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रायपुर। सरगुजा स्थित परसा कोल ब्लॉक से अडानी की कंपनी ओपनकास्ट माइनिंग के जरिये कोयला निकालेगी। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की फारेस्ट एडवाइजरी कमेटी ने इसकी अनुमति दे दी है। मंत्रालय ने 2100 एकड़ के परसा ओपनकास्ट माईन का स्टेज वन का फारेस्ट क्लीयरेंस 15 जनवरी 2019 को दिया है, जबकि इस बैठक में छत्तीसगढ़ के वन विभाग के अतिरिक्त सचिव ने आपत्ति की थी। यह कोल ब्लॉक राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित है, लेकिन एमडीओ यानी खदान के विकास और ऑपरेशन का अधिकार अडानी के पास है।
'नईदुनिया" ने 16 जनवरी के अंक में ही खुलासा कर दिया था कि केंद्र परसा कोल ब्लॉक को लेकर हड़बड़ी में है। केंद्रीय वन सलाहकार समिति (एफएसी) की बैठक में इस कोल ब्लॉक की वन स्वीकृति का प्रस्ताव महीनेभर में दो बार रखा गया। एफएसी की 19 दिसंबर 2018 की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया।
विभाग की वेबसाइट पर 12 जनवरी 2019 को इसका मिनिट्स अपलोड किया गया। इसमें कहा गया की एफएसी की सब कमेटी क्षेत्र का भ्रमण करेगी। अगले दिन ही एफएसी का एजेंडा आ गया और प्रस्ताव फिर से 15 जनवरी की बैठक में रखा गया।
यूपीए ने इस क्षेत्र को खनन हेतु नो गो क्षेत्र घोषित किया था। परसा कोल ब्लॉक के लिए 842 हेक्टेयर वन क्षेत्र के लगभग एक लाख पेड़ कटेंगे। इस क्षेत्र में न केवल जंगली हाथी और भालू रहते हैं बल्कि और कई तरह के वन्यजीव भी रहते हैं।
पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले रायपुर निवासी नितिन सिंघवी इस पर राज्य सरकार से संज्ञान लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जहां परसा कोल ब्लाक है, हाथियों का विचरण क्षेत्र है।
::/fulltext::दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर राजीव गांधी स्वावलंबन योजना कर दिया है.
रायपुर: राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने सरकारी स्कीमों सेदीनदयाल उपाध्याय (Deen Dayal Upadhyay) का नाम हटाया है. छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की पांच योजनाओं से पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाकर उनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का नाम जोड़ा गया है. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ नगरीय अधोसंरचना विकास निधि से संचालित राज्य प्रवर्तित योजनाओं के नाम बदल दिए हैं. इससे संबंधित आदेश सोमवार को जारी किया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन ने दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर राजीव गांधी स्वावलंबन योजना कर दिया है. वहीं, पंडित दीनदयाल उपाध्याय सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना का नाम अब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना होगा. पंडित दीनदयाल उपाध्याय एलईडी पथ प्रकाश योजना का नया नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी पथ प्रकाश योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना का नाम राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी शुद्ध पेयजल योजना कर दिया है.
राज्य में पंडित दीनदयाल उपध्याय के नाम से शुरू की गई योजनाओं का नाम बदलने को लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि पार्टी योजनाओं से पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाने को लेकर विधानसभा में अपना विरोध दर्ज़ कराएगी. उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने इन योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए क्या किया? यदि बिना प्रावधानों के सिर्फ नाम बदला गया है तो यह ‘बदलापुर की नई कड़ी है.' सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जानबूझ कर सभी योजनाओं के नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर बदले हैं. यह उनकी मानसिकता को दिखाता है.
बता दें, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सभी सरकारी दस्तावेजों से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर हटाने का आदेश दिया गया था. वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने दिसंबर 2017 में सर्कूलर जारी करके सभी विभागों को आदेश दिए थे कि उनके लेटर पैड पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर का लोगो के रूप में इस्तेमाल करें. अब अशोक गहलोत सरकार ने उस सर्कूलर को वापस ले लिया है.
::/fulltext::रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में आज अजीबोगरीब हालात बनते नजर आये. बीजेपी विधायकों ने आसंदी की व्यवस्था से नाराज होकर सदन से वाकआउट कर दिया.
ध्यानाकर्षण सूचना के दौरान बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था का मामला उठाते हुए कहा कि पुलिस की लापरवाही से कानून व्यवस्था अस्त-व्यस्त है. रायपुर के चंगोराभाठा इलाके में एक ज्वेलरी दुकान में लूट हो गई. टिकरापारा थाने के पास से ज्वेलरी व्यवसायी के साथ लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया. गोली मारी गई. इस तरह अन्य घटनाएं भी हुई. जब राजधानी सुरक्षित नहीं है तो अन्य शहरों का क्या हाल होगा. ये अनुमान लगाया जा सकता है. राजधानी के स्कूल कॉलेजों के पास युवतियों से छेड़छाड़ की घटना में इज़ाफ़ा हुआ है.
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि सभी क्राईम की घटनाओं को कंट्रोल करने सभी कार्य हो रहे है. शासन के प्रति आम जनता का विश्वास बना हुआ है. लोगो में किसी प्रकार का रोष व्याप्त नही है. बृजमोहन अग्रवाल ने गृहमन्त्री से पूछा सवाल पूरे प्रदेश में कानून की स्थिति क्या है कितने मर्डर और लूट की घटनाएं हुई. इस सवाल पर आसंदी सभापति ने आपत्ति जताई. विपक्ष ने आसंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक है. आसंदी का विपक्ष को संरक्षण मिलना चाहिए. विपक्ष ने किसी तरह का सवाल न पूछकर विरोध किया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदस्यों को आसंदी से अपेक्षा होती है. आसंदी की व्यवस्था के विरोध में बीजेपी विधायकों ने वाकआउट कर दिया
::/fulltext::रायपुर. दीनदयाल उपाध्याय के नाम से शुरू की गई योजनाओं का नाम बदले जाने पर विपक्ष नाराज हुआ. शून्यकाल में बीजेपी विधायक नारायण चंदेल ने उठाते हुए स्थगन पर चर्चा की मांग की.
अजय चंद्राकर ने कहा कि महात्मा गांधी की तस्वीर को यहां लगाई गई है. महापुरुष किसी भी विचारधारा से आये उनके आदर्शों को माना जाता है. नाम बदला जाना घोर अलोकतांत्रिक है. इस प्रक्रिया को बदला जाना चाहिए. किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ये अच्छी बात नहीं है. मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि 2004 में इसकी शुरुआत तो आपने की है, और प्रजातंत्र की दुहाई दे रहे है. इंदिरा-राजीव के नाम पर आप लोगों ने योजना बदली थी. राजीव गांधी स्वावलंबन योजना का नाम आप लोगों ने बदल दिया.
शिवरतन शर्मा ने कहा कि नई सरकार नई योजना बनाकर महापुरुषों के नाम पर शुरू करे हमे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जिन योजनाओं को महापुरुषों के नाम पर शुरू किया गया था उसे बदलना उचित नहीं है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह स्थगन का विषय है क्योंकि एक विचारधारा को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है. अगर यह परम्परा शुरू हो गई तो देश मे क्या स्थिति बनेगी.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि ये सरकार की दूषित मानसिक सोच को दर्शा रहा है कि योजनाओं का नाम रातोंरात बदल दिया जाए. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर संचालित योजनाओं का नाम बदला जाना महापुरुषों का अपमान है. यदि सदन में इस पर आसंदी का संरक्षण नहीं मिलेगा तो हम कहा जाएंगे. कांग्रेसी विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि यूपीए ने 920 करोड़ रुपये राजीव गांधी विद्युतीकरण के नाम पर दिया था, लेकिन बीजेपी सरकार के दौरान दीनदयाल विद्युतीकरण योजना बना दिया गया.
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