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वार्डो में नियमित एंटी लार्वा, दवा छिड़काव सुनिश्चित हो.
रायपुर(वीएनएस)। नगर पालिक निगम रायपुर के आयुक्त ने नगर निगम के जोन कमिश्नरों और जोन स्वास्थ्य अधिकारियों की निगम अपर आयुक्त आशीष टिकरिहा, रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के महाप्रबंधक अविनाश भोई, निगम स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बीके मिश्रा, स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी हरेन्द्र कुमार साहू की उपस्थिति में आज निगम मुख्यालय में बैठक लेकर उन्हें रायपुर नगर निगम क्षेत्र में डेंगू के प्रसार की समाज हित में कारगर रोकथाम करने हर संभव व्यवहारिक कदम जनजागरण कर प्राथमिकता के आधार पर उठाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
आयुक्त बंसल ने कहा कि रायपुर शहर के विभिन्न स्थानों पर डेंगू के प्रसार की कारगर तरीके से रोकथाम करना अधिकारी अपनी प्राथमिकता बना लें। उन्होंने नागरिकों के मध्य सतत जनजागरण जोन स्तर पर करके लोगों के घरों में जाकर घरों के कूलर, पानी की टंकी में एकत्रित रूके जल को सफाई करवाना प्राथमिकता से जनस्वास्थ्य सुरक्षा हेतु सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डेंगू का मच्छर ठहरे हुए साफ पानी में उत्पन्न होता है।
इसलिए सभी जोन कमिश्नर व जोन स्वास्थ्य अधिकारी जोन के सभी वार्डो में घरों में टीम ले जाकर लोगों को जागरूक बनाएं और घरों के कूलरों और पानी की टंकियों में एकत्रित रुके हुए जल की सफाई करवाना स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्राथमिकता देकर सुनिश्चित करवाएं।
::/fulltext::रायपुर (वीएनएस)। मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली संचार क्रांति योजना (स्काई) के तहत छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों में चल रहे मोबाइल तिहार में विगत लगभग एक सप्ताह के दौरान एक लाख से ज्यादा लोगों को 4जी स्मार्ट फोन दिए जा चुके हैं। योजना के तहत छह अगस्त को एक दिन में 115 वितरण केन्द्रों में 30 हजार लोगों को स्मार्ट फोन का वितरण किया गया। योजना का यह पहला चरण है। इसके तहत शहरों में 16 अगस्त तक स्मार्ट फोन बांटे जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में 17 अगस्त से 23 सितम्बर तक मोबाइल तिहार मनाया जाएगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले माह की 26 तारीख को बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में संचार क्रांति योजना का शुभारंभ किया था। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 30 जुलाई को राजधानी रायपुर के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में कार्यक्रम में शहरों के लिए मोबाइल तिहार की शुरूआत की थी। मुख्यमंत्री रायपुर सहित दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर और कोरबा में मोबाइल तिहार में शामिल हो चुके हैं। ंउन्होंने प्रतीक स्वरूप कई हितग्राहियों को स्मार्ट देकर सेल्फी लेना भी सिखाया।
छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एलेक्स पॉल मेनन ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 17 अगस्त से 23 सितम्बर तक स्मार्ट फोन वितरण का कार्य शुरू किया जाएगा। प्रत्येक मोबाइल वितरण केन्द्र में कम से कम 8 काउंटर बनाए गए हैं। मोबाइल वितरण केन्द्र में हितग्राहियों को बारकोड युक्त पावती दी जा चुकी है। हितग्राही के आने पर उनका ई-केवाईसी कर मोबाइल का वितरण किया जा रहा है। प्रत्येक काऊंटर में हितग्राहियों की पावती के बारकोड और मोबाइल के बारकोड को स्केन कर मिलान किया जा रहा है और हितग्राही को स्थल पर ही मोबाइल का वितरण किया जा रहा है। मोबाइल वितरण केन्द्रों पर हितग्राहियों को मोबाइल और एप्स संचालन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। बारकोड के कारण वितरण में लगने वाला समय कम हो गया है। वितरणकर्ताओं के साथ-साथ हितग्राहियों के समय की बचत हो रही है। संचार क्रांति योजना शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। अपनी इस योजना के तहत राज्य शासन द्वारा प्रथम चरण में आगामी चार माह में शहरों और गांवों को मिलाकर 37 लाख से ज्यादा लोगों को 4जी स्मार्टफोन का वितरण किया जाएगा। इनमें 32 लाख से अधिक महिलाएं और कॉलेजों के 5 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर राज्य के ऐसे मोबाइल कनेक्टिविटी विहीन गांवों में कनेक्टिविटी देने के लिए 16 सौ नए मोबाइल टावर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। अब तक कुल 556 टावरों की स्थापना की जा चुकी है। ये टॉवर, स्काई योजना के शुरू होने के सिर्फ 3 माह की अवधि में स्थापित किए गए हैं। मोबाइल वितरण से प्रदेश में जेम (जनधन-आधार-मोबाइल) और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की व्यवस्था सुदृढ़ होगी। महिलाओं की ओर से संचालित स्व-सहायता समूहों को नए बाजार ढूंढने और वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनने में भी मोबाइल के उपयोग से सहायता मिलेगी। यह 4-जी स्मार्टफोन युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर खोजने और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में उपयोगी होंगे। मौसम की स्थिति जानने, कृषि उपजों की बाजार दर और फसल के अधिकतम मूल्य की जानकारी के लिए मोबाइल फोन किसानों के लिए उपयोगी होगा। विभिन्न सरकारी सेवाओं के लिए शुल्क का ऑनलाइन भुगतान भी स्मार्ट फोन से किया जा सकेगा।
::/fulltext::रायपुर। प्रदेश के सुकमा जिले में कल हुए 15 नक्सलियों के एनकाउंटर के बाद आज मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की है. दोनों नेताओ की यह मुलाकात कई मायनों में अहम मानी जा रही है. लंबे समय बाद फोर्स ने एक बड़े आपरेशन को अंजाम दिया है.
माना जा रहा है कि सीएम राज्य में चल रहे नक्सल आपरेशन के बारे में केन्द्रीय गृह मंत्री को जानकारी दिए हैं वहीं यह भी माना जा रहा है कि उन्होंने नक्सल आपरेशन को लेकर प्रदेश में जो बड़ी रणनीतिक बदलाव किए गए हैं उनकी समस्त जानकारियों ने उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री को दी है. आपको बता दें कि कल छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में फोर्स ने एक नक्सली कैम्प में हमला कर 15 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया था. वहीं एक महिला समेत दो नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया था. जिसमें देवा नाम का एक 5 लाख रुपए का इनामी नक्सली भी मौजूद था.
इससे पहले केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ में बढ़ते नक्सली हमलों को लेकर चिंता भी जताई थी और मामले को गंभीरता से लेते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इसके लिए एक्शन प्लान भी बनाया था. प्लान को अमलीजामा पहनाने के लिए कई बार गृहमंत्रालय एवं सुरक्षा से जुड़े अधिकारी छत्तीसगढ़ आ चुके हैं उन्होंने राज्य के आला अधिकारियों समेत. प्रदेश में तैनात फोर्सेस के प्रमुखों के साथ भी बैठक की थी. बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह दिल्ली दौरे पर है. कल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद आज उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की.
::/fulltext::नक्सली हर साल गर्मी के मौसम में मई-जून के महीने में टीसीओसी चलाते हैं।
जगदलपुर। नक्सलियों के टीसीओसी (टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैम्पेन) के जवाब में पहली बार फोर्स ने 15 जून को आपरेशन मानसून लॉन्च किया है। इसके तहत बारिश के सीजन में नक्सलियों की मांद में घुसकर उन्हें ललकारा जा रहा है।इस आपरेशन के 53 दिन में अब तक फोर्स को 35 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता मिली है। नक्सली हर साल गर्मी के मौसम में मई-जून के महीने में टीसीओसी चलाते हैं। इसके तहत अपने कैडर को मजबूत करने वे नए रंगरूटों की भर्ती करते हैं। वहीं प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से इस कैडर को हथियार चलाने से लेकर तमाम जानकारियां दी जाती हैं। पहली बार नक्सल मोर्चे पर बुलंद हौसलों के साथ पुलिस ने टीसीओसी की काट के तौर पर आपरेशन मानसून लॉन्च किया।
15 जून से अब तक 53 दिन में पुलिस के हिस्से बड़ी सफलताएं हाथ लगी हैं। इस दौरान फोर्स ने 35 नक्सलियों को ढेर किया है। इनमें कई हार्डकोर व बड़े रकम के इनामी थे। सोमवार को सुकमा जिले के गोलापल्ली क्षेत्र में 15 नक्सलियों को मार गिराने से पहले दंतेवाड़ा पुलिस को 19 जुलाई को बड़ी कामयाबी मिली थी, जब बैलाडीला की तराई पर बीजापुर जिले के तिमेपुर के जंगल में डीआरजी व एसटीएफ के हाथों आठ नक्सली को मार गिराया था।
इसके उलट फोर्स को कम ही नुकसान हुआ है। कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा क्षेत्र में नौ जुलाई को हुई मुठभेड़ में बीएसएफ के दो जवान शहीद हुए थे। वहीं अन्य मुठभेड़ों में इक्कादुक्का बार ही जवान घायल हुए हैं। यह स्थिति पुलिस व सीआरपीएफ के आला अधिकारियों की रणनीति के चलते बनी है। एडीजी नक्सल आपरेशन से लेकर एसपी-कमांडेंट स्तर के अधिकारी सीधे इन ऑपरेशनों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
समर्पण भी कर रहे नक्सली
फोर्स का दबाव बढ़ने से नक्सली समर्पण कर मुख्यधारा में भी लौट रहे हैं। 26 जून को कोंडागांव जिले के बयानार क्षेत्र में सक्रिय तीन लाख की इनामी महिला नक्सली ने समर्पण किया था। इससे पूर्व 18 जून को बस्तर जिले के दरभा क्षेत्र में सक्रिय आठ मिलिशिया सदस्यों ने सीआरपीएफ के 80वीं बटालियन के कैम्प में पहुंचकर समर्पण किया था।
छह जुलाई को सुकमा में आठ लाख की इनामी महिला नक्सली एंकी समेत सात माओवादियों ने समर्पण किया था। वहीं 28 जुलाई को कोंडागांव जिले के मर्दापाल थाना में कुदूर जनताना सरकार अध्यक्ष व बयानार एरिया कमेटी सदस्य तीन लाख के इनामी नक्सली बालकू ने एसपी के समक्ष हथियार डाले थे।
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