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नई दिल्ली। इन दिनों इंडिया ए क्रिकेट टीम इंग्लैंड दौरे पर है जहां वो इंग्लैंड लायंस और वेस्टइंडीज ए टीम के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज़ खेल रही है। इंडिया ए टीम के इस दौरे पर एक भारतीय बल्लेबाज़ रनों का अंबार लगा रहा है। इंग्लैंड लायंस के बीच खेले जा रहे चौथे मैच में इंडिया ए टीम के ओपनर मयंक अग्रवाल ने एक और शानदार शतक ठोक दिया। ये उनका इस दौरे पर तीसरा शतक रहा।
इंग्लैंड लायंस के शेर मयंक के आगे ढेर
इंग्लैंड लायंस के खिलाफ खेले गए चौथे मैच में मयंक और शुभमन गिल ने मिलकर पहले विकेट के लिए 165 रन की साझेदारी की। पिछले मैच के शतकवीर मयंक ने इस मैच में भी सेंचुरी लगाई। इंडिया ए के इस ओपनिंग बल्लेबाज़ ने 104 गेंदों का सामना करते हुए 112 रन की पारी खेली। उन्होंने इस दौरान 10 चौके और चार छक्के लगाए। शुभमन गिल 80 गेंदों में 72 रन बनाकर आउट हुए। गिल ने अपनी पारी में 10 चौके और एक छक्का भी लगाया।
इस त्रिकोणीय सीरीज़ के तीसरे मैच में वेस्टइंडीज़ ए के खिलाफ भी मयंक अग्रवाल ने शतक ठोका था। कैरिबियाई टीम के खिलाफ मयंक ने 102 गेंदों का सामना करते हुए 112 रन बनाए थे। इस पारी के दौरान उनके बल्ले से 11 चौके, 2 छक्के भी निकले थे। मयंक की पारी की बदौलत ही टीम इंडिया ने 222 रन के लक्ष्य को 38.1 ओवर में ही हासिल करते हुए वेस्टइंडीज़ ए को मात दे दी थी। इस मैच में मयंक ने शुभमन गिल के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 148 रनों की मैराथन साझेदारी कर भारत की जीत सुनिश्चित कर दी। शुभमन गिल ने भी इस मैच में अर्धशतक ठोका था।
लिसेस्टरसर के खिलाफ भी ठोकी थी सेंचुरी
लिसेस्टरसर के खिलाफ हुए मैच में भी मयंक अग्रवाल ने तूफानी पारी खेलते हुए शतक ठोका था। उनके बल्ले से 151 रन निकले थे और उन्होंने सिर्फ 90 गेंदों का सामना किया था। मयंक ने अपनी पारी में 18 चौके और 5 छक्के लगाए। उनका स्ट्राइक रेट 142.45 का रहा था।
ऐसा करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ है मयंक
मयंक अग्रवाल के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज़ है जो न तो सचिन तेंदुलकर बना सके और न ही मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली इस उपलब्धि तक पहुंच सके हैं। मयंक अग्रवाल भारत के घरेलू क्रिकेट में एक सीज़न में 2000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज़ हैं। मयंक ने इसी साल विजय हजारे ट्राफी के 8 मैचों में 3 शतक और चार अर्धशतक ठोके थे। विजय हजारे ट्रॉफी के 8 मैचों में उन्होंने 109, 84, 28,102, 89, 104, 81 और 90 रन बनाए थे।
कोहली से भी आगे है मयंक
मयंक अग्रवाल के लिए विजय हजारे टूर्नामेंट काफी अच्छा रहा था और उन्होंने इस बार एक रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था। उन्होंने इस टूर्नामेंट में 723 रन बनाए थे। उनसे पहले इस टूर्नामेंट कोई भी बल्लेबाज़ इतने रन नहीं बना सका था। साल 2016-17 में दिनेश कार्तिक ने 607 तो वहीं साल 2008-09 में विराट कोहली ने इस टूर्नामेंट में 534 रन बनाने में कामयाबी हासिल की थी।
समारा। मेजबान रूस के फीफा विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट में जोरदार अभियान को दो बार के पूर्व चैंपियन उरुग्वे ने 3-0 की शानदार जीत के साथ थाम कर ग्रुप ए में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया। विश्व कप में सबसे निचली रैंकिंग की टीम रूस और उरुग्वे पहले ही दो-दो मैच जीतकर नॉकऑउट दौर में पहुंच चुके थे और इस मुकाबले से ग्रुप के विजेता का फैसला होना था जिसमें उरुग्वे ने बाजी मार ली।
रूस ने अपने पहले मैच में सऊदी अरब को 5-0 से और दूसरे मैच में मिस्र को 3-1 से पराजित किया था जबकि उरुग्वे ने मिस्र और सऊदी अरब के खिलाफ अपने दोनों मैच 1-0 के अंतर से जीते थे। कवानी ने आखिरी मिनट के गोल के साथ उरुग्वे के लिए तीन अलग-अलग विश्व कप में गोल करने की उपलब्धि हासिल कर ली। उरुग्वे ने पहले हाफ के दो गोल किए जो 1966 में फ्रांस के खिलाफ के बाद से उसके लिए पहला मौका है। उरुग्वे ने रूस के गोल पर 16 प्रयास किये जिनमें से छ: निशाने पर थे और उनमें से दो में गोल करने में कामयाबी मिली।
लगातार दो जीत के बाद सातवें आसमान पर पहुंच चुके रूस के लिए यह हार एक सबक हो सकती है क्योंकि अब उसे नॉकआउट में खेलना है जो करो या मरो का मुकाबला रहेगा। उरुग्वे की टीम अब 30 जून को ग्रुप बी की दूसरे नंबर की टीम से सोच्चि में भिड़ेगी जबकि रूस का 1 जुलाई को ग्रुप बी के विजेता से मास्को के लुझनिकी स्टेडियम में मुकाबला होगा।
::/fulltext::जर्मनी ने स्वीडन को 2-1 से हराकर अगले राउंड पहुंचने की उम्मीद कायम रखी।
नई दिल्ली, जेएनएन। टोनी क्रूस के गोल्डन गोल की बदौलत मौजूदा चैंपियन जर्मनी ने स्वीडन को 2-1 से हराकर फीफा विश्व कप 2018 के नॉकआउट में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को जिंदा रखा है। उतार-चढाव से भरे ग्रुप-एफ के इस बेहद रोमांचक मुकाबले में रीस और क्रूस ने जर्मनी के लिए गोल दागे, जबकि स्वीडन की ओर से इकलौता गोल टोवोनन ने किया। जर्मनी की टीम 82वें मिनट के बाद 10 खिलाडिय़ों के साथ खेल रही थी। खेल के आखिरी कुछ मिनटों में जर्मनी की टीम गोल करने के लगातार मौके बनाती रही और आखिरकार इंजुरी टाइम के आखिरी में उसकी मेहनत रंग लाई। इंजुरी टाइम में स्वीडन के डी के बाहर दाहिने छोर पर जर्मनी को फ्री किक मिला जिस पर क्रूस ने बनाना किक लगाते हुए जर्मनी को रूस विश्व कप में पहली जीत दिला दी।
टोवोनन का टशन : चार बार की विश्व चैंपियन जर्मनी ने आक्रामक शुरुआत की। तीसरे मिनट में टिमो वार्नर से हेडर के जरिये मिले पास पर जूलियन ड्रेक्सेलर ने पेनाल्टी स्पॉट से किक लगाया, लेकिन उसे स्वीडन के डिफेंडर ग्र्रैनक्विस्ट ने अपने शरीर से रोकते हुए गोल के मौके को जाया कर दिया। आधे घंटे के खेल में गेंद पर ज्यादातर समय तक कब्जा जर्मनी का रहा, लेकिन मौका टोवोनन ने मारा। खेल के 32वें मिनट में क्लेसन से मिले पास को टोवोनेन ने नॉयर के ऊपर से गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचाकर जर्मन खेमे में हलचल मचा दी। इसके बाद जर्मनी ने हमला बोला। पहले गुंडोगन के और फिर मूलर के प्रयास को स्वीडन के गोलकीपर ओल्सन ने बेकार कर दिया। हाफ टाइम के इंजुरी टाइम में नॉयर ने स्वीडन को दोहरी बढ़त लेने से उस समय रोक दिया जब लार्सन की फ्री किक पर बर्ग ने गेंद को हेडर के जरिये गोल पोस्ट में पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन नॉयर ने अपनी दायीं ओर गोता लगाते हुए शानदार बचाव किया।
रीस ने कराई वापसी : दूसरा हाफ जब शुरू हुआ तब जर्मनी को पता था कि उसे सबसे पहले स्वीडन की बढ़त को खत्म करना था और काम किया मार्को रीस ने। खेल के 48वें मिनट में ड्रैक्सेलर की जगह खेलने आए मारियो गोमेज ने रीस को स्वीडन के डी में गेंद दी जिस पर रीस ने जादुई टच देकर जर्मनी को बराबरी पर ला दिया। इसके बाद तो गेंद जैसे स्वीडन के पाले में चिपक सी गई। जर्मन टीम लगातार हमले बोलती रही लेकिन कभी किस्मत तो कभी स्वीडन के गोलकीपर की चपलता की वजह से जर्मनी बढ़त नहीं ले पा रहा था।
बोएटेंग को रेड कार्ड : खेल के 72वें मिनट में पहला यलो कार्ड झेलने वाले बोएटेंग को 10 मिनट बाद दूसरा यलो कार्ड दिखाया गया। दो यलो कार्ड यानी एक रेड कार्ड और बोएटेंग को मैदान से बाहर जाना पड़ा जिससे जर्मनी को आगे का खेल सिर्फ 10 खिलाडिय़ों से पूरा करना पड़ा। स्वीडन के बर्ग को बोएटेंग का गिराना महंगा पड़ा और इसका हर्जाना उन्हें मैदान से बाहर जाकर चुकाना पड़ा। खेल के 88वें मिनट में स्वीडन के गोलकीपर ने एक शानदार बचाव किया। निर्धारित समय में खेल बराबरी पर जरूर रहा लेकिन उसका रोमांच कम नहीं था। जब खेल इंजुरी टाइम में गया तो रोमांच भी चरम पर पहुंच गया। इस दौरान जर्मनी की टीम लगातार हावी रही और आखिरी मिनट में मिली फ्री किक पर क्रूस ने अपनी टीम के लिए विजयी गोल दागकर जर्मन खेमे में खुशियां बिखेर दीं।
लो ने बदली टीम : इस अहम मुकाबले के लिए जर्मन कोच जोकिम लो ने चार अहम बदलाव किए और मैट हुमेल्स, सामी खेदिरा, मेसुट ओजिल और प्लाटेंडार्ट को बाहर रखा। उधर स्वीडन के कोच जेनी एंडरसन ने एक बदलाव करते हुए जैनसन की जगह बीमारी से उबरकर लौटे लिंडेलोफ को मौका दिया।
-37 मुकाबले दोनों टीमों के बीच अब तक हुए हैं जिसमें से 16 जर्मनी ने जीते हैं और 13 स्वीडन ने, जबकि आठ मुकाबले ड्रॉ रहे हैं
-05 बार विश्व कप में दोनों टीमें एक-दूसरे से भिड़ी हैं जिसमें जर्मन टीम ने चार मैच जीते हैं, जबकि स्वीडन ने 1958 में इकलौती जीत हासिल की थी
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ब्रेडा (नीदरलैंड). चैम्पियंस ट्रॉफी में रविवार भारत ने अर्जेंटीना को 2-1 से हरा दिया। इस टूर्नामेंट में भारत 4 साल बाद अर्जेंटीना के खिलाफ जीतने में सफल हुआ है। इससे पहले 7 दिसंबर 2014 को हुए मैच में अर्जेंटीना ने भारत को 2-1 से हरा दिया था। इस मैच में भारत के लिए हरमनप्रीत और मनदीप सिंह और अर्जेंटीना की ओर से पेलल्ट गोंजेलो ने गोल किए। हरमनप्रीत ने मैच के 17वें मिनट में पेनल्टी को गोल में बदला। दूसरा गोल मनदीप ने 28वें मिनट में दिलप्रीत सिंह के पास पर मनप्रीत ने गेंद को गोलपोस्ट में पहुंचा दिया। 30वें मिनट में पेलल्ट ने गोल किया। इसके तुरंत बाद भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इस बार हरमनप्रीत उसे गोल में नहीं बदल सके।
पहले और तीसरे क्वार्टर में अर्जेंटीना ने पेनल्टी मिस की
पहले क्वार्टर में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी थी। मैच के 10वें मिनट में अर्जेंटीना को पेनल्टी मिली। पेलल्ट गोंजेलो ने शॉट लिया, लेकिन वे मिस कर गए। 43वें मिनट (तीसरे क्वार्टर) में अर्जेंटीना को भी फिर पेनल्टी मिली। यह शॉट भी गोंजेलो ने लिया, लेकिन वे फिर मिस कर गए। टूर्नामेंट के उद्घाटन मैच में भारत ने शनिवार को पाकिस्तान को 4-0 से हराया था। अर्जेंटीना के खिलाफ भी उससे इसी तरह के प्रदर्शन की उम्माीद है। वहीं अर्जेंटीना अपने पहले मैच में नीदरलैंड को 2-1 से हरा चुका है। पाकिस्तान के खिलाफ भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला था, लेकिन वह उसे गोल में तब्दील नहीं कर सका था। हालांकि आखिरी 7 मिनट में 3 गोल कर उसने इसकी भरपाई की।
सात महीने में अर्जेंटीना के खिलाफ सिर्फ एक बार जीता भारत
पिछले सात महीने में भारत और अर्जेंटीना ने एकदूसरे के खिलाफ 3 मैच खेले हैं। इनमें से एक भारत और दो मैच अर्जेंटीना जीतने में सफल रहा। पिछले साल 8 दिसंबर को मेन्स एफआईएच हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल के भुवनेश्वर में हुए मैच में अर्जेंटीना ने भारत को 1-0 से हराया था। उस मैच में पेलल्ट गोंजेलो ने अर्जेंटीना के लिए गोल किया था। इस साल 3 मार्च को सुल्तान अजलन शाह कप में भी अर्जेंटीना और भारत की टीमें आमने-सामने हुईं थीं। उस मैच में अर्जेंटीना ने भारत को 3-2 से हराया था। उस मैच में अर्जेंटीना की ओर से तीनों गोल पेलल्ट गोंजेलो ने ही किए थे।
40 साल में एक बार भी चैम्पियन नहीं बना भारत
चैम्पियन ट्रॉफी 1978 में शुरू हुई थी। तब से इस टूर्नामेंट के 36 संस्करण हो चुके हैं, लेकिन भारत एक बार भी इसे जीतने में सफल नहीं हुआ। चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2016 में रहा था, तब भारत खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से पेनल्टी शूटआउट में हार गया था। इस बार चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत के अलावा पाकिस्तान, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड और बेल्जियम की टीमें भाग ले रही हैं। यह टूर्नामेंट राउंड रॉबिन लीग के आधार पर खेला जाता है। शीर्ष पर रहने वाली 2 टीमों के बीच 1 जुलाई को फाइनल खेला जाएगा। टूर्नामेंट में कुल 18 मुकाबले होंगे।