Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
नई दिल्ली: शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने गुरुवार शाम महाराष्ट्र के नए सीएम पद की शपथ ली. जबकि देवेंद्र फडणवीस राज्य के नए उप-मुख्यमंत्री बने. एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन राजभवन में किया गया. इस दौरान शिवसेना और बीजेपी के कई अन्य नेता भी मौजूद रहे. बता दें कि एकनाथ शिंदे के बतौर सीएम पद की शपथ लेने के बाद अब अगले कुछ दिनों में महाराष्ट्र की नई कैबिनेट तय होगी. गुरुवार शाम को देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि आज शाम साढ़े सात बजे एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए सीएम के तौर पर शपथ लेंगे, जबकि इनकी कैबिनेट अगले कुछ दिनों में शपथ लेगी.
इस दौरान देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की थी वो राज्य की शिंदे सरकार का हिस्सा नहीं होंगे और बाहर से उन्हें समर्थन देंगे. इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें सरकार बनाने का प्रस्ताव सौंपा था. सूत्रों के अनुसार देवेंद्र फडणवीस पहले नई सरकार में कोई पद लेना नहीं चाहते थे लेकिन बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद वो उप-मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हो गए.
सीएम एकनाथ शिंदे के शपथ लेने के बाद उन्हें पीएम मोदी ने बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मैं एकनाथ शिंदे जी को महाराष्ट्र के नए सीएम के तौर पर शपथ लेने की बधाई देता हूं. वो जमीन से जुड़े नेता हैं. राजनीति में उनका अनुभव महाराष्ट्र को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएगा. मैं उन्हें एक बार फिर बधाई देता हूं.
पीएम ने देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम बनने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस बीजेपी के हर कार्यकर्ता के लिए एक प्रेरणा हैं. उनका अनुभव राज्य सरकार के लिए काफी फायदेमंद साबित होने वाला है. मुझे भरोसा है कि उनके सहयोग से राज्य के विकास की यात्रा और तेज होगी.
ध्यान हो कि राज्य में कई दिनों से राजनीतिक उथापुथल के हालात थे. शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायक पहले मुंबई से सूरत गए और वहां से फिर उन्हें गुवाहाटी भेज दिया गया. ये सभी विधायक उद्धव ठाकरे सरकार का विरोध कर रहे थे. इनकी मांग थी कि उद्धव ठाकरे महाअघाड़ी सरकार से बाहर आएं.
महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम और गहरा गया है. अब लड़ाई कानूनी दांव-पेंच में उलझ गई है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी सरकार और पार्टी (शिवसेना) को बचाने की कोशिशों में जुटे हैं. इस बीच डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया है. इससे बागी गुट का झटका लगा है. एकनाथ शिंदे गुट अब इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा.
उधर, शिव सैनिक सड़कों पर उतर आए हैं. इसे देखते हुए मुंबई में धारा 144 लगा कर दिया गया है. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पुणे में उत्पात मचाया है. बागी विधायक तन्नाजी सावंत के दफ्तर में तोड़फोड़ की है. पुणे शहर के शिव सेना प्रमुख ने कहा है कि उनके ही कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की है. उन्होंने कहा कि सभी बागी विधायकों और गद्दारों, जिसने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को संकट में डाला है, को इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
शिवसैनिकों के उत्पात को देखते हुए मुंबई पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है और सभी पुलिस थानों से शहर के सभी राजनीतिक कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. यह निर्देश दिया गया है कि अधिकारी स्तर के पुलिस कर्मी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राजनीतिक कार्यालय का दौरा करें.
उधर, शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के गृह मंत्री, डीजीपी महाराष्ट्र को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि 38 विधायकों के परिवारों के सदस्यों की सुरक्षा को दुर्भावनापूर्ण रूप से वापस लिया गया है.
इस बीच, ठाकरे गुट ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आज बैठक बुलाई है.उधर, शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के विधानसभा क्षेत्र थाणे में पुलिस ने 8 जुलाई तक निषेधाज्ञा लगा दी है. इस दौरान हथियार, लाठी, तलवार, भाला, बंदूकें, लाठी, या शरीर को घायल करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली किसी भी अस्त्र-शस्त्र को लाने या ले जाने, उसका भंडारण करने पर रोक रहेगी. इतना ही नहीं, पत्थरों का भंडारण करना और तैयार करना या किसी तरह का फेंकना भी प्रतिबंधित रहेगा. पुलिस ने भड़काऊ पोस्टर पर भी रोक लगा दी है.
ताजा घटनाक्रम से पता चलता है कि बागी नेता एकनाथ शिंदे का गुट 37 विधायकों की महत्वपूर्ण संख्या तक पहुंच चुका है, जो दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन किए बिना विधानसभा में पार्टी को विभाजित करने के लिए पर्याप्त है. इसके साथ ही शिंदे गुट में अब 42 विधायक हो गए हैं. हालांकि, शुक्रवार की सुबह एनडीटीवी से बात करते हुए, उन्होंने दावा किया था कि 50 से अधिक विधायक उनका समर्थन कर रहे हैं, जिनमें शिवसेना के 40 विधायक शामिल हैं.
गुवाहाटी : महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच बागी शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने फिर कहा है कि शिवसेना के लिए कांग्रेस और एनसीपी का साथ छोड़ना जरूरी है. शिदे ने मराठी भाषा में किए ट्वीट में लिखा, "पिछले ढाई साल में महा विकास आघाडी में फायदा दूसरे दलों को हुआ है और शिवसेना को केवल नुकसान हुआ है. दूसरे दल जहां मजबूत होते गए तो वहीं शिवसेना की ताकत कम होती चली गई." उन्होंने कहा कि पार्टी और शिवसैनिकों को टिकाए रखने के लिए अनैसर्गिक गठबंधन से बाहर निकलना ज़रूरी है. महाराष्ट्र के हित के लिए यह फैसला लेना बेहद जरूरी है.सीएम उद्धव ठाकरे के फेसबुक के जरिये संबोधन के बाद शिंदे की ओर से यह प्रतिक्रिया सामने आई है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सियासी संकट गहराने के बीच एकनाथ शिंदे ने अपने 'धड़े' को वास्तविक शिवसेना करार दिया है और 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. शिंदे के समर्थक विधायकों ने राज्यपाल और महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का पत्र लिखकर आग्रह किया है कि एकनाथ शिंदे, जिन्हें शिवसेना ने वर्ष 2019 में विधायक दल का नेता नियुक्त किया था, इस पद पर बने रहेंगे. इनका यह भी कहना है कि भारत गोगावले को पार्टी का चीफ व्हिप नियुक्त किया गया है और वे अभी भी शिवसेना में हैं.
शिंदे की अगुवाई वाले ग्रुप के प्रस्ताव में कहा गया है कि वैचारिक रूप से विरोध कांग्रेस पार्टी और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी कैडर में असंतोष व्याप्त है.शिंदे ग्रुप ने दावा किया कि सरकार में भ्रष्टाचार, नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के मामले और प्रशासनिक मसलों को लेकर काफी नाराजगी है.मंगलवार तक गुजरात के सूरत में डटे बागी शिंदे और उनके समर्थक विधायक अब असम के गुवाहाटी पहुंच गए हैं. गुवाहाटी एयरपोर्ट से निकलते समय एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना को छोड़ा नहीं है, बालासाहेब के हिंदुत्व को आगे बढ़ाएंगे.
मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी घमासान मचा हुआ है. शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे पार्टी विधायकों के साथ असम पहुंच गए हैं. वह यहां के होटल रेडिशन ब्लू में ठहरे हुए हैं. वहां 50 कमरें बुक कराए गए हैं. वहीं उद्धव सरकार के नेताओं की ओर से शिंदे को मनाने की कोशिशें जारी हैं. कल देर शाम शिवसेना के दो नेता सूरत में शिंदे से मिले और उन्होंने मनाने की कोशिश की. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों नेताओं के साथ मुलाकात के बाद एकनाथ शिंदे ने मिलिंद नारवेकर के फोन से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की. यह बातचीत करीब 10 मिनट तक हुई. उद्धव की पत्नि रश्मि ठाकरे से भी शिंदे से बातचीत हुई है.शिंदे ने कहा कि वो पार्टी की भलाई के लिए यह कदम उठा रहे हैं. अब तक उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया है और न ही किसी दस्तावेज़ पर दस्तखत किए हैं. सीएम उद्धव ठाकरे ने शिंदे से विचार कर वापस आने के लिए कहा है. फिलहाल इस बातचीत से कोई हल नहीं निकला.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
गुवाहाटी एयरपोर्ट से निकलते समय एकनाथ शिंदे ने कहा है कि शिवसेना छोड़ा नहीं है, बालासाहेब का हिंदुत्व आगे बढ़ाएंगे. जबकि एक विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा मजाकिया लहजे में कहा बिरयानी खाने आए हैं. तो गृहराज्यमंत्री शंभू राजे ने कहा है जय महाराष्ट्र. पता ये भी चल रहा है कि एकनाथ शिंदे अपने विधायको की सही संख्या वाला पत्र राज्यपाल को सौंपने वाले हैं. शिंदे ने अपने साथ शिवसेना के 40 और निर्दलीय 6 विधायकों के साथ होने का दावा किया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार शाम को कहा कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार बनाने की संभावना तलाश रही है. देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, 'सत्ता के आसानी से हस्तांतरण हमारी प्राथमिकता है.'
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि भाजपा शासित गुजरात के सूरत शहर में शिंदे के साथ पार्टी के 14 से 15 विधायक हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नितिन देशमुख सहित इनमें से दो विधायकों को पीटा गया है और देशमुख को दिल का दौरा पड़ा है.
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच सीएम उद्धव ठाकरे ने कल लगातार सहयोगी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की. शिवसेना नेताओं के साथ बैठक में ठाकरे ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि बागी तेवर दिखा रहे एकनाथ शिंदे जल्द ही पार्टी में लौट आएंगे. इस बीच, शिवसेना विधायकों को सीएम निवास से मुंबई के एक होटल में शिफ्ट किया गया है.
महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस नेता नितिन राउत ने कहा है कि राज्य सरकार को अस्थिर करने की बीजेपी की कोशिश सफल नहीं होगी. एएनआई के अनुसार राउत ने कहा,, विपक्ष शासित राज्यों में सरकार को गिराने की कोशिश करना बीजेपी के स्वभाव में है.
महाराष्ट्र के सियासी हालात को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, "हमारे दो लोग वहां (सूरत) गए और एकनाथ शिंदे से बात की. वे हमारे पुराने दोस्त हैं. हर कोई जानता है कि हमने बीजेपी का साथ क्यों छोड़ा और एकनाथ शिंदे भी इसके गवाह हैं."
एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि महाराष्ट्र की सियासत में एक तरह का तूफान आया है. यदि तूफान आता है तो शांत भी हो जाता है. आने वाले दिनों में स्थिति फिर से सामान्य हो जाएगी.
महाराष्ट्र के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए कांग्रेस सक्रिय हो गई है और इसी क्रम में उसने अपने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को राज्य के लिए पर्यवेक्षक बनाया है.पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को महाराष्ट्र के लिए पर्यवेक्षक बनाया है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ आज रात या बुधवार को मुंबई पहुंच सकते हैं तथा पार्टी के महाराष्ट्र प्रभारी एचके पाटिल भी मंगलवार शाम को मुंबई पहुंच सकते हैं.
बागी एकनाथ शिंदे ने अपने ट्विटर प्रोफाइल से "शिवसेना" हटा दिया है. उन्होंने दावा किया है कि वो ही असली शिवसेना हैं.
एकनाथ शिंदे ने कहा है कि हम बालासाहेब के पक्के शिवसैनिक हैं... बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है.. बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद दीघे साहब की शिक्षाओं के बारे में सत्ता के लिए हमने कभी धोखा नहीं दिया और न कभी धोखा देंगे.