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अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस : रायपुर में 1 अक्टूबर को होगा राज्य स्तरीय आयोजन
रायपुर-सेवा पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का राज्य स्तरीय आयोजन 1 अक्टूबर को प्रातः 11 बजे राजधानी रायपुर के जोरा स्थित कृषि महाविद्यालय परिसर के कृषि मंडपम में किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज कल्याण तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े करेंगी।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री श्री केदार कश्यप, श्री टंकराम वर्मा, श्री गुरु खुशवंत साहेब, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री राजेश मूणत, श्री पुरंदर मिश्रा, श्री सुनील सोनी, श्री मोतीलाल साहू, श्री इन्द्र कुमार साहू, श्री अनुज शर्मा तथा महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
राज्य स्तरीय आयोजन में वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान, उनके कल्याण, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा तथा समाज में उनकी सक्रिय भूमिका को सशक्त करने हेतु विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, अनुभव साझा करने के सत्र, स्वास्थ्य जांच शिविर एवं प्रेरक वार्ता का भी आयोजन होगा।
जिला प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में वृद्धजन के योगदान को मान्यता देना, उन्हें सम्मानित करना और उनकी सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा और उनके अधिकारों एवं कल्याण से संबंधित जागरूकता भी बढ़ाई जाएगी। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अतिथियों द्वारा वृद्धजन कल्याण से जुड़ी नवीनतम सरकारी योजनाओं एवं पहलों की जानकारी भी साझा की जाएगी, जिससे समाज के वरिष्ठ नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।
छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री हुई “स्मार्ट”, नवा रायपुर में देश का पहला अत्याधुनिक स्मार्ट पंजीयन कार्यालय शुरू
नवा रायपुर के अटल नगर में अत्याधुनिक स्मार्ट पंजीयन कार्यालय का उद्घाटन
छत्तीसगढ़ में सुशासन का नया अध्याय: नवा रायपुर में देश का पहला स्मार्ट पंजीयन कार्यालय आज से शुरू
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी की पहल पर छत्तीसगढ़ बना नेशनल रोल मॉडल
15 से 20 मिनट में पूरी होगी पंजीकरण प्रक्रिया, एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से नागरिकों को मिलेगा आरामदायक अनुभव
“रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” मंत्र से साकार हुआ स्मार्ट पंजीयन कार्यालय का सपना
117 पंजीयन कार्यालयों को स्मार्ट बनाने का लक्ष्य
मुफ्त वाई-फाई, डिजिटल डिस्प्ले, हेल्पडेस्क और कैशलेस भुगतान जैसी बड़ी क्रांतियों से बदलेगा रजिस्ट्री का अनुभव
रायपुर-मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व और वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी की पहल पर, नवा रायपुर के अटल नगर में देश के पहले अत्याधुनिक स्मार्ट पंजीयन कार्यालय का उद्घाटन किया गया। इस कार्यालय का उद्घाटन प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव द्वारा किया गया। इस अवसर पर उनके साथ उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल और श्री स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस अवसर पर रायपुर की श्रीमती वीणा देवांगन ने सेल डीड कराई और डिजिटल भुगतान किया। उनकी रजिस्ट्री को उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की उपस्थिति में कैशलेस भुगतान कराकर प्रदर्शित किया गया।
पीपीपी मॉडल पर आधारित – रजिस्ट्री अब होगी तेज, पारदर्शी और सुविधाजनक
यह कार्यालय पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य नागरिक सेवाओं को तेज, पारदर्शी और आधुनिक मानकों के अनुरूप बनाना है। अब मकान, दुकान या जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए भीड़-भाड़ वाले सरकारी दफ्तरों में जाने की बजाय, नागरिक 12 से 15 मिनट में पासपोर्ट और एयरपोर्ट कार्यालय जैसे माहौल में अपनी रजिस्ट्री करा सकेंगे।
आधुनिक सुविधाओं से लैस – नागरिकों को मिलेगा बेहतर अनुभव
नए स्मार्ट पंजीयन कार्यालयों को नागरिकों को सुखद और सुविधाजनक अनुभव देने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी मुख्य विशेषताओं में अत्याधुनिक और वातानुकूलित परिसर शामिल है, जहाँ नागरिक आराम से अपनी बारी का इंतजार कर सकेंगे। यहाँ फ्री वाई-फाई और चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध हैं, ताकि लोग अपने समय का सदुपयोग कर सकें। क्यू-मैनेजमेंट सिस्टम और डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड की मदद से लंबी लाइनों से छुटकारा मिलेगा और दस्तावेज़ों व शुल्क की जानकारी तुरंत मिल जाएगी। प्रशिक्षित हेल्पडेस्क स्टाफ हर कदम पर नागरिकों की सहायता करेंगे। स्वच्छ पेयजल और एयरपोर्ट-स्टाइल वाशरूम से स्वच्छता और सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है।
117 पंजीयन कार्यालयों को स्मार्ट बनाने का लक्ष्य
छत्तीसगढ़ सरकार ने अगले एक वर्ष के भीतर प्रदेश के सभी 117 पंजीयन कार्यालयों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने का लक्ष्य रखा है। पहले चरण में 10 कार्यालयों को विकसित किया जा रहा है, जिनमें से नवा रायपुर का यह कार्यालय पूरी तरह तैयार हो चुका है। इस मॉडल की सफलता को देखते हुए भारत सरकार भी इसी तर्ज पर देशभर में पंजीयन कार्यालयों को विकसित करने पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि स्मार्ट पंजीयन कार्यालय प्रदेश में सुशासन और नागरिक सुविधाओं के नए युग की शुरुआत है। यह पहल छत्तीसगढ़ को एक कल्याणकारी राज्य के रूप में और अधिक सशक्त बनाएगी। उन्होंने कहा कि यह पहल इस बात को रेखांकित करती है कि नागरिक सुविधा ही सुशासन का मूल आधार है।
उप मुख्यमंत्री द्वय ने इस मौके पर विभागीय मंत्री एवं वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पहल न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में नागरिक सुविधाओं का एक नया मॉडल है। उन्होंने कहा कि शासकीय कार्यालय में इतनी अत्याधुनिक सुविधाएँ निश्चित ही छत्तीसगढ़ में हो रहे बदलाव और सुशासन की नई दिशा को दर्शाती हैं।
वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि नागरिक सेवाएँ हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं और स्मार्ट पंजीयन कार्यालय सरकार की सुशासन तथा नागरिक सुविधा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह राज्य न केवल पंजीयन सेवाओं में बल्कि अन्य नागरिक सेवाओं में भी देश का नेतृत्व करेगा। स्मार्ट पंजीयन कार्यालय नागरिकों के जीवन में सहजता, पारदर्शिता और विश्वास लाएँगे तथा सुशासन की एक नई पहचान स्थापित करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस : रायपुर में 1 अक्टूबर को होगा राज्य स्तरीय आयोजन
रायपुर-सेवा पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का राज्य स्तरीय आयोजन 1 अक्टूबर को प्रातः 11 बजे राजधानी रायपुर के जोरा स्थित कृषि महाविद्यालय परिसर के कृषि मंडपम में किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज कल्याण तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े करेंगी।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री श्री केदार कश्यप, श्री टंकराम वर्मा, श्री गुरु खुशवंत साहेब, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री राजेश मूणत, श्री पुरंदर मिश्रा, श्री सुनील सोनी, श्री मोतीलाल साहू, श्री इन्द्र कुमार साहू, श्री अनुज शर्मा तथा महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
राज्य स्तरीय आयोजन में वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान, उनके कल्याण, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा तथा समाज में उनकी सक्रिय भूमिका को सशक्त करने हेतु विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, अनुभव साझा करने के सत्र, स्वास्थ्य जांच शिविर एवं प्रेरक वार्ता का भी आयोजन होगा।
जिला प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में वृद्धजन के योगदान को मान्यता देना, उन्हें सम्मानित करना और उनकी सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा और उनके अधिकारों एवं कल्याण से संबंधित जागरूकता भी बढ़ाई जाएगी। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अतिथियों द्वारा वृद्धजन कल्याण से जुड़ी नवीनतम सरकारी योजनाओं एवं पहलों की जानकारी भी साझा की जाएगी, जिससे समाज के वरिष्ठ नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का संकल्प – 2028-29 तक पूरा छत्तीसगढ़ होगा बाल विवाह मुक्त
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान में छत्तीसगढ़ ने रचा इतिहास
बालोद जिला बना देश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला, सूरजपुर की 75 पंचायतें भी हुईं शामिल
रायपुर, 30 सितम्बर 2025/ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 27 अगस्त 2024 को शुरू किए गए “बाल विवाह मुक्त भारत” राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। राज्य का बालोद जिला पूरे देश का पहला जिला बन गया है, जिसे आधिकारिक रूप से बाल विवाह मुक्त घोषित किया जा सकता है। बालोद जिले की सभी 436 ग्राम पंचायतों और 09 नगरीय निकायों को विधिवत प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है।
बालोद बना राष्ट्रीय उदाहरण
विगत दो वर्षों में बालोद जिले से बाल विवाह का एक भी मामला सामने नहीं आया। दस्तावेजों के सत्यापन और विधिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब जिले के सभी पंचायतों एवं नगरीय निकायों को बाल विवाह मुक्त का दर्जा मिल गया है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि के साथ बालोद जिला पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन गया है।
बालोद जिला कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि यह उपलब्धि प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और समुदाय की सामूहिक भागीदारी का परिणाम है। उन्होंने सभी पंचायतों और नगरीय निकायों को इस प्रयास में सक्रिय सहयोग देने के लिए धन्यवाद भी दिया।
सूरजपुर की 75 ग्राम पंचायतें भी बाल विवाह मुक्त
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 75वें जन्मदिवस के अवसर पर सूरजपुर जिले की 75 ग्राम पंचायतों को बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया गया। विगत दो वर्षों में इन पंचायतों से भी बाल विवाह का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। इसे राज्य सरकार ने सामाजिक सुधार की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है।
बाल विवाह उन्मूलन केवल सरकारी अभियान नहीं, सामाजिक परिवर्तन का संकल्प - मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बाल विवाह उन्मूलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। हमारा लक्ष्य है कि चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2028-29 तक पूरे राज्य को बाल विवाह मुक्त घोषित किया जाए। यह केवल एक सरकारी अभियान नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का संकल्प है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अन्य जिलों में भी पंचायतों और नगरीय निकायों को बाल विवाह मुक्त घोषित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जिन जिलों में पिछले दो वर्षों में बाल विवाह का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, वहां शीघ्र ही प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
समाज और सरकार की साझेदारी से संभव हुआ बाल विवाह उन्मूलन: महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने इस उपलब्धि को छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे देश के लिए प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि बालोद की यह उपलब्धि साबित करती है कि यदि समाज और सरकार मिलकर कार्य करें तो बाल विवाह जैसी कुप्रथा को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। सूरजपुर की उपलब्धि भी इस दिशा में एक मजबूत कदम है। इस अभियान में यूनिसेफ का सहयोग भी महत्वपूर्ण रहा है। संगठन ने तकनीकी सहयोग, जागरूकता कार्यक्रम और निगरानी तंत्र को मजबूत करने में मदद की।
छत्तीसगढ़ की इस पहल को राष्ट्रीय स्तर पर एक मील का पत्थर माना जा रहा है। “बाल विवाह मुक्त भारत अभियान” को गति देने में यह उपलब्धि अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर सामुदायिक भागीदारी और शिक्षा को केंद्र में रखकर काम किया जाए तो देश से बाल विवाह जैसी कुप्रथा का पूर्ण उन्मूलन संभव है।
राज्य सरकार अब चरणबद्ध तरीके से अन्य जिलों को भी बाल विवाह मुक्त बनाने की तैयारी कर रही है। 2028-29 तक पूरे छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य न केवल राज्य, बल्कि देश को बाल विवाह मुक्त भारत के संकल्प के और निकट ले जाएगा।