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नई दिल्ली. इंडोनेशिया से एक सनसनी फैला देने वाला मामला सामने आया है. बारिश का मौसम आ गया है. सांपों के बिल में पानी भरने की वजह से बाहर निकलकर इधर-उधर घरों में भी घुस रहे है. इंसानों को नुकसान पहुंचा रहे है. दरअसल एक महिला का शव एक भीमकाय अजगर के पेट से मिला. यह नाजार देखकर लोगों के पैरों के तले जमीन खिसक गई.
पुलिस ने बताया कि इस अजगर को उसी जगह पर पकड़ा गया जहां महिला अपने सब्जी के बगीचे में काम कर रही थी. शुक्रवार को गांव वासियों द्वारा 7 मीटर लंबे अजगर का पेट काटने पर 54 वर्षीय वा तिबा का शव मिला. स्थानीय पुलिस ने बताया कि मुना द्वीप के पेरस्यिापन लावेला गांव में फूले हुए अजगर को देखकर लोगों को शक हुआ कि इसी सांप ने महिला को निगला है और वह अजगर को मार कर बगीचे से बाहर ले आए. उन्होंने बताया कि अजगर के पेट को काट कर खोलने पर महिला का शव अंदर मिला. महिला जिस बगीचे से लापता हुई थीं वह एक पत्थर की चट्टान के तले पर बना हुआ है जो गुफाओं से घिरा है और सांपों का घर माना जाता है. गुरुवार को महिला के घर न लौटने पर परेशान घरवालों के साथ ही करीब 100 निवासियों ने उसकी तलाश शुरू कर दी.
इंडोनेशिया और फिलीपीन में छह मीटर तक के भीमकाय अजगरों का पाया जाना बहुत आम है. हालांकि वे छोटे जानवरों पर हमला करने के लिए जाने जाते हैं. उनके द्वारा लोगों को खाने के मामले दुर्लभ ही सुनने को मिलते हैं. इंडोनेशिया और दक्षिणपूर्व एशिया के अन्य हिस्सों में पाये जाने वाले ये विशालकाय रेटिक्युलेटेड अजगर पहले अपने शिकार पर दर्जनों तेज घुमाव वाले दांतों के साथ हमला करते हैं. फिर शिकार की मौत होने तक उसे दबाए रहते हैं. मौत हो जाने के बाद शिकार को निगल जाते हैं.
::/fulltext::किम जोंग-उन से ऐतिहासिक बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि नॉर्थ कोरिया मिसाइल टेस्टिंग साइट को खत्म करने के लिए राजी हो गया है. साथ ही ट्रंप ने कहा कि अब वो साउथ कोरिया के साथ संयुक्त सैन अभ्यास भी नहीं करेगा. डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक फिलहाल नॉर्थ कोरिया पर प्रतिबंध जारी रहेगा. उन्होंने कहा है कि वो नॉर्थ कोरिया पर परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए दबाव बनाएंगे लेकिन इसमें थोड़ा वक्त लगेगा. उन्होंने कहा, '' जल्दी ही नॉर्थ कोरियाई नेता किम जोंग-उन इस पर काम शुरू करेंगे. जब हमें लगेगा कि नॉर्थ कोरिया परमाणु निरस्त्रीकरण पर काम कर रहा है हम इसके बाद प्रतिबंध हटाने के बारे में विचार करेंगे.'' इससे पहले ऐतिहासिक बैठक के बाद दोनों नेताओं ने कुछ अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इस मौके पर ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि नॉर्थ कोरिया और कोरियाई प्रायद्वीप के साथ हमारे संबंध बदलने वाले हैं. ये पुराने जैसे नहीं रहेंगे." अहम समझौते पर साइन करने के बाद जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से पूछा गया कि क्या वो उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन को व्हाइट हाउस बुलाएंगे? इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि वो जरूर उन्हें बुलाएंगे.
वन-टू-वन मीटिंग
इससे पहले दोनों नेताओं ने वन-टू-वन मीटिंग की. ये मीटिंग करीब 50 मिनट तक चली. बैठक के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वन-टू-वन मीटिंग काफी अच्छी रही. बैठक के दौरान ट्रंप ने किम से कहा, 'मुझे विश्वास है कि हम दोनों देशों के संबंध अच्छे होंगे. आपसे मिलना इतना आसान नहीं था. मुझे खुशी है कि हम सारी बाधाओं को पार कर मिल रहे हैं''
प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग
वन-टू-वन मीटिंग के बाद उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच एक और बैठक हुई. इस बैठक में दोनों नेताओं के प्रतिनिधिमंडल मौजूद थे. लंच के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वो किम जोंग-उन के साथ किसी समझौते पर साइन करने जा रहे हैं.
नई दिल्लीः ऑस्ट्रिया ने राजनीतिक इस्लाम और विदेशी चंदों से चलने वाले धार्मिक समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार शुक्रवार को गृह मंत्री हरबर्ट केकल ने कहा कि इस कार्रवाई से लगभग 60 इमामों और उनके परिवारों पर असर पड़ेगा. उन्होंने आगे कहा कि इससे कुल 150 लोगों का देश में रहने का अधिकार खतरे में पड़ जाएगा। इनमें ज्यादातर इमाम तुर्की-इस्लामिक सांस्कृतिक संघों या एटीआईबी से जुड़े हैं, जो तुर्की सरकार की धार्मिक मामलों की संस्था की शाखा है। चांसलर सबैस्टियन कुर्ज ने कहा कि सरकार वियना में एक कट्टरपंथी तुर्की राष्ट्रवादी मस्जिद को बंद कर रही है और छह मस्जिदों का संचालन करने वाले समूह अरब रिलिजियस कम्यूनिटी को भंग कर रही है। कुर्ज ने बताया कि यह फैसला तुर्की समर्थित मस्जिदों में बच्चों के गल्लीपोली की लड़ाई और मरने का अभिनय करने की तस्वीथरें सामने आने के बाद लिया गया है। समानांतर समाज,राजीतिक इस्लामि और चरमपंथ की इस देश में कोई जगह नहीं है।
क्यों बंद हो रही मस्जिदें?
दरअसल, ऑस्ट्रिया में 2015 में एक कानून लागू किया गया था, जिसके तहत कोई भी धार्मिक संगठन विदेशों से फंडिंग नहीं ले सकता। इसी नियम के जरिये विदेशों से चंदा पाने वाली मस्जिदों को बंद करने का फैसला लिया गया है। ऑस्ट्रिया के गृह मंत्री हर्बर्ट किकल ने बताया कि तुर्की-इस्लामिक सांस्कृतिक संगठन (एटीआईबी) के60 इमामों के होम परमिट की जांच की जा रही है। किकल ने दावा किया कि दो मामलों में परमिटों को खत्म किया जा चुका है, जबकि 5 अन्य इमामों को भी परमिट देने से इनकार कर दिया गया है।
::/fulltext::चीन के हुनान प्रांत में स्थित यह पुल पहले लकड़ी का बना हुआ था.
घर में जब कोई कांच का ग्लास टूट जाता है, तो आप सबसे पहले संभलकर उस टूटे हुए कांच को ठिकाने लगा देते हैं. जाहिर-सी बात है कांच टूटा हो या सही इसपर चलना समझदारी तो बिल्कुल नहीं है, लेकिन एक कांच ऐसा भी है, जिसपर चलकर ही अपनी मंजिल को पाया जा सकता है. चीन में 300 मीटर लंबा कांच का पुल सफर पर निकलने का जरिया ही नहीं बल्कि टूरिस्ट स्पोर्ट्स भी बन चुका है. इस पुल को पसंद करने वालों की तादाद इतनी ज्यादा है कि लोग इस पुल पर सेल्फी क्लिक करवाने आते हैं.
पारदर्शी कांच का बना है पुल
इस पुल का नाम है 'हाओहन किआओ' जिसका मतलब होता है बहादुर आदमी का पुल. सचमुच यह पुल कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है. चीन के शीनीउझाई नेशनल जिओलॉजिकल पार्क में स्थित यह पुल पारदर्शी कांच का बना है. इस पर चलते हुए आपको आभास होगा कि आप बिना किसी आधार पर चल रहे हैं. क्योंकि नीचे देखने पर आप पुल के आर-पार देख पाएंगे.कांच के इस पुल पर चलते हुए मन में यह भी आशंका रहती है कि यह पुल कभी भी टूट सकता है लेकिन घबराइए नहीं. इस पुल का आधार 24 मिलीमीटर मोटे अत्यधिक मजबूत शीशे की चादर से बना है.
सेल्फी किसी चैलेंज से कम नहीं
चीन के हुनान प्रांत में स्थित यह पुल पहले लकड़ी का बना हुआ था. साल 2014 में नेशनल पार्क प्रशासन ने इसके एक हिस्से को शीशे का बनाया. बाद में इस पूरे पुल को शीशे का बना दिया गया. इस पुल पर जाने वाले टूरिस्ट कभी-कभी खौफ के मारे घुटने के बल बैठ जाते हैं, तो कभी एक किनारे सिमट जाते हैं. कुछ ऐसे भी साहसी लोग पहुंचते हैं जो इस पुल पर बैठ कर सेल्फियां खींचने की हिम्मत जुटा पाते हैं और इस आभासी खतरे का आनंद लेते हैं.
बहरहाल, इस पुल को बनाने वाले श्रमिकों ने भी इसे बनाने में कम खतरा नहीं उठाया है. यह बात आप ऊपर की तस्वीर को देख बखूबी समझ सकते हैं.
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