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सर्च इंजन गूगल ने आज अपना डूडल जर्मनी की महान रसायन शास्त्री मार्गा फॉलस्टिच को समर्पित किया है. आज मार्गा का 103वीं जयंती है. मार्गा का जन्म 16 जून 1915 को हुआ था. उन्होंने 300 प्रकार के ग्लासों पर काम किया था. साल 1922 में उनका परिवार जर्मनी के जेना शहर में शिफ्ट हो गया जहां उन्होंने शुरूआती पढ़ाई की. 1935 में उन्होंने ग्रैजुएशन पूरी की और स्कॉट AG कंपनी में काम शुरू किया. वे वहां 44 साल तक रहीं. इनके नाम से 40 पेटेंट दर्ज हैं. 1 फरवरी 1968 को उनका निधन हो गया. उनके बनाए ग्लास से माइक्रोस्कोप के विकास में मदद मिली. आज के डूडल में गूगल ने उनके आविष्कारों का एक कोलाज बनाया है. इस डूडल में वह अपनी आंखों पर दो ग्लास लगाकर देख रही हैं. बता दें, स्कॉट एजी ऑप्टिकल लेंस और स्पेशल ग्लास बनाने वाली दुनिया की बड़ी कंपनियों में शामिल है.
::/fulltext::ब्रांडेड लग्जरी कार का शौक किसे नहीं होता है। अपने सोशल स्टेट्स को मैंटेन करने के लिए लोग ब्रांडेड महंगी कार खरीदना पसंद करते है खासकर लड़के तो लग्जरी कार के दिवाने होते है। लग्जरी कार से पार्टी और लॉन्ग ड्राइव पर जाना हर किसी को पसंद होता है। लेकिन आपने किसी को लग्जरी कार से कचरा बीनते हुए देखा है। सुनकर सोच रहें होंगे कि कचरा उठाना वो भी लग्जरी कार से! जी हां भोपाल के एक युवा ने अपनी लग्जरी कार से शहरभर का कूड़ा उठाकर लोगों को स्वच्छ भारत का संदेश दिया है। पूरे देश में स्वच्छता को गम्भीर मुद्दा मानते हुए पिछले कई सालों से प्रधानमंत्री की तरफ से स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है। वहीं भोपाल के एक शख्स ने इस अभियान की गम्भीरता को समझते हुए एक यूनिक उदाहरण पेश किया है। भोपाल के डॉक्टर अभिनीत गुप्ता ने अपनी 70 लाख रूपए की कार से शहर का कचड़ा उठाकर इस कैंपेन में अपना योगदान दिया। उनकी इस पहल से हर कोई आश्चर्य में है।
पेशे से डॉक्टर से डॉक्टर अभिनीत गुप्ता स्किन क्लिनिक के ओनर हैं। उन्होंने ये लग्जरी गाड़ी वेलेन्टाइन डे पर पापा को गिफ्ट की थी। अभिनीत नेबताया कि इस महंगी कार से कचरा फेंकने का उनका उद्देश्य केवल लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। लेकिन उन्होंने भी नहीं सोचा होगी कि अभिनीत उस कार को इस तरह प्रयोग करेंगे।
पिता ने भी किया बेटे को सर्पोट
शहर की साफ सफाई को लेकर बहुत ही चिंतित रहते है। वे खुद जहां भी मौका मिलता है सफाई करते हैं और उनकी फैमिली भी उन्हें इस काम में सपोर्ट करती है। इस कैंपने में पिता ने भी बेटे का हौसला बढ़ाया।
अवेयरनेस फैलाने के लिए
भोपाल नगर निगम के द्वारा सफाई अभियान के तहत अपनी कार के पीछे एक ट्रॉली अटैच कर शहर के चूनाभट्टी जैसी ऐसी कई जगहों से कचरा इकट्ठा किया, जहां बहुत ही ज्यादा कूड़ा करकट के ढेर लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि ऐसा करके शायद वे लोगों में शहर के प्रति स्वच्छता को लेकर एक अवेयरनेस पैदा कर सकें।
ताकि लोग हो आकर्षित
उन्होंने बताया कि पिता को यूनिक चीजें रखने का शौक है। इसलिए वे अपने पिता को ऐसी कार देना चाहते थे, जिसे लोग मुड़-मुड़कर देखें। डॉ. अभिनीत के पिता के पास काफी पुरानी चीजें भी रखी हुई हैं। इसलिए लोगों में अवेयरनेस फैलाने के लिए उन्होंने ये रास्ता चुना।
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आईआईटी ऑल इंडिया में दूसरी रैंक लाने वाले साहिल जैन व छठी रैंक लाने वाली मीनल पारख।
जयपुर। कानुपर आईआईटी ने रविवार को जेईई एडवांस का रिजल्ट घोषित कर दिया। कोटा में पढ़ने वाले साहिल जैन ने ऑल इंडिया लेवल पर दूसरी रैंक हासिल की है। वहीं, यहीं पढ़ाई कर रही मीनल पारख ने छठवीं रैंक हासिल की है। मीनल ने गर्ल्स कैटेगरी में टॉप किया है। इसके साथ ही, जेईई एडवांस की ऑल इंडिया रैंक में राजस्थान का परचम रहा है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, ऑल इंडिया लेवल पर टॉप 21 रैंक में राजस्थान से 10 छात्रों के नाम शामिल है। इस साल जनरल कैटेगिरी में 1,24,137 बॉयज शामिल हुए थे। इनमें से 16,062 ने सफलता हासिल की है। वहीं, एग्जाम में शामिल 31,021 गर्ल्स में से 2076 ने सफलता पाई है। वहीं, कोटा में पढ़ने वाले शुभम गुप्ता ने भी ऑल इंडिया लेवल पर 17वीं रैंक हासिल कर राजस्थान का नाम रोशन किया है
मां बोलीं- बेटे ने 2 साल तक कोई फंक्शन अटेंड नहीं किया
- जेइई एडवांस में ऑल इंडिया लेवल पर दूसरी रैंक हासिल करने वाले साहिल मुंबई आईआईटी में कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लेना चाहते हैं। साहिल के पिता धनराज जैन टीचर हैं।
- मां सुनीता ने कहा कि हमारे लिए आज का दिन बेहद खास है। उन्होंने कहा, पिछले दो साल से साहिल ने किसी तरह का कोई फंक्शन अटेंड नहीं किया। वह रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई करता था।
मीनल ने दिया सक्सेज मंत्र
- गर्ल्स कैटेगरी में टॉप करने वाली मीनल ने कहा, " मैं बहुत खुश हूं। मुझे उम्मीद नहीं थी, लेकिन बहुत अच्छी रैंक आई है। मैंने कभी होमवर्क मिस नहीं किया। सुबह कभी जल्दी नहीं उठी, लेकिन पढ़ाई में नियमित रही। मैंने रोज छह से सात घंटे पढ़ाई की। इससे पढ़ाई में कन्टीन्यूटी बनी रही।"
- मीनल, मुंबई, आईआईटी में कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लेना चाहती है।
-आईआईटी से मीनल को बधाई संदेश आया। इसमे मीनल व उसके परिवार को बधाई के साथ ही उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई।
मीनल के पिता की आंखें खुशी से छलकीं
- रिजल्ट आने पर मीनल के पिता गुलाब चंद पारख भावुक हो गए। उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे। भावुकता में वे कुछ बोल नहीं पाए। वे बूंदी में पोस्टिड हैँ तथा दूरदर्शन में इंजीनियर हैं। मीनल की मां मंजू पारख होम मेकर हैं।
- मीनल की मां ने कहा कि हमने कभी ऐसे परिणाम की उम्मीद नहीं की थी। हमने मीनल से यही कहा कि पढ़ाई करती रहो अच्छा ही होगा। और ऐसा ही हुआ। हम आज बहुत खुश हैं।
राजस्थान में पढ़ने वाले इन स्टूडेंट्स ने मारी बाजी
नाम | ऑल डंडिया रैंक |
साहिल जैन | 2 |
कलश गुप्ता | 3 |
पवन गोयल | 4 |
मीनल पारख | 6 |
लय जैन | 9 |
नील आर्यन गुप्ता | 10 |
अभिनव कुमार | 12 |
सौम्या गोयल | 13 |
शुभम गुप्ता | 17 |
करण अग्रवाल | 21 |
14 प्रतिशत सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित
- पहली बार जेईई एडवांस ऑनलाइन कंडक्ट करवाया गया था। आईआईटी के साथ ही एनआईटी में लड़कियों का एडमिशन प्रतिशत बढ़ाने के लिए एनआईटी में भी 14 प्रतिशत सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित रहेंगी। इससे पहले आईआईटी में भी लड़कियों के लिए 800 सीटों का सुपर न्यूमेरी कोटा घोषित किया गया था।
- पिछले साल की सीट मैट्रिक्स के अनुसार 31 एनआईटी, 23 ट्रिपलआईटी व 23 जीएफटीआई की कुल लगभग 25,220 सीटों में से 3530 सीटों पर छात्राओं को ही प्रवेश मिलेगा। इससे छात्रों की सीटें प्रभावित होंगी या नहीं, यह स्पष्ट नहीं किया गया है। हालांकि, गर्ल्स की सीटें बढ़ाए जाने पर भी पीछे की रैंक वाली छात्राओं को एनआईटी में अच्छी ब्रांच मिलने की संभावना बन सकती है।
- जेईई एडवांस्ड का रिजल्ट जारी होने के बाद जोसा काउंसलिंग सात राउंड में करवाई जाएगी। काउंसलिंग के बाद भी एनआईटी, ट्रिपलआईटी एवं जीएफटीआई की खाली रही सीटों के लिए दो स्पेशल राउंड काउंसलिंग सीएसईबी द्वारा करवाई जाएगी। इस वर्ष एनआईटी, ट्रिपलआईटी व जीएफटीआई में प्रवेश के लिए 5 नए रिपोर्टिंग सेंटर राजस्थान, यूपी, दिल्ली, तेलंगाना व चंडीगढ़ में जोड़े जाएंगे। शेष रिपोर्टिंग सेंटर पिछले साल की तरह ही बने रहेंगे।
::/fulltext::पाकिस्तान में जहां एक ओर आतंक और अराजकता फैली हुई है। वहीं एक 11 साल का 'नन्हा प्रोफेसर' नई क्रांति ला रहा है। पाकिस्तान में नन्हा हम्माद उन पाकिस्तानियों के लिए मिसाल बन गया है जो कुछ अच्छा करना चाहते हैं। 11 साल के हम्माद सफी, यूनविर्सिटी लेवल के स्टूडेंट्स को यूट्यूब पर बराक ओबामा सहित कई राजनेताओं के भाषण दिखा कर अच्छी अंग्रेजी बोलने के गुर सिखाते हैं। लाखों लोग उनकी वीडियो को सोशल मीडिया के जरिए सुन रहे हैं। हम्माद बोलते हुए अपने हाथों, चेहरे का भाव, चलने फिरने की स्टाइल और अपनी मुस्कान का इस तरह इस्तेमाल करते हैं कि देखकर ऐसा लगता ही नहीं है कि लड़के की उम्र इतनी कम है।
ऑनलाइन स्टार
हम्माद पाकिस्तान में ऑनलाइन स्टार बन चुके हैं। हम्माद के युट्यूब चैनल पर 1,45,000 सब्सक्राइबर हैं और उनके कुछ वीडियो को कई लाख बार देखा गया है।
लोगों ने माना प्रेरणा
हम्माद की प्रेरित करने वाली बातों का लोगों पर इस कदर प्रभाव पड़ रहा है कि इसके जरिए उन्हें जीने का नया रास्ता मिल रहा है। पॉलिटिकल साइंस के छात्र बिलाल खान ने बताया, "कुछ महीने पहले मै अपनी जिंदगी से बेहद निराश था। मै आत्महत्या करने की कोशिश कर रहा था क्योंकि न तो कोई नौकरी थी और न ही मेरी जिंदगी में कोई सफलता थी. इसके बाद मैंने हम्माद सफी को सुना। मैंने सोचा कि अगर 11 साल का एक लड़का ऐसा कर सकता है तो मैं क्यों नहीं।"
बराक ओबाम भी फैन
हम्माद ने मदरसे की पढ़ाई को छोड़कर यूनिवर्सिटी स्पोकेन इंग्लिश से पढ़ाई की। हम्माद पाकिस्तान के यूनिवर्सिटी में लेक्चर देते हैं और बेहतरीन अंदाज में अंग्रेजी बोलते हैं। 11 की उम्र में एक बेहतरीन मोटिवेशनल स्पीकर तो हैं ही साथ वे अपनी उम्र से कई बड़े लोगों को अंग्रेजी बोलना सिखाते हैं। यहीं वजह है कि हम्माद की फैंस लिस्ट में अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराका ओबामा भी शामिल है।
नन्हा प्रोफेसर
सफी पहले एक पारंपरिक स्कूल में पढ़ते थे. लेकिन वह यहां इंग्लिश की क्लास भी लेते थे। वहां वह असाधारण आत्मविश्वास के कारण तेजी से लोगों की नजह में आ गए। जल्द ही वह स्कूल छोड़ USECS से पूरी तरह जुड़ गए और अपने प्रेरक की शुरुआत की। यूनिवर्सिटी में बड़े पैमाने पर काम करने वाले स्टूडेंट हैं। ऐसे में सफी उन्हें हर हफ्ते एक मोटिवेशनल स्पीच देते हैं। उनका काम गरीब बच्चों को प्रोत्साहित करना है. उन्हें आशा देना है।
पिता को लगता है असाधारण
बच्चा सफी के पिता अब्दुल रहमान खान पेशावर के बड़े बिजनेसमैन हैं। वह कहते हैं। सफी साधारण बच्चा नहीं है। लोग उसमें कुछ देखते हैं। मैं खुद उसमें योग्यता देखता हूं। इसीलिए मैंने उसके लिए एक स्पेशल टीचर नियुक्त किया था। मैं चाहता हूं कि वह एक स्पेशल टीचर बने। उसे योग्यता और ज्ञान भगवान से मिला है।