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तो चलिए एक नजर देखते हैं कि प्रदूषण (air quality index India) के बीच रहते हुए भी कैसे आप खुद को इसके प्रभावों से बचा कर रख सकते हैं.
सबसे पहले एक नजर डालते हैं प्रदूषण से होने वाली बीमारियों पर- Air pollution cause health problems
हो सकता है कि आपको लगे कि बार-बार होने वाला जुकाम सर्दी या बदलते मौसम की वजह से है. लेकिन यह प्रदूषण का आपके शरीर पर प्रभाव हो सकता है. हसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, खांसी, साइनस, टीबी और गले में में इन्फेक्शन, अस्थमा, फेफड़ों से जुड़े रोग भी प्रदूषण की देन हो सकते हैं.
हालांकि आप वायु प्रदूषण या एयर पॉल्यूशन से खुद को सौ फीसदी तो नहीं बचा सकते, लेकिन फिर भी अपने बचाव के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं, जैसे-
- जब भी घर से बाहर जाएं तो मुंह पर मास्क लगाकर जाएं.
- यह जरूरी नहीं कि प्रदूषण सिर्फ शरीर के अंदरूनी हिस्सों पर असर करता है. यह आपके बाहरी हिस्सों जैसे त्वचा और आंखों को भी प्रभावित कर सकता है. तो जब भी घर से बाहर निकलें आंखों पर चश्मा जरूर लगा लें.
- अगर आप मुंह पर मास्क लगा कर बाहर निकल रहे हैं, तो उसे बार-बाद छूएं नहीं.
- इस बात का भी पूरा ध्यान रखें कि आप जिस मास्क को एक बार इस्तेमाल कर चुके हैं उसे दोबारा इस्तेमाल न करें. हां, अगर आपका मास्क रीयूजेबल है तो बात अलग है.
- आपको याद होगा पहले हमारे बड़े रोज सुबह शाम घर के बाहर सड़क पर पानी डाला करते थे. बस आपको भी यही करना है. घर के बाहर सड़क को गीला करें. ऐसा करने से धूल के दूषित कण हवा में नहीं उड़ेंगे.
- बाहर के साथ साथ घर की हवा भी प्रदूषित होती है, तो घर में नियमित डस्टिंग करते रहें.
- कोशिश करें कि घर में ही रहें. बाहर निकला ही हो तो उस समय निकलें जब पर्यावरण में प्रदूषण (Delhi pollution level today live) का स्तर कम हो.
इंसान का शरीर अपने खाने से एनर्जी लेता है. यह तो साफ है कि आप क्या खाते हैं यह आपकी सेहत को प्रभावित करता है. चलिए फिर देखते हैं कि किस तरह की डाइट से आप प्रदूषित शहर की आबोहवा में बचे रह सकते हैं.
- अदरक का यह नुस्खा आपके खूब काम आएगा. इसके लिए अदरक का रस और सरसों का तेल नाक में डालना होगा. यह बूंद-बूंद कर डालें.
- तुलसी कई तरह के रोगों में काम आएगी. प्रदूषण से बचने के लिए रोज तुलसी के पत्तों का पानी पीएं.
- रोज गर्म दूध जरूर पीएं. ऐसा करने से फेफड़ों को धूल के कणों से बचाया जा सकता है.
- प्रदूषण बढ़ने पर या सामान्य तौर पर भी अपने खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ जरूर खाएं. गुड़ खून साफ करता है. यह प्रदूषण के प्रभाव को कम करेगा.
- ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें.
- फेफड़ों में जमी कफ और गंदगी बाहर निकालने के लिए शहद में काली मिर्च मिलाकर खाएं.
डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर के अंदर ब्लड शुगर के स्तर में अचानक वृद्धि और गिरावट का अनुभव होता है. जिस कारण कई अन्य तरह की भी समस्याएं हो सकती है. भारत में डायबिटीज की समस्या अब आम हो गई है. एक अनुमान के अनुसार, फिलहाल 62 मिलियन भारतीय मधुमेह से पीड़ित हैं, जो देश की वयस्क आबादी का लगभग 7 प्रतिशत है. इंडियन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, भारत में डायबिटीज रोगियों की संख्या 2035 तक 109 मिलियन तक पहुंच जाएगी. इसके अलावा, औसतन 40 साल से अधिक उम्र के लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं. मधुमेह को कंट्रोल करने और रोकने में आपकी डाइट अहम भूमिका निभाती है. रेगुलर एक्सरसाइज भी इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है. ऐसे कई इंग्रीडिएंट्स हैं जिन्हें हम अपनी रूटिन डाइट में शामिल कर सकते हैं, ये ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं, इनमें तेज पत्ता सबसे अहम है.
टेस्ट बढ़ाने के लिए कई भारतीय व्यंजनों में तेज पत्ते का उपयोग किया जाता है. इसे मालाबार पत्ता और लॉरस नोबिलिस भी कहा जाता है. यह जड़ी-बूटी आपको कई भारतीय रसोई घरों में आसानी से मिल जाएगी. इसमें जरूरी पोषक तत्वों और खनिजों जैसे विटामिन ए और सी होने के साथ-साथ फोलिक एसिड भी पाया जाता है. इसका उपयोग कई सूप, करी और चावल से बनने वाली डिशेज में किया जाता है. तेज पत्ते में मौजूद पोषक तत्व कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देते हैं, जैसे पाचन समस्याओं को रोकना, दिल की रक्षा करना और तनाव को कम करना. लेकिन डायबिटीज रोगी विशेष रूप से इसे अपने खाने में शामिल करके लाभ ले सकते हैं, क्योंकि यह इंसुलिन फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.
कैसे करता है फायदा:
2016 में क्लिनिकल बायोकैमिस्ट्री एंड न्यूट्रिशन मैगजीन में प्रकाशित अध्ययन से ये निष्कर्ष निकाला गया कि 30 दिनों में केवल 1 से 3 ग्राम तेज पत्ते का सेवन टाइप -2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद होता है, यह शरीर में इंसुलिन के प्रवाह में सुधार करता है. तेज पत्ते में कई फाइटोकेमिकल्स और आवश्यक तेल होने के कारण ये शरीर में शुगर के लेवल को कंट्रोल करता है. तेज पत्ते का सेवन शरीर में इंसुलिन की खपत और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है. तेज पत्ते में पॉलीफेनॉल पाया जाता है, जो ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके अलावा, तेज पत्ते को बढ़े हुए कॉलेस्ट्रॉल में सुधार करने के लिए भी जाना जाता है.
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए कैसे करें तेज पत्ते का प्रयोग
डायबिटीज के रोगियों को नियमित दवाओं के साथ-साथ हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल के नियमों का पालन करने के अलावा तेज पत्ते का इस्तेामल करने की सलाह दी जाती है. आप अपने सूप में इसे पावडर के रूप में यूज कर सकते हैं. इतना ही नहीं इस जड़ी-बूटी को आप अपने खाने में भी मिला सकते हैं. आपके लिए इस जड़ी-बूटी का सिर्फ एक चम्मच ही पर्याप्त रहेगा. यह ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करेगा.
Ayurvedic Remedies For Hypertension: आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में अपने खान-पान का सही से ध्यान न रख पाना सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) के रोगियों को अपने खान-पान का ज्यादा ध्यान रखना चहिए क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) के रोगियों को हार्ट-अटैक (Heart attack) और किडनी जैसी समस्या हो सकती हैं. उच्च रक्तचाप से ब्लड सही से सर्कुलेट नहीं हो पाता जिसके चलते आप दूसरी बिमारियों की चपेट में आ जाते हैं. हाई ब्लड प्रेशर आपके जीवन को खतरे में डाल रहा है. हाई ब्लड प्रेशर अर्थात हाइपरटेंशन से हर व्यक्ति जूझ रहा हैं. अगर यह एक बार हो जाए तो लोगों को उम्र भर बीपी को कंट्रोल करने के लिए गोलियां खानी पड़ती हैं, लेकिन आयुर्वेद के उपचार से इस बिमारी से छुटकारा मिल सकता है. तो चलिए हम बताते है आपको हाई बल्ड प्रेशर को नियंत्रित करने के घरेलू नुस्खे.
हाइपरटेंशन के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे | हाई बीपी को कम करने के घरेलू नुस्खे -
1. नींबू हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में फायदेमंद हैः नींबू में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. जो हानिकारक पदार्थो को शरीर से बाहर निकलने में मदद करता है. हाई ब्लड प्रेशर अर्थात उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में नींबू का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है
2. तरबूज के बीज हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में फायदेमंद हैः तरबूज के बीज और अफीम के बीज को को समान मात्रा में मिलाकर कर उच्च रक्तचाप के रोगियों को सुबह और शाम खाली पेट सेवन करना चाहिए. यह रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने का कम करता है. जिससे हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखा जा सकता है.
3. प्याज का रस हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में फायदेमंद हैः प्याज खाने के कई फायदों के बारे में आपने सुना ही होगा लेकिन प्याज का रस भी कई बीमारियों को ठीक करने में कारगर है. दो से तीन हफ्ते तक प्याज के रस को सुबह एक चम्मच शहद के साथ प्रयोग करना चाहिए. इससे हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है.
4. शहद हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में फायदेमंद हैः शहद का प्रयोग कई बीमारियों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. शहद उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक होती है. प्रतिदिन सुबह खाली पेट दो चम्मच शहद का इस्तेमाल करें. एक चम्मच शहद को अदरक रस के दो चम्मच और जीरा के साथ मिलाकर लें. इसके इस्तेमाल से उच्च रक्तचाप में फायदा हो सकता है.
5. काली मिर्च हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में फायदेमंद हैः रक्तचाप या उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को काली मिर्च का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है. यह प्लेटलेट्स के साथ मिलकर रक्त के थक्के बनने से रोकती है. काली मिर्च को इस्तेमाल आप किसी भी चीज में मिलाकर कर सकते है.
6. नारियल पानी हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में फायदेमंद हैः नारियल पानी का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती साथ ही यह रक्त संचार को भी सही रखता है. ब्लड प्रेशर के रोगियों को नारियल पानी या नारियल तेल का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है.
7. केला हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में फायदेमंद हैः केले में पोटेशियम की मात्रा भरपूर पाई जाती है जो हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है. प्रतिदिन एक से दो केले का सेवन करें. केले के साथ-साथ आप सूखे खुबानी, किशमिश, संतरे का रस, पालक, बेक्ड आलू और कैंटोलॉप का भी सेवन कर सकते हैं. ये सभी सूखे मेवे ब्लडप्रेशर को नियंत्रित कर सकते हैं.
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