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जिनका यौन जीवन (sexual life) अच्छा होता है वे लोग ज्यादा जीते हैं और दिल के रोगों (heart disease) या स्ट्रोक (stroke) से बचे रहते हैं.
आप कितनी हेल्दी और हेप्पी लाइफ जी रहे हैं? यह बात इस पर निर्भर करती है कि आप स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और एक प्यार और खुशियों भरे परिवार के साथ हों. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हेल्दी लाइफ (healthy sexual life) के लिए इन सब बातों से इतर यह भी बहुत मायने रखता है कि आपका यौन जीवन (sexual life)कैसा है. जी हां, हेल्थ कोच लुके कॉन्टिनो ने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा कि अच्छी सेहत के बारे में बात करने का मतलब यह नहीं है कि ऑरगेनिक फूड (organic foods), व्यायाम (exercising), विटामिन इनटेक (vitamin intake), ध्यान (meditation), योगा (yoga) वगैरह. अच्छी सेहत का मतलब इससे भी है कि आपके जीवन में खुशहाल, आदरपूर्वक और सुखी यौन सुख (happy sex) भी है.
अपनी पोस्ट में लुके ने कहा कि जिनका यौन जीवन (sexual life) अच्छा होता है वे लोग ज्यादा जीते हैं और दिल के रोगों (heart disease) या स्ट्रोक (stroke) से बचे रहते हैं. एक अच्छी सेहतमंद सेक्स लाइफ (healthy sexual life) ब्रेस्ट कैंसर (risks of breast cancer) के खतरे को कम करती है. यह इम्यूनिटी सिस्टम को भी दुरुस्त रखने में मददगार है.
यौन जीवन को खुशहाल और स्वस्थ बनाया जाए.
एक अच्छी और स्वस्थ सेक्स लाइफ (healthy sexual life) न सिर्फ क्रोनिकल परेशानियों को कम करती है साथ ही यह माइग्रेन, डिप्रेशन को दूर कर जीवन का स्तर बेहतर करती है. इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि अपने यौन जीवन को खुशहाल और स्वस्थ बनाया जाए. यहां हैं कुछ टिप्स जो आपके यौन जीवन को बेहतर कर सकते हैं.
1. अच्छा खाएं (Eat healthy)
यौनाचार (Sexuality) किसी भी इंसान की सामान्य हेल्थ पर भी निर्भर करता है. अच्छा आहार (Optimum nutrition) अच्छी सेक्स लाइफ (sexual life) में काफी अहम रोल निभाता है. ऐसा खाना खाएं जिसमें हर तरह का आहार हो. आपके खाने में प्रोटीन, फाइबर, कार्बस, ओमेगा-3, फैटी एसिड, विटामिन और मिनरल सब होना चाहिए.
2. वजन करें नियंत्रित (Maintain a healthy weight)
हेल्दी सेक्स लाइफ के लिए एक बहुत ही जरूरी बात का ध्यान रखना जरूरी है वह है नियंत्रित वजन. अच्छे खाने के साथ-साथ आपको अपने वजन का भी ध्यान रखना होगा. इसके लिए आपको नियमित व्यायाम (exercising regularly) करने की जरूरत होगी. बढ़ा हुआ वजन हाइपरटेंशन, डायबिटीज और कई दूसरी बीमारियों को बुलावा दे सकता है. यह आपकी सेक्स लाइफ (sexual health) को प्रभावित करेगा. तो इसके लिए आपको कार्डियो और वेट ट्रेनिंग करनी होगी.
3. साथी से करें बात (communicating with partner)
अच्छी सेक्स लाइफ के लिए सबसे जरूरी बात है कि आप अपने साथी से इस बारे में बात करें. उससे पूछें कि कहीं कोई ऐसी बात तो नहीं जो उसे परेशान करती हो या संबंधो के दौरान वे किसी बात से असहज या अनकम्फर्टेबल होती हों. अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने (improve your sexual life) के लिए आपको यह कदम उठाना ही होगा. उनके बात करें और उनके मन और सुविधा के अनुसार अगर कुछ ऐसे बदलाव हैं जो आप असहज हुए बिना कर सकते हैं तो जरूर करें.
4. स्मोकिंग छोड़ें (Quit smoking)
अगर आप एक नियमित स्मोकर (regular smoker) हैं और आप अपने यौन जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं तो आपको स्मोकिंग की आदत के बारे में सोचना होगा. धूम्रपान या Smoking की आदत सेक्स लाइफ को प्रभावित कर सकती है. तंबाकू नसों को प्रभावित करता है और उत्तेजना की कम ला सकता है. इसलिए अच्छे यौन जीवन के लिए स्मोकिंग की आदत को विदा कहें.
Sexual capability: अच्छे यौन जीवन के लिए स्मोकिंग की आदत को विदा कहें.
5. शराब को कहें न (Intake of alcohol)
यह एक मिथ है कि नशा करने या शराब पीने के बाद यौन जीवन को अधिक आनंद लिया जा सकता है. लेकिन सच तो यह है कि एल्कोहोल पीने से दिमाग से आपका नियंत्रण कम हो जाता है और सेक्स जीवन को भरपूर नहीं जिया जाता. इसलिए यौन संबंध बनाने से पहले शराब पीने से बचें.
दिवाली का त्योहार लगभग पूरी दुनिया में मनाया जाने वाला पर्व है। लेकिन कई बार इस त्योहार के साथ कुछ अनहोनी का सामना भी लोगों को करना पड़ता है। हर साल दिवाली के मौके पर लोगों के जलने और उससे चोट लगने की छोटी बड़ी खबरें सामने आती हैं। ऐसे समय में दिमाग में सिर्फ एक ही बात आती है कि शरीर के उस भाग को राहत पहुंचाने के लिए तुरंत घर पर कौन सा उपचार किया जा सकता है।
आज हम आपको कुछ घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें मेडिकल मदद लेने से पहले आप राहत पाने के लिए घर पर ही अपना सकते हैं।
जलती हुई त्वचा को राहत पहुंचाने का सबसे बढ़िया उपाय है कि उस पर ठंडा पानी डालें। आप ठंडा कपड़ा उस जगह पर रख कर भी राहत महसूस कर सकते हैं। दर्द से आराम पाने के लिए हर घंटे में ये उपाय करते रहें। इस बात का ध्यान रखें कि आप उस स्थान पर बर्फ ना रखें क्योंकि ये रक्त के प्रवाह को रोक देता है और ये आपके सेंसेटिव टिश्यू को नुकसान पहुंचा सकता है।
आप पटाखे से जले हुए स्थान पर ठंडा दूध डाल सकते हैं। दूध त्वचा को राहत देता है और ये एक अच्छा ट्रीटमेंट है। अगर आप ये उपाय कर रहे हैं तो इस बात का ख्याल रखें की आपने बिना मलाई वाला दूध लिया हो।
ऐसा कहा जाता है कि थोड़ा बहुत जल जाने पर आलू की मदद से राहत पायी जा सकती है। अगर दिवाली पर आप पटाखों या जलते दीयों से खुद को नुकसान पहुंचा लेते हैं तो तुरंत कच्चे आलू का इस्तेमाल उस जगह पर करें।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि फर्स्ट डिग्री जलने की स्थिति में एलोवेरा एक अच्छी औषधि है। एलोवेरा में राहत देने वाला गुण मौजूद है जो पानी के फोड़े होने की संभावना को भी काम कर देता है। सबसे पहले जले हुए स्थान को साफ़ पानी से धो लें और फिर उस पर एलोवेरा जूस लगाएं।
पटाखों से जलने पर राहत पाने के लिए आप सबसे आसान उपाय कर सकते हैं और वो है नारियल का तेल। हल्का फुल्का जल जाने पर कोकोनट ऑयल लगाने की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि इसमें विटामिन ई और फैटी एसिड होता है जो एंटी फंगल, एंटी ऑक्सिडाइसिंग और एंटी बैक्टीरियल के तौर पर काम करता है।
नींबू
पटाखों से जल जाने पर आप नींबू का इस्तेमाल भी घरेलू उपचार के तौर पर कर सकते हैं। आप प्रभावित जगह पर दो से तीन दिनों के लिए नींबू का रस लगाएं। नींबू उस जगह की रंगत को हल्का करने का प्रयास करता है और उसे नॉर्मल स्किन टोन में लाता है।
छोटा मोटा जल जाने पर आप विनेगर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, इसमें एस्ट्रिंजेंट और एंटीसेप्टिक गुण होता है। विनेगर किसी तरह के इंफेक्शन से भी बचाता है।
पटाखों से जल जाने पर राहत पाने के लिए ठंडे ब्लैक टी बैग्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्लैक टी में मौजूद टैनिक एसिड जले हुए स्थान की गर्माहट को बाहर निकाल कर दर्द कम करता है। प्रभावित जगह पर टी बैग रखें और महीन पट्टी उस पर लपेट दें। एक दिन के बाद उस पट्टी को हटा दें और वहां एलोवेरा जेल लगा दें।
ऐसा कहा जाता है कि पटाखों से जल जाने पर जल्दी राहत पाने के लिए केले के पत्ते अच्छा विकल्प हैं। केले के पत्ते में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी माइक्रोबियल और कई गुण पाए जाते हैं। इसका उपयोग करने के लिए सबसे पहले केले के पत्तों को पीस लें और उससे जूस निकाल लें। जले हुए स्थान पर सीधे इस रस को लगा लें।
फर्स्ट डिग्री बर्न से राहत पाने के लिए प्याज़ बेहतरीन ऑप्शन है। प्याज़ को पीस कर पेस्ट बना लें। पटाखों से जले हुए भाग पर आराम से ये पेस्ट लगाएं। शुरुआत में आपको जलन महसूस होगी लेकिन पेस्ट लगाने के थोड़ी देर बाद आपको राहत मिलेगी।
अगर आप अपने दिवाली के त्योहार को अच्छे से बनाना चाहते हैं तो उन चीजों की मदद ले, जो आपको अस्थमा में राहत दिलाएं। तो आइये हम बताते हैं आपको उन चीजों के बारे में....
::/introtext::दिवाली का समय आ चुका हैं और यह त्योहार पूरे भारत में खुशियों के साथ मनाया जाता हैं। इस त्योहार पर पटाखे भी जलाए जाते हैं और खुशियाँ जाहिर की जाती हैं। लेकिन ये पटाखे अस्थमा रोगियों के लिए खुशियाँ नहीं परेशानी लेकर आते हैं। क्योंकि पटाखों से प्रदूषण होता है, जिससे अस्थमा रोगियों को खांसी, सांस लेने में तकलीफ जैसे समस्याएँ होने लगती हैं। इसलिए अगर आप अपने दिवाली के त्योहार को अच्छे से बनाना चाहते हैं तो उन चीजों की मदद ले, जो आपको अस्थमा में राहत दिलाएं। तो आइये हम बताते हैं आपको उन चीजों के बारे में।
* मेथी के दाने
मेथी को पानी में उबाल कर इसमें शहद और अदरक का रस मिलाकर रोजाना पीएं। इससे आपको अस्थमा की समस्या से राहत मिलेगी।
* केला
एक पके केले को छिलके सहित सेंककर बाद में उसका छिलका हटाकर केले के टुकड़ो में पिसी काली मिर्च डालकर गर्म-गर्म दमे रोगी को देनी चाहिए। इससे रोगी को राहत मिलेगी।
* लहसुन
लहसुन अस्थमा के इलाज में काफी कारगर साबित होता है। अस्थमा रोगी लहुसन की चाय या 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से अस्थमा में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है।
* अजवाइन और लौंग
गर्म पानी में अजवाइन डालकर स्टीम लेने से भी अस्थमा को नियंत्रित करने में राहत मिलती है। यह घरेलू उपाय काफी फायदेमंद है। इसके अलावा 4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मश्रिण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएं और गर्म-गर्म पी लें। हर रोज दो से तीन बार यह काढ़ा बनाकर पीने से मरीज को लाभ होता है।
* तुलसी
तुलसी अस्थमा को नियंत्रित करने में लाभकरी है। तुलसी के पत्तों को अच्छी तरह से साफ कर उनमें पिसी काली मिर्च डालकर खाने के साथ देने से अस्थमा नियंत्रण में रहता है। इसके अलावा तुलसी को पानी के साथ पीसकर उसमें शहद डालकर चाटने से अस्थमा से राहत मिलती है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के फॉरेस्ट ब्लाक, जेल रोड में स्थित सिकलसेल संस्थान में सिकलसेल से पीड़त मरीजों का निशुल्क इलाज होता है. संस्थान का उद्देश्य सिकल सेल रोगियों की पहचान कर मरीज को निशुल्क इलाज के लिए नवीनतम तथा आधुनिक चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है. सिकल सेल संस्थान राज्य का ऐसा अस्पताल है, जहां किसी भी प्रकार का कैश काउंटर नहीं है. संस्थान में सिकल सेल रोगियों की सभी प्रकार की जांच एवं उपचार तथा दवाएं भी निशुल्क प्रदान की जाती हैं.
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्री अजय चंद्राकर और कृषि एवं पशुपालन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने एक अक्टूबर को प्रथम सिकल सेल संस्थान परिसर का लोकार्पण किया साथ ही संस्थान परिसर में 30 बिस्तर के नए सिकलसेल अस्पताल भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन भी किया.
स्वास्थ मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार क्षेत्रीय स्तर पर स्थानीय बीमारियों का चिन्हांकन कर सिकलसेल रोग के नियंत्रण के लिए सिकलसेल संस्थान की स्थापना की है. सिकलसेल संस्थान के खुल जाने से प्रदेश में जो स्वास्थ्यगत गेप था वह पूरा होगा.
उनका कहना है कि सिकल सेल की प्राथमिक जांच से पता चला है कि प्रदेश की लगभग 10 प्रतिशत आबादी में सिकल सेल के गुण पाए गए हैं. राज्य के कुछ विशेष जातियों में यह बीमारी लगभग 30 प्रतिशत तक देखा गया है. ऐसी स्थिति में सिकलसेल संस्थान इस रोग के प्रति लोगों में जागरूकता लाने और शत-प्रतिशत नियंत्रण के कारगार साबित होगा.
कृषिमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को बीमारियों से निजात दिलाने के संकल्पित है. प्रदेश में 10 प्रतिशत से अधिक आबादी को इस बीमारी से बचाने और इसके निर्मूलन के लिए राजधानी में सिकलसेल संस्थान सहित सभी 27 जिलों में जांच एवं परामर्श केंद्र की स्थापना इसका उदाहरण है. उन्होंने कहा कि यहां का सामाजिक परिवेश, प्रथा और परंपरा भिन्न है, उसके बावजूद लोगों को सिकलसेल रोग के प्रति जागरूक कर इस बीमारी को समाप्त किया जा सकता है.
स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिक बारिक सिंह ने बताया कि सिकलसेल संस्थान एक स्वशासी संस्था है, जिसकी स्थापना राज्य शासन द्वारा जुलाई 2013 में रायपुर में की गई थी. संस्थान का प्रमुख उद्देश्य लोगों में सिकल सेल रोग के प्रति जागरूकता लाना है. सिकल सेल संस्थान राज्य का ऐसा अस्पताल है, जहां किसी भी प्रकार का कैश काउंटर नहीं है.संस्थान में सिकल सेल रोगियों की सभी प्रकार की जांच एवं उपचार नि:शुल्क है तथा दवाएं भी नि:शुल्क प्रदान की जाती हैं.
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