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रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से निःशुल्क बनाने के दिशा में राज्य सरकार ने कदम आगे बढ़ा दिए हैं. थाईलैंड में फ्री-चिकित्सा सेवा का अध्ययन कर लौटने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस दिशा में तेजी काम कर रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों निर्देशित कर दिया है कि सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपचार पूरी तरह दिया जाए इस पर काम शुरू कर दें. स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी तय किया है कि निजी अस्पातलों फायदा पहुँचाने के लिए बनाई योजना “यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम” को बंद किया जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने निःशुल्क उपचार को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा है कि #जन_घोषणापत्र में जनता से किए गए वादों को निभाते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी हेतु एक और कदम उठाया जा रहा है. निजी अस्पतालों को लाभ पहुंचाने हेतु बनाई गई योजना को बंद कर”यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम” के जरिए सरकारी अस्पतालों में ही निशुल्क उपचार सुनिश्चित किया जाएगा.
जांजगीर-चांपा. जांजगीर चांपा जिले के पत्रकारों ने विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत के कार्यक्रमों का बहिष्कार कर दिया है. महंत ने भी गुस्से होते हुए पत्रकारों को चले जाने के लिए कह दिया. दरअसल जिला मुख्यालय के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में सोमवार को जाज्वल्य देव लोक महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें चरणदास महंत पहुंचे थे. महंत के मंच पर पहुंचते ही स्थानीय पत्रकारों ने जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत को हटाने की मांग करने लगे. पत्रकारों का कहना था कि सीईओ का व्यवहार मीडियाकर्मियों के साथ अच्छा नहीं है, जिसके चलते सीईओ को हटाने की मांग कर रहे हैं. महंत ने पत्रकारों को शांत हो जाने की समझाइश दी. इसके बाद अचानक पत्रकारों ने नारेबाजी शुरू कर दी.
महंत ने सभी पत्रकारों को शांत कराते हुए कहा कि आप हमारी बात सुन नहीं रहे. आपकी आवाज कल मुख्यमंत्री आएंगे वे सुन लेंगे. आप सुन लीजिए. आज आप हमारी बात सुन लीजिए, अगर आप हमारी बात नहीं सुनेंगे तो हम भी आपकी बात नहीं सुनेंगे. जिसको-जिसको यहां रहना है रहे, जिसको नहीं रहना चले जाए. कार्यक्रम शांति से होगा. आप कार्यक्रम में योगदान देना चाहते हैं तो दीजिए नहीं तो हमें जरूरत नहीं चले जाएं.
विधानसभा अध्यक्ष महंत द्वारा चले जाने की बात कहने पर पत्रकारों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया. इसके साथ ही पत्रकारों ने महंत के किसी भी कार्यक्रम का कवरेज नहीं करने की बात कही है. इस घटना को लेकर पत्रकारों में काफी गुस्सा है. जिला प्रशासन हाय-हाय के नारे लगे. चरणदास महंत के भी हाय हाय के नारे लगे. जिला पंचायत सीईओ के खिलाफ पत्रकारों का गुस्सा चरम पर था. लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी असमंजस की बात है कि प्रदेश के दोनों ही राजनीतिक पार्टियों द्वारा उनकी गरिमा पर चोट पहुंचाई है. वह भी मात्र 3 दिनों के अंदर. राजधानी में भी भाजपा कार्यालय में पत्रकार के साथ मारपीट की गई है. इसके विरोध में पत्रकार प्रेस क्लब मोतीबाग के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.
::/fulltext::रायपुर। बजट के ठीक पहले भूपेश कैबिनेट की अहम बैठक आज होने जा रही है। सुबह 11 बजे से होने वाली इस बैठक में बजट को आखिरी रूप तो दिया ही जाएगा साथ ही अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी। वहीं बजट में शमिल किये जाने वाले प्रस्तावों पर भी चर्चा की जाएगी।
फैसले के नजरिये से नहीं पर बजट के बिंदुओं को लेकर इस कैबिनेट को काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि इस बैठक में ही तय होगा कि आखिर भूपेश सरकार के पहले बजट का स्वरूप कैसा और कितना बड़ा होगा।
बिजली बिल हाफ, नयी नियुक्ति और नियमतिकरण जैसे कई मुद्दे, जो घोषणा पत्र में शामिल था और अब उसे बजट में शामिल का प्रावधान किया जाना है, उस पर रायशुमारी की जाएगी। भूपेश कैबिनेट की इस अहम बैठक पर पूरे प्रदेश के अलग अलग वर्गों की नज़र बनी हुई है।
::/fulltext::बिलासपुर– छत्तीसगढ़ पंचायत ननि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से मांग करते हुए कहा है कि समस्त शिक्षाकर्मियों का संविलियन व शिक्षक व व्याख्याता के रिक्त पदों पर पदोन्नति के साथ सहायक शिक्षक के पद पर सीधी भर्ती किया जाए, जब तक सेवा शर्तों (राजपत्र) का प्रकाशन नहीं हो जाता तब तक भर्ती संभव ही नहीं है.
10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके एलबी संवर्ग के शिक्षकों का पंचायत विभाग में उनके प्रथम नियुक्ति के आधार पर क्रमोन्नति का प्रावधान करते हुए राजपत्र शीघ्र जारी किया जाए. वर्तमान में पंचायत संवर्ग के शिक्षकों का ही भर्ती नियम प्रकाशित है, संविलियन बाद शिक्षा विभाग का राजपत्र का प्रकाशन नहीं हुआ है, जब तक शिक्षा विभाग के राजपत्र का प्रकाशन नहीं होगा तब तक भर्ती सम्भव ही नहीं है.
जब तक पंचायत विभाग में एक भी शिक्षाकर्मी कार्यरत रहेंगे, तब तो शिक्षा विभाग में जाने उनका ही पहला अधिकार बनता है. ऐसे में शासन समस्त शिक्षाकर्मियों के बिना संविलियन किए शिक्षा विभाग में कैसे सीधी भर्ती कर सकती है?
प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री के शिक्षक भर्ती का स्वागत करते हुए मांग किया है कि समस्त शिक्षाकर्मियों का पहले संविलियन हो व पदोन्नति के बाद ही सहायक शिक्षक पर सीधी भर्ती किया जाए. केबिनेट में 2 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियों के संविलियन व 1998 से नियुक्त जिनकी पदोन्नति अब तक नहीं हुई है, उनकी क्रमोन्नति का निर्णय लेकर आगामी बजट में प्रावधान किया जाए.
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