Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
अलवर. राजस्थान में बेरोजगारी का भयावह चेहरा सामने आया है, जहां नौकरी नहीं मिलने से हताश 4 युवक जान देने के लिए ट्रेन के आगे कूद गए. इनमें से 3 की जान चली गई. चश्मदीदों के मुताबिक आत्महत्या करने जा रहे युवकों ने कहा कि नौकरी लगेगी नहीं, तो फिर जीवित रह कर क्या करेंगे?
सूबे के अलवर शहर में बुधवार को 6 दोस्तों ने नौकरी नहीं मिलने से परेशान होकर जान देने की प्लानिंग बनाई. इसके बाद चार लोग शहर के एफसीआई गोदाम के पास ट्रेन के आगे कूद गए. इनमें से 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया. बाकी दो दोस्तों ने अंतिम समय में आत्महत्या के लिए ट्रेन के आगे कूदने का फैसला बदल दिया, जिसके चलते उनकी जान बच गई.
इन्होंने बताया कि आत्महत्या से पहले सभी का कहना था कि नौकरी तो लगेगी नहीं, जिसके चलते जिंदगी गुजारना मुश्किल है. ऐसे में जीवित रह कर क्या करेंगे? पुलिस इन दोनों से अभी पूछताछ कर रही है. आत्महत्या करने वाले युवकों में से एक सत्यनारायण मीणा ने घटना से कुछ घंटे पहले अपने फेसबुक अकाउंट पर हत्या का वीडियो- ‘माही द किलर’ को अपलोड किया था. इस वीडियो में युवक की हत्या का दृश्य है.
एसपी राजेंद्र सिंह के मुताबिक रानी के बालो को कलां निवासी 24 वर्षीय मनोज मीणा, बुचीपुरी निवासी 22 वर्षीय सत्य नारायण मीणा, बरेला निवासी 17 वर्षीय राज मीणा, टोडाभीम के खेड़ी निवासी 22 वर्षीय अभिषेक मीणा सूबे के अलवर में पढ़ाई कर रहे थे.
::/fulltext::जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक.
खास बातें
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने विधानसभा भंग करने के फैसले को सही बताया. राज्यपाल ने यह फैसला पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने के बाद लिया था. एनडीटीवी से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा, 'विधानसभा गलत समय पर नहीं, सही समय पर भंग की गई है.' उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जो अब कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर रहे हैं, उन्होंने कई बार सदन को भंग करने की मांग की है. राज्यपाल ने कहा, 'मुझे दोनों तरफ से विधायकों की खरीद-परोख्त की जानकारी मिल रही थी. हालात बहुत खराब हो रहे थे. किसी के पास बहुमत का आंकड़ा भी नहीं था.'
सदन भंग करने का फैसला पहले क्यों नहीं लिया गया? इस सवाल पर उन्होंने कहा, 'पहले सदन भंग करने की कोई वजह नहीं थी. पहले कोई भी ऐसे डरावने तरीके से सरकार बनाने के लिए नहीं आया था. लोकतंत्र काम कर रहा था. विधायकों को फंड मिल रहे थे. एक दो जिलों में ही विद्रोह बाकी रह गया था. हमने स्थानीय निकाय चुनाव शांति से संपन्न करवाए. कोई पत्थरबाजी नहीं हो रही थी. लेकिन जब मैंने देखा कि माहौल खराब हो रहा तो मैंने सदन भंग करने का फैसला किया.
बता दें, बुधवार को महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा किया था. लेकिन उनके दावे के पत्र का फैक्स राजभवन नहीं पहुंच पाया. इसके बाद मुफ्ती ने टि्वटर पर वह पत्र ट्वीट करते हुए लिखा था कि मेरा पत्र राजभवन फैक्स नहीं हो रहा और फोन से भी राज्यपाल से संपर्क नहीं हो पा रहा है.
खास बातें
नई दिल्ली: बीजेपी की वरिष्ठ नेता और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज(sushma swaraj) ने 2019 का लोकसभा चुनाव न लड़ने की बात कही है. इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Congress leader Digvijay Singh) ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. वहीं उन्होंने यह सवाल भी उछाला है कि 2019 में प्रधानमंत्री कौन बनेगा -नरेंद्र मोदी( Modi) बनेंगे या राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh) ? उन्होंने बुधवार को कहा कि अगर नरेंद्र मोदी की जगह सुषमा स्वराज प्रधानमत्री होतीं तो यह सरकार कहीं अधिक सफल होती. उन्होंने कहा कि गठबंधन की राजनीति देश की राजनीति के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह लड़ाई विचारधारा की है. दिग्विजय ने एक मीडिया संस्थान से बातचीत में कहा, "देश के हित में गांधी की विचारधारा ही काम करेगी, पंडित नेहरू की विचारधारा काम करेगी, राम मनोहर लोहिया की विचारधारा काम करेगी, कांशीराम जी की विचारधारा काम करेगी, लेकिन गोडसे और गोलवलकर की विचारधारा काम नहीं करेगी."
हाल ही में माकपा ने आरएसएस की तुलना आतंकवादी संगठन से की थी, और कांग्रेस भी लगातार आरएसएस पर हमले करती आ रही है. इस पर दिग्विजय ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि संगठन आतंकी है. उन्होंने कहा, "हमने आरएसएस पर कभी प्रतिबंध की बात की ही नहीं है. जो प्रतिबंध केंद्र सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए लगा हुआ था, जो प्रतिबंध केंद्र सरकार के परिसर में शाखा लगाने पर लगा हुआ था, वही प्रतिबंध यहां से हट गया था, वही हम वापस लागू करेंगे. यही हमने कहा है."
दिग्विजय ने कहा, "और अगर आरएसएस हमारे प्रस्ताव से इतना ही परेशान है तो नरेंद्र मोदी जी से कहिए कि प्रतिबंध हटा दें और सेना को, बीएसएफ को, सबको संघ की शाखा लगाने के लिए इजाजत दे दें."जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे रहे हैं वैसे-वैसे गठबंधन टूटता-सा नजर आ रहा है। इस पर उन्होंने कहा, "मैं मायावती जी का बहुत सम्मान करता हूं और अखिलेश मेरे पुत्र समान हैं। मुलायम सिंह जी का भी मैं बहुत सम्मान करता हूं। हम चाहेंगे कि इनके साथ विचारधारा का गठबंधन हो। देश की राजनीति के सामने विकल्प क्या है? विकल्प है गांधी की विचारधारा या गोलवरकर की विचारधारा।"
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि मध्य प्रदेश का चुनाव कौन बनेगा करोड़पति बन गया है. दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया - कौन मुख्यमंत्री बनेगा? दिग्विजय ने कहा, "2019 में प्रधानमंत्री कौन बनेगा -नरेंद्र मोदी बनेंगे या राजनाथ सिंह? राजनाथ जी की भी प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षाएं हैं." सुषमा स्वराज को लेकर भी दिग्विजय सिंह काफी बयान दे चुके हैं. इस बारे में उन्होंने कहा, "सुषमा जी मेरी नजर में काफी सम्मानजनक हैं. अगर नरेंद्र मोदी की जगह सुषमा स्वराज प्रधानमत्री होतीं तो यह सरकार कहीं ज्यादा सफल होती. "