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रायपुर. प्रदेश के किसानों को उनके उत्पादन की पूरी लागत प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट में प्रदेश में 5 फूड पार्क खोलने की घोषणा करने के साथ उसके लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव से पूर्व अपने भाषणों में प्रदेश के फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोले जाने की घोषणा की थी. इसे अमल में लाते हुए सरकार ने पहले ही बजट में 5 फू़ड पार्क खोलने के साथ 50 करोड़ रुपए की बड़ी राशि का प्रावधान किया है.
::/fulltext::रायपुर। इओडब्लू ने अब तक कि सबसे बड़ी करवाई करते हुए अपने ही पूर्व DG मुकेश गुप्ता और SP नारायणपुर रजनेश सिंह के खिलाफ में देर रात अपराध दर्ज कर लिया। दोनों के खिलाफ जिन धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया है, वे बेहद गंभीर और गैर जमानती है। DG और जिले के SP जैसे अफसरों के खिलाफ अपराध कायम करने का प्रदेश का यह पहला मामला होगा।
मौजुदा समय में प्रदेश में डीजी पद पर पदस्थ मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह पर आरोप है कि इन दोनो ने मिथ्या साक्ष्य गढ़ते हुए अपराधिक षड्यंत्र किया, कूटरचित दस्तावेज तैयार किए,अवैध रुप से फोन टैपिंग कराया गया और न्यायालयीन प्रक्रिया को गुमराह किया।
दिलचस्प है कि यह उस बहुचर्चित नान मामले की जाँच के दौरान सामने आया जिसके लिए पृथक से SIT गठित हुई है।
ईओडब्लू और एसीबी की ओर से दर्ज FIR 6/2019 है जिसमें मुकेश गुप्ता तत्कालीन ADG ऐसीबी और इओडब्लू आरोपी क्रमांक एक जबकि रजनेश सिंह तत्कालीन एसपी एसीबी आरोपी क्रमांक के रुप में दर्ज है। प्रदेश के शायद सबसे बडे घटनाक्रम के रुप में पहचाने जाने वाले इस मामले में डीजी मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के खिलाफ धारा 166,166A (b),167,193,194, 196,201,218,466,467,471 और 120 B के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस FIR को केवल इस रुप में देखना कि यह प्रदेश के सबसे दबंग आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ उसी इओडब्लू और एसीबी ने दर्ज की है जहाँ मुकेश गुप्ता पदस्थ थे तो यह आप गलत है। मामला इससे भी आगे जाता है क्योंकि यह जिस प्रकरण में मिथ्या साक्ष्य गढ़ने,न्यायालय को छल करने, अपराधिक षड्यंत्र करने,साक्ष्य ग़ायब करने और अवैध फोन टैपिंग करने के गंभीरता आरोप लगे हैं वह मामला नान का है। यह बहुत हद तक संभव है कि अदालत में चल रही नान प्रकरण को लेकर विधिक कार्यवाही पर इस FIR का बेहद गंभीर असर पड़े।
::/fulltext::रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह बजट ठेक ग्रामीण किसानों का अपना बजट है. बजट में ग्रामीण किसानों की हितकारी छवि दिखाई दे रहा है. किसानों की उम्मीदों में रंग भरने वाला इस बजट को कई मायनों में ऐतिहासिक कहा जा सकता है. क्योंकि भूपेश सरकार ने पहली प्राथमिकता पूरी तरह से गांव और किसानों पर केन्द्रित किया है. भूपेश सरकार बता दिया है कि छत्तीसगढ़ पूरी तरह ग्रमीण भारत का प्रदेश का है. इस प्रदेश की तरक्की या कहिए कि अर्थ व्यवस्था का आधार कृषि है. लिहाजा किसानों की आय बढ़ाने, कृषि विकास के लिए भूपेश सरकार की ओर से 21 हजार करोड़ बजट कृषि विभाग के लिए रखा गया है.
सीएम बघेल ने इसमें सरकार के सूत्र वाक्य नरवा-गरवा-घुरवा-बारी के जरिए गांवों की तरक्की के लिए 1 हजार करोड़ से अधिक बजट रखा है. इसमें गांव के लोगों को रोजगार मुहैय्या कराने इसे मनरेगा से जोड़ा गया है. मतलब किसानों के साथ-साथ गांव और गांव वालों की तरक्की के ढेरों प्रावधान बजट में है.
गांव, खेती और किसान से जुड़ी ये है खास-बातें
कृषि ऋण माफ करने के लिए 5 हजार करोड़ का प्रावधान
गरीब परिवारों को 35 किलो चावल देने के लिए 4 हजार करोड़ का प्रावधान
25 सौ रुपये समर्थन मूल्य के लिए 5 हजार करोड़ का प्रावधान
व्यवसायिक बैकों में बांटे गए 4 हजार करोड़ का अप्लपाकलीन कृषि ऋण माफ
किसानों के 207 करोड़ का सिंचाई कर माफ
किसानों की आय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता
गन्ना किसानों को 10 करोड़ का बोनस दिया जाएगा
मक्का खरीदी की व्यवस्था को पुख्ता किया जाएगा
फसल बीमा योजना में बढ़ोत्तरी
बेमेतरा में नवीन कृषि महाविद्यालय खोला जाएगा
कृषि विकास के लिए 21 हजार करोड़ का प्रावधान
नरवा-गरवा-घुरवा-बारी के लिए 1 हजार करोड़ का प्रावधान
रायपुर. भूपेश बघेल ने अपने पहले बजट में विधायकों को बड़ा तोहफा देते हुए विधायक निधि की राशि को एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ करने की घोषणा की है.
विधायकों को अपने क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा सरकार की ओर ताकना पड़ता है. ऐसे में एक करोड़ की राशि विधायकों को बड़ी कार्ययोजना को अंजाम देने से पीछे खिंचती थी. विधायक निधि की राशि को एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ किए जाने से अब विधायक बिना किसी परेशानी के अपने क्षेत्र के विकास के लिए राशि का आबंटन कर पाएंगे.
शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्ता में बढ़ोतरी के लिए 25 हाई स्कूलों का हायर सेकंडरी उन्नयन किया जाएगा. इसके अलावा मिडिल और प्रायमरी स्कूल के उन्नयन का प्रावधान किया गया है. इसके लिए बजट में 34 करोड़ 50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है.
इसके अलावा बेमेतरा में कृषि महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी. बालोद में महिला महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी, वहीं प्रदेश के महाविद्यालयों में रिक्त 1347 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्त की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
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