Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
भोपाल। किसी क्रिकेट मैच की तरह रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुके मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत किस पार्टी की होगी, इसका दावा अब तक कोई नहीं कर पा रहा है। बात चाहे सियासत की भविष्यवाणी करने वाले राजनीतिक पंडितों की हो या रोजाना मजदूरी कर दो जून की रोटी कमाने वाले एक आम मतदाता की, सभी ये मान रहे हैं कि इस बार कांटे का मुकाबला है। कोई भी दावे के साथ ये नहीं कह पा रहा है कि इस बार जीत इस पार्टी की होगी।
एक क्रिकेट मैच की तरह रोमांचक हो चुके इस चुनावी मुकाबले में जीत कौनसी टीम हासिल करेगी? इसका फैसला अब मैच के आखिरी ओवर की तरह चुनाव प्रचार के बाकी बचे छह दिनों में होगा। चुनावी क्रिकेट के इस आखिरी ओवर को लेकर दोनों ही पार्टी के कप्तानों और कोचों ने खासी रणनीति बनाई है।
बात करें इस वक्त सूबे में सियासी पिच पर बैटिंग कर रही सत्तारुढ़ दल भाजपा की तो उसके सामने इस बार सामने वाली टीम के खतरे से ज्यादा खुद के खिलाड़ियों (प्रत्याशियों) के हिट विकेट (एंटी इनकमबेंसी फैक्टर) होने का खतरा ज्यादा लग रहा है।
पिछले पंद्रह सालों से सत्तारुढ़ दल भाजपा को इस बार चुनाव में अब तक सबसे बड़ी एंटी इनकमबेंसी फैक्टर से जूझना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज के परिजनों से लेकर भाजपा के तमाम विधायकों को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वोट मांगने पहुंच रहे नेताओं को वोटरों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती चुनाव प्रचार के बचे छह दिनों में इस एंटी इनकमबेंसी फैक्टर को खत्म करना या कम करना है।
इसके लिए पार्टी अब पूरी तरह अपने बड़े नेताओं पर निर्भर हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां लगातार मध्यप्रदेश में चुनावी सभा कर आखिरी समय में चुनावी रुख को भाजपा की तरफ करने की कोशिश कर रहे हैं तो पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह संगठन स्तर पर रणनीति बनाने के साथ ही रोड शो और चुनावी सभा के जरिए पार्टी के चुनावी प्रचार को गति देने के साथ बागी उम्मीदवारों को साधने और नाराज कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में सक्रिय करने में जुटे हैं।
इसके साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक दिन में करीब दस जनसभाओं के जरिए सूबे के हर हिस्से में पहुंचकर एंटी इनकमबेंसी फैक्टर को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं अगर बात करें बीजेपी की विरोधी टीम कांग्रेस की तो इस बार अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में उतरी कांग्रेस इस बार सियासी पिच पर मुख्यमंत्री शिवराज को बोल्ड करने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती।
अब कलेक्शन कैंपेन के आखिरी ओवर में सीएम शिवराज को टारगेट करने के लिए राहुल गांधी अब उनके गढ़ में चुनावी सभा करने जा रहे हैं। कांग्रेस की पूरी कोशिश शिवराज को आखिरी ओवर में धुआंधार बैटिंग करने से रोकना है। वहीं कांग्रेस के दूसरे अन्य बड़े नेता अपने-अपने इलाकों में बीजेपी को रोकने की पूरी कोशिश में लगे हैं।
पार्टी के स्टार प्रचारक ज्योतिरादित्य सिंधिया एक दिन में छह से आठ सभा कर चुनाव प्रचार के आखिरी ओवर में कांग्रेस को जीत दिलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनाव प्रचार करने के साथ चुनाव के आखिरी दौर में संगठन को पूरी तरह चुनावी मैदान में झोंकने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
पार्टी के स्टार प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू अब सूबे में चुनाव प्रचार करते हुए दिखाई देंगे। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि 2019 में होने वाले फाइनल से पहले हो रहे इस सेमीफाइनल मुकाबले में जीत किसको हासिल होगी।
भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम माओवादियों की कथित प्रतिबंधित संस्था के साथ बातचीत करने के मामले में आने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दिग्विजय सिंह का नाम संस्था से जोड़े जाने के बाद दिग्विजय सिंह ने इसका पुरजोर खंडन किया है।
इस मामले में भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच कर रही पुणे पुलिस दिग्विजय सिंह से पूछताछ कर सकती है। पुलिस को इस मामले के तार कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से जुड़ते दिख रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जनवरी में हुई इस हिंसा में कांग्रेस के इस दिग्गज नेता की भूमिका की जांच की जा रही है। पुणे पुलिस के डीसीपी सुहास बावचे का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी, तो हम दिग्विजय सिंह को जांच में जुड़ने के लिए समन भी कर सकते हैं। मामले में जांच के सिलसिले में कुछ पत्र हासिल किए गए हैं। उन पत्रों में कुछ मोबाइल नंबर दिए गए हैं, उनकी हम जांच कर रहे हैं।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, पुणे पुलिस के अनुसार इस मामले में जून में गिरफ्तार माअोवादी विचारक रोना विल्सन को नक्सली नेता मिलिंद टेलम्बडे ने खत लिखा था, जिसमें कहा गया था कि कई कांग्रेसी नेता हमारी मदद को तैयार हैं। इसी जांच में पुलिस ने जब गिरफ्तार माओवादी समर्थक नेताओं प्रकाश उर्फ रितुपन गोस्वामी और सुरेंद्र गाडलिंग के मोबाइल नंबरों की पड़ताल की, तो एक नंबर पर उनकी कई बार बात हुई थी। वह नंबर किसी और का नहीं बल्कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का निकला। डीसीपी सुभाष ने माना कि पुलिस की यह जांच बहुत संवेदनशील और हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में सभी तरह से पड़ताल कर रहे हैं।
इससे पहले भाजपा की तरफ से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर नक्सल लिंक का आरोप लगाया गया था। दिग्विजय ने भाजपा के इस आरोप पर तुरंत कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उन्हें पहले भी देशद्रोही कहा जा चुका है, इसलिए सरकार उन्हें गिरफ्तार करे। जो नंबर दिया गया है, वह राज्यसभा के पोर्टल पर उपलब्ध है। उसे मैं चार साल से प्रयोग नहीं करता हूं। अगर मैं देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हूं तो मोदी जी, राजनाथ जी और फडनवीस जी को मेरे खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
::/fulltext::खास बातें
नई दिल्ली: अमृतसर में निरंकारी भवन में रविवार को हुए ग्रेनेड हमले पर पंजाब के आम आदमी पार्टी के विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे एचएस फुल्का ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने अमृतसर में निरंकारी समागम में हुए आतंकी हमले के लिए सेनाध्यक्ष विपिन रावत को जिम्मेदार बता दिया है. फुल्का ने कहा, ''सेनाध्यक्ष विपिन रावत पंजाब में आकर बोल गए थे कि राज्य पर आतंकी हमले का खतरा है. हो सकता है कि उन्होंने ही अपने लोगों से ब्लास्ट करवाया हो ताकि उनका बयान गलत साबित ना हो.'' हालांकि बाद में फुल्का ने अपने इस बयान के लिए माफ़ी भी मांगी. अपनी सफाई में फुल्का ने कहा है कि उनके बयान को ठीक से समझा नहीं गया है. फुल्का ने कहा कि बयान का पूरा वीडियो देखिए पूरा बयान वास्तव में कांग्रेस के खिलाफ था न कि सेना अध्यक्ष बिपिन रावत के खिलाफ. फुल्का ने कहा, 'फिर मैं इसके लिए माफी मांगता हूं'.
वहीं उनके इस बयान पर आम आदमी पार्टी भी सकते में आ गई और पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि एचएस फुल्का ने अपने बयान पर माफी मांग ली है. उनको बदनाम नहीं किया जाना चाहिए. वह 84 के दंगों को लेकर 34 सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं. उनको इसका श्रेय मिलना चाहिए.