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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को डोर-टू-डोर कैंपेन की शुरुआत की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि दिल्ली को ऐसे सांसद चाहिए जो दिल्ली के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ सकें. उन्होंने लोगों से कहा, '2014 में प्रधानमंत्री चुनने के लिए वोट डालने वाली दिल्ली को कुछ नहीं मिला, दोबारा ये गलती मत दोहराइये. दिल्ली को सातों सांसद ऐसे चाहिए जो दिल्ली सरकार को मजबूत कर सकें.' मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद अपने विधानसभा क्षेत्र के कई घरों में जाकर लोगों से वोट और चंदा देने की अपील की.
अपनी नई दिल्ली विधानसभा सीट के निवासियों से रूबरू होते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के भाजपा सांसदों ने आप सरकार के कार्य में ‘बाधा उत्पन्न' करने के अलावा कुछ भी नहीं किया. केजरीवाल ने गत सोमवार को दान अभियान- ‘आप का दान, राष्ट्र का निर्माण' की शुरुआत की थी. यह अभियान चार महीनों तक चलेगा जिसके तहत आप के लगभग तीन हजार कार्यकर्ता दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों में घर-घर जाएंगे. केजरीवाल ने कहा, ‘‘हम लोगों को बतायेंगे कि उन्हें इस बात के लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है कि अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा. भाजपा सांसदों ने दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया.'' इस अभियान के दौरान दिल्ली मेट्रो किराये में बढ़ोतरी, भाजपा सांसदों की कथित ‘विफलताओं' और शहर में चल रहे सीलिंग अभियान जैसे मुद्दों को भी उठाये जाने की उम्मीद है.
आम आदमी पार्टी ने 3000 टीमें बनाई हैं जो अगले चार महीनों तक दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक-एक घर में जाकर लोगों से वोट की अपील करेंगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा उनके साथी मंत्रियों और पार्टी के अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में जाकर इस कैंपेन की शुरुआत की.
::/fulltext::इंदौर. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. कार्यकर्ताओं के बीच जमकर लात-घूंसे चले. कई कार्यकर्ताओं को चोटें आने की बात कही जा रही है. विधायक उषा ठाकुर माइक पर कार्यकर्ताओं को समझाइश देती रही लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को जनआशीर्वाद यात्रा लेकर इंदौर पहुंचे. इस दौरान शहर में उनका जगह-जगह जोरदार स्वागत किया गया. कई स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने स्वागत के लिए मंच बनाए थे. विधायक उषा ठाकुर के क्षेत्र इमली बाजार में मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए भारी संख्या में कार्यकर्ता जमा हुए थे, तभी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए.
मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में विधायक उषा ठाकुर कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही है, इस दौरान एक कार्यकर्ता दूसरे नेता की तख्ती लेकर पहुंच गया. इससे दो गुटों के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हो गया. कार्यकर्ता आपस में एक दूसरे की जमकर मारपीट की. इस दौरान उषा ठाकुर कार्यकर्ताओं का समझाइश देती रही कि हम सब भाजपा के कार्यकर्ता है, आपस में लड़ाई नहीं करते. फिर भी भाजपा कार्यकर्ता बात नहीं माने और मारपीट करते रहे.
::/fulltext::अरुणाचल प्रदेश. भारत-चीन युद्ध के 56 साल बाद अरुणाचल प्रदेश के ग्रामीणों को उनकी जमीन के मुआवजे के तौर पर करीब 38 करोड़ रुपये मिले हैं. दरअसल सेना ने अपने बंकर और बैरक आदि बनाने के लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण किया था. इसके चलते पूरा गांव करोड़पति बना है. गांव के प्रत्येक परिवार के हिस्से में एक करोड़ रुपये आए हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू और अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने शुक्रवार को पश्चिमी खेमांग जिले में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में ग्रामीणों को मुआवजे की राशि के चैक सौंपे. रिजिजू ने बताया, “ग्रामीणों को कुल 37.73 करोड़ रूपये दिए गए हैं. यह सामुदायिक भूमि थी इसलिए उन्हें जो रकम मिली है उसे ग्रामीणों के बीच बांटा जाएगा.”
गौरतलब है कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद सेना ने अपना बेस, बंकर, बैरक बनाने और सड़क, पुल तथा अन्य निर्माण कार्यों के लिए काफी मात्रा में जमीन का अधिग्रहण किया था. पश्चिमी खेमांग जिले में अप्रैल 2017 में तीन गांवों के 152 परिवारों को 54 करोड़ रुपये बांटे गए थे. गत वर्ष सितम्बर में ग्रामीणों को 158 करोड़ रुपये की एक अन्य किश्त दी गई. यह राशि उनकी निजी जमीन के एवज में दी गई थी. उनकी जमीन का अधिग्रहण सेना ने किया था. फरवरी 2018 में त्वांग जिले में 31 परिवारों को 40.80 करोड़ रुपये दिए गए.
अरूणाचल प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के लंबित मामले तवांग, पश्चिमी खेमांग, ऊपरी सुबनसिरी, दिबांग घाटी और पश्चिमी सियांग जिलों के थे.
::/fulltext::अरुणाचल प्रदेश की सियांग (ब्रम्हपुत्र) नदी जिसमें बाढ़ आने की आशंका है.
खास बातें
नई दिल्ली/ईटानगर: तिब्बत में भूस्खलन होने से एक नदी का मार्ग अवरुद्ध हो जाने और कृत्रिम झील बनने के बाद अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी से लगे जिलों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इससे पहले चीन ने इस संबंध में भारत को सूचना दी थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि सरकार अद्यतन जानकारी के लिए चीनी पक्ष के साथ नियमित रूप से संपर्क में है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के सभी संबंधित अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया गया है ताकि वे जरूरी एहतियाती कदम उठा सकें.
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाढ़ का पानी जल्द ही अरुणाचल प्रदेश पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि जानकारी हर घंटे साझा की जा रही है. चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने कहा कि बुधवार की सुबह तिब्बत में यारलुंग सांग्पो नदी में भूस्खलन के बाद उनके देश ने भारत के साथ 'आपातकालीन सूचना साझा तंत्र' को सक्रिय कर दिया.