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मेथी को हम लोग खाना बनाने में भी इस्तेमाल करते हैं। यह अक्सर सभी लोगों के घर में मौजूद रहती है। मेथी सेहत के लिए एक अचूक औषधि का काम करती है। और प्राचीन काल से मेथी का इस्तेमाल आयुर्वेद में होता आ रहा है। मेथी के दाने को रात में भिगोकर सुबह खाली पेट चबा-चबाकर खाने और बचा हुआ पानी पीने से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स में फायदा होता है। मेथी में कई प्रकार के गुण और पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैसे कैरोटीन, कॉपर, जिंक, सोडियम, फोलिक एसिड और मैग्नीशियम आदि।
ब्लड प्रेशर के लिए
जो लोग हाई ब्लड प्रेशर से परेशान हैं तो उनके लिए भीगी मेथी बहुत फायदेमंद होती है। अगर वे रात के समय में सोया और मेथी को पानी में भिगोकर रखते हैं और अगले दिन पांच ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम दोनों समय पीते हैं तो इससे उनके शरीर में रक्त का संचार ठीक तरह से होगा और ब्लड प्रेशर से भी उन्हें राहत मिलेगी।
स्पर्म काउंट बढ़ाता है
मेथी के भीगे हुए दानों को नियमित खाने से ये पुरुषों में इंफर्टिलिटी जैसी समस्या खत्म होती है। इससे स्पर्म काउंट और क्वालिटी भी बेहतर होती है।
गेस्टिक प्रॉब्लम को रखता है दूर
मेथी के दानें शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालकर किडनी को हेल्दी रखते हैं। इसके अलावा ये गैस्टिक प्रॉब्लम को भी दूर करता है जैसे जलन और एसिडिटी।
वजन घटाने में
बहुत ही जल्दी वजन को घटाने का काम करती है भीगी मेथी। यदि आप सुबह के समय में मेथी के रात में भिगोए गए पानी का सेवन करते हो तो इससे वजन तो घटेगा ही साथ आपको किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं लगेगी। यह रोगों से आपको मुक्त रखती है।
बवासीर के लिए
बवासीर एक गंभीर बीमारी है। जिससे रोगी को बहुत परेशानी होती है। इस बीमारी को खत्म करने में। आप मेथी और सोया को रात में भिगो लें और फिर इन्हें सुबह के समय में पीसकर इसके रस को पीएं। इससे आपको बवासीर में लाभ मिलेगा। यही नहीं आप भीगी मेथी के दानों को बवासीर के मस्सों पर भी लगा सकते हो।
शुगर को करता है कंट्रोल
मेथी दानों में मौजूद सॉल्यूबल फाइबर्स ब्लड शुगर को कंट्रोल करके डायबिटीज को कंट्रोल करता है।
अगर आपको मुंहासों की समस्या है और आपको हेयरफॉल भी हो रहा है तो बालों में मेथी के दानों को भिगोकर इसके पेस्ट को लगाए। इससे बाल मजबूत बनेंगे और जल्दी सफेद भी नहीं होंगे। खाली पेट मेथी के दाने खाने से चेहरे के सारे कील मुंहासे दूर हो जाते हैं।
आर्थराइटिस के लिए
आपको बता दें की मेथी एक साथ कई रोगों का उपचार भी करती है। जी हां, जो लोग हड्डियों की समस्या यानि की आर्थराइटिस और दर्द खासकर की साइटिक का। अगर आप अदरक के चूर्ण जिसे सोंठ कहा जाता है उसमें एक ग्राम की मात्रा में मेथी के चूर्ण को मिलाकर गरम पानी के साथ इसका सेवन दिन में दो बार करते हो तो इससे आपको इन सभी समस्याओं से निजात मिलेगा।
::/fulltext::रायपुर. प्रदेश के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन के निधन के प्रदेश में शोक की लहर है. वे अपने दौरे के विभिन्न तस्वीरे अक्सर सोशल मीडिया में पोस्ट करते थे. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने राज्य की प्रथम महिला की फोटो पोस्ट करते हुए यह लिखा था कि ‘जिसका मन सच्चा और कर्म अच्छा है वही भगवान का सच्चा भक्त है और ऐसे लोगों पर ईश्वर की कृपा हमेशा बनी रहती है’ इस फोटो में वे अपने हाथ में कृष्ण भगवान की मूर्ति रखे हुए है. वहीं कुछ दिनों पहले अपने एक पारिवारिक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ शादी समारोह में भी नजर आ रहे है, जिसमें उनके परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद है.
रायपुर. राज्यपाल बलरामजी दास टंडन की निधन के बाद राजनीतिक जगत में शोक की लहर है. बलरामजी दास टंडन के निधन पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, छत्तीसगढ़ जनता पार्टी के प्रमुख अजीत जोगी ने गहरा दुख प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है.
मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने बलरामजी दास टंडन के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि स्वर्गीय टंडन ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में विगत लगभग चार वर्षाें तक प्रदेश को अपनी मूल्यवान सेवाएं दी. सीएम ने कहा मुझे तो ऐसा लग रहा है कि हम सबने अपने राज्य के अभिभावक को हमेशा के लिए खो दिया है. जेसीसीजे के प्रमुख अजित जोगी ने भी राज्यपाल बलराम दास टण्डन के निधान पर शोक जताते हुए कहा कि सरल और सुलझे हुए व्यक्ति थे. राजभवन में शाम 4 बजे तक पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. उसके बाद राज्यपाल बलरामजी दास टंडन के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव ले जाया जायेगा.
बलरामजी दास टंडन 92 साल के थे. सुबह कार्डियक अरेस्ट के बाद उन्हें राजभवन के एंबुलेंस से अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें डॉक्टरों ने लाइफ सपोर्ट सिस्टम में रखा गया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने उनके निधन की आधिकारिक घोषणा की है. राज्यपाल के पार्थिव शरीर को राजभवन पहुंचाया जा रहा है. उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए राजभवन में रखा जाएगा.
बता दें कि बलरामजी दास टंडन का जन्म 1 नवंबर 1927 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था. उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी. इसके पश्चात वे लगातार सामाजिक और सार्वजनिक गतिविधियों में सक्रिय रहे. निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा और जनकल्याण के कार्यो की वजह से टण्डन पंजाब की जनता में काफी लोकप्रिय रहे है.
::/fulltext::रायपुर 14 अगस्त 2018 राज्यपाल बलरामदास टंडन के निधन का एलन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने 7 दिन का राजकीय अवकाश घोषित किया सीएम बोले बलराम दास टंडन अब हमारे बीच में नहीं रहे । उनका निधन छत्तीशगढ़ राज्य के लिए, ओर पूरे देश के लिए बहुत बड़ी छती है। पंजाब विधानसभा मे 6 बार सदस्य रहे। उसके बाद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के रूप में भी बहुत बड़ी भूमिका अदा की। बहुत बड़ी भूमिका रही है। आज शाम तक इनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उसके बाद शाम 5: 30 बाजे गॉड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ भेज दिया जाएगा।
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