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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अकसर अपने लुक को लेकर चर्चा में रहते है। केजरीवाल की सियासी सफर के शुरुआती दिनों में उनका मफलर और चप्पल वाला लुक काफी वायरल हुआ था जिस वजह से लोग उन्हें मफलर मैन के नाम से बुलाने लगे थे। दिल्ली में और सियासी गलियारों में उनके के इस लुक को कई लोगों ने सादगी का नाम दिया तो कइयों ने मजाक भी बनाया।
इतना ही नहीं दिल्ली का सीएम होने के बाद भी उन्हें कई बड़े कार्यक्रमों में साधारण इंसान की तरह ही देखा गया है और कई बारवो इसी वजह से विपक्षियों ने उन पर निशान साधते हुए भी कहा है कि कैसे एक सीएम इतने बड़े कार्यक्रमों में चप्पल पहनकर चलते जाते हैं। इतना ही नहीं कई मौकों पर उन्हें बिना इनशर्ट किए हुए कमीज के साथ देखा है।
हालांकि सोशल मीडिया पर उनका ये लुक खूब वायरल हो रहा है। इसके अलावा ट्वीटर पर भी लोग उनके इस लुक की चुटकी लेने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।
::/fulltext::अपने जीवन में गुड लक लाने के लिए हम कई तरह के उपाय करते हैं। पूजा पाठ से लेकर अपने घर में हम ऐसी वस्तुएं लाकर सजाते हैं जिनसे सकारात्मकता आए और हमारी सारी मुश्किलें दूर हो जाए। इन्हीं वस्तुओं में से एक है लाफिंग बुद्धा। जी हां, लाफिंग बुद्धा को घर में रखना बहुत ही शुभ माना जाता है। कहते हैं इन्हें घर में रखने से सुख, शांति और समृद्धि आती है और ये हमारी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं।
आपको बता दें कि लाफिंग बुद्धा की मूर्ति अलग अलग प्रकार की होती है और यह अलग अलग मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। तो चलिए जानते हैं कौन से लाफिंग बुद्धा आपकी किस मनोकामना को पूरी करेंगे।
बच्चों के साथ बैठे लॉफिंग बुद्धा
वैसे तो आप पढ़कर ही समझ गए होंगे कि इस तरह के लाफिंग बुद्धा की मूर्ति से हमारा क्या मतलब है। जी हां, जिन लोगों को संतान से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वे तुरंत ऐसी मूर्ति अपने घर पर ले आएं। आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे।
अगर लाख कोशिशों के बाद भी आपको सफलता नहीं मिल पा रही है और दुर्भाग्य आपका पीछा नहीं छोड़ रहा है तो ऐसे में आप लेटे हुए लाफिंग बुद्धा की मूर्ति को अपने घर पर रखें। यह आपके लिए ज़रूर गुड लक लेकर आएगा।
यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो आप फ़ौरन धन की पोटली पकड़े हुए लाफिंग बुद्धा को ले आएं और इन्हें घर के साथ साथ अपने कार्यस्थल पर भी रख दें। आपकी समस्या जल्द ही दूर हो जाएगी।
ध्यान मुद्रा में बैठे लाफिंग बुद्धा
यदि आप डर और शंका जैसे नकारात्मक विचारों से घिरे रहते हैं और आपको मानसिक शांति नहीं मिल पा रही है तो लाफिंग बुद्धा की ऐसी मूर्ति आपकी समस्या का समाधान है।
आपकी सफलता के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करके आपके जीवन में ढेर सारी खुशियां लाते हैं।
अगर आप व्यवसाय से जुड़े है और लंबे समय से आपको कोई बड़ा फायदा नहीं मिला है तो आप दोनों हाथ ऊपर किये लाफिंग बुद्धा को अपनी दुकान या व्यवसाय की जगह पर रख दें।
हंसते हुए लाफिंग बुद्धा आपको अच्छे स्वास्थ्य के साथ साथ लंबी आयु भी देते हैं। इसके अलावा इनकी वजह से आपके करियर में भी प्रगति होती है।
यदि आपको लग रहा है कि आपका भाग्य पक्ष कमज़ोर है और कई प्रयासों और मेहनत के बाद भी आपको उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल पा रही है तो दोनों हाथों में कमंडल उठाए लाफिंग बुद्धा की मूर्ति आपके लिए बेहद लकी साबित होगी।
अगर आपका कार्य प्रॉपर्टी, शेयर आदि से जुड़ा हुआ है तो आप कमण्डल में बैठे हुए लाफिंग बुद्धा की मूर्ति को अपने घर या कार्यस्थल पर रखें।
स्वाइन फ्लू एक बार फिर देश में पांव पसार रहा है, देश के अलग-अलग जगहों से स्वाइन फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं। फ्लू से डरने के बजाय जरूरत इसके लक्षणों के बारे में जानने और सावधानी बरतने की है। आइए जानें स्वाइन फ्लू कैसे फैलता है और आप कैसे छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर इससे बच सकते हैं।
स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है। इसके वायरस सबसे ज्यादा सूअरों में पाए जाते हैं जिससे ये फैलता हैं इसीलिए इसको स्वाइन फ्लू नाम दिया गया है। यह वायरस एच1 एन1 के नाम से जाना जाता है। मानसून के आसपास ये फ्लू या वायरस ज्यादा सक्रिय होता है। 2009 में पहली बार इस बीमारी का वायरस दुनिया के सामने आया था। ये वायरस पहली बार किसी इंसान में पाए गए थे।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू के वायरस में चिड़ियों, सूअरों और इंसानों में पाया जाने वाला जेनेटिक मटीरियल भी होता है। सामान्य फ्लू और स्वाइन फ्लू के लक्षण एक जैसे ही होते हैं, लेकिन स्वाइन फ्लू में यह देखा जाता है कि जुकाम बहुत तेज होता है।
जेन मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के इंटरर्नल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. विक्रांत शाह ने बताया कि स्वाइन फ्लू से बचने के लिए बहुत जरुरी है कि आप मुंह और नांक ढंककर रखें, सड़क किनारे मिलने वाले मामूली मास्क को पहनने से बचें, खास स्वाइन फ्लू के वायरस को रोकने के लिए बनें एन-95 मास्क ही पहनें। ये हर मेडिकल स्टोर और अस्पताल में आसानी से मिल जाते हैं।
डॉ. विक्रांत शाह ने बताया कि स्वाइन फ्लू की शुरुआती लक्षण को खत्म करने के लिए ओसेलटामिविर नामक एक दवा दी जाती है। इसे दिन में दो बार 75 मिलीग्राम तक की मात्रा में लिया जाना चाहिए। और रोगी की देखभाल करने वाला व्यक्ति भी इस संक्रमण के चपेट में न आ जाएं। उसे भी दिन में ये दवा एक बार लेनी चाहिए।
सोमवार को 12 बज कर 03 मिनट पर डॉलर ने भारतीय रुपये को फिर धक्का दिया है. इस समय पर रुपये का भाव ऐतिहासिक रूप से नीचे चला गया. एक डॉलर 72 रुपये 55 पैसे का हो गया. वाकई अब श्री श्री रविशंकर से कहना होगा कि वे आएं और कुछ भभूत-वभूत छिड़कें ताकि डॉलर का नशा उतर जाए. ध्यान रहे कि यहां एक डॉलर अमरीकी मुद्रा है और एक डॉलर गंजी अंडरवियर का भारतीय ब्रांड. इस डॉलर को कुछ नहीं होना चाहिए.
रामदेव के अनुसार मोदी जी के आने पर पेट्रोल 35 रुपया लीटर होने वाला था. महाराष्ट्र के एक शहर में पेट्रोल 89.97 रुपया लीटर हो गया है. डीज़ल 77.92 रुपया लीटर हो गया है. जनवरी से लेकर अब तक पेट्रोल 10 रुपया महंगा हो चुका है. बढ़ती कीमतों के बीच अमित शाह ने कहा है कि बीजेपी 50 साल तक सत्ता में रहेगी. यह बात कहते हुए स्पष्ट किया है कि अहंकार में नहीं कह रहे बल्कि काम के दम पर 50 साल सत्ता में रहेंगे.
कमबख़्त अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों ने किस जनम का बदला निकाला है, पता नहीं. प्रधानमंत्री ने ठीक कहा है कि विपक्ष फेल हो गया है. इसका मतलब तो यही हुआ कि सरकार पास ही पास है. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निदेशक केतन देसाई का केस याद नहीं ही होगा. वे आठ साल पहले निदेशक थे. इनके ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के बहुत से आरोप लगे. मगर जांच की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण एक एक करके सारे आरोप ख़ारिज होते जा रहे हैं. दिल्ली के पटियाला कोर्ट में एक मामले में चार्जशीट दायर करते हुए सीबीआई ने कहा कि गुजरात सरकार ने इस केस में मुकदमा दायर करने की अनुमति नहीं दी है.
गुजरात सरकार ने मुकदमा करने की अनुमति क्यों नहीं दी, इस पर ज़्यादा दिमाग़ लगाने की ज़रूरत नहीं है. हो सकता है यह भी एक तरीका हो भ्रष्टाचार से लड़ने का. मुकदमा या जांच की अनुमति ही न दो तो साबित ही नहीं होगा. फिर ख़बर लिखी जाएगी कि भ्रष्टाचार है कहां. जबकि इसी मामले में चार अन्य के खिलाफ मामला चल रहा है.
केतन देसाई पर मेहरबानी की वजह क्या हो सकती है? कौन है जो उन पर मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दे रहा है? भ्रष्टाचार को लेकर तो ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है फिर अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है. इस बार के चुनावों में देखिएगा, नोट कैसे पानी की तरह बहेगा और झूठ बोलने वाला सबसे ज़्यादा झूठ बोलेगा.
इस बीच ख़बर आई है कि नीरव मोदी ने जालिया फर्म बना कर बैंकों का 576 करोड़ रुपया अमरीका टपा दिया है. आप जानते हैं कि नीरव और ‘हमारे मेहुल भाई’ ने पंजाब नेशनल बैंक को 13,500 करोड़ का चूना लगाया है. नीरव मोदी पर आरोप है कि उसने 6519 करोड़ का लोन लिया. उसमें से 4000 करोड़ बाहर के देशों में टपा दिया. इतना पैसा कैसे टप गया, कोई पूछता भी है तो कोई बताता नहीं है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार नीरव मोदी टपाने का यह खेल 2009-10 से कर रहा था जो 2015-16 तक जारी रहा.
प्रत्यर्पण निदेशालय का आरोप है कि इंटरपोल ही मेहुल चौकसी को सारी सूचनाएं दे रहा है. ‘हमारे मेहुल भाई’ ने भारत की नागरिकता छोड़ एंटिगुआ की नागरिकता ले ली है.
केतन देसाई, नीरव मोदी, मेहुल भाई. आप तीनों चिन्ता न करें. आप लोगों का टाइम अच्छा चल रहा है और अभी पचास साल और चलेगा.
मुरैना के देवरी गांव में एक डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाह को अवैध खनन में लगे एक ट्रैक्टर ने कुचल दिया. मौके पर ही मौत हो गई. माफियाओं ने आधा दर्जन अधिकारियों को मार दिया है. 2012 में एक आईपीएस अफसर नरेंद्र कुमार को भी मार दिया था. हाल ही में अलकेश चौहान नाम के पुलिसकर्मी को भी माफियाओं ने कुचल दिया था.
केंद्रीय खनन मंत्रालय ने लोकसभा में माना है कि अवैध खनन के मामले में मध्य प्रदेश नंबर दो पर है. 2016-17 में मध्य प्रदेश में अवैध खनन के 13000 से अधिक मामले आए लेकिन एफआईआर सिर्फ 516 में दर्ज हुई. पहले नंबर पर महाराष्ट्र है और तीसरे पर आंध्र प्रदेश.
आप चिन्ता न करें. बिहार में सृजन घोटाले में भी दाएं बाएं हो रहा है. कई हज़ार घोटाला का आज तक पता नहीं चला. बीच बीच में छापे की ही खबर आती है काम की नहीं. कौन कौन बच गया इस सवाल को छोड़ कर सभी हिन्दू एक रहें. मोहन भागवत ने कहा है कि हिन्दू एक नहीं होते हैं. शेर अकेला होता है तो कुत्ते भेड़िये हमला कर देते हैं. नौकरी नहीं मिली तो कोई नहीं. लेकिन 89 रुपये लीटर तेल भराकर उफ्फ तक न करने वाले हिन्दुओं का ऐसा अनादर होगा उम्मीद नहीं थी. वे चुप ही तो हैं. उनके चुप रहने के बाद भी भागवत कह रहे हैं कि कुत्ते भेड़िए शेर पर हमला करने वाले हैं. जबकि सारे लोग चुपचाप शेर के पीछे खड़े हैं ताकि उन्हें कोई कुत्ता भेड़िया न कहे. वैसे मैं समझ नहीं सका कि वे एक होने के लिए किसे कह रहे हैं. शेर को एक होने के लिए कह रहे हैं या कुत्ते भेड़ियों को एक होने के लिए कह रहे हैं.
ज़्यादा टेंशन न लें. जो कहा गया है उसे समझें. विचार करें. उम्मीद है आप समझ गए हैं मगर कमेंट समझने से पहले कीजिएगा. आईटी सेल काफी सक्रिय है. वो जो कहे वही मान लीजिएगा.
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.