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अब हालात बदल रहे हैं। गोलापल्ली कभी वन विभाग का बड़ा डिपो होता था।
रायपुर। कोंंटा से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित गोलापल्ली तक सीधी सड़क नक्शे पर दिखती है लेकिन हकीकत में नहीं है। कोंंटा से बंडा तक ही रास्ता चालू है। इसके आगे नक्सलियों की दहशत है। सड़क जगह-जगह उड़ा दी है। तीन दशकों से इस मार्ग को दोबारा शुरू करने की कोशिश तक नहीं हो पाई थी। अब हालात बदल रहे हैं। गोलापल्ली कभी वन विभाग का बड़ा डिपो होता था। यहां साप्ताहिक बाजार में वनोपज की भरमार होती थी। नक्सलवाद ने बाजार और डिपो सब खत्म कर दिया।
गोलापल्ली थाने में जवान सीआरपीएफ की सुरक्षा में रहते हैं। गोलीबारी की घटना यहां आम है। ऐसे बीहड़ में घुसकर डीआरजी जवानों ने जो हिम्मत दिखाई है वह काबिले तारीफ है। इस घटना के बाद कोंटा से गोलापल्ली के बीच नक्सलियों की दहशत कम होगी।
बस्तर आइजी विवेकानंद ने बताया कि चार अगस्त से ही फोर्स नक्सलियों की तलाश में जंगल का चप्पा-चप्पा छान रही थी। भरी बरसात में जवान उन जंगलों में घूम रहे होंगे जहां बाहरी दुनिया के कदम नहीं पड़ते यह नक्सलियों ने कल्पना भी नहीं की थी।
शहीदी सप्ताह के दौरान 28 जुलाई से तीन अगस्त तक फोर्स ने लगातार इस इलाके में गश्त की। अंदर ही इनपुट मिला कि नकुलतोंग गांव में नक्सलियों ने कैंप लगा रखा है। इसके बाद जल्दबाजी नहीं की गई। ऑपरेशन प्लान किया गया। कोंटा और भेज्जी से डीआरजी जवानों को दबे पांव उस इलाके में रवाना किया गया। जहां मुठभेड़ हुई है उसके नजदीक मुरलीगुड़ा में सीआरपीएफ का कैंप है। मुठभेड़ के पहले तक मुरलीगुड़ा के जवानों को भी इस ऑपरेशन की भनक नहीं लग पाई।
ऑपरेशन खत्म होने के बाद जब शव निकालने की बारी आई तब रोड ओपनिंग के लिए सपोर्ट पार्टी के रूप में मुरलीगुड़ा से फोर्स बुलाई गई। आइजी विवेकानंद ने कहा-हम लगातार अंदर घुस रहे हैं। बरसात में उन इलाकों में अभियान चलाया जा रहा है जो पहुंचविहीन कहे जाते हैं। इसी का नतीजा है यह बड़ी सफलता। कोंटा-गोलापल्ली मार्ग पर स्थित बंडा गांव में नगा बटालियन ने कैंप बनाया था। 2008 में इसी रास्ते पर नक्सलियों ने बारूदी सुरंग के विस्फोट से नगा जवानों की गाड़ी उड़ा दी थी। घटना में दस जवान मारे गए। इसके बाद बंडा का कैंप बंद कर दिया गया। हाल के दिनों में फोर्स अंदर पहुंची है। इसके बाद वहां से आगे मुरलीगुड़ा में कैंप बनाया गया है।
::/fulltext::राज्य में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक की सुप्रीमो रहीं जे. जयललिता को मरीना बीच पर ही दफनाया गया था।
चेन्नई। देश के वयोवृृद्ध नेता और तमिलनाडु से लेकर केंद्र तक की सियासत में लंबे समय तक बड़ी भूमिका निभाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मुत्तुवेल करुणानिधि का अंतिम संस्कार मरीना बीच पर ही होगा। बुधवार सुबह मद्रास हाई कोर्ट ने करीब तीन घंटे चली सुनवाई के बाद इस पर फैसला दिया। इससे पहले राज्य सरकार ने करुणानिधि को दफनाए जाने के लिए मरीना बीच पर जगह देने से इन्कार कर दिया था। राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ रात में ही द्रमुक मद्रास हाई कोर्ट चली गई थी। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चेन्नई पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।
गौरतलब है कि राज्य में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक की सुप्रीमो रहीं जे. जयललिता को मरीना बीच पर ही दफनाया गया था। द्रविड़ नेताओं को दाह संस्कार के बजाय दफनाने की लंबी परंपरा रही है। यहां तक कि अन्ना दुरई और एमजीआर सहित ज्यादातर द्रविड़ नेता दफनाए ही गए।करुणानिधि पिछले 10 दिनों से चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती थे। मंगलवार शाम छह बजकर दस मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। पार्थिक शरीर को कावेरी अस्पताल से गोपालपुरम आवास ले जाया गया। बुधवार सुबह राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। पूरे तमिलनाडु से जुट रहे द्रमुक समर्थकों की संख्या को देखते हुए पुलिस हाई अलर्ट पर है।
करुणानिधि 94 साल के थे। वह अपने पीछे दो पत्नियां, छह पुत्र-पुत्रियां छोड़ गए हैं। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन उनके बेटे हैं। उनकी बेटी कनीमोरी राज्यसभा की सदस्य हैं। द्रमुक प्रमुख करुणानिधि पांच बार मुख्यमंत्री रहे।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताते हुए कहा, 'कलैनार के नाम से लोकप्रिय नेता का जाना अपूरणीय क्षति है।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है। तमिलनाडु सरकार ने बुधवार को छुट्टी और राज्य में सात दिनों के शोक की घोषणा की है। दिल्ली और देश की राजधानियों में भी उनके सम्मान में बुधवार को राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
करुणानिधि के अंतिम दर्शन के लिए प्रधानमंत्री मोदी चेन्नई पहुंच चुके हैं। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी चेन्नई पहुंचेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य नेता भी बुधवार को ही पहुंचेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, हमेशा याद रखेगा देश प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'करुणानिधि के निधन से गहरा धक्का लगा। वह देश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक थे। हमने जमीन से जुड़े एक नायक को खो दिया है। लोकतंत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध नेता को आपातकाल के खिलाफ कड़े विरोध के लिए याद किया जाएगा।'
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रायपुर (वीएनएस)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लोगों को जल्द ही संपत्तिकर के साथ नया टैक्स चुकाना होगा। अब संपत्तिकर के साथ डोर-टू-डोर कलेक्शन के लिए यूज़र चार्ज भी जोड़कर लिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक़ इस प्रस्ताव को नगर निगम आयुक्त एमआईसी की अगली बैठक में प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद से यूजर चार्ज हर साल वसूल किए जाने वाले निगम के टैक्स में जोड़कर ही वसूला जाएगा।
रायपुर नगर निगम कमिश्नर रजत बसंल ने बताया कि यूजर चार्ज वसूलने के लिए नगर निगम को स्टाफ की कमी झेलनी पड़ रही थी। जबकि टैक्स के साथ जोड़ने में रायपुर के सभी रिहायशी और कॉमर्शियल इलाके से यूजर चार्ज मिलेगा। वहीं जानकारों का कहना है कि सफाई के बदले लोगों से यूजर चार्ज वसूलने वाले प्रस्ताव का निगम के पार्षद विरोध कर रहे थे, लेकिन निगम के अधिकारियों ने इसे वसूलने का नया रास्ता निकाल लिया है।
जानकारों की मानें तो अगर किसी कारणवश यह प्रस्ताव एमआईसी में खारिज हो जाता है तो संपत्तिकर में वृद्धि वाले प्रस्ताव की तरह इस प्रस्ताव को भी राज्य शासन के माध्यम से लागू करवा लिया जाएगा। यानी की अब रायपुर निवासियों को हर हाल में यूजर चार्ज के नाम पर नया टैक्स देना पड़ेगा।
::/fulltext::रायपुर (वीएनएस)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह 9 अगस्त को राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में सवेरे 10 बजे होने वाले ‘विश्व आदिवासी दिवस’ समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री विष्णुदेव साय कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। विश्व आदिवासी दिवस 2018 आयोजन समिति रायपुर के इस समारोह में केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम अति-विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री रामसेवक पैकरा, आदिम जाति विकास मंत्री केदार कश्यप, वन मंत्री महेश गागड़ा, लोकसभा सांसद दिनेश कश्यप, विक्रम उसेण्डी और कमलभान सिंह, राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम, राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय, संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी, सुनीता राठिया, चम्पादेवी पावले और शिवशंकर पैकरा, बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भोजराज नाग, सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजशरण भगत, विधायक अमरजीत भगत, मनोज मंडावी, मोहन मरकाम, संतराम नेताम, लखेश्वर बघेल, दीपक बैज, बृहस्पति सिंह और शंकर सिंह धुर्वा, छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम की अध्यक्ष लता उसेण्डी, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष जी.आर.राणा, उपाध्यक्ष विकास मरकाम, लोक सेवा आयोग के सदस्य मोहन मंडावी, अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य रामकिशुन सिंह, राज्य युवा आयोग के सदस्य रघुराज सिंह उईके और छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज की पूर्व अध्यक्ष जया लक्ष्मी ठाकुर विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी।
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