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अभनपुर. मुख्य नगरपालिका अधिकारी भुनेश्वर साय की हार्ट अटैक से मौत हो गई. साय ने पिछले महिने ही गोबरा नवापारा नगर पालिका में ज्वाईनिंग ली थी. इसके बाद से ही वे लगातार यहां अपनी सेवायें दे रहे थे. इसी दौरान बुधवार की सुबह जब वे नवापारा स्थित अपने सरकारी आवास में योग कर रहें थे, तो उनके सीने में अचानक दर्द उठा और कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई. वे 58 साल के थे. घटना के समय साय के पास उनका परिवार मौजूद नहीं था. घटना की जानकारी लगते ही सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया. आनन फानन में घर पर मौजूद कर्मीयों ने इस बात की सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस के आला अधिकारी सहित संबंधित विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गये है.
::/fulltext::रायपुर 13 जून 2018। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। इस दौरान नया रायपुर स्मार्ट सिटी और भिलाई नगर में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे। कल प्रधानमंत्री मोदी चार घंटे छत्तीसगढ़ में गुजारेंगे, इस दौरान वो नया रायपुर और भिलाई में कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री के दौरे से एक दिलचस्प संयोग जुड़ा है। पिछली बार भी 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी आये थे और इस बार फिर वो 14 मई को छत्तीसगढ़ आ रहे हैं।
तीन वर्ष में मोदी का यह पांचवा छत्तीसगढ़ दौरा है, खास बात ये है कि दो माह के भीतर छत्तीसगढ़ में उनकी यह दूसरी यात्रा है। प्रधानमंत्री इसके पहले नौ मई 2015, इक्कीस फरवरी 2016, राज्योत्सव के अवसर पर एक नवम्बर 2016 और अम्बेडकर जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल 2018 को प्रदेश के दौरे पर आ चुके हैं। अपने पांचवे प्रवास के दौरान मोदी 14 जून को भिलाई नगर के जयंती स्टेडियम में दोपहर 12.30 बजे विशाल आमसभा को संबोधित करेंगे। श्री मोदी इस अवसर पर केन्द्र सरकार की ‘उड़ान’ योजना के तहत जनता को रायपुर से जगदलपुर तक यात्री विमान सेवा की भी सौगात देंगे। उनके हाथों इस विमान सेवा के शुभारंभ के साथ ही प्रदेश का आदिवासी बहुल बस्तर संभाग देश के हवाई यातायात के मानचित्र में शामिल हो जाएगा।
मोदी इसके अलावा भिलाई इस्पात संयंत्र के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण परियोजना का लोकार्पण और छत्तीसगढ़ में इंटरनेट कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए भारत नेट परियोजना के द्वितीय चरण का भूमिपूजन तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भिलाई नगर के विशाल भवन का शिलान्यास भी करेंगे। पीएम मोदी मंच पर छत्तीसगढ़ सूचना क्रांति योजना के तहत प्रतीक स्वरूप पांच विद्यार्थियों को लैपटॉप करेंगे। वे प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, स्टैण्डअप और मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, मुख्यमंत्री आबादी पट्टा वितरण योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और राज्य सरकार की ई-रिक्शा वितरण योजना के तहत प्रतीक स्वरूप कुछ हितग्राहियों को प्रमाण पत्र, चेक और सामग्री आदि का भी वितरण करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री वीरेन्द्र चौधरी भी आमसभा को संबोधित करेंगे। स्वागत भाषण राजस्व और उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय देंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी 14 जून को श्री मोदी नई दिल्ली से भारतीय वायु सेवा के विमान द्वारा सवेरे 10.40 बजे रायपुर आएंगे और स्वामी विवेकानंद विमानतल (माना) से नया रायपुर स्मार्ट सिटी आकर सवेरे 10.55 बजे वहां बिजली, पानी, स्वच्छता, यातायात प्रबंधन, एकीकृत भवन प्रबंधन, सिटी कनेक्टिविटी एवं इंटरनेट अधोसंरचना (डाटा सेंटर) और सम्पूर्ण नया रायपुर शहर की निगरानी के लिए एकीकृत कमाण्ड एवं नियंत्रण केन्द्र का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी उनके साथ रहेंगे।
नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) द्वारा स्थापित इस केन्द्र को जीआईएस प्लेट फॉर्म की मदद से संचालित किया जाएगा। नया रायपुर स्मार्ट सिटी के नागरिक इस केन्द्र में बिजली, पानी आदि किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर अपनी शिकायत वहां के हेल्प लाइन नम्बरों पर दर्ज करवा सकते हैं। नया रायपुर और भिलाई नगर के कार्यक्रमों के बाद प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर द्वारा दोपहर 2.20 बजे स्वामी विवेकानंद विमानतल माना आएंगे और वहां से दोपहर 2.25 बजे भारतीय वायु सेना के विशेष विमान द्वारा नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
रायपुर 13 जून 2018। शिक्षाकर्मियों के संविलियन का ऐलान तो मुख्यमंत्री ने कर दिया है, लेकिन संविलियन की शर्तों पर सस्पेंस ने शिक्षाकर्मियों के खुशियों पर ग्रहण लगा दिया है। लिहाजा शिक्षाकर्मी खुशियां तो मना रहे हैं, लेकिन उतना खुलकर वो जश्न नहीं मना पा रहे, जितना की संविलियन के ऐलान के बाद मनना चाहिये था। ऐसे में अब शिक्षक मोर्चा के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा और मीडिया प्रभारी विवेक दुबे ने संविलियन के प्रारूप को सार्वजनिक करने की मांग की है। संजय शर्मा और विवेक दुबे ने कहा है कि प्रदेशभर के शिक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री द्वारा किए गए संविलियन की घोषणा का स्वागत तो किया है, लेकिन संविलियन का ड्राफ्ट सार्वजनिक नहीं होने से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं । अटकलों ने शिक्षाकर्मियों में बेचैनी पैदा कर दी है। संजय शर्मा और विवेक दुबे ने सरकार से मांग किया है कि संविलियन के ड्राफ्ट को सार्वजनिक किया जाए ताकि उसका अध्ययन कर विसंगति उसे अधिकारियों को अवगत करा कर कैबिनेट में निर्णय के पूर्व ही सुधार कर लिया जाए।
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में संविलियन की घोषणा के बाद वहां के अध्यापकों में भी काफी प्रसन्नता दिखाई दी, किंतु संविलियन के ड्राफ्ट सार्वजनिक होने के बाद उसमें कई प्रकार की विसंगतियां देखी गई और शिक्षाकर्मी फिर से असंतुष्ट हो गए। शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी ने सरकार से संविलियन प्रारूप को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कई सवाल खड़े किए हैं, जिसका जवाब भी आज के परिपेक्ष्य में प्रासंगिक है।
* क्या संविलियन का प्रारूप त्रुटि रहित बनाया गया है क्या संविलियन के प्रारूप में प्रदेश के 180000 शिक्षाकर्मियों के संविलियन की व्यवस्था की गई है?
* क्या संविलियन में पूर्व में विसंगतिपूर्ण वेतन निर्धारण की प्रक्रिया में सुधार कर लिया गया है?
* क्या संविलियन प्रारूप में भूतलक्षी प्रभाव से क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है?
* क्या संविलियन प्रारूप में वर्ग 3 के साथियों के समानुपातिक वेतनमान के अंतर को समाप्त कर लिया गया है?
* क्या संविलियन के प्रारूप में शिक्षा विभाग और आदिम जाति विभाग के मूल पद सहायक शिक्षक शिक्षक एवं व्याख्याता के पद में ही संविलियन करने की व्यवस्था किया गया है?
* क्या संविलियन प्रारूप में सातवें वेतनमान की व्यवस्था जनवरी 2016 से लागू करने की व्यवस्था की गई है?
* क्या ड्राफ्ट में शासकीय शिक्षको को देय सभी भत्ते, वित्तीय लाभ व सुविधाओ का उल्लेख किया गया है
गरियाबंद। जिले के सुपेबेड़ा में किडनी मरीजों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुपेबेड़ा में ढाई साल से एक-एक कर किडनी के मरीजों की मौत हो रही है। अब मौत का ये आंकड़ा बढ़कर 64 हो गया है। प्रशासन गांव में व्यवस्थाओं के पुख्ता करने का दावा करता आ रहा है। राजधानी रायपुर से 250 किमी दूर गरियाबंद जिले के अंतिम छोर में बसे है गांव सुपेबेड़ा। किडनी की बीमारी अब इस गांव की पहचान बन गई है। किडनी की बीमारी से अब तक गांव में 64 मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग अभी भी इस बीमारी से पीडि़त हैं। सुपेबेड़ा में बुधवार को फिर एक महिला की मौत हो गई। महिला काफी लंबे समय से बीमार थी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि अगर प्रशासन सही समय पर ध्यान देता और महिला को समय पर इलाज मिलता को महिला की जान बचाई जा सकती थी। अब तक की रिपोर्ट में दूषित पानी को किडनी की बीमारी का कारण बताया गया है। जिला प्रशासन ने दावा किया है कि सुपेबेड़ा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कर दी गई है लेकिन जिला प्रशासन के दावे केवल कागजों तक ही सीमित हैं।
जमीनी हकीकत ये है कि आज भी सुपेबेड़ा के लोग दूषित पानी पीने पर मजबूर हैं। सुपेबेड़ा के हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि गांव में 15 दिन में एक नया मरीज सामने आ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि शासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है। परेशान ग्रामीणों ने प्रदेश से अलग होने तक की मांग शासन से की थी। दिल्ली और रायपुर के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों ने गांव पहुंचकर बेहतर इलाज का भरोसा दिलाया। रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में सुपेबेड़ा के नाम से 5 बिस्तर का एक अलग विभाग भी बनाया। लेकिन मेकाहारा में भी ग्रामीणों को सही इलाज नहीं मिला। हालात ये है कि लोग अब इलाज के लिए मेकाहारा जाना ही नहीं चाहते।
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