Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
रायपुर। विधानसभा में बुधवार को जेलों में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों और कैदियों की मौत का मामला गूंजा. बसपा विधायक केशव चंद्रा ने सदन में मामला उठाया. गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदस्य के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 तक 53 और 1 अप्रैल 2017 से लेकर 31 मार्च 2018 तक कुल 57 कैदियों की मृत्यु हुई. केशव चंद्रा ने जांजगीर-चाम्पा जेल में मृत कैदी गौरव तम्बोली का मुद्दा उठाया. चंद्रा ने कहा- मृतक कैदी की पत्नी ने शिकायत की है कि जेलर की लापरवाही से कैदी की मृत्यु हुई. बीमार कैदी को वक़्त पर इलाज नहीं मिला, गृहमंत्री ने कहा- विचाराधीन कैदी गौरव तम्बोली 5 अगस्त 2018 को जेल दाखिल हुआ था. 8 जनवरी को तबियत बिगड़ने पर जेल डॉक्टर एन के ध्रुव ने बंदी का उपचार किया. बंदी स्वस्थ था. रात में तबियत बिगड़ने पर उसे जिला 9 किलोमीटर दूर अस्पताल दाखिल कराया गया. जहां उपचार के दौरान रात साढ़े 9 बजे मृत घोषित किया गया.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हम आसंदी से यही अपेक्षा करते हैं कि सदन की समिति से जांच कराई जानी चाहिए. गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि इस मामले में किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है. सदन को किसी तरह से गुमराह नहीं किया जा रहा है. वर्षवार जानकारी मैंने सदन में दे दी है.
अजीत जोगी ने कहा कि यह सामान्य घटना नहीं है. जेल में मृत्यु हुई है. सदस्य जिन कैदियों की मृत्यु हुई है, उनका नाम भी बता रहे है. ऐसी स्थिति में सच्चाई का पता लगाने आसंदी जांच का फैसला ले. अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कहा कि सदस्य विधिवत जानकारी लिखकर दे यदि हमें उपयुक्त लगेगा तो हम जांच के लिए विचार करेंगे.
::/fulltext::रायपुर। राजिम कुंभ का नाम परिवर्तन का मुद्दा आज सदन में खूब गरमाया। वरीष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्राचीन पुरानों का जिक्र करते हुए राजिम कुंभ का नाम परिवर्तित की वजह मंत्री ताम्रध्वज साहू से चाही। ताम्रध्वज साहू ने बताया कि राजिम कल्प कुंभ का नाम सिर्फ बदला है, उसके स्थान पर राजिम माघी पुन्नी मेला किया गया है। जिसके बाद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के कई नदी तालाबों के किनारे माघी पुन्नी मेला के नाम पर मेला लगता है, ऐसे में राजिम मेला की महत्ता बढ़ाने और कुंभ शब्द की व्यापकता को देखते हुए ही राजिम कुंभ का नाम रखा गया था, लेकिन सरकार ने उसका नाम बदल दिया।
ताम्रध्वज साहू ने सदन में बृजमोहन अग्रवाल के नाम बदलने का आरोपों पर कहा कि उनकी सरकार ने नाम राजिम कुंभ का नाम नहीं बदला है, बल्कि उन्होंने ही पिछले कार्यकाल में माघी पुन्नी मेले का नाम बदलकर राजिम कुंभ किया था। इसके बाद ताम्रध्वज साहू ने तल्ख तेवर दिखाते हुए बृजमोहन अग्रवाल पर निशाना साधा।
जिसके बाद बृजमोहन अग्रवाल ने प्रांचीन ग्रंथ स्कंद पुराण का जिक्र करते हुए कहा कि पुरान में राजिम को प्रयागराज कहकर संबोधित किया गया था, इसलिए इसे कुंभ नाम दिया गया था, लेकिन इसका नाम क्यों बदला गया है, ये समझ से परे है। इस मुद्दे पर थोड़े वक्त के लिए सदन का माहौल गरम हो गया।
::/fulltext::रायपुर। ये आंकड़े होश उड़ा देंगे…जब आप सुनेंगे कि छत्तीसगढ़ में नये साल के जश्न में शराबियों ने साढ़े छह सौ करोड़ की शराब गटक ली। छत्तीसगढ़ विधानसभा में कल मंत्री कवासी लखमा के दिये आंकड़े बेहद चौकाने वाले रहे । मंत्री कवासी लखमा ने शिवरतन शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल के पूछे गये अलग-अलग सवालों के जवाब में शराब बिक्री और शराब से हुई आमदनी के आंकड़े पेश किये हैं। सरकार ने बताया है कि 17 दिसंबर से लेकर 20 जनवरी के बीच छत्तीसगढ़ में लोगों ने छककर शराब पी। इन महज 34 दिनों में 639.24 करोड़ की शराब की बिक्री हुई। मतलब हर दिन करीब 20 करोड़ की शराब पी। मतलब साफ है कि क्रिसमस और नये साल के जश्न में जमकर जाम छलके हैं।
रिपोर्ट में ये भी जानकारी दी गयी हैं कि 17 दिसंबर 2018 से 20 जनवरी 2019 तक याने की 34 दिनों में प्रदेश के जिलों में कितने रूपये की शराब लोगों ने गटक ली है। तो बता दें कि इस 34 दिनों में राजधानी रायपुर मे सबसे ज्यादा लोगों ने शराब पी है। रायपुर में 125.54 करोड की शराब लागों ने पी है। ये बेहद ही चैकाने वालें आकडे़ हैं। वहीं अगर अन्य जिलों की बात की जाये तो दुर्ग में 76.55 करोड़, बिलासपुर में 56.50 करोड़, राजनांदगांव में 46.83 करोड़, जांजगीर चांपा में 38.82 करोड़, बलौदाबाजार में 35.78 करोड़, गरियाबंद में 13.75 करोड़, महासमुंद में 27.65 करोड़, धमतरी में 28.82 करोड़, बालौद में 25.86 करोड़, बेमेतरा में 21.27 करोड़, कबीरधाम में 16.72 करोड़, बस्तर में 7.86 करोड़, नारायणपुर में 1.56 करोड़ नारायणपुर में 1.56 करोड़, कोण्डागांव में 2.93 करोड़, कांकेर में 9.90 करोड़, दंतेवाड़ा में 3.75 करोड़, सुकमा में 1.19 करोड़, बीजापुर में 3.24 करोड़, मुंगेली में 14.06 करोड़, कोरबा में 24.10 करोड़, रायगढ़ 28.33 करोड़, जशपुर 6.19 करोड़, सरगुजा में 7.12 करोड़, बलरामपुर में 1.96 करोड़, सूरजपुर में 6.09 करोड़, कोरिया में 6.91 करोड़ की शराब लोगों ने गटकी है। मतलब 639.24 करोड़ की शराब शराबियों ने गटक ली है।
बता दें कि प्रदेश में देशी शराब दुकानों की संख्या 373 और विदेशी शराब दुकानों की संख्या 323 है। टोटल प्रदेश में 696 शराब की दुकाने संचालित की जा रही है। वहीं वित्तीय वर्ष में शराब की खपत को लेकर अप्रैल से लेकर दिसंबर तक के जो आंकड़े दिये गये हैं, वो भी बहुत हैरान करने वाले हैं। नौ माह में लोगों ने 3188.63 करोड़ रूपये खर्च कर दिए।
हालांकि अगर देखा जाये तो साल दर साल शराब विक्रय से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी भी हुयी है। साल 2013 से 2014 में 1 जनवरी 2014 से 31 मार्च 2014 तक याने तीन माह में 536.02 करोड़ का राजस्व सरकार को शराब बिक्री से प्राप्त हुआ था। वहीं 2014 से 2015 में 2449.30 करोड़, 2015-16 में 2911.31 करोड़, 2016-17 में 3307.65 करोड़, 2017 से 2018 में 3908.78 करोड और 2018 1 अप्रैल से 30 नवंबर 2018 तक मतलब की आठ माह में 2784.03 करोड़ का राजस्व शराब की बिक्री से सरकार को प्राप्त हुआ था।
::/fulltext::रायपुर। विधानसभा में बजट के सामान्य चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। भूपेश बघेल ने इस दौरान पिछली सरकार की कार्यशैली और मौजूदा वक्त में विपक्ष के तौर पर कांग्रेस सरकार पर उठाये गये सवाल को लेकर जमकर निशाना साधा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछली सरकार में मोबाईल बांटने के लिए 1400 करोड़ का बजट दिया, 3 उद्योगों को स्टाम्प ड्यूटी में करोड़ों की छूट दी.. आपने इतने पैसे लुटा दिए। अब जब हम किसानों का ऋण माफ कर रहे तो विपक्ष को दिक्कत क्या है ? किसानों ने हमारी सरकार बनाई आज किसान भी खुश है।
जो खेती कर रहा है वो बड़े किसान नहीं है । जो ऋण माफी ग्रामीण और कोआपरेटिव बैंक में किये है उसी अनुपात में भी अन्य प्राइवेट बैंक में करेंगें । किसान खुशहाल होगा तभी प्रदेश खुशहाल होगा । आज हमने 10 हजार करोड़ का ऋण माफ किया है । उन्होंने कहा कि हमने कहा हम कृषि क्रॉप लोन हम माफ करेंगें ये किसान इस बात को समझ गए विपक्ष ट्रेक्टर वालो के पीछे न पड़े रहे। धान बोनस के लिए विपक्ष कहता रहा 2100 रुपये समर्थन मूल्य और बोनस देंगें लेकिन दिए नहीं हमरा ये पहला राज्य है जहां 2500 रुपये समर्थन मूल्य में हम धान ले रहे है ।
किसानों का जलकर भी हमने माफ किया है । गन्ने के किसान दलहन-तिलहन के किसानों के लिए भी बजट में भी प्रावधान दिए हैं। मूसली उगाने के बजट में कोई प्रावधान नहीं था लेकिन पिछली सरकार ने रतनजोत लगाने में करोड़ो रूपये फूंके हैं… “डीजल नहीं अब खड़ी से, डीजल मिलेगा बाड़ी से” इसमें सैंकड़ो करोड़ रुपये बर्बाद कर दिए और 1 लीटर भी डीजल बना हो तो बताओ?… इसे खा कर बच्चे अलग बीमार हो गए ।
आज प्रदेश में मवेशियों की स्थिति के चलते लोग परेशान है। कोई इसे दान नही लेना चाहता कोई खरीदना नहीं चाहता। ये गंभीर समस्या है जो मवेशी किसानों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार था वो आज उनकी कमजोरी बन गया है।
आज पानी की समस्या,एक्सीडेंट बढ़ गए,मवेशी एक समस्या है ।इसलिए हमने नरवा,गरुवा,घुरूवा बाड़ी एला बचाना हे संगवारी का नारा दिया। इन सब काम के लिए बजट है हर विभाग में है बस इसए समायोजित करना है। पिछली सरकार के विकास का पैमाना कंक्रीट था, बिल्डिंग था…. हमारे विकास का पैमाना कृषि है, किसान है, आदिवासी है ।
हम प्रत्येक गांव में 3-5 एकड़ घेरने की व्यवस्था कर रहें हैं जहां गोबर गैस प्लांट लगा सकते हैं । इसे सफल बनाने ट्रेनिंग दी जाएगी। 10-12वीं पढ़े बच्चों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। आप सोचिए आपने उज्ज्वला में सिलेंडर दे दिए अब उसकी रिफिलिंग कौन करवा रहा है कोई नहीं ? इसलिए गोबर गैस से खाना अब पकेगा। घरों घर अब कनेक्शन देंगें जो पैसा आएगा उससे पंचायत का विकास भी होगा। स्मार्ट सिटी तो बना नहीं पाया, कम से कम अब गांवों में स्मार्ट घुरूवा तो बनेगा ।
::/fulltext::