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नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस के मुताबिक 'कोविड 19 से युवाओं को खतरा नहीं है' यह सोचना गलत है. कोरोनो वायरस से युवाओं को भी उतना ही नुकसान पहुंच सकता है और ये उनके लिए भी बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक के मुताबिक कोरोना के चलते युवाओं को भी हफ्तों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ सकता है यहां तक कि ये जानलेवा भी साबित हो सकता है. टेड्रोस ने कहा, 'अगर आप बीमार नहीं पड़ते हैं, तो आपके द्वारा चुने जाने वाले विकल्प किसी और के लिए जीवन और मृत्यु के बीच अंतर हो सकते हैं.'
कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया पर जारी है, जिसमें भारत भी है. तेजी से फैल रही इस महामारी के रोकथाम के लिए अब तक कोई दवा इजाद नहीं हो पाई है. इस संक्रमण से बचने के लिए लोग कई तरह की सावधानियां बरत रहे हैं. इसके लक्षण आम सर्दी जुकाम की तरह हैं.
बुखार आना, गले में खराश होना, सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द और सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं. लेकिन अब इसके कुछ नए लक्षण भी सामने आए हैं.
जर्मनी के एक्सपर्ट्स ने जो नए लक्षण बताए हैं उसके मुताबिक कोरोना से संक्रमित लोगों में सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता खराब हो जाती है. ये लक्षण 66 प्रतिशत मरीजों में दिखा. एक अन्य नए लक्षण में डायरिया भी हो सकता है. ये लक्षण कोरोना के 30 प्रतिशत मरीजों में दिखाई दिया है.
इस तरह वायरस से संक्रमित ज्यादातर मरीजों में पहले बुखार होता है. इसके अलावा थकान, मांसपेशियों में दर्द और सूखी खांसी भी हो सकती है. वहीं, कुछ लोगों को एक या दो दिनों के लिए उल्टी या डायरिया का भी अनुभव हो सकता है.
भारत में कोरोना के अब तक 250 मामले सामने आए हैं. इससे अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, कोरोना वायरस से लड़ने में घनी आबादी भी एक बड़ा फैक्टर साबित होती है. इस हालात में भी कोरोना का खतरा बढ़ जाता है. भारत के लगभग हर शहर में एक इलाका ऐसा होता है जहां लोगों के घरों और लोगों के बीच की दूरी बेहद कम होती है. इस हालात में कोरोना वायरस के फैलने का खतरा और बढ़ जाता है.
रायपुर-
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूनिसेफ ने साबुन से हाथ धोने के प्रभावी तरीकों के बारे में एडवाइजरी जारी की है। राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने इस एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित करने और साबुन से हाथ धुलाई को बढ़ावा देने के लिए सभी जिलों के कलेक्टर-सह-अध्यक्ष, प्रबंधन समिति, जिला स्वच्छ भारत मिशन और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी-सह-सदस्य सचिव, जिला स्वच्छ भारत मिशन को परिपत्र जारी किया है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के संचालक श्री धर्मेश साहू ने हर गांव में सक्रिय स्वच्छाग्राहियों के माध्यम से कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने लोगों को साबुन से हाथ धुलाई के लिए प्रेरित करने के साथ ही मीडिया के जरिए एडवाइजरी का व्यापक प्रचार-प्रसार करने कहा है।
यूनिसेफ द्वारा जारी मार्गदर्शिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण पूरी दुनिया इस समय स्वास्थ्य आपातकाल का सामना कर रहा है। बलगम, खांसी या छींक से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से वायरस के आंख, नाक या गले के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने से यह श्वास संबंधी वायरस मानव शरीर को संक्रमित करता है। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में यह संक्रमण अधिकांशतः हाथों के द्वारा फैलता है। इस वैश्विक महामारी को रोकने का सबसे आसान, सस्ता और प्रभावी तरीका साबुन व पानी से बार-बार हाथ धोना है।
हाथ कब धोना चाहिए ?
हाथों की अच्छी सफाई के लिए साबुन और पानी से हाथ धोना चाहिए। शौच के और शिशु का मल साफ करने के बाद, भोजन करने, खाना बनाने, परोसने, शिशु को खाना खिलाने और स्तनपान के पहले हाथ धोना चाहिए। पशुओं व पालतू जानवरों को छूने और साफ-सफाई के काम के बाद तथा यदि हाथ गंदे दिखाई दें, तो हाथ जरूर साफ करना चाहिए।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए नाक बहने, खांसने, छींकने, सार्वजनिक स्थलों जैसे बाजार व पूजास्थल से लौटने या सार्वजनिक यातायात के साधनों के उपयोग के बाद हाथ धोना चाहिए। घर के बाहर कोई भी वस्तु, रूपया या सतह को छूने के बाद तथा किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल के पहले, देखभाल के दौरान और देखभाल के बाद अच्छे से हाथ जरूर धोना चाहिए।
हाथ कैसे धोएं ?
साबुन और पानी से 20 से 30 सेकंड तक हाथ अच्छे से साफ करना चाहिए। प्रभावी सफाई के लिए पहले हाथों को पानी से गीला करें और फिर पर्याप्त मात्रा में साबुन लगाएं। हथेलियों की भीतरी व ऊपरी दोनों सतहों को रगड़ें। सभी उंगलियों के जोड़ों और नाखूनों को भी रगड़ें। उंगलियों को नमस्ते की अवस्था में रखते हुए कलाईयों को रगड़ें। हाथ को साफ पानी से धोएं। अंत में हाथों को हवा में सुखाएं या साफ सूखे तौलिए से पोंछे।
कीटाणु गीली त्वचा में आसानी से फैलते हैं। इसलिए हाथों को पूरी तरह से सुखाना बहुत महत्वपूर्ण है। हाथों को हवा में, टिशु पेपर या साफ कपड़े का उपयोग कर सुखाना चाहिए।