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नए सीएम के रूप में विश्वजीत राणे (Vishwajit Pratapsingh Rane) का नाम सामने आया है.
कांग्रेस के दो विधायक बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं.
खास बातें
नई दिल्ली : गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की खराब सेहत के बीच इस समय बड़ी खबर आ रही है. गोवा कांग्रेस के दो विधायक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंचे. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के विधायक दयानंद सोपते और सुभाष शिरोडकर आज सुबह केंद्रीय मंत्री श्रीपद नायक के साथ दिल्ली आए थे. मुलाकात के बाद सुभाष शिरोडकर ने कहा कि हम लोग भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि आने वाले दिनों में 2-3 और विधायक भाजपा ज्वाइन करेंगे. आपको बता दें कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar Health) को डॉक्टरों ने एक सप्ताह आराम करने की सलाह दी है. दिल्ली के एम्स में इलाज करा रहे पर्रिकर को रविवार को डिस्चार्ज कर दिया गया था.
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, 'मनोहर पर्रिकर की हालत में सुधार हुआ है. उन्होंने आज (सोमवार) सुबह अपने परिजनों से बात की. डॉक्टरों ने उन्हें एक सप्ताह आराम करने की सलाह दी है.' पर्रिकर को 15 सितंबर को एम्स में भर्ती कराया गया था. वह पिछले सात महीनों से गोवा, मुंबई, न्यूयॉर्क और अब नई दिल्ली में इलाज करा रहे हैं. बता दें कि गोवा पहुंचने पर पर्रिकर को यहां के निकट डोना पाउला में उनके निजी आवास ले जाया गया, जहां सरकारी गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) के डॉक्टरों के एक दल ने अस्थायी चिकित्सा सेवा केंद्र तैयार किया है. मुख्यमंत्री के निजी सचिव रूपेश कामत ने कहा, 'मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की सेहत में और सुधार हुआ है. उन्होंने आज सुबह अपने परिवार के सदस्यों से बातचीत की.' उन्होंने कहा, 'डॉक्टरों ने उन्हें एक सप्ताह आराम करने की सलाह दी है.'
बीजेपी छोड़ने के बाद कांग्रेस में शामिल होंगे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह.
खास बातें
नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव(Rajasthan Legislative Assembly election 2018) की सरगर्मियों के बीच नेताओं के पार्टी छोड़ने और दूसरी पार्टी में ठिकाने बनाने की खबरें आने लगीं हैं. बीते दिनों बीजेपी छोड़ने वाले मानवेंद्र सिंह (Manvendra Singh) अब कांग्रेस में शामिल होंगे. वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे जसवंत सिंह के बेटे और विधायक मानवेंद्र सिंह कुछ दिन पहले ही बीजेपी से नाता तोड़ चुके हैं. उन्होंने राजस्थान में बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.मानवेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बाड़मेर चर्चा का विषय था और 2018 में भी हर कोई बाड़मेर की ओर देख रहा है. उन्होंने कहा कि बाड़मेर में इससे पहले कई गौरव औप संकल्प रैली हो चुकी हैं.
क्यों बीजेपी से बागी हुए मानवेंद्र
बाड़मेर से विधायक मानवेंद्र बाड़मेर और पचपदरा में वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा से नदारद रहे. इतना ही नहीं मानवेंद्र ने पचपदरा में अलग से अपनी स्वाभिमान रैली बुलाई . पिछले लोकसभा चुनाव में वसुंधरा की वजह से उनके पिता जसवंत सिंह को टिकट नहीं मिला था. तब वो निर्दलीय चुनाव लड़े थे और हार गए थे. तभी से मानवेंद्र पार्टी से खफा हैं. राजपूत वोटों पर मानवेंद्र की अच्छी पकड़ है, ऐसे में वो बीजेपी के लिए सिर दर्द बन सकते हैं. मानवेंद्र सिंह राजपूत समुदाय से आते हैं राजस्थान में इस समुदाय का अच्छा-खास वोटबैंक है जो कई सीटों पर हार-जीत का फैसला कर सकता है.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद उन्होंने एनडीटीवी के लिये एक ब्लॉग लिखा था जिसमें उन्होंने अपने पिता जसवंत सिंह और वाजपेयी के रिश्तों का जिक्र किया था. उन्होंने बताया कि उनके पिता जसवंत सिंह को अटल जी 'हनुमान' कहते थे क्योंकि गठबंधन की सरकार चला रहे वाजपेयी के लिये हमेशा वह 'संकटमोचक' का काम करते थे. मानवेंद्र ने यह भी बताया कि उनके पिता को जब बीजेपी से निलंबित किया गया तो अटल जी बहुत दुखी थे. आपको बता दें कि जसवंत सिंह को कुछ साल पहले ब्रेन हेमरेज हुआ था उसके बाद से वह बीमार हैं और सार्वजनिक जीवन से बिलकुल दूर हैं.
आपको बता दें कि 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 162 सीटों पर जीत हासिल कर इतिहास रचा था. 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस को मात्र 21 सीटें ही मिल पाईं थी. इससे पहले बेहतरीन प्रदर्शन का रिकार्ड कांग्रेस के नाम था, जिसने 1998 में 153 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं 2013 से पहले कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन 1977 में रहा था जब पार्टी को 41 सीटें मिली थीं.
भोपाल। नवरात्रि में भोपाल में एक बड़ा हादसा होने से बच गया। भोपाल के लिली टॉकीज के पास बने दुर्गा पंडाल में कांग्रेस नेता और टिकट के दावेदार गोविंद गोयल के हाथ से आरती की थाली छूट गई, जिससे देखते ही देखते दुर्गा पंडाल आग की लपटों में घिर गया। बाद में लोगों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आयोजकों ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता गोविंद गोयल को किसी ने बुलाया नहीं था, वे खुद पंडाल में पहुंच गए थे और आरती की थाली लेकर आरती करने लगे। पहले से ही आचार संहिता लगे होने से दुर्गा पंडालों पर चुनाव आयोग की निगाह है।
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