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रायपुर. आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे हैं. इसको लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ आने से भाजपा का कोई नुकसान नहीं है. बल्कि इससे भाजपा और मजबूत होगी. कौशिश ने कहा छत्तीसगढ़ में चौथी बार भाजपा की सरकार बनेगी.
इधर भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि हम तो चाहते हैं राहुल गांधी बार-बार छत्तीसगढ़ आते रहें. इतिहास रहा है कि राहुल गांधी 2014 के बाद जिन-जिन राज्यों में चुनावी कमान संभाले हैं वहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. पंजाब इकलौता राज्य है जहां कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन वहां भी राहुल गांधी का प्रभाव शून्य रहा है.
गौरतलब है राहुल गांधी आज प्रदेश कांग्रेस के नए भवन का उद्घाटन करने आ रहे हैं. इस दौरान वे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी प्रदेश के नेताओं से चर्चा करेंगे. जिस तरह प्रदेश में दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं के लगातार दौरे हो रहे हैं. इससे सियासी माहौल पूरी तरह चुनाव के रंग में रंगते जा रहा है.
::/fulltext::रायपुर. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं. जहां वे राजधानी रायपुर में पार्टी की राज्य इकाई के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा राहुल गांधी पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. विधानसभा चुनाव को देखते हुए राहुल गांधी का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी आज दोपहर 2.15 को माना एयरपोर्ट पहुँचेंगे उसके बाद वे 3.15 को नए कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन का लोकार्पण करेंगे. इसके बाद 3.45 से 5 बजे तक राहुल विभिन्न संगठनों से मुलाकात करेंगे. शाम 5 बजे से 8 बजे तक पदाधिकारियों, विधायकों और पूर्व विधायकों के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद रात 8.40 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जायेंगे.
कयास लगाये जा रहे है कि अपनी इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी विधानसभा की टिकट के लिए आये आवेदनों और उससे संबंधित जानकारी पार्टी के आला पदाधिकारियों से मांग सकते हैं. साथ ही पार्टी के उन नेताओं की भी रिपोर्ट मंगा सकते है जिनका पिछले समय में बेहतर काम नहीं रहा. कुल मिलकर राहुल की इस यात्रा को विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
ऐसे में देखने वाली बात होगी कि राहुल अपनी इस यात्रा के दौरान किसे खुश करते है और किसे नाराज करते है. क्योंकि ज्यादातर समय देखा जाता है कि जिन कांग्रेसियों को राहुल से मिलने नहीं दिया जाता है वे बाद में हंगामा करने से बाज नहीं आते है.
बता दें कि इस साल मई में राहुल ने छत्तीसगढ़ का दौरा किया था, जिस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत की थी. उन्होंने दुर्ग से रायपुर तक एक बड़ा रोड शो भी किया था. छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
::/fulltext::अपने कोर एरिया में फोर्स के हाथों लगातार झटका खा रहे नक्सली अब देश के दूसरे इलाकों में विस्तार करने में लगे हैं।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर समेत ओड़िशा और आंध्रप्रदेश के अपने कोर एरिया में फोर्स के हाथों लगातार झटका खा रहे नक्सली अब देश के दूसरे इलाकों में विस्तार करने में लगे हैं। नईदुनिया ने पिछले साल ही यह खबर ब्रेक की थी कि नक्सली छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, कवर्धा और मुंगेली जिलों के साथ ही महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और मध्यप्रदेश के बालाघाट जिलों को मिलाकर नया जोन विकसित करने में जुटे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की हाल में जारी हुई रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में दो जगहों पर तीन राज्यों की सीमा पर नक्सली गतिविधियां बढ़ी हैं। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के ट्राइ जंक्शन के साथ ही दक्षिण भारत में केरल, तमिलनाड़ु और कर्नाटक राज्यों की सीमा पर नक्सवाद दस्तक दे रहा है।
केरल में वायनाड, मल्लपुरम और पलक्कड़ जिलों को नक्सलियों का नया ठिकाना माना जा रहा है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की नक्सलियों की हर हरकत पर नजर है। छत्तीसगढ़ में नया जोन बनाने की सूचना पुलिस को पिछले साल एक मुठभेड़ से मिले दस्तावेजों से मिली थी। मार्च 2017 का लिखे गए 25 पेज के दस्तावेज से नक्सलियों के नए जोन (राज्य) के विस्तार की पूरी योजना का पर्दाफाश हुआ था।
इस दस्तावेज में इस नए आधार इलाके को महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ कॉन्फ्लुएंस (एमएमसी) जोन कहा गया है। इसमें यह भी बताया गया कि नवंबर 2015 में बस्तर के दरभा इलाके से डिवीजनल कमांडर सुरेंद्र को प्रमोट कर राजनांदगांव भेजा गया है। सुरेंद्र को एमएमसी जोन की कमान सौंपी गई है। 2006-07 ओड़िशा के बरगढ़ और बलांगीर जिलों के साथ छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले को मिलाकर बीबीएम डिवीजन गठित किया था।
गोंदिया, राजनांदगांव, बालाघाट का एक छोटा डिवीजन पहले से सक्रिय है। अब इन दोनों डिवीजनों के नक्सली भी नए एमएमसी जोन में शामिल हो गए हैं। इस जोन में नक्सलियों की कुल संख्या करीब 80 बताई जा रही है। नक्सलियों ने इस टुकड़ी का विस्तार प्लाटून नाम दिया है। इस इलाके में पिछले एक साल में एक दर्जन नक्सली घटनाएं दर्ज की गई हैं।
तीनों राज्यों की सीमा पर पुलिस कर रही गश्त
मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में कान्हा नेशनल पार्क नक्सलियों का नया अड्डा बन गया है। पुलिस ने तीनों राज्यों के समन्वय से विशेष फोर्स गठित की है। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा के आरपार बिना अनुमति के किसी भी राज्य की फोर्स गश्त कर सकती है। कान्हा से सटे छत्तीसगढ़ के भोरमदेव अभ्यारण्य के जंगलों में सीआरपीएफ की तैनाती की गई है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग के आइजी जीपी सिंह तीनों राज्यों की पुलिस से कोआर्डिनेट कर रहे हैं।
दोनों नए इलाकों में केंद्र की विशेष रणनीति
केरल और छत्तीसगढ़ में तीन राज्यों की सीमा पर नक्सली गतिविधि की रिपोर्ट सीधे गृह मंत्रालय को भेजी जा रही है। पुलिस अफसरों के मुताबिक मामला अंतरराज्यीय है इसलिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। केंद्र सरकार ने एलडब्ल्यूइ (लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म) इलाकों के सुरक्षा और विकास की योजना बनाई है। इन इलाकों में पुलिस को इसी रणनीति पर काम करने को कहा गया है।
::/fulltext::भिलाई. यहां मच्छरों का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. जिससे बड़ी संख्या में डेंगू फैल रहा है.बताया गया है कि यहां आज एक और बच्ची की डेंगू से मौत हो गई है.जानकारी के मुताबिक बच्ची का इलाज शहर के ही एक अस्पताल में चल रहा था,जहां उसने आज इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है.
दरअसल 13 वर्षीय मीमांसा साकरे का इलाज सेक्टर 9 के ही एक अस्पताल में चल रहा था,जहां उसने आज दम तोड़ दिया है.बता दें कि सप्ताह भर के भीतर डेंगू से 9वीं मौत है.साथ ही पिछले 18 घंटे में ये चौथी मौत है. आज हुई मौते के अलावा शहर की ही प्रियंका साढ़े,टोमेंन्द्र सेन और दिनेश दलइ ने इसके पहले इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.
वहीं जिले में डेंगू से पीड़ितों का भी आंकड़ा 300 पार कर गया है. जो दुर्ग जिले के ही अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती है.इस मॉनसून सीजन में दुर्ग जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या काफी बढ़ी हुई है.जिससे जिले के लोग भी दहशत में हैं.
गौरतलब है लगातार डेंगू से हो रही मौतों ने प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है. आलम ये है कि सरकारी अमले ने भी यहां इसकी रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाया. शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक जगह- जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं. रोजाना साफ- सफाई नहीं होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और दवाओं का छिड़काव नहीं होने से डेंगू के तेजी से फैलने का खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है.
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