Monday, 20 October 2025

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कुछ महिलाओं को न चाहते हुए भी नाईट शिफ्ट्स करनी पड़ती हैं जिसका दबाव झेलना उनके लिए मुश्किल हो जाता है.....




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आज के इस दौर में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। घर हो या दफ्तर वे अपनी ज़िम्मेदारियां बखूभी निभाती हैं। ऐसे में कई बार वे खुद पर ध्यान नहीं दे पातीं। कुछ महिलाओं को न चाहते हुए भी नाईट शिफ्ट्स करनी पड़ती हैं जिसका दबाव झेलना उनके लिए मुश्किल हो जाता है।

हाल ही में एक रिसर्च द्वारा इस बात का खुलासा किया गया है कि नाईट शिफ्ट करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज़्यादा होता है। इसके अलावा नाईट शिफ्ट करने के और कई नुकसान होते हैं जैसे शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर, उक्त रक्तचाप, मधुमेह आदि। ज़्यादातर लोग नींद को आलस समझते हैं लेकिन प्रतिदिन हमारे लिए कम से कम 7 घंटे की नींद ज़रूरी होती है। भरपूर नींद न मिलने से हमारा जीवन भी प्रभावित होता है।

आज इस लेख में हम उन महिलाओं के बारे में बात करेंगे जो नाईट शिफ्ट करती हैं और जिसके कारण उन्हें कई सारी मानसिक और शारीरिक परेशानियां झेलनी पड़ती है। साथ ही हम आपको कुछ आसान हेल्थ टिप्स भी देंगे जिसकी मदद से आपको नाईट शिफ्ट में थोड़ी राहत मिलेगी।

1. शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर के लक्षण

2. आयुर्वेद

3. हेल्थ टिप्स

4. डाइट टिप्स

 1. शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर के लक्षण
 
1. शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर के लक्षण

अच्छी नींद न मिलने से हम तनाव और कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। शोधकर्ताओं ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सोने के आम चक्र में बाधा हमारे जीवन को भी अस्त व्यस्त कर देती है। ठीक इसी प्रकार नाईट शिफ्ट करने वाली औरतों को भी सेहत से जुड़ी परेशानियां आती हैं। इन्हीं में से एक है शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर। इसके लक्षण हैं:

1. चिड़चिड़ापन

2. एकाग्रता में कमी

3. क्रोध

4. कम नींद या फिर कच्ची नींद

5. सिर दर्द

6. बालों का झड़ना

7. रूखी और बेजान त्वचा

8. चक्कर आना

यदि आपको अपने अंदर इस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो समझ लीजिये आप शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर से ग्रसित हैं।

2. आयुर्वेद

आयुर्वेद में बड़े से बड़े मर्ज़ की दवा है। ठीक इसी प्रकार इस समस्या का समाधान भी आयुर्वेद के पास है। आयुर्वेद के अनुसार देर रात तक जाग कर काम करने से और पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेने से मनुष्य के शरीर में वात असंतुलित हो जाते हैं। साथ ही लगातार काम करने से हमारे नर्वस सिस्टम पर भी दबाव पड़ता है। ऐसे में आयुर्वेद अश्वगंधा का उपयोग करने की सलाह देता है। अश्वगंधा शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। साथ ही नर्वस सिस्टम पर पड़ने वाले दबाव को भी कम करता है जिससे आपको अच्छी नींद आएगी।

3. हेल्थ टिप्स

(1) पर्याप्त नींद नहीं मिलने से बालों का झड़ना आम बात होती है। इसकी रोकथाम के लिए ज़रूरी है कि आप अपने बालों का खास ध्यान रखें। इसके लिए आप हेयर मसाज का सहारा लें। अपने बालों और स्कैल्प पर अच्छे से तेल की मालिश करें। आप किसी अच्छे आयुर्वेदिक तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं।

(2) यदि आपको हफ्ते के बीच में अच्छी नींद लेने का मौका न मिले तो आप अपनी छुट्टी के दिन का भरपूर लाभ उठाएं और ज़्यादा से ज़्यादा सोने की कोशिश करें।

(3) खुद को तरोताज़ा रखने के लिए आप योग का भी सहारा ले सकती हैं। इससे आपकी एकाग्रता बढ़ेगी और आप तनाव मुक्त रह पाएंगी।

(4) बॉडी मसाज के द्वारा भी आप खुद को रिलैक्स रख सकती हैं। इससे आपका ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और लगातार काम करने से शरीर में हो रहे दर्द से भी राहत मिलेगी।

(5) अच्छी नींद के लिए शांति बेहद ज़रूरी है इसलिए जहाँ तक हो सके सोने के लिए किसी शांत जगह का ही चुनाव करें। जिस कमरे (बेडरूम) में आप नींद ले रहे हैं वहां का वातावरण शांत और सहज हो।

4. डाइट टिप्स

(1) सेहतमंद रहने के लिए आपको अपने खाने पीने का भी खास ध्यान रखना होगा। अगर आप नाईट शिफ्ट करती हैं तो ज़ाहिर सी बात है कि आपके काम की शुरुआत रात के खाने से ही होगी। ऐसे में आप समय पर अपना डिनर कर लें नाकि कुछ काम खत्म होने का इंतज़ार करें।

(2) हो सके तो डिनर में कुछ हल्का ही खाएं। ज़्यादा भारी खाने से एसिडिटी का डर बना रहेगा।

(3) ज़्यादा तला भुना या तैलीय खाने से बचें। इससे आपको गैस और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।

(4) खुद को जगाने और एक्टिव रखने के लिए चाय या कॉफी का ज़्यादा सेवन न करें बल्कि आप पानी या फिर जूस पी सकते हैं। यदि काम के बीच में आपको भूख लगती है तो कुछ हेल्दी और हल्का खाएं इससे आपके वज़न पर भी नियंत्रण रहेगा।

(5) खाने में ज़्यादातर हरी साग सब्जियां और ताज़े फलों का सेवन करें क्योंकि इसमें पाए जाने वाले एन्टिअॉक्सीडेंट्स शरीर के लिए बेहद लाभकारी होते हैं।

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वर्दी में तैनात DCP पिता ने जब IPS बेटी को सैल्यूट मारा तो लोग मुस्कुरा उठे. खुद पिता के चेहरे पर भी गर्व मिश्रित मुस्कान तैर गई. ......

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तेलंगाना में जब आइपीएस बेटी से सामने हुआ तो डीसीपी पिता ने सैल्यूट किया. पिता-पुत्री के बीच का यह नजारा देख लोग मुस्कुरा उठे.

खास बातें

  1. एसपी बेटी को डीसीपी पिता ने जब ठोका सैल्यूट
  2. तेलंगाना पुलिस में तैनात हैं पिता-पुत्री
  3. नजारा देखकर लोग मुस्कुरा उठे

नई दिल्ली: मौका हैदराबाद के पास कोंगरा कलां में टीआरएस की जनसभा का था. यहां वर्दी में तैनात डीसीपी पिता ने जब IPS बेटी को सैल्यूट मारा तो लोग मुस्कुरा उठे. खुद पिता के चेहरे पर भी गर्व मिश्रित मुस्कान तैर गई. हैदराबाद में राशाकोंडा कमिश्नरी के मलकानगिरी के पुलिस उपायुक्त उमा मेहश्वरा शर्मा अगले साल रिटायर होने वाले हैं. सब इंस्पेक्टर की नौकरी से शुरू हुआ सफर 30 वर्षों के बाद डीसीपी पद पर पहुंचा है. हालांकि वह नॉन आइपीएस कॉडर से हैं.

उनकी बेटी सिंधू शर्मा मौजूदा समय तेलंगाना के जगतियाल जिला में पुलिस अधीक्षक हैं. बेटी का आइपीएस में चयन चार साल पहले ही हुआ. सिंधू 2014 बैच की आईपीएस हैं. रविवार को तेलंगाना राष्ट्रीय समिति की जनसभा में पिता-पुत्री का आमना-सामना हुआ. इस दौरान पिता ने बेटी सिंधू को सैल्यूट किया.

उप निरीक्षक से अपना करियर शुरू कर हाल ही में आईपीएस रैंक पर आने वाले उमामहेश्वरा शर्मा ने कहा, "हम लोग पहली बार ड्यूटी करते समय आमने-सामने आए हैं। मैं भाग्यशाली हूं जो उनके साथ काम करने का मौका मिला।" उन्होंने गर्व से कहा, "वे मेरी वरिष्ठ अधिकारी हैं। मैं जब उन्हें देखता हूं, मैं सलाम करता हूं। हम अपनी-अपनी ड्यूटी करते हैं और इस पर चर्चा नहीं करते हैं, लेकिन घर पर हम लोग बिल्कुल पिता और बेटी की तरह रहते हैं।" जनसभा में महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहीं सिंधू ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं। यह अच्छा अवसर है कि हमें साथ काम करने का मौका मिला।"

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इंसान के नवजात के मल में भी के लिए बेहद अच्छे माने जाने वाले बैक्टीरिया बेशुमार मात्रा में पाए जाते हैं.....

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प्रसव के बाद स्तनधारी जीव अपने नवजात को चाटते हैं। उसके को जीभ से साफ करते हैं। इसके पीछे प्रकृति का बड़ा जबरदस्त छुपा है। अमेरिका के वेक फॉरेस्ट स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों का दावा है कि इंसान के नवजात के मल में भी के लिए बेहद अच्छे माने जाने वाले बैक्टीरिया बेशुमार मात्रा में पाए जाते हैं। विज्ञान पत्रिका साइंटिफिक रिपोर्ट्स में इस शोध के नतीजे छापे गए हैं।
 
वैज्ञानिकों के मुताबिक नवजात का मल एक किस्म का 'सुपरफूड' है। उसमें लैक्टिक एसिड वाले बैक्टीरिया बड़ी मात्रा में होते हैं। ये बैक्टीरिया व्यस्क इंसान की आंतों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। पूरे स्वास्थ्य पर इनका असर बेहद सकारात्मक मिला। उम्र बढ़ने के साथ साथ एंटीबायोटिक दवाओं या दूसरे किस्म की कई दवाओं से इंसान की आंत में मौजूद बैक्टीरिया कम होने लगते हैं। इसका असर मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है और पेट में बीमारियां जन्म लेने लगती हैं। शोध के मुताबिक नवजातों के मल में मौजूद बैक्टीरिया वयस्क की आंतों में पहुंचकर शॉर्ट चेन फैटी एसिड बनाते हैं।
 
स्टडी के प्रमुख हरिओम यादव कहते हैं, 'शॉर्ट चेन फैटी एसिड आंतों की अच्छी सेहत के लिए बहुत ही जरूरी होते हैं।' मोटापे के साथ डायबिटीज, ऑटोइम्यून बीमारियों और कैंसर के मरीजों की आंतों में आम तौर पर शॉर्ट चेन फैटी एसिड बहुत कम होते हैं।

नवजात के मल की खासियत
 
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने शिशुओं के मल को बारीकी से जांचा। शिशु आम तौर पर व्यस्क इंसान की तुलना में ज्यादा स्वस्थ होते हैं। उनमें उम्र संबंधी बीमारियां नहीं के बराबर होती हैं। प्रयोग के दौरान 34 बच्चों के डायपर रोज जमा किए गए। डायपरों से जुटाए गए मल को वयस्क चूहों को खिलाया गया। सेहतमंद बैक्टीरिया से भरे इस मल की खुराक लेते ही चूहे ज्यादा सेहतमंद हो गए। यादव कहते हैं, "इस डाटा का इस्तेमाल भविष्य में ह्यूमन माइक्रोबायोम, मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारियों पर प्रोबायोकटिक्स के असर को जानने के लिए किया जा सकता है।"

कुछ ऐसा ही प्रयोग जर्मनी के माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजी ऑफ एजिंग में भी किया गया। यहां वैज्ञानिकों ने वयस्क मछलियों को नवजात मछलियों का मल खिलाया। प्रयोग के बाद देखा गया कि नवजात मछलियों का मल खाने वाली मछलियों की आंतें बहुत स्वस्थ हो गईं।
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