दानवों के बीच विवाद खड़ा हो गया. दरअसल दोनों ही अमृत पीकर अमर हो जाना चाहते थे. अमृत कलश का विवाद जब युद्ध का रूप लेने लगा तो भगवान विष्णु ने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण किया. भगवान विष्णु के मोहिनी रूप को देखकर असुर मोहित हो उठे. इस बीच देवताओं ने अमृत पी लिया. जिससे वे अमर हो गए. माना जाता है कि भगवान विष्णु ने जिस दिन मोहिनी रूप धारण किया था, वह दिन वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी. इसलिए इस दिन मोहिनी एकादशी मनाई जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा की जाती है.
मोहिनी एकादशी व्रत में रखा जाता है इन बातों का ध्यान
धार्मिक मान्यतानुसार, मोहिनी एकादशी व्रत का कठोरता से पालन किया जाता है. इस दिन व्रत रखने वाले भक्त अन्न ग्रहण नहीं करते हैं. साथ ही जो लोग व्रत नहीं रखते हैं, वो इस दिन चावल का सेवन नहीं करते हैं, क्योंकि एकादशी के दिन चावल का सेवन निषेध माना गया है. एकादशी व्रत के पारण का भी खास महत्व है. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है.
मोहिनी एकादशी तिथि
पंचांग के मुताबिक मोहिनी एकादशी 12 मई को पड़ रही है. एकादशी तिथि कि शुरुआत 11 मई को शाम 7 बजकर 31 मिनट से हो रही है. वहीं एकादशी तिथि का समापन 12 मई को शाम 6 बजकर 51 मिनट पर होगा.
मोहिनी एकादशी पारण (M
मान्यतानुसार मोहिनी एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है. ऐसे में जो लोग 12 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत रखेंगे, वे 13 मई को पारण कर सकते हैं. मोहिनी एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त 13 मई को सुबह 7 बजकर 59 मिनट तक है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.
वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। अक्षय तृतीया को आखा तीज और अक्ती के नाम से भी जाना जाता है। इस साल की अक्षय तृतीया कई मायनों में ख़ास है। 50 साल बाद ग्रहों का शुभ संयोग इस दिन पर बन रहा है। साल 2022 की अक्षय तृतीया मंगल रोहिणी नक्षत्र के शोभन योग में मनायी जाएगी। पांच दशक के बाद ऐसा होगा जब वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर दो ग्रह उच्च राशि में और दो ग्रह अपनी स्वराशि में विराजमान होंगे।
इस अक्षय तृतीया पर चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ और वहीं शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे। उधर शनि अपनी स्वराशि कुंभ और गुरु अपनी स्वराशि मीन में गोचर करते रहेंगे। इन चार ग्रहों की स्थिति से अक्षय तृतीया पर विशेष शुभ संयोग बन रहा है।
जानते हैं साल 2022 की अक्षय तृतीया किन राशियों के लिए आर्थिक लाभ लेकर आने वाली हैं।
मेष: 21 मार्च - 19 अप्रैल
मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह है। इस दौरान आर्थिक लाभ होगा। छोटी यात्राओं का योग बन सकता है। आपके लिए यह यात्रा आरामदेह होगी। आपके पड़ोसियों के साथ आपकी बहस हो सकती है, इसलिए धैर्य रखें।
उपायः इस दिन सुंदरकांड का पाठ करें। मंगल के नकारात्मक प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए आप सोना या तांबा खरीद सकते हैं। आप गेहूं का दान भी कर सकते हैं।
वृषभ: 20 अप्रैल - 20 मई
वृष राशि पर शुक्र ग्रह का शासन है। आप इस दौरान बहुत अच्छा महसूस नहीं करेंगे और निर्णय लेने की क्षमता में कमी होगी। साथ ही ज्यादा आर्थिक लाभ भी नहीं होगा। इस अवधि में आपको अपने काम का फायदा नहीं मिल पाएगा।
उपाय: आप सोना, चांदी या इत्र खरीद सकते हैं। इस दिन श्री सूक्त का पाठ अवश्य करें। चावल का दान करने से घर में समृद्धि आएगी।
मिथुन: 21 मई - 20 जून
मिथुन राशि का स्वामी बुध ग्रह है। आपको कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जैसे रक्तचाप में वृद्धि, जोड़ों का दर्द, सिरदर्द आदि और इससे आप असहज महसूस करेंगे। इस दिन आप चांदी या कपड़े खरीद सकते हैं।
उपाय: आप विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और गायों को पालक अर्पित करें। इससे आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
कर्क: 21 जून - 22 जुलाई
कर्क राशि चंद्रमा (चंद्र) द्वारा शासित है। आप कड़ी मेहनत करेंगे लेकिन इसका कोई इनाम नहीं मिल पाएगा। इस दिन आप अच्छे कार्य करेंगे लेकिन उचित परिणाम नहीं मिल सकेंगे। साथ ही हो सकता है कि लोग आपको ठीक से जवाब न दें।
उपाय: इस दिन आप सोना, चांदी या आध्यात्मिक पुस्तकें खरीद सकते हैं। सुख-समृद्धि के लिए भगवान शिव की पूजा करें और रुद्राभिषेक करें।
सिंह: 23 जुलाई - 22 अगस्त
सिंह पर सूर्य ग्रह का शासन है। यह दिन आपके लिए भाग्यशाली साबित होगा और आपके लिए शुभ समाचार लेकर आएगा। आपके अच्छे हावभाव और कार्यों के कारण आप लोगों के बीच लोकप्रिय होंगे और वे आपको इसके लिए पसंद करेंगे।
उपाय: सोने या तांबे के बर्तन खरीदें और प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
कन्या: 23 अगस्त - 22 सितंबर
कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध है। आप कुछ छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं से निपटेंगे। इस दौरान आप आर्थिक रूप से स्थिर रहेंगे। इस दौरान सावधान रहें और अपने आस-पास की हर चीज का ध्यान रखें।
उपाय: आप कपड़े या चांदी या इत्र खरीद सकते हैं और प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
तुला: 23 सितंबर - 22 अक्टूबर
तुला राशि पर शुक्र ग्रह का शासन है। कोई अप्रत्याशित दुर्घटना हो सकती है इसलिए दिन भर सावधानी बरतें। सेहत की बात करें तो आपका ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल भी बढ़ सकता है। किसी भी तरह की भीड़ या सभा से खुद को दूर रखें।
उपाय: आप इस दिन श्री सूक्त का पाठ करें और इस दौरान धन को आकर्षित करने के लिए चांदी या हीरा, या नए कपड़े का एक सेट खरीद सकते हैं।
वृश्चिक: 23 अक्टूबर - 21 नवंबर
वृश्चिक राशि पर मंगल ग्रह का शासन है। आपके मन में मिली-जुली भावनाएँ हो सकती हैं और दिन भर बुरे विचार आपको घेरे रह सकते हैं। आपको इस दौरान कोई भी निर्णय लेने से बचना चाहिए क्योंकि यह गलत साबित होने की संभावना है।
उपाय: आप कुछ आध्यात्मिक पुस्तकें और सोना खरीद सकते हैं। परेशानियों और दुखों से छुटकारा पाने के लिए आप बजरंग बाण का पाठ करें।
धनु: 22 नवंबर - 21 दिसंबर
धनु राशि का स्वामी बृहस्पति (गुरु) है। आप दिन भर खुश रहेंगे लेकिन खान-पान से जुड़ी कुछ छोटी-मोटी परेशानियां हो सकती हैं। साथ ही आपके अच्छे कामों से आपके निजी जीवन में भी सुधार आएगा।
उपाय: मनोवांछित इच्छाओं की पूर्ति के लिए आप श्री राम स्तोत्र का पाठ करें। साथ ही आप सोना, आध्यात्मिक पुस्तकें, कलम या तांबे के बर्तन भी खरीद सकते हैं।
मकर: 22 दिसंबर - 19 जनवरी
मकर राशि पर शनि ग्रह का शासन है। आपके प्रोफेशन की बात करें तो आपको काम या नौकरी से जुड़ा कोई शुभ समाचार मिलेगा। प्यार करने वालों के लिए दिन अनुकूल है। इस दिन ज्यादातर चीजें आपके पक्ष में काम करेंगी।
उपाय: रोगों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आप हनुमान चालीसा का 108 बार जाप कर सकते हैं। साथ ही वाहन, चांदी या हीरा भी खरीद सकते हैं।
कुंभ: 20 जनवरी - 18 फरवरी
कुंभ राशि पर शनि ग्रह का शासन है। आप पूरे दिन शांति का अनुभव करेंगे। आप अपने घर में कुछ नवीनीकरण का काम भी शुरू कर सकते हैं। आपके लिए दिन अच्छा रहेगा।
उपाय: आप शनि बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं और अच्छे स्वास्थ्य के लिए हनुमान बाहुक का पाठ करना लाभकारी रहेगा। इसके अलावा, आप एक वाहन, चांदी या हीरा खरीद सकते हैं।
मीन: 19 फरवरी - 20 मार्च
मीन राशि का स्वामी बृहस्पति (गुरु) ग्रह है। आर्थिक स्थिति की बात करें तो पैसों की कोई समस्या नहीं होगी। साथ ही आप कुछ नए उद्यम शुरू कर सकते हैं। आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा। आपके आसपास के सभी लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रहेंगे।
उपाय: आप श्री रामचरितमानस का पाठ कर सकते हैं। आप कुछ आध्यात्मिक पुस्तकें या कलम या सोना भी खरीद सकते हैं।
नोट: यह सूचना इंटरनेट पर उपलब्ध मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। बोल्डस्काई लेख से संबंधित किसी भी इनपुट या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी और धारणा को अमल में लाने या लागू करने से पहले कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।