Friday, 07 February 2025

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स्‍कैल्‍प सोरायसिस कोई संक्रामक रोग नहीं है बल्कि वंशानुगत है.....






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स्‍कैल्‍प सोरायसिस एक सामान्‍य रोग है जिसमें सिर की त्‍वचा पर लाल और परतदार पैचेज़ पड़ जाते हैं। इसमें एक बड़ा या कई छोटे पैचेज़ हो सकते हैं। ये पैचेज़ बालों से ढके रहते हैं लेकिन धीरे-धीरे माथे, गर्दन और कानों के पीछे तक पहुंच जाते हैं। चिकित्सा के इतिहास में अब तक स्‍कैल्‍प सोरायसिस की कोई जानकारी नहीं है। ये कोई संक्रामक रोग नहीं है बल्कि वंशानुगत है। अगर आपके परिवार में किसी को स्‍कैल्‍प सोरायसिस रहा है तो आपकी इसके चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है।

स्‍कैल्‍प सोरायसिस के लक्षणों में स्‍कैल्‍प पर स्‍केली और पैची स्किन, खुजली और डैंड्रफ होना आदि शामिल है। स्‍कैल्‍प सोरायसिस की वजह से बाल नहीं झड़ते हैं। अगर आपको स्‍कैल्‍प सोरायसिस है तो किसी डर्मेटोलॉजिस्‍ट से तुंरत संपर्क करें। डॉक्‍टर आपको स्‍टेरॉएड, तेल या लोशन बताएंगे जो आपको स्‍कैल्‍प सोरायसिस से तो बचालेंगें लेकिन आपके बालों की सेहत को खराब कर सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप स्‍कैल्‍प सोरायसिस का ईलाज घरेलू नुस्‍खों से करें।

Scalp Psoriasis

 तो चलिए जानते हैं स्‍कैल्‍प सोरायसिस के घरेलू नुस्‍खों के बारे में...

एप्‍पल सिडर विनेगर

एप्‍पल सिडर विनेगर में एंटी-बैक्‍टीरियल गुण मौजूद होते हैं। ये स्‍कैल्‍प सोरायसिस के कारण हुए लालपन, छालों और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसमें एंटीसेप्टिक यौगिक भी होते हैं जो संक्रमण से बचाते हैं। दो चम्‍मच एपपल सिडर विनेगर को आधे कप पानी में डालें। इससे जलन कम होगी। इसे 20 मिनट तक प्रभावित हिस्‍से पर लगाएं। सप्‍ताह में दो बार इसे लगाएं। गुनगुने पानी से सिर धो लें।

एलोवेरा

एलोवेरा जैल को स्‍कैल्‍प पर लगाने पर ठंडक मिलती है। ये खुजली और जलन से राहत दिलाता है। इसमें एंटी इंफ्लामेट्री और एंटीसेप्‍टिक यौगिक होते हैं जो नैचुरली सोरायसिस को ठीक करने में मदद करते हैं। ताजा एलोवेरा जैल लें और उसमें लैवेंडर ऑयल मिलाएं। इसे लगाने के बाद पानी या मेडिकेटेड शैंपू से बालों को धो लें।

स्‍कैल्‍प सोरायसिस के घरेलू नुस्‍खों में नारियल तेल भी बहुत असरकारी होता है। ये स्किन पैचेज़ को कम करता है और स्‍कैल्‍प इसे आसानी से सोख लेता है जिससे सूखापन और पैचेज़ नहीं बनते हैं। नारियल तेल को हल्‍का सा गर्म करके सिर पर लगाएं। इससे मालिश करें और सुबह बालों को धो लें। नारियल तेल की जगह पुदीने का तेल, टी ट्री ऑयल, सरसों का तेल और लैवेंडर ऑयल भी लगाएं।

डैड सी सॉल्‍ट

ये कई त्‍वचा विकारों को ठीक करने में मदद करता है। ये त्‍वचा को आराम और ठंडक पहुंचाता है। गुनगुने पानी में डैड सी सॉल्‍ट डालें और 15 मिनट के लिए इसे अपने बालों पर लगाएं। इससे खुजली और स्‍केल हट जाएंगें।

योगर्ट

योगर्ट त्‍वचा को मॉइश्‍चराइज़ करता है। ये स्‍कैल्‍प की खुजली और सूखेपन को घटाता है। योगर्ट मृत त्‍वचा कोशिकाओं को हटाकर त्‍वचा को एक्‍सफोलिएट करता है। स्‍कैल्‍प पर आधे घंटे तक योगर्ट को लगाएं और मसाज करें। किसी एंटीसेप्टिक शैंपू से सिर धो लें।

 अदरक

अदरक में औषधीय और एंटी इंफ्लामेट्री यौगिक होते हैं। इसमें एंटी माइक्रोबियल यौगिक भी होते हैं जो संक्रमण से बचाते हैं। स्‍कैल्‍प सोरायसिस में अदरक को घरेलू नुस्‍खे के तौर पर इस्‍तेमाल किया जा सकता है। पानी में अदरक के एक टुकड़े को उबालें। पानी को दानकर इसमें शहद और नींबू डालें और इसे ठंडा होने के लिए रख दें। बाद में इससे सिर धो लें।

शिया बटर

शिया बटर में विटामिन ए, विटामिन ई और ट्राईग्लिसराइड होते हैं जो सिर की त्‍वचा को पोषण और नमी प्रदान करते हैं। शिया बटर मृत और स्‍केली त्‍वचा को हटाने में मदद करता है। ये स्‍कैल्‍प सोरायसिस के साथ-साथ शरीर पर सोरायसिस को भी ठीक कर सकता है। शिया कटर को पिघलाकर उससे स्‍कैल्‍प पर मसाज करें और रातभर के लिए छोड़ दें। इसे सप्‍ताह में दो बार करें।

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अब ट्रैफिक नियमों का किसी भी तरह से उल्लंघन करने पर ई-चालान खुद ही जनरेट हो जाएगा.....

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रायपुर। यह खबर उन सभी लोगों के लिए है जो ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते. अगर आप भी उनमें से एक हैं तो आज से ही सावधान हो जाइये. अब पुलिस की तीसरी दृष्टि से ऐसे लोग बिल्कुल भी नहीं बच पाएंगे. अब ट्रैफिक नियमों का किसी भी तरह से उल्लंघन करने पर ई-चालान खुद ही जनरेट हो जाएगा और उल्लंघन करने वाले वाहन चालक के घर स्पीड पोस्ट से भेज दिया जाएगा. 

इसके साथ ही वाहन चालक को एसएमएस एवं मैनुअल भी ई-चालान भेजा जाएगा. जिसके लिए आरटीओ से भी लिंक किया गया है ताकि समय-समय पर वाहन के डेटाबेस की जानकारी अपडेट होती रही. यही नहीं ऐसे वाहन चालकों के लायसेंस भी निरस्त किये जा सकते हैं. दरअसल दुर्ग में आईटीएमएस याने कि इन्ट्रीगेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत हो गई है. इसके साथ ही दुर्ग जिला प्रदेश का ऐसा पहला जिला बन गया है जहां इस सिस्टम को लागू कर दिया गया है. प्रथम चरण में 126 कैमरे लगाए गए हैं जिसका खर्च तकरीबन 5 करोड़ रुपए आया है.

दुर्ग के एएसपी ट्रैफिक विजय अग्रवाल ने बताया कि शुरुआती 10 दिन वाहन चालकों को ऐसी कार्रवाई से बचने के लिए जागरुक करने ट्रैफिक पुलिस द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को जानकारी दी जा रही है. इस अभियान के समाप्त होने के बाद ट्रैफिक विभाग यातायात नियमों को लेकर सख्ती बरतना शुरु कर देगा. इसके अलावा जो लोग चालान का पैसा जमा नहीं करेंगे उनके प्रकरण न्यायालय में पेश किए जाएंगे. वहीं इस सिस्टम के माध्यम से ऐसे वाहन चालकों का डेटाबेस भी पुलिस द्वारा तैयार किया जा रहा है जो एक बार से अधिक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर चुके हैं. ऐसे वाहन चालकों का लायसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी.

ऐसे किया जा रहा है जागरूक

यातायात सिग्नल का उल्लंघन करने, मोटर सायकल में तीन सवारी, बिना हेल्मेट के दो पहिया वाहन चलाने एवं गलत नंबर प्लेट का डिटेन्शन कैमरों के जरिए आटो मैटिक चालान जनरेट हो जाएगा. आईटीएमएस के प्रथम चरण में कुल 126 कैमरे दुर्ग-भिलाई के प्रमुख 11 अलग-अलग चौक चौराहों पर लगाया गया है.  इसके साथ ही 78 कैमरे, नंबर प्लेट रीडर, 33 सर्विलांस कैमरे, 8 कैमरे रेड लाइट वायलेशन डिटेक्टर एवं 7 कैमरे 360 डिग्री पर घूमने वाले पीटी 2 कैमरे लगाए गए हैं. जो कैमरे लगाए गए हैं वे सभी नाइट विजन कैमरे हैं. इन कैमरों से रात में भी स्पष्ट तस्वीरें आएंगी.

जो कैमरे लगाए गए हैं उनका मास्टर कंट्रोल पुलिस कंट्रोल रुम में ही बनाया गया है. दूसरे चरण में 48 अन्य चौक-चौराहों में ये कैमरे लगाए जाएंगे. इन कैमरों के लग जाने से दिन-रात चौबीस घंटे पुलिस की नजर सड़क पर रहेगी. सिग्नल वायलेंस या फिर और किसी तरह से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने पर आटोमेटिक तरीके से चालान जनरेट हो जाएगा. उसके साथ ही इससे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर भागने वालों को ट्रेस करने में भी पुलिस को आसानी रहेगी. ये जो कैमरे लगाए गए हैं उन 126 कैमरों में 78 कैमरे नंबर प्लेट पढ़ने वाले, 33 कैमरे सर्विलांस यानि कि निगरानी करने वाले कैमरे हैं. बाकि के कैमरे की नजर रेड लाइट वायलेशन डिटेक्टर एवं PTZ वाले कैमरे हैं.

ये भी होगा फायदा

अक्सर देखा गया है कि ट्रैफिक पुलिस नियमों का उल्लंघन करने पर जिन्हें रोकती है उनसे उनकी तीखी बहस भी होती है. गलती करने वाले वाहन चालक पुलिस को ऊंची पहुंच का धौंस दिखाते हैं और किसी न किसी वीआईपी से फोन कराकर उन पर चालानी कार्रवाई नहीं करने का दबाव भी डालते हैं. अब आईटीएमएस के शुरुआत हो जाने से पुलिस को इस तरह की चीजों से मुक्ति मिल जाएगी. यहां तक की वीआईपी भी नियमों का उल्लंघन करेंगे तो उनके घर भी ई-चालान पहुंच जाएगा लेकिन अपना रौब दिखाने काफी देर हो चुकी होगी.

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