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हर इंसान को कभी-कभी न कभी तनाव घेर ही लेता है. खासकर जब लॉकडाउन (Lockdown) का समय चल रहा है और हर कई अपने घरों में ही बंद है. न तो वॉक पर जा सकता है और न आउटडोर एक्टिविटी कर सकता है. ऐसे में घर पर तनाव (Stress) होना लाजमी है. घर पर बोर होने से बचने के लिए आप या तो टीवी देखते हैं या फोन पर लगे रहते हैं. योग और मेडिटेशन (Yoga And Meditation) कर तनाव को दूर किया जा सकता है. बल्कि यह दोनों स्ट्रेस के लिए कारगर उपाय भी माने जाते हैं लेकिन क्या करें जब किसी को यह करना पसंद न हो. कैसे तनाव को दूर करें? ज्यादातर लोग स्ट्रेस दूर करने के लिए योग और मेडिटेशन करने की ही सलाह देते हैं, लेकिन कुछ लोगों को यह बोरिंग लगता है. ऐसे लोगों के लिए तनाव से छुटकारा पाने के लिए कई उपाय हो सकते हैं. जानने के लिए यहां पढ़ें...
1. कुछ ऐसा करें जो आपके लिए नया हो
- अगर आप खुद से शुरू करें तो आपने अगर कभी सपने में भी पेंटिंग करने का नहीं सोचा है तो आप पेंटिग करने की कोशिश करें और सीखने के तरीके से पेंटिंग करें यकीनन आपको नयापन महसूस होगा.
- यह नयापन आपके मन को शांत और खुश रखेगा में मदद करता है और आपके अंदर पॉजिटिविटी बढ़ाता है. आप अपने आसपास ताजगी के लिए घर की सफाई कर सकते हैं घर की सेटिंग या अपने कमरे की सेटिंग बदल सकते हैं इससे आपको नयापन महसूस होगा.
2. फोन या टीवी से ब्रेक लें
- स्ट्रेस को दूर करने के लिए आप अपने दोस्तो से बात कर सकते हैं. या घर की छट या बालकनी में बैठकर अपने मनपसंद गाने सुन सकते हैं.
- घर में रहने के दौरान अगर आपने स्मार्ट फोन, लैपटॉप या टीवी पर अधिक वक्त बिताना शुरू कर दिया है तो आप खुद को कहीं अधिक डिप्रेसिव महसूस कर सकते हैं. इससे बचने के लिए जरूरी है कि दिन में इन सब चीजों से कुछ घंटे का ब्रेक लें.
- अगर आप फोन या टीवी से ब्रेक नहीं ले पा रहे हैं तो कुछ ऐसा करें जिससे आप व्यस्त रहे हैं जैसे किचन एक नई डिश बनाना.
3. फैमिली के साथ चाय पिएं
- अगर आप फैमिली के साथ टी टाइम का वाकई मजा लेना चाहते हैं तो टीवी और फोन को साइड कर दीजिए. इस दौरान आप कुछ पुरानी यादों का ताजा कीजिए यकीनन आपको अच्छा महसूस होगा.
4. अच्छी चीजों के बारे में लिखें
रोज एक डायरी में 10 ऐसी चीजों के बारे में लिखें जो आपको खुशी देती हो. कुछ ऐसी बातों के बारे में लिखें जिनके लिए आप भगवान के शुक्रगुजार हों. इससे आप जीवन की अच्छी बातों पर फोकस कर पाएंगे और आपका तनाव कम होगा.
5. गुनगुना पानी देता है राहत
- खुद को मानसिक और शारीरिक तौर पर रिलेक्स करने के लिए आप गुनगुने पानी की मदद भी ले सकते हैं. इसके लिए बाथ टब में गुनगुना पानी भरें, बाथ सॉल्ट डालें और आंखें बंद कर कुछ देर के लिए इस पानी में रहें.
- ऐसा करने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद मिल सकती है. यह बढ़ा हुआ ब्लड फ्लो आपके शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाने में मदद कर सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
दूसरी ओर, भारत में इस दौरान शराब की दुकानें बंद हैं. बीबीसी ने केरल में एक ऐसे शख़्स से बात की है जिसने अपने लिए एक मिशन तय किया है. यह शख़्स लॉकडाउन को शराब की अपनी लत छोड़ने के एक मौक़े के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है.
लॉकडाउन के दौर में हर अगले दिन को कैसे काटा जाए और इसके चलते पैदा हो रहे तनाव से कैसे निबटें यह सवाल कई लोगों के ज़ेहन में पैदा हो रहा है. कुछ लोगों के लिए शराब इस हालात से निबटने का सबसे आसान जवाब है.
सर्वे कंपनी नील्सन के मुताबिक़, अमरीका में 21 मार्च को ख़त्म हुए हफ़्ते में शराब की बिक्री में 55 फ़ीसदी का ज़ोरदार इजाफ़ा हुआ है. यह तुलना पिछले साल मार्च के इसी हफ़्ते के मुक़ाबले की गई है. यूके और फ्रांस में भी इसी तरह का ट्रेंड देखा गया है. इन देशों में भी शराब की बिक्री बढ़ी है.
अमरीका में शराब की बिक्री में इजाफा हुआ है.
शराब की बिक्री में बढ़ोतरी का यह ट्रेंड चिंता का सबब बन रहा है. इससे यह डर पैदा हो रहा है कि लॉकडाउन के दिनों में लोग शराब पर अपनी निर्भरता बढ़ा रहे हैं. इससे लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने इस महामारी के दौरान तनाव से निबटने के लिए सलाह दी है. संगठन ने चेतावनी दी है कि तनाव को दूर करने के लिए शराब, स्मोकिंग या ड्रग्स जैसी नशे की लत से बचें.
पूरी तरह से रोक
दूसरी ओर, दक्षिण अफ़्रीका और भारत समेत दुनिया के कई देशों ने सामाजिक दूरी का पालन कराने के लिए अपने यहां शराब की बिक्री पर रोक लगा दी है. इसने रथीश सुकुमारन जैसे लोगों के सामने एक गंभीर चुनौती पैदा कर दी है. सुकुमारन केरल में रहते हैं.
रथीश कहते हैं, "मैं नियमित शराब पीने वालों में हूं. रोज़ शराब नहीं पी पाने और घर के अंदर कैद हो जाने से मैं परेशान हो गया हूं."
47 साल के रथीश फ़िल्म और टीवी इंडस्ट्री के लिए स्क्रिप्टराइटिंग का काम करते हैं. वह ख़ुद को अल्कोहलिक मानते हैं.
शराब छोड़ने का मौक़ा
भारत सरकार ने देश में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया है. इससे रथीश को यह पता चला कि वह शराब पर किस हद तक निर्भर हैं. ऐसे में उन्होंने शराब की लत को छोड़ने का फ़ैसला किया.
रथीश केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में रहते हैं. पिछले 25 साल से शराब पी रहे रथीश के लिए इसके बिना रहना एक नया अनुभव था. वह कहते हैं, 'वीकडेज़ में मैं शाम के वक्त पीना पसंद करता था. लेकिन, छुट्टियों के दौरान में दोपहर से ही पीना शुरू कर देता था.'
चूंकि, उनका कामकाज ट्रैवल से जुड़ा हुआ है, ऐसे में पिछले छह महीने से वह तकरीबन हर दिन शराब पी रहे थे. वह कहते हैं, "मैं कितनी शराब पीता हूं यह इस बात पर निर्भर करता है कि मैं कहां बैठा हूं. आमतौर पर मैं पांच से छह ड्रिंक्स लेता हूं."
लेकिन उनकी पत्नी शराब नहीं पीती हैं और वह अपने पति को घर पर पार्टी भी नहीं करने देती हैं. ऐसे में ज्यादातर बार रथीश आसपास के पब्स और बार में अपने दोस्तों के साथ शराब पीते हैं.
अपनी इच्छाशक्ति की पड़ताल
भारत में शराब की बिक्री तयशुदा दुकानों के जरिए होती है. कम जगहों पर ही सुपरमार्केट्स में शराब बिकती है. जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में लॉकडाउन का ऐलान किया, रथीश के दोस्त शराब की दुकानों की ओर दौड़ पड़े ताकि आने वाले दिनों के लिए स्टॉक किया जा सके.
इसके उलट रथीश ने तय किया कि वह ऐसा नहीं करेंगे. उन्होंने शराब के बिना रहने की अपनी इच्छाशक्ति को परखने का फ़ैसला किया. वह कहते हैं, "सरकार के एलान के बावजूद हमारे इलाक़े में शराब की कुछ दुकानें खुली हुई थीं, लेकिन मैंने इसका फ़ायदा नहीं उठाया."
सात दिनों के बाद उनकी हिम्मत जवाब देने लगी.
मदद पाने की कोशिश
रथीश कहते हैं, "मैंने 20 से अधिक लोगों को मदद के लिए फ़ोन किया. मैं किसी भी हालत में थोड़ी शराब चाहता था. लेकिन, मुझे सफलता नहीं मिली."
रथीश के साथ वही दिक्कत पेश आ रही थी जिसे नशे की लत छोड़ने की कोशिश करने वाला दुनिया का कोई भी शख़्स महसूस करता है. यूके में सरकार ने शराब की दुकानें बंद नहीं कीं. असलियत में सरकार ने इसे आवश्यक सामानों में शामिल कर दिया जिनकी खरीद-फ़रोख़्त लॉकडाउन में भी जारी रह सकती है.
दूसरी ओर, जो लोग शराब की लत छोड़ना या कम करना चाहते हैं उनके लिए लॉकडाउन के चलते काउंसलर्स से आमने-सामने बैठकर चर्चा करना नामुमकिन हो गया है. नशे की लत से जूझ रहे लोगों को मदद करने वाले एक समूह अल्कोहलिक एनोनीमस (एए) ने इस दौरान ऑनलाइन समूह बनाए हैं.
संस्थान का कहना है कि मार्च की शुरुआत से यूके में एए की हेल्पलाइन पर आने वाली कॉल्स की संख्या में 22 फ़ीसदी का इजाफ़ा हुआ है. कंपनी की चैट सर्विस करीब एक-तिहाई (33 फ़ीसदी) बढ़ गई है.
बेचैनी और गुस्सा
रथीश ने शराब छोड़ चुके अपने कुछ दोस्तों को फ़ोन किया. इन दोस्तों ने रथीश को बताया कि शराब के लिए इस तरह की तीव्र इच्छा उठना स्वाभाविक है. रथीश कहते हैं कि इन बातों से उन्हें कोई मदद नहीं मिली न ही उनकी बेचैनी कम हुई.
वह कहते हैं, "ऐसा लग रहा था मानो मेरा शरीर बुरी तरह से शराब मांग रहा हो. मैं किसी दूसरी चीज पर फ़ोकस नहीं कर पा रहा था. मैंने मूवी देखने की कोशिश की, लेकिन इससे मैं मन को समझा नहीं पाया."
वह जितना इससे दूर जाने की कोशिश कर रहे थे, उतना ही उनके लिए मुश्किल हो रहा था. रथीश के मुताबिक, "मैं सारी-सारी रात सो नहीं पा रहा था. मुझे ग़ुस्सा आता था. सुबह होने के वक्त मुझे थोड़ी राहत ज़रूर मिलती थी."
उनके कुछ दोस्त सोशल मीडिया पर मज़े करते हुए की तस्वीरें डाल रहे थे. इससे उन्हें और बुरा लग रहा था. एक पोस्ट पर तो उन्होंने यह तक लिख दिया कि वह चाहते हैं कि उन पर बिजली गिर जाए.
अल्कोहल विद्ड्रॉल लक्षण बेहद गंभीर हो सकते हैं. इनमें झटके लगना, ग़ुस्सा, चिड़चिड़ाहट जैसी चीज़ें नज़र आती हैं.रथीश कहते हैं, "मुझे अच्छी तरह से समझ आ गया था कि लोग शराब के लिए इतने बेकरार क्यों हो जाते हैं. शराब पीने की इच्छा वाकई बेहद तीव्र होती है."
डॉक्टर बनाम सरकार
केरल में स्थानीय मीडिया में कुछ ऐसी भी ख़बरें आई हैं जिनके मुताबिक़ लोगों ने लॉकडाउन के बाद शराब नहीं मिलने से आत्महत्या तक कर ली है. गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. जीएस विजयकृष्णन के मुताबिक़, "पोस्टमॉर्टम से केवल मौत के कारण का पता चलेगा, लेकिन मरने के पीछे क्या वजह थी इसके लिए अच्छी तरह से जांच करना ज़रूरी है."
कथित रूप से मौतों की मीडिया रिपोर्ट्स को देखते हुए राज्य सरकार ने शुरुआत में डॉक्टरों से कहा कि वे ऐसे मरीज़ों को शराब की सलाह दें जिनमें शराब न मिलने की वजह से विद्ड्रॉल के लक्षण दिख रहे हैं.
डॉक्टर जी एस विजयकृष्णन ने बीबीसी को बताया, "सरकारी आदेश के चलते कई लोगों ने डॉक्टरों से संपर्क किया और पर्चे पर शराब की परमिशन लिखने की मांग की. कुछ लोगों ने तो डॉक्टरों को धमकी तक दी कि अगर उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिला तो वे ख़ुदकुशी कर लेंगे."
उन्होंने कहा, "ऐसे वक्त पर जबकि हमारा पूरा फ़ोकस कोरोना वायरस से लड़ाई पर है, यह एक नई समस्या हमारे सामने पैदा हो गई."
डॉक्टर जी एस विजयकृष्णन
मेडिकल एथिक्स
मेडिकल एसोसिएशन ने अल्कोहल परमिट जारी करने से इनकार कर दिया. इसके अलावा, एसोसिएशन ने केरल हाईकोर्ट का रुख़ भी किया और सरकार के फ़ैसले को न मानने के लिए एक स्टे ऑर्डर भी ले लिया.
डॉक्टरों का कहना है कि अल्कोहल पर निर्भरता एक बीमारी है और इस तरह के सर्टिफ़िकेट्स देना उनके एथिक्स के ख़िलाफ़ है. रथीश के मुताबिक़, "मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह मसला कैसे सुलझेगा."
शराब की दुकानें खुलने पर वहां भारी भीड़ जमा होगी और इससे महामारी को कंट्रोल करने की कोशिशें बेमानी हो जाएंगी. ऑनलाइन शॉपिंग एक ऑप्शन है. रथीश कहते हैं, "लेकिन, कई लोगों के पास इंटरनेट नहीं है. इससे अमीरों को ही फ़ायदा होगा."
कोई और रास्ता नहीं
सभी विकल्प तलाशने के बाद रथीश अब फिर से अपने पुराने लक्ष्य पर आ गए हैं. उन्होंने कहा, "मैं बिना शराब के रहने के इन दिनों का सकारात्मक इस्तेमाल करने की कोशिश में हूं. मैं यह देख रहा हूं कि क्या मैं अपनी ख़पत पर लगाम लगा सकता हूं."
अपने सेल्फ़-असेसमेंट के मुताबिक़, वह अब इस स्थिति से निबट रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मेरा भरोसा बढ़ रहा है कि मैं शराब उपलब्ध होने पर भी इसके बिना रह सकता हूं.'
वह उम्मीद कर रहे हैं कि उनके अंदर आ रहा बदलाव टिकाऊ होगा. रथीश कहते हैं, "मैं उम्मीद कर रहा हूं कि मैं अपने दोस्तों के साथ बैठूंगा और बातें करूंगा, लेकिन शराब नहीं पीऊंगा."
योगा ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकता है. रोजाना योग करने न सिर्फ डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है बल्कि कई बीमारियों को दूर रखा जा सकता है. डायबिटीज रोगियों के लिए योगासन काफी फायदेमंद हो सकते है. खासकर इस लॉकडाउन के दौरान जब घर से निकलना मना है. ऐसे में न तो आप सैर कर सकते हैं और न चल फिर सकते हैं. ऐसे में ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने के लिए योग काफी फायदेमंद हो सकते हैं. डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए कई योगासन हैं जिनका नियमित अभ्यास किया जाए तो यह आपको इस परेशान से राहत दिला सकते हैं. ब्लड शुगर हमारे खानपान के अलावा हमारी शारीरिक क्रियाओं पर भी निर्भर करता है. अगर रोजाना एक्सरसाइज या योग करते हैं तो हमारा ब्लड शुगर लेवन भी कंट्रोल में रहता है वहीं अगर हम शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं तो इससे न सिर्फ मोटापा बढ़ सकता है बल्कि ब्लड शुगर लेवल भी अनकंट्रोल हो सकता है. योग तनाव को दूर करने में भी फायदेमंद माना जाता है. डायबिटीज के सबसे बड़े कारणों में से एक है तनाव, इससे शरीर में ग्लुकागोन का स्राव बढ़ ससकता है और ग्लुकागोन ऐसा हार्मोंन है, जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है. यहां कुछ योगासन बताए गए हैं जो डायबिटीज में काफी फायदेमंद हो सकते हैं...
ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए योगासन
1. पवनमुक्तासन
इस योगासन को डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए कारगर माना जाता है. यह आसन डायबिटीज के रोगियों के साथ-साथ गैस की समस्या , कब्ज बवासीर से परेशान लोगों के लिए भी लाभकारी हो सकता है. इस योगासन के अभ्यास से शरीर से विषाक्त पदार्थों और गैस को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है.
योगासन करने का तरीका
- अपनी पीठ के बल जमीन पर सीधे लेट जाएं.
- धीरे-धीरे सांस लें.
- अपने पैरों को एक साथ उठाएं और पैर के घुटनों को मोड़ें.
- अपने पैर के घुटनों को छाती की तरफ अपने मुंह के पास लाएं और पैरों को अपने हाथों की उगंलियों से जकड़ लें.
- आपकी जांघें आपके पेट को छूना चाहिए और आपके पैर के घुटने आपकी नाक को छुएं ऐसा प्रयास करें.
2. नौकासन
योगासन डायबिटीज को कंट्रोल करने का नेचुरल उपाय हो सकते हैं. नौकासन का रोजाना अभ्यास करने से भी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखा जा सकता है. डायबिटीज के लिए नौकासन काफी फायदेमंद माना जाता है.
योगासन करने का तरीका
- अपनी एड़ियों और पंजों को आपस में मिलाएं.
- दोनों हाथ कमर के साथ सटे हों और हथेलियां जमीन की ओर हों.
- अब अपने दोनों पैर, हाथ और गर्दन को सामांतर ऊपर की तरफ उठाएं, ताकि शरीर का पूरा भार आपके नितंभों पर आ जाए.
- इस स्थिति में करीब 30 सेकंड रहें. फिर धीरे-धीरे सांस लेते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं.
3. उत्तानपादासन
इन आसनों को आप घर पर आराम से कर सकते हैं. उत्तानपादासन भी डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने के लिए असरदार माना जाता है. डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए इस आसन का रोजाना अभ्यास करें.
योगासन करने का तरीका
- बैठकर पैरों को आगे की तरफ फैलाएं.
- तलवों को आगे की ओर तानें.
- फिर चार-पांच बार गहरी सांस लेकर आसन लगाए हुए ही पीठ के बल लेट जाएं.
- सांस छोड़ते हुए गर्दन को ऊपर की ओर उठाएं.
- अंत में, हाथों के सहारे सिर के ऊपरी हिस्से को जमीन पर टिकाएं.
- इस अवस्था में कमर को जमीन से जितना संभव हो, ऊपर की तरफ उठाएं.
- हथेलियां पैरों के समानान्त रहें. सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे गर्दन को सीधा कर शवासन में आ जाएं.
4. वज्रासन
यह आसन सबसे आसन है. वज्रासन न सिर्फ डायबिटीज के लिए फायदेममंद हो सकता है बल्कि यह मानसिक शान्ति देने के साथ पाचन तंत्र को ठीक रखने में भ मदद कर सकता है. यही एक आसन है, जिसे भोजन के बाद भी कर सकते हैं. वज्रासन एक ऐसा योगाभ्यास है जिसे डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी अच्छा माना जाता है.
योगासन करने का तरीका
- इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को आपस में मिलाकर सीधा फैलाकर बैठ जाएं.
- बाएं पैर को घुटने से मोड़कर पंजे को बाएं नितम्ब के नीचे इस प्रकार लगाएं कि पैर का तलवा ऊपर की ओर ही रहे.
- इसी प्रकार, दाएं पैर को घुटने से मोड़कर पंजे को दाएं नितम्ब के नीचे इस प्रकार लगाएं कि पैर का तलवा ऊपर की ओर रहे.
- इस स्थिति में दोनों पैरों के अंगूठे पास-पास रहेंगे तथा एडियां बाहर की ओर रहेंगी, जिससे दोनों एडियों के बीच में आराम से बैठ सकें.
- दोनों पैरों के घुटने मिलाकर, हाथों को घुटनों के ऊपर रख दें.
- इस स्थिति में सिर एवं रीढ़ स्तम्भ सीधा रहना चाहिए. अपनी आंखें बंद करें और एक गति में गहरी सांस लें.
5. मंडूकासन
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए मंडूकासन सबसे बेहतर माना जाता है. जब हम मंडूकासन करते हैं, तो शरीर की आकृति मेंढक जैसी हो जाती है इसलिए इस आसन का नाम मंडूकासन पड़ा है. यह पेट के लिए भी लाभयादायक हो सकता है इस आसन से अग्नयाशय सक्रिय होता है जिसके कारण डायबिटीज के रोगियों को इससे लाभ मिल सकता है.
योगासन करने का तरीका
- इस आसन के लिए वज्रासन में बैठ जाएं.
- अब दोनों हाथों की मुठ्ठी बंद कर लें.
- मुठ्ठी बंद करते समय अंगूठे को उंगुलियों से अंदर दबाएं.
- दोनों मुठ्ठियों को नाभि के दोनों ओर लगाकर सांस बाहर निकालते हुए सामने झुकते हुए ठुड्डी को जमीन पर टिका दें.
- थोड़ी देर इसी स्थिति में रहने के बाद वापस वज्रासन में आ जाए.
- आसन करते वक्त ध्यान रखें की दोनों हाथों की मुट्ठियां अच्छी तरह से नाभि के आस-पास टिकी हो.