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World Cancer Day, Cancer Diet: पर्याप्त नींद सेहत के लिए जितनी जरूरी है. उतना ही जरूरी है ये जनना कि कितने घंटे की नींद आपके लिए है फायदेमंद अधिक सोना अपके सेहत के लिए खतरनाक भी हो सकता है. ब्रिटेन के कैंसर शोध संस्थान की एक शोधकर्ता छात्र रेबेका रिचमॉड ने कहा, इस अध्ययन में सुबह जल्द उठने का स्तन कैंसर (Breast Cancer) के जोखिम पर होने वाले बचावकारी प्रभाव के निष्कर्ष पूर्व के एक शोध के अनुरूप हैं, जिसमें रात्रि पाली में काम करने और रात में रोशनी में रहने की एक भूमिका को स्तन कैंसर के जोखिम कारक के रूप में रेखांकित किया गया था. कैंसर के रोगियों को अपनेखान-पान में प्रोटीन वाले पदार्थों को इस्तेमाल ज्यादा करना चाहिए. जैसे हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और फलियों से बना संतुलित आहार, में भरपूर विटमिन पाया जाता है. जो कैंसर के रोगाणुओं से लडने में मदद करता है. दिन की शुरुआत देर से करने वाली महिलाओं की तुलना में सुबह जल्दी उठने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर (Breast Cancer) का जोखिम कम होता है. एक नए शोध में पाया गया है कि सुबह जल्दी उठने वाली महिलाओं में देर से उठने वाली महिलाओं की तुलना में स्तन कैंसर का खतरा 40 फीसदी कम होता है. शोध में यह भी पाया गया है कि जो महिलाएं सात-आठ घंटे से अधिक सोती हैं, उन्हें अतिरिक्त प्रति घंटे की नींद से 20 फीसदी बीमारी होने का जोखिम ज्यादा होता है. तो चलिए आपको बताते है स्तन कैंसर के खतरे से कैसे करें अपना बचाव.
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स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में लाभकारी है ये 5 खाद्य पदार्थ - Breast Cancer Diet: Foods to Eat And Avoid
1. कैंसर से लड़ने में मददगार हैं दाल और फलियां (Cancer Diet) :
दाल में भरपूर प्रोटीन पाया जाता है जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं. दाल और फलियों फाइबर और फोलेट प्रदान करते हैं जो पैनक्रियाज़ के कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं. फलियां में प्रतिरोधी स्टार्च होता है जो बड़ी आंत की कोशिकाओं के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं. और कैंसर से बचाने में मदद कर सकते हैं.
2. कैंसर से लड़ने में मददगार हैं फल (The Anti-Cancer Diet: Foods to Fight Cancer)
फलों को सेहत के लिहाज से सबसे असरकारी माना जाता है. फल बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है. पपीता, कीनू और संतरे : ये फल विटामिन और ऐसे तत्वों से भरपूर होते हैं जो लीवर में पाए जाने वाले कार्सिनोजन को अपने आप खत्म हो जाने के लिए मजबूर करते हैं. आंतों के कैंसर का खतरा कम करती हैं गोभी और ब्रोकली Boost Your Liver Health: ये 1 गिलास जूस बनाएगा लीवर को हेल्दी, लीवर कभी नहीं होगा खराब!
3. कैंसर से लड़ने में मददगार हैं सब्जियां (Cancer-Fighting Foods: Anti-Cancer Vegetables):
हरी सब्जियां खाने से स्वास्थ अच्छा रहता है. क्योंकि गाजर, आम और कद्दू : अल्फा और बीटा नामक कैरोटीन्स कैंसर को ख़त्म करने वाले शक्तिशाली कारक के रूप में जाने जाते हैं. इन तीनों फलों का इस्तेमाल गर्भाशय, मूत्राशय, पेट और स्तन कैंसर सहित कई प्रकार के कैंसर की रोकथाम में असरदार हैं.
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4. कैंसर से लड़ने में मददगार हैं अंगूर (Eat Grapes To Kill Cancer Cells):
अंगूर को फलों में सबसे ज्यादा रस वाला फल माना जाता है. इसमें मौजूद एंथोसायनिन और पुलीफेनल्स कैंसर के कणों को कम करने का काम कर सकता है. महिलाएं स्तन कैंसर से बचना चाहती हैं, तो लें फाइबर युक्त आहार एक ऐसी क्रीम, जो है मेलेनोमा स्किन कैंसर के लिए लाभदायक.
5. तरबूज और टमाटर (Tomatoes and Watermelon's Surprising Anti-Cancer Nutrients):
तरबूज खाने से शरीर में पानी की कमी नहीं रहती. टमाटर और तरबूज में लाइकोपीन का समृद्ध स्रोत हैं, इसे एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. यह सेलुलर क्षति से सुरक्षा प्रदान करता है. एक सप्ताह के दौरान टमाटर को भोजन के दसवें भाग के रूप में खाने से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा लगभग 18 फीसदी कम हो सकता है.
::/fulltext::इज़राइल: कैंसर (Cancer) का इलाज अभी तक विज्ञान में मिल नहीं पाया था, लेकिन इज़राइल के वैज्ञानिकों (Israeli Scientists) ने यह दावा किया है कि 2020 तक कैंसर का जड़ से इलाज मुमकिन है. ये वैज्ञानिक अपने परीक्षण के आखिरी स्टेज पर हैं. अगर वह सफल हो जाते हैं तो ये दुनिया का पहली ऐसी दवाई बना लेगें, जिससे कैंसर पूरी तरह से मरीज के शरीर से खत्म हो सकता है. डब्ड मुटाटो (Dubbed MuTaTo) नाम से एनोल्यूशन बायोटेक्नोलॉजिज़ लिमिटेड कंपनी से जुड़े वैज्ञानिकों से इस दवाई का अविष्कार किया है. जो सफल होते ही अगले साल यानी 2020 तक कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ रहे मरीज़ों के लिए उपलब्ध होगी.
द जेरुसलेम टाइम्स को कंपनी के चेयरमैन डैन एरिडोर ने बताया कि, 'हमारी बनाई हुई ये कैंसर की दवा पहले दिन से ही अपना असर दिखाएगी. इसके ना तो कोई साइड इफेक्ट्स हैं और ना ही ये दवा महंगी है. बाज़ार में मौजूद महंगे ट्रीटमेंट्स से अलग ये दवा काफी सस्ती है. हमारा समाधान सामान्य और व्यक्तिगत दोनों होगा.' फोर्ब्स में छपी इस खबर के मुताबिक मुटाटो कैंसर-टार्गेटिंग पेप्टीडेस और यूनिक टॉक्सिन का मिश्रण है जो सिर्फ कैंसर सेल्स को टार्गेट करता है. इससे हेल्दी सेल्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचता.
इन वैज्ञानिकों का दावा है कि यह सभी मरीज़ों के लिए अति-व्यक्तिगत होगा. फिलहाल चूहों पर इस दवा का सफल परीक्षण हो चुका है और इसी साल 2019 में इंसानों पर भी इसका ट्रायल किया जाएगा. अगर यह ट्रायल सफल हुआ तो इससे लाखों कैंसर से जूझ रहे मरीज़ों की जानें बचाई जा सकेंगी.
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