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रायपुर। भारत सरकार भगवान राम के वनगमन मार्ग को आस्था और पर्यटन के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। इसे रामायण टूरिज्म सर्किट नाम दिया गया है। रामायण सर्किट में छत्तीसगढ़ को शामिल नहीं किया गया है जबकि भगवान राम इसी रास्ते से श्रीलंका तक गए थे।
::/introtext::भगवान राम छत्तीसगढ़ (तत्कालीन दक्षिण कोसल) के रास्ते तेलंगाना के भद्राचलम से होते हुए रामेश्वरम तक गए थे। इसके काफी प्रमाण हैं। छत्तीसगढ़ में भगवान से राम से जुड़े कई स्थल मिलते हैं। छत्तीसगढ़ को भगवान राम की ननिहाल भी माना जाता है।
राम से जुड़े इतने साक्ष्यों के बावजूद रामायण सर्किट में छत्तीसगढ़ को स्थान नहीं मिल पाया। अब छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड ने दंडकारण्य सर्किट का नया प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने रामायण सर्किट को विकसित करने की कई योजनाएं शुरू की हैं। इसके तहत दिल्ली से अयोध्या होकर रामेश्वर तक सीधी ट्रेन सेवा की शुरूआत इस साल 14 नवंबर से की जा रही है।
यह ट्रेन प्रयाग, वाराणसी होते हुए बिहार के नंदीग्राम, सीतामढ़ी, जनकपुर, मध्यप्रदेश के चित्रकूट, महाराष्ट्र के नासिक, कर्नाटक के हम्पी होते हुए रामेश्वर तक जाएगी। ट्रेन इन स्टेशनों पर या इसके आसपास के स्टेशनों पर रूकेगी।
राम से जुड़े स्थलों तक पर्यटकों को सड़क मार्ग से पहुंचाया जाएगा। जो पर्यटक श्रीलंका जाना चाहेंगे उन्हें चेन्न्ई के रास्ते वायुमार्ग से श्रीलंका भी भेजा जाएगा। केंद्र सरकार ने नेपाल के जनकपुर से अयोध्या तक बस सेवा भी शुरू की है। पर्यटन विभाग के रामायण सर्किट में बस्तर का जगदलपुर शामिल है लेकिन छत्तीसगढ़ के दूसरे स्थलों को शामिल नहीं किया गया है।
यह है राम वनगमन मार्ग
भगवान राम वनवास के दौरान मध्यप्रदेश के चित्रकोट से छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के भरतपुर, जनकपुर, बैकुंठपुर होते हुए देवगढ़ के जमदाग्नि आश्रम पहुंचे थे। राम वनगमन मार्ग पर शोध करने वाले स्वर्गीय मुन्नू लाल शुक्ल के मुताबिक भगवान राम विश्रामपुर से होकर सीतापुर के गुरू गाहिरा आश्रम आए थे।
कोरबा में लक्ष्मण पादुका, रामझरना जैसे स्थल हैं। शिवरीनारायण को भगवान राम का स्थल माना जाता है। तुरतुरिया में ऋषि वाल्मिीकि का आश्रम है। फिंगेश्वर, राजिम, सिहावा आदि जगहों पर भगवान राम के ढेरों प्रमाण मिलते हैं।
बस्तर में होगा दंडकारण्य सर्किट का विकास
धमतरी जिले के सिहावा से धनोरा के रास्ते भगवान राम ने दंडकारण्य में प्रवेश किया था। बस्तर में नारायणपुर, चित्रकोट, बारसूर, सुकमा जिले के रामारम के रास्ते भगवान वर्तमान तेलंगाना के भद्राचलम पहुंचे थे।
छत्तीसगढ़ को रामायण सर्किट में जगह न मिलने के बाद अब बस्तर को रामायण सर्किट में शामिल कराने की कोशिश हो रही है। छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के एमडी एमटी नंदी ने नईदुनिया से कहा-हमने दंडकारण्य सर्किट का प्रस्ताव भेजा है। केंद्र सरकार की एक्सपर्ट कमेटी की सहमति मिली तो बस्तर में रामायण सर्किट के तहत काम शुरू किया जाएगा।
::/fulltext::देश की आजादी में बचपन से में ही खुद को समर्पित करने वाले प्रदेश के 90 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महादेव प्रसाद पांडेय को पहली बार जेल में बिताए हुए पल आज भी याद आते हैं। नईदुनिया की खास मुलाकात में उन्होंने बताया कि उन दिनों को वे अक्सर याद करते हैं, जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामानंद दुबे और त्रेतानाथ तिवारी के साथ आजादी के दौरान बिताए थे। उन्होंने बताया कि वे इन्हीं लोगों को देखकर आजादी के लिए लड़ना सीखे थे।
::/introtext::13 साल की उम्र में उन्हें पहली बार जेल हुई थी। इस अवसर पर देश के युवाओं को संदेश देते हुए वे बोले कि उनके जमाने में आशाएं कम थीं, रास्ते भी कम थे, लेकिन आज के समय में आशाएं ज्यादा हैं तो रास्ते भी ज्यादा हैं। कोई भी रास्ता बहुत सोच समझकर पकड़ना चाहिए। आज के युवा राजनीति का शिकार हो रहे हैं। आजादी के बाद देश का भौतिक विकास तो हुआ है, लेकिन नैतिक विकास नहीं हो रहा है। आजादी के समय लोगों के बीच जाति-धर्म का कोई भेदभाव नहीं था। हर वर्ग, हर समुदाय के लोग मिलकर लड़े तभी आजादी मिली थी। उन्हें इस बात का काफी दुख है कि आज की राजनीतिक पार्टियां निजी स्वार्थ के लिए लोगों को जाति धर्म के नाम पर बांट रही हैं।
रायपुर। प्रदेश में आज बेहद सादगी पूर्ण तरीके से स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है. राजधानी में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने ध्वजारोहण किया. ध्वजारोहण के बाद मुख्यमंत्री ने 22 टुकड़ियों की सलामी ली और परेड का निरीक्षण किया. परेड की कमांड आईपीएस सिद्धार्थ तिवारी ने की.
आपको बता दें कि कल राज्यपाल बलरामजी दास टंडन निधन हो गया था. उनके निधन के बाद प्रदेश में 7 दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की गई है. जिसकी वजह से स्वतंत्रता दिवस बेहद सादगी से मनाया जा रहा है. प्रदेश में आयोजित किए गए सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है.
::/fulltext::छत्तीसगढ़ के रहने वाले इस शख्स का नाम श्याम राव शिर्के है जो कि मैकेनिक कांट्रैक्टर हैं. वह कोई कोई इंजीनियर नही हैं और सिर्फ 11वीं तक पढ़े हैं.
नई दिल्ली: हाल ही मेंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में एक शख्स को नाले से निकली गैस का इस्तेमाल कर चाय बनाने की तकनीक का जिक्र किया था. उनके इस बयान का सोशल मीडिया पर जमकर मजाक उड़ाया गया. यहां तक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उन पर तंज कसते हुये कहा कि पीएम मोदी का कार्यक्रम है 'नाले से गैस निकालो और पकौड़े बनाओ'. अब पीएम मोदी ने जिस शख्स का जिक्र किया था अब वह खुद सामने आये हैं. छत्तीसगढ़ के रहने वाले इस शख्स का नाम श्याम राव शिर्के है जो कि मैकेनिक कांट्रैक्टर हैं. वह कोई कोई इंजीनियर नही हैं और सिर्फ 11वीं तक पढ़े हैं. लेकिन उन्होंने अपने जीवन में ऐसे कई प्रयोग किये हैं.
कैसे काम करती है उनका यह तकनीक
श्याम राव शिर्के ने बताया कि मैंने नाले से पानी इकट्ठा कर उसके लिये एक मिनी कलेक्टर बनाया ताकि पानी से निकलने वाले गुबारों को इकट्ठा किया जा सके. इसके बाद गैस को इकट्ठा करने के लिये एक ड्रम का इस्तेमाल किया. यह प्रयोग सफल रहा. मैंने यहां निकली गैस को स्टोव से कनेक्ट कर दिया और फिर चाय बनाई. शिर्के कहना है कि नाले से निकलने वाली खराब गैस पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है. लेकिन अब इसका इस्तेमाल ऐसी चीजों के लिये किया जा सकता है. श्याम राव शिर्के ने अब नाले और कीचड़ से निकलने वाली गैस का पेटेंड भी करा लिया है.
श्याम राव शिर्के ने बताया कि नगर निगम के लोगों ने पहले हमारी तकनीक की अहमियत नहीं समझी और हमारे सामान को उठाकर फेंक दिया. कुछ लोगों ने मुझे एफआईआर दर्ज कराने की सलाह दी. लेकिन मेरे पास पैसे नहीं थे इसलिये मैंने कुछ नहीं किया.
'मोदी जी ने किया जिक्र'
शिर्के को वैज्ञानिकों ने बताया कि उसके पेपर उच्चाधिकारियों के भेज दिये गये हैं. लेकिन दो साल हो गये आज तक किसी ने भी कुछ नहीं किया. लेकिन कल ही पता चला कि मेरा जिक्र मोदी जी ने किया है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के साइंस और टेक्नॉलजी विभाग की ओर मुझे पैसे दिये गये हैं. मैंने फिर से उपकरणों को नाले में लगाकर अच्छी खासी गैस इकट्ठा कर ली है. इसे एक घर में लगाकर खाना बनाया जाता है. इसे अभी 4-5 महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है.
श्याम राव शिर्के राहुल गांधी से नाराज दिखे और उनके बयान को पसंद नहीं किया. उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि राहुल गांधी अपरिपक्व हैं.