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मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने ट्वीट किया है कि अभी तो सिर्फ ट्रेलर है,
::/introtext::रायपुर। लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस और भाजपा के आला-नेताओं के बीच सोशल मीडिया में जंग तेज होती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस के 68 विधायकों की जीत पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है कि संख्या में अधिक हो जाने से क्या सियारों ने 'सिंह" पर विजय पाई है? उनके इस ट्वीट पर कांग्रेस नाराज है। उसका कहना है कि घोटाले और भ्रष्टाचार की परतें उधेड़ने से रमन बौखला गए हैं। इस कारण जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों को सियार कहने से भी परहेज नहीं कर रहे.
वहीं, मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने ट्वीट किया है कि अभी तो सिर्फ ट्रेलर है, सोचिए पूरी पिक्चर कैसी होगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सिंह का ट्वीट वीडियो के साथ पोस्ट हुआ है। उसमें नान मामले की जांच की तरफ इशारा करते हुए लिखा है कि बदले की इस आंच से भला सत्य को आंच कहां आई है?
संख्या में अधिक हो जाने से भला, क्या सियारों ने 'सिंह" पर विजय पाई है? गरीबों को चावल देना तुम्हारे नजर में अपराध है। मेरे आदिवासी भाइयों का क्या सरई का बीज खाना याद है? डॉ. रमन ने संकेत दिया है कि वे जांच से डर नहीं रहे। उन्होंने लिखा है, भूखों को खाना देना, अगर मेरे अपराध में गिना जाएगा, तो लाख डिगा ले कदम मेरे, ये अपराध फिर से किया जाएगा।
डॉ. सिंह कहते रहे हैं कि कांग्रेस बदलाव की नहीं, बदले की सरकार चला रही है। इस पर भी उन्होंने लिखा है कि अपने द्वेष के तराजू में मेरे कर्मों को क्या तौलोगे, वर्षों सेवा किया है हमने, क्या उस पर भी कुछ बोलोगे?
डॉ. सिंह ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर भी सवाल उठाते हुए लिखा है कि झूठे वादों से तुम पहुंचे हो, अब उन्हें पूरा करने की बारी है। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने डॉ. सिंह के ट्वीट पर 'सियार" शब्द को लेकर आपत्ति की है। उनका कहना है कि रमन पहले भ्रष्टाचार के आरोपी थे और अब वाणी संयम खोने के गुनाहगार बन गए हैं। भाजपा ने सत्ता में रहकर गरीबों के निवाले के नाम पर नान घोटाला किया। अपने चहेते रिश्तेदारों तक पैसा पहुंचाया।
नान घोटाले की परतें उधड़ रही हैं, तब सबको समझ में आ रहा है कि भाजपा सरकार तो गरीबों तक अनाज पहुंचाने में नहीं, मोटा कमीशन कमाने में लगी थी। इसी कारण रमन का जो असली चेहरा सामने आया है, उससे प्रदेश की जनता के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं में भी गुस्सा और नाराजगी है।
इधर डॉ. सिंह की उस लाइन 'झूठे वादों से तुम पहुंचे हो, अब उन्हें पूरा करने की बारी है" का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने सोमवार को हुई कांग्रेस की किसान आभार रैली जोड़ते हुए ट्वीट किया है। बघेल ने लिखा है, जब किसान खुश होता है, तो पूरा देश खुश होता है। किसानों की गर्मजोशी देख, हमें एक नई ऊर्जा मिली है। लाखों किसानों के चेहरों की मुस्कान बता रही है कि हम सही दिशा में हैं। आगे उन्होंने लिखा है, अभी तो सिर्फ ट्रेलर है.
::/fulltext::रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज रायपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे ने अपने मंत्रियों और विधायकों की शिकायत कर दी. गिरीश ने कहा कि बीजेपी सरकार में जो अधिकारी सत्ता के करीब थे, उन्हें मंत्री व विधायक अपने पीए और दूसरे अहम पदों पर नियुक्ति कर दी गई. जबकि बीजेपी सरकार के दौरान ये लोग भ्रष्टाचार और जनता के काम न करने के लिए कुख्यात थे.
मजदूर सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे सीएम बघेल से जिलाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने 15 साल इन्हीं अधिकारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. और इन्हें ही नियुक्त कर दिया गया. उन्होंने मांग की कि ऐसे अधिकारियों को मंत्री व विधायक से अटैच न किया जाए.
आपको बता दें कि गिरीश जब ये बात कर रहे थे तब वे विधायक कुलदीप जुनेजा की ओर देख रहे थे. इस शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने लिखित में उन अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम देने को कहा. उन्होने कार्रवाई का भी आश्वासन दिया.
::/fulltext::DGP दूर्गेश माधव अवस्थी ने विशेष जाँच दल की बैठक लेकर अंतत: राह निकालने की कवायद की है.
::/introtext::रायपुर झीरम हत्याकांड को लेकर गठित SIT तो गठित हो गई है, लेकिन उसकी जाँच की राह फ़िलहाल रुक गई है। इसकी वजह है NIA का एक्ट नंबर 7। दरअसल यह एक्ट की धारा कुछ ऐसी जटिल है कि SIT जाँच करे कैसे इसे लेकर ही सवाल खड़ा हो गया है।
हालाँकि कल देर शाम DGP दूर्गेश माधव अवस्थी ने विशेष जाँच दल की बैठक लेकर अंतत: राह निकालने की कवायद की है। दरअसल एक बडी समस्या यह है कि NIA से डायरी लेना मसला नही है क्योंकि वह डायरी न्यायालय में मौजुद है, मसला है NIA से वह पत्र हासिल करना जिसमें कि यह लिखा हो.
“NIA ने जाँच कर ली है, राज्य चाहे तो जाँच करे”
पूरी कवायद इस पत्र को हासिल करने की है, और देश की सर्वोच्च जाँच ऐजेंसी से यह पत्र हासिल करना इतना भी सरल नही है। NIA एक्ट 7 इस काम में रोड़ा बन गया है, हालाँकि डीजीपी दुर्गेश माधव अवस्थी ने बीते कल जो मार्गदर्शन दिए हैं, उसके बाद शायद एक्ट की 7 की रुकावट दूर हो जाए।यह मामला अगर कठिन नही है तो तय मानिए कि आसान भी नही है।
SIT ने NIA की चालान और बाक़ी दस्तावेज हासिल कर लिए हैं, लेकिन वह पत्र ही नही मिल पा रहा है जो SIT को जाँच कर के अदालत में चालान या कि विवेचना रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अधिकार दे दे।
DG दुर्गेश माधव अवस्थी ने NPG से कहा
“कुछ तकनीकि अड़चनें हैं, पर वो ऐसी नही है कि उसका निदान ना हो, हम जल्द ही वे अड़चनें दूर कर लेंगे”
झीरम हत्याकांड की रिपोर्ट दरभा थाने में दर्ज हुई थी और NIA ने उसी एफआईआर पर जाँच की थी। ख़बरें है कि SIT भी उसी FIR पर काम करेगी.
बेमेतरा. बेमेतरा जिले के बेरला कालेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने अनियमितता को लेकर हंगामा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. हंगामा बढ़ता देख मौके पर पुलिस प्रशासन पहुंच गई और छात्रों को शांत कराया. जिसके बाद एसडीएम मामले की जांच करने और जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपने का आश्वासन दिया है.
मिली जानकारी के मुताबिक कॉलेज प्रबंधन द्वारा छात्रों से फार्म के नाम पर 2 रुपए के फार्म को 50 रुपए में दिया जा रहा है. इस मामले में पहले भी छात्रों द्वारा शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं कॉलेज परिसर में गंदगी फैली हुई और इसी प्रदूषण के बीच छात्र पढ़ाई करने को मजबूर है. जिसका निराकरण नहीं किया जा रहा है. इन तमाम मांगों लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने कॉलेज के सामने ही जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की.
एबीवीपी के कार्यकर्ता मोहित महेश्वरी ने बातचीत में बताया कि कॉलेज प्रबंधन के कर्मचारियों के द्वारा मनमाना रुप से छात्रों से 10 रुपए से लेकर 300 रुपए तक लिए जा रहे है. उन्होंने कहा कि इस मामले की शिकायत मुख्य सचिव से की गई, लेकिन उनकी गैर मौजूदगी में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया है. एसडीएम मामले की जांच करने की बात कही है और जांच रिपोर्ट कलेक्टर को देने की बात कहीं गई है. साथ ही इसकी एक प्रति हमें भी दिया जाएगा. हालांकि इस दौरान कॉलेज परिसर में कोई हंगामा न हो इसको लेकर प्रशासन ने परिसर में पुलिस की तैनाती भी की थी.
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