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गोवा- लंबे समय से बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को दिल्ली से गोवा ले जाया गया है. उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. पर्रिकर का काफी वक्त से दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा था. बताया जा रहा है कि आज सुबह उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया. इसके बाद पर्रिकर को एयर एंबुलेंस के जरिए गोवा ले जाया गया है. उनकी स्थिति नाजुक बताई जा रही है.
मनोहर पर्रिकर करीब एक महीने से दिल्ली के एम्स में भर्ती थे. अमेरिका में इलाज के बाद उन्हें बीते 15 सितंबर को यहां लाया गया था. उनकी गैर-मौजूदगी में गोवा की सियासत काफी गरमा गई है. शुक्रवार को पर्रिकर ने एम्स में ही अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ मंत्रालय के बंटवारे और सरकार के कामकाज को लेकर मीटिंग की थी.
भुवनेश्वर: ओडिशा के गजपति जिले में तितली (Titli) तूफान के बाद हुई भारी वर्षा के कारण हुये भूस्खलन में कम से कम 12 लोगों के मरने की आशंका है और जबकि चार लोग लापता हैं. यह जानकारी विशेष राहत आयुक्त बी पी सेठी ने शनिवार को दी. उन्होंने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब शुक्रवार शाम भारी बारिश के बाद कुछ ग्रामीणों ने एक गुफानुमा जगह में शरण ली थी. सेठी ने बताया, ‘‘गजपति जिले के रायगडा प्रखंड के अन्तर्गत बरघारा गांव में भारी बारिश से हुए भूस्खलन के कारण करीब 12 लोगों के मरने की खबर है’’. उन्होंने बताया कि चार लोग लापता हैं और उनके मलबे में दबे होने की आशंका है. उन्होंने बताया कि गजपति जिला के जिलाधिकारी को घटनास्थल पर जाने और स्थिति का जायजा लेकर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है.
सेठी ने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद सरकारी प्रावधानों के अनुसार प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी. अधिकारी ने बताया कि लगातार बारिश से प्रभावित इलाके में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों सहित एक बचाव दल को भेजा गया है. पालसा के नजदीक गोपालपुर के दक्षिण-पश्चिम में बृहस्पतिवार को चक्रवात के कारण भूस्खलन हुआ था. इस बीच अधिकारी ने बताया कि अन्य इलाकों में पानी घटने के साथ ही राहत एवं बचान अभियान जोर पकड़ने लगा है. स्थिति की समीक्षा करने वाले मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गंजम, गजपति और रायगढ़ा जिलों सहित कुछ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे.
::/fulltext::नई दिल्ली: दिल्ली के आईटीओ पर बने स्काईवॉक के उद्घाटन को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है. आईटीओ स्थित बने स्काईवॉक का उद्घाटन 15 अक्टूबर को होना है, मगर इसके उद्घाटन कार्यक्रम के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नहीं बुलाया गया है. खास बात ये है कि आईटीओ पर बने इस स्काईवॉक को दिल्ली सरकार के ही पीडब्ल्यूडी विभाग ने तैयार किया है, मगर बावजूद इसके इसमें न तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आमंत्रित किया गया है और न ही लोक कल्याण विभाग मंत्री को. हालांकि, इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुप नहीं बैठे और उन्होंने कार्यक्रम में न बुलाए जाने का दर्द साझा किया और एक तरह से केंद्र सरकार पर तंज भी कसा.
स्काईवॉक के उद्घाटन में न बुलाए जाने पर शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर तंज कसा. उन्होंने एक खबर को शेयर करते हुए लिखा- 'कोई बात नहीं. हमें तो काम करने से मतलब है. दिल्ली अच्छी बननी चाहिए. दिल्ली के लोगों की ज़िंदगी में सुधार होना चाहिए. बस. उद्घाटन आपको मुबारक.' बताया जा रहा है कि स्काईवॉक का उद्घाटन केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के हाथों होगा और इस कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और कई बीजेपी नेता भी मौजूद रहेंगे.
बताया ये भी जा रहा है कि दिल्ली के किसी भी मंत्री को आईटीओ में बने स्काईवॉक के उद्धाटन समरोह के लिए निमंत्रण नहीं भेजा गया है.इसका कारण केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच जारी अनबन को बताया जा रहा है. आमंत्रण में आम आदमी पार्टी के किसी भी मंत्री या विधायक का नाम नहीं है.
आमंत्रण के अनुसार, "आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय आपको आईटीओ में 'डब्ल्यू' बिंदु पर स्थित स्काईवॉक और एफओबी (फुट ओवर ब्रिज) के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित करता है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह 15 अक्टूबर दोपहर तीन बजे प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन के पास स्थित स्काईवॉक का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान उपराज्यपाल अनिल बैजल और सांसद मीनाक्षी लेखी भी मौजूद होंगी."
दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा निर्मित स्काईवॉक का उद्देश्य मथुरा रोड, तिलक मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग और सिकंदर रोड पर पैदल यात्रियों की आवाजाही को आसान करना है.
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