Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
गरियाबंद. मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के घोषणा पर आज संसदीय सचिव ने सुपेबेड़ा पहुंचकर 96 प्रभावित परिवार को 50-50 हजार रुपए का चेक दिया है. साथ ही संसदीय सचिव ने सुपेबेड़ा वासियों को विश्वास दिलाया है कि उनकी सभी समस्या का निदान हो रहा है.
किडनी रोग से प्रभावित परिवारों को किया चेक प्रदान
आज क्षेत्रीय विधायक एवं संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी सुपेबेड़ा पहुंच कर किडनी रोग से प्रभावित 96 परिवार को 50-50 हजार का चेक प्रदान किया. उन्होंने सम्बोधन में कहा कि यह राशि पीड़ित परिवार को सम्बल प्रदान करेगी. मांझी ने कहा कि गांव में किडनी रोगी न हो इसके लिये विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं. शुद्ध जल प्रदान करने 2 करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च किये गए हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ हो उसके लिये मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत सभी परिवार को रोजगार मूलक व्यवसाय हेतु प्रशिक्षण दिए गए हैं. किडनी पीड़ितों के इच्छा के अनुरूप उन्हें बड़े निजी अस्पताल में स्वस्थ्य सुविधा मीले इसके लिये संजीवनी सहायता कोष के तहत पंजीयन कर स्वास्थ्य लाभ भी दिया जा रहा है. जल्द ही 37 लाख लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण सुपेबेड़ा में होगा. सरकार बीमारी के कारणों का पता लगाने हर सम्भव प्रयास कर रही है. पीड़ितों को किसी भी हाल मायूस नहीं होने का हौसला देते हुए मांझी ने कहा सरकार सदैव पीड़ितों के साथ है. ग्रामीणों की मांग पर माँझी ने ढाई लाख रुपए रंग मंच हेतु देने की घोषणा भी की है.
बहकावे में न आने ग्रामीणों को दी नसीहत
मांझी ने सरकारी प्रयासों को गिनाने के बाद कहा कि सुपेबेड़ा के लोगो को बहकाने के लिये कई लोग आ रहे है. जिनके हांथ में पीड़ितों को देने के लिये कुछ भी नहीं है. ऐसे लोग केवल राजनीतिक रोटी सेकने आ रहे है. इनसे दूर रहने की अपील करते हुए मांझी ने ग्रामीणों से कहा कि सरकार के प्रयास में कोई कमी रह गई हो तो सीधे हमें बताये, क्योकि समाधान का रास्ता भी सरकार के पास ही है. हम पूरी ईमानदारी से सुपेबेड़ा की समस्या दूर करने में लगे है. जिसमें ग्रामीणों का भी पूरा सहयोग चाहिए.
आबादी पट्टा देकर बोले- आपकी संपत्ति की अब गारंटी हो गई
संसदीय सचिव ने आज सुपेबेड़ा में 594, झाखरपारा में 427 व मंडागाव में शिविर लगाकर कुल 11 गांव के 1611 लोगों को आबादी पट्टा का वितरण किया. मांझी ने कहा कि अब आपकी सम्पत्ति आपकी हो गई इसकी ग्यारंटी सरकार ने दे दिया है. आबादी जमीन के पट्टे के अभाव में लोगों को कई सरकारी योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा था, अब से ये लाभ भी मिलेगा. इस पट्टे से किसान व आम हितग्राहीयों के समक्ष आर्थिक उन्नति के कई रास्ते भी खुलेंगे.
एसडीएम और तहसीलदार भी रहे मौजूद
इस आयोजन में इलाके के एसडीएम निर्भय साहू,तहसीलदार शरद चन्द्र यादव के अलावा बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता व पदाधिकारी गन मौजूद थे.
50 हजार सहायता राशि देने सीएम ने की थी घोषणा
प्रदेश के मुखिया सीएम रमन सिंह लोकसुराज अभियान के तृतीय चरण के तहत गरियाबंद जिले के ग्राम माड़ागांव में पहुंचे थे, जहां उन्होंने आयोजित समाधान शिविर में सुपेबेड़ा के किडनी की बीमारी से प्रभावित 96 विधवा परिवार को 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की थी. जिसके बाद आज इन प्रभावित परिवारों को इस राशि का चेक वितरित किया गया.
किडनी की बिमारी से 65 से ज्यादा लोगो की हो चुकी हैं मौत
गौरतलब है कि सुपेबेड़ा के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने के चलते अधिकतर रहवासी किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं. हालात ऐसे हैं कि हर घर का एक सदस्य किडनी की बीमारी से पीड़ित है. दो साल में अब तक 65 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. गांव में अब भी सौ से ज्यादा लोग किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं. उनके उचित उपचार के लिए अब तक कोई बड़ी पहल नहीं की गई है. बावजूद इसके प्रशासन के अधिकारी यहां आते हैं और वादे करके चले जाते हैं, लेकिन अफसरों के वादे आज तक अमल में नहीं लाया जा सका. जिससे सूपेबड़ा में किडनी की बिमारी से मौत का सिलसिला लगातार जारी है.
::/fulltext::गरियाबंद. पीएचई विभाग की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है. गरियाबंद जिले के स्कूलों में लगे हैंडपंप पानी के साथ बीमारी उगल रहे है. देवभोग विकासखंड में संचालित 217 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में लगे 154 हैंडपंप में 74 हैंडपंपों का पानी पीने लायक नहीं है. इसकी जानकारी पहले से ही अधिकारियों को है, लेकिन प्रशासन द्वारा इसकी कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है. यहां तक की 3800 से ज्यादा बच्चों के दांत पीले पड़ गए है. और कमजोर हो गए हैं.
74 हैंडपंप में लाल रंग का निशान
बता दें कि दो माह पहले से प्रशासन वहां के 217 स्कूलों के हैंडपंप के पानी की जांच कार्रवाई थी. पहले चरण नें 64 सैंपल में से 35 में आयरन फ्लोराइड की मात्रा अधिक पाई गई थी. जुलाई के पहले सप्ताह में 217 स्कूलों के उपयोग में आने वाले 154 पानी के स्त्रोतों की जांच की गई है. जिसमें 74 स्त्रोत का पानी पीने योग्य नहीं पाया गया है. पीएचई विभाग का एसडीओ बीआर टंडन ने बताया कि सभी 74 हैंडपंप में लाल रंग का निशान लगाकर पानी को पीने के उपयोग में नहीं लाने की सलाह दी गई है.
हैंडपंपों में फ्लोराइड और आयरन की मात्रा कई गुना ज्यादा
पीएचई विभाग की जांच में इसका खुलासा हुआ है. इन हैंडपंपों में फ्लोराइड और आयरन की मात्रा कई गुणा ज्यादा पाई गई है. विभाग ने इन हैंडपंपों का पानी पीने पर तत्काल रोक लगा दी है. इन हैंडपंपों से पानी पीने वाले बच्चों पर इसका असर साफ देखा जा सकता है. 3800 से ज्यादा बच्चों के दांत पीले पड़ गये है और कमजोर हो गए है. विभाग ने इन हैंडपंपों का पानी पीने पर तो रोक लगा दी, मगर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर आसपास के हैंडपंपों का पानी उपयोग करने की बात कहकर अपने हाथ खड़े कर लिए है.
गांव में लगे दूसरे हैंडपंपों की नहीं हुई है जांच
वहीं आचानक हैंडपंपो के पानी से शरीर को नुकसान होने की बात सुनकर शिक्षकों के भी हाथ पांव फूल गये, स्कूलों में इस तरह की समस्या से निपटने का कोई फंड ना होने के कारण स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को अपने घरों से पानी लाने का निर्देश दिया है. जिन गांव के स्कूलों में लगे हैंडपंपों का पानी दूषित पाया गया है. हो सकता है उस गॉव में लगे दूसरे हैंडपंपो का पानी भी स्वच्छ ना हो, विभाग द्वारा अब तक इनकी कोई जॉच नहीं की गई है. हर साल शुद्ध पेयजल के नाम पर करोड़ो रुपये खर्च करने वाला पीएचई विभाग लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने में लगा है. ऐसा में बड़ा सवाल उठता है कि सरकार इस समस्या का समाधान कैसे और कितनी जल्दी निकालती है. ये देखने वाली बात होगी. यहां तक पीएचई विभाग के मुताबिक इसकी चपेट में कई गांव आ चुके है.
गौरतलब है कि जिले में पानी की समस्या पहले ही खतरनाक स्थिति में है. इसी जिले के सुपेबेड़ा गांव में खराब पानी पीने के चलते लोग किडनी की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं. और कई लोगों की इस गांव में इस बीमारी के चलते मौत भी हो चुकी है. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में हैंडपंप से गंदा और नुकसानदायक पानी निकल रहा है और विभाग उश पर टालमटोल करता नजर आ रहा है ये बेहद अफसोसजनक है.
::/fulltext::रायपुर। संचार क्रांति योजना के तहत मोबाइल तिहार की शुरुआत करने पहुंची बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के घर पहुंची. जहां उन्होंने उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात किया.
इस दौरान वे मुख्यमंत्री की पत्नी वीणा सिंह उनकी बेटी अश्मिता सिंह और बहु ऐश्वर्या सिंह के साथ परिवार की सदस्य की तरह घुल मिल गई. उन्होंने मुख्यमंत्री की पोती को भी गोद में लेकर खूब खिलाया.
इसके साथ ही कंगना ने अपनी सुरक्षा में तैनात महिला पुलिस कर्मियों का भी दिल नहीं तोड़ा. उन्होंने उनके साथ भी कंगना ने फोटो खिंचवाया. कंगना के इस तरह अपने साथ फोटो खिंचवाने से महिला पुलिस कर्मी काफी खुश नजर आई. उनके लिए यह पहला मौका था जब राजधानी पहुंची किसी बॉलीवुड स्टार ने उनके साथ फोटो शूट करवाया.
::/fulltext::