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रायपुर. ब्लू व्हेल गेम के बाद अब किकी चैलेंज ने भी सभी की नींदे उड़ा रखी है. इस किक्की डांस कि वजह से कई जगह गंभीर हादसे हो चुके हैं. जिसे देखते हुए देश के कई राज्यों में इस पर प्रतिबन्ध लगाया जा चुका है. दुनियभर में इसको लेकर कई हैरातंगेज वीडियो सामने आ चुके हैं. अब ये किकी चैलेंज छत्तीसगढ़ पहुँच चुका है. यहाँ के युवा भी अब सड़कों में किकी डांस करते नजर आ रहे हैं.और इसका विडियो सोशल मीडिया में वायरल कर रहे है. सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडयो को देखने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस सतर्क हो गई है. राजधानी पुलिस ने चेतावनी देते हुए युवाओं से किकी डांस नहीं करने के लिए कहा है. एडिशनल एसपी प्रफ्फुल ठाकुर ने बताया कि अगर किकी डांस करते कोई युवा नजर आया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कि जाएगी. पेट्रोलिंग करने वाली पीसीआर वैन और यातायात पुलिस को निर्देश दिया गया है कि उन पर तत्काल मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाये.
क्या है किकी चैलेंज
एक प्रकार से किकी चैलेंज एक गेम ही है. इसके तहत चलती कार से उतरकर डांस करना होता है. और फिर वापस उसी कार में बैठना भी होता है. इस दौरान कार को ड्राइवर एक हाथ से ड्राइव करता है और दूसरे हाथ से वीडियो बनाता है. कार को स्लोस्पीड में चलाना होता है. यह चैलेंज कनेडियन हिप हॉप सुपरस्टार ड्रेक के लेटेस्ट एलबम के इन माय फिलिंग पर बनाया गया है. यह उस वक्त वायरल हो गया. इसके बाद तो 30 जून को कनेडियन कमेडियन सिग्गी ने एक वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिया.फिर इसके बाद लोग इसे करके अपनी जान खतरे में डालते नजर आ रहे हैं.
रायपुर (वीएनएस) नया रायपुर स्थित पुरखौती मुक्तांगन में 27 करोड़ 27 लाख रुपए की लागत राशि से आदिवासी संग्रहालय तथा आदिम जाति अनुसंधान केन्द्र का निर्माण तीव्र गति से जारी है। इसका निर्माण लोक निर्माण विभाग की ओर से किया जा रहा है। लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने आज यहां बताया कि इसके निर्माण में अब तक लगभग 20 करोड़ रुपए की राशि व्यय हो चुकी है। यह संग्रहालय और अनुसंधान केन्द्र जनजातीय संस्कृति के संरक्षण तथा संवर्धन में बहुत उपयोगी होगा।
नया रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में साढ़े बाईस एकड़ में बनाए जा रहे आदिवासी संग्रहालय तथा आदिम जाति अनुसंधान केन्द्र के अंतर्गत संग्रहालय, प्रशिक्षण केन्द्र और अनुसंधान केन्द्र तथा ऑडिटोरियम आदि भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें निर्माणाधीन प्रशिक्षण केन्द्र के भूतल, प्रथम तल तथा द्वितीय तल का स्ट्रक्चरल कार्य पूर्ण हो गया है और इनके फिनिशिंग का कार्य तीव्र गति से जारी है।
इसी तरह निमार्णाधीन संग्रहालय के भूतल, प्रथम तथा द्वितीय तल का स्ट्रक्चरल कार्य पूर्ण हो गया है। संग्रहालय में लगभग 200 दर्शकों की बैठक क्षमता वाले एक ऑडिटोरियम का निर्माण भी किया जा रहा है। इसका फिनिशिंग कार्य प्रगति पर है। इसमें 800 मीटर लंबाई के बाऊंड्रीवॉल निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है। इसके अलावा 225 मीटर लंबाई के बाऊंड्रीवॉल के निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
::/fulltext::रायपुर. कस्टमर सेटिस्फेक्शन कैटेगरी में रायपुर का स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट फिर देश में नंबर वन बन गया है. देशभर के 51 एयरपोर्ट में माना स्थित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा को चुना गया है.
देश के 51 एयरपोर्ट को पीछे छोड़ते हुए रायपुर एयरपोर्ट ने अपनी यह जगह बनाई. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की हाल ही में जारी सर्वे रिपोर्ट में रायपुर एयरपोर्ट को कस्टमर्स ने सुविधाओं के मामले में सर्वश्रेष्ठ बताया है.
रायपुर शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर माना में बना यह एयरपोर्ट यात्रियों की संख्या की दृष्टि से देश का 28वां सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है. यदि हवाई जहाजों की उड़ानों की संख्या की बात की जाए, तो यह देश में 31वें क्रम पर आता है.
रायपुर एयरपोर्ट के नाम से पहचाने जाने वाले इस एयरपोर्ट का नाम 24 जनवरी 2012 को स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट किया गया था. स्वामी विवेकानंद ने अपनी किशोरावस्था में दो साल रायपुर में बिताए थे और उसी की याद में इसका यह नामकरण किया गया.
::/fulltext::रायपुर. सेवा में 8 साल पूरा कर लेने वाले अप्रशिक्षित शिक्षाकर्मियों को भी पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ मिलेगा. इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव तारन प्रकाश सिन्हा के हस्ताक्षरित ये आदेश जारी हुआ है. शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने इस संबंध में पूर्व में मांग उठाई थी. शिक्षाकर्मी संघ के प्रांतीय नेता वीरेंद्र दुबे ने इस आदेश के बाद सरकार का आभार जताया है
प्रदेश में नॉन बीएड और नॉन डीएड शिक्षाकर्मियों की तादाद भी बहुत रही,जिन्हें हमेशा अपने भविष्य की चिंताएं सताती रही. कही कही तो अप्रशिक्षित होने के कारण कई वर्षों से कई शिक्षाकर्मियों का नियमितीकरण भी अभी तक नही हो पाया है. वही कई जगह उनका इंक्रीमेंट रोक कर केवल न्यूनतम वेतनमान प्रदान किया जा रहा है. जो इनके चिंता का प्रमुख कारण था.
अप्रशिक्षितों ने प्रदेश स्तर पर बैठक कर शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे से पहल कर अपनी समस्या निदान का आग्रह किया था. जिस पर वीरेंद्र दुबे ने उनकी मांगों को प्रमुखता से शासन के समक्ष रखा था. जिसके फलस्वरूप प्रदेश में 8 वर्ष पूर्ण करने वाले अप्रशिक्षित शिक्षाकर्मियों का भी संविलियन करने का आदेश जारी हुआ. कुछ शिक्षाकर्मी वेतन कटौती के मुद्दे पर हाईकोर्ट भी गए थे जहां उन्के पक्ष में निर्णय आया था. किंतु शासन ने उस पारित निर्णय के विरुद्ध डबल बेंच में अपील दायर कर दिया था.
प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेन्द्र शर्मा ने जानकारी दी कि इसके लिए संगठन लगातार शासन के सम्पर्क में रहकर यह मांग करते रहा कि इन्हें भी समयमान, पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ दिया जाए, जिसका आदेश आज जारी हो चुका है. जिसमें कहा गया है की 8 वर्ष पूर्ण कर चुके समयमान और पुनरीक्षित वेतन की पात्रता रखने वाले समस्त अप्रशिक्षित शिक्षाकर्मियों को भी इसका लाभ प्रदान किया जावेगा.
प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि समस्त अप्रशिक्षित शिक्षाकर्मी साथियों के लिए राहत भरी खबर है. इन्हें उचित वेतन प्रदाय नही करना गलत था, अब सबको लाभ मिलेगा. अब मुख्यमंत्री इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था कर इनकी सारी चिंताए खत्म कर दे यही अपील करते हैं. और उम्मीद करते हैं कि जल्द ही इस संबंध में भी जल्द सुखद समाचार प्राप्त होंगे.
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