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लोरमी. विधानसभा चुनाव से पहले ही जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है. जोगी कांग्रेस के एक पार्षद समेत 40 कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. कार्यकर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव को आवेदन देकर कांग्रेस में शामिल होने की मंशा जाहिर करते हुए कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही है. जिसके बाद टीएस सिंह देव ने आवेदन स्वीकार कर लिया है.
दरअसल छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव आज जन घोषणा पत्र कार्यक्रम के तहत लोरमी प्रवास पर रहे. वहीं आमजनों से मिलने के दौरान एक अलग ही नजारा देखने को मिला कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पार्टी के 40 कार्यकर्ताओं ने टी एस सिंहदेव की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थाम लिया.
इससे प्रदेश में आने वाले समय में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक बड़ा झटका छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस को लोरमी विधानसभा में उठाना पड़ सकता है. जोगी पार्टी से कांग्रेस में शामिल होने वालों में एक पार्षद भी मौजूद थे. जिनका कहना था आने वाले समय में लगभग 300 कार्यकर्ताओं को और भी कांग्रेस में शामिल की जाएगी.
लोरमी प्रवास के दौरान टीएस सिंह देव यहां सेवादल, डॉक्टरों, अधिवक्ता संघ, किसानों और स्व सहायता समूहों सहित 22 संगठन के लोगों से मिले. और मारकेट में सब्जी दुकानदारों से भी मिले. वहीं सभी जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना था कि वो पहले कांग्रेस के ही सदस्य थे. जिन्होंने किसी कारणवश जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी पार्टी में शामिल हो गए थे. जो आज फिर कांग्रेस में शामिल होकर विधानसभा चुनाव में पूरी तैयारी के साथ काम करने का संकल्प भी लिया.
::/fulltext::मुख्यमंत्री द्वारा दो सामाजिक भवनों के लिए 1.58 करोड़ की मंजूरी पर गोंडवाना समाज ने जताया आभार.
रायपुर- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि नया रायपुर में 26 करोड़ रूपए की लागत से तैयार हो रहा आदिवासी संग्रहालय और आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (टी.आर.आई.) जनजातीय संस्कृति के संवर्धन-संरक्षण और आदिवासी समाज के साथ सरकार के जीवंत सम्पर्क के केन्द्र के रूप में विकसित होगा।
उन्होंने कहा कि इस केन्द्र में विभिन्न जनजातियों की भाषा, बोली और लुप्त हो रहे वाद्य यंत्रों के संरक्षण का काम होगा। यहां जनजातियों से जुड़े शोध कार्य किए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह आज दोपहर यहां अपने निवास पर प्रदेश से सभी 27 जिलों से आए गोंडवाना समाज के प्रतिनिधि मंडल को संबोधित कर रहे थे।
आदिम जाति विकास एवं स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप, वन मंत्री श्री महेश गागड़ा, छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री जी.आर. राणा और उपाध्यक्ष श्री विकास मरकाम सहित प्रदेश के 27 जिले से आए गोंडवाना समाज के पदाधिकारी और सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे। प्रतिनिधि मंडल ने राजधानी रायपुर के टिकरापारा में गोंड़वाना समाज के भवन के लिए एक करोड़ रूपए और कोरबा जिले के पाली में सामुदायिक भवन के लिए 58 लाख रूपए की मंजूरी देने पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन करते हुए उनके प्रति आभार प्रकट किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि नया रायपुर में आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (टी.आर.आई.) में नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा, जहां आदिवासी समाज के लोग अपनी संस्कृति के संरक्षण और प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में विकास कार्यों के संबंध में अपने सुझाव दे सकेंगे। समाज से प्राप्त सुझावों के आधार पर आदिवासी बहुल क्षेत्रों के विकास की रूपरेखा तय की जाएगी। डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के निर्माण में आदिवासी समाज का भी महत्वपूर्ण योगदान है। समाज की एकजुटता ही समाज की ताकत होती है। शिक्षित समाज ही आगे बढ़ता है। समाज के सदस्य हर बेटे और हर बेटी को शिक्षित करें। शासकीय योजनाओं का सहयोग लेकर समाज को आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाने और मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना की मदद से समाज के लोगों के कौशल विकास का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की नई पीढ़ी में चेतना जागृत हुई है। अब इस समाज के बच्चे शिक्षक बनने के साथ-साथ अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षाओं में भी चुने जा रहे है। उन्होंने आज माना में आयोजित नव आरक्षकों की दीक्षांत परेड का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रशिक्षण के बाद आरक्षक बने 546 युवाओं में 75 प्रतिशत युवा नक्सल प्रभावित राजनांदगांव और बस्तर क्षेत्र के हैं।
मुख्यमंत्री ने समाज के लिए संचालित राज्य शासन की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि बस्तर एवं दक्षिण आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण और सरगुजा एवं उत्तर आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के माध्यम से इन दोनों प्राधिकरणों के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में लगभग 450 करोड़ रूपए की लागत के कार्य कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि बस्तर और सरगुजा में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के पदों में भर्ती में स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता दी जा रही है। बस्तर और सरगुजा का अलग केडर बनने से तृतीय और चतुर्थ वर्ग के पदों पर लगभग 6 हजार स्थानीय युवाओं की भर्ती हुई है। वन मंत्री श्री महेश गागड़ा ने कहा कि राज्य शासन द्वारा आदिवासी समाज के विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाकर आदिवासी समाज समृद्ध समाज बन सकता है।
आदिवासी विकास एवं स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि आगामी 9 अगस्त को आदिवासी दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में समाज के अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिभावान लोगों को सम्मानित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री जी.आर राणा ने बताया कि मुख्यमंत्री की पहल पर 22 जनजाति समूहों के नामों की मात्रात्मक त्रुटियों के सुधार से अब जाति प्रमाण पत्र, स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र बनने में आसानी हुई है। इससे इन जनजाति समूहों की लगभग 58 लाख आबादी लाभान्वित हो रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में जनजातियों को संवैधानिक अधिकार देने का यह ऐतिहासिक फैसला हुआ है, जो समाज के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। कार्यक्रम का संचालन आयोग के उपाध्यक्ष श्री विकास मरकाम ने किया।
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बस्तर-दुर्ग संभाग के जिलों की समीक्षा.
रायपुर- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज शाम यहां अपने निवास कार्यालय से बस्तर और दुर्ग राजस्व संभागों के 12 जिला कलेक्टरों से वीडियो क्रांफेंसिंग के जरिए विभिन्न योजनाओं प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की जनसंवाद परियोजना के तहत कॉल सेंटर के माध्यम से शासन को आम जनता से शासकीय योजनाओं का फीडबैक मिल रहा है और लोगों की जरूरतों की भी जानकारी मिल रही है। यह परियोजना सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने दुर्ग संभाग के पांच जिलों-बेमेतरा, दुर्ग, राजनांदगांव, कवर्धा और बालोद तथा राजस्व संभाग बस्तर के सात जिलों-कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में चल रही योजनाओं की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास यात्रा के दूसरे चरण में तेन्दूपत्ता बोनस के रूप में 608 करोड़ की राशि तथा 12 लाख चरण पादुकाओं के वितरण के लिए सभी जिलों में आवश्यक तैयारी कर ली जाए। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि संचार क्रांति योजना में स्मार्ट फोन वितरण कार्य योजना में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को फ्लेट रेट का विकल्प दिया गया है उसका ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने विद्युत वितरण केन्द्रों में विद्युत समस्याओं के निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा राजस्व मामलों के निराकरण में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि अगले 15-20 दिनों के भीतर मजदूरी भुगतान के लंबित मामलों का निराकराण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अमलों को मैदानी क्षेत्रों में भेज कर कराया जाए तथा जिन मामलों में भुगतान किया जा चुका है उन सभी मामलों में संबंधितों को मोबाइल के माध्यम से एस एम एस कर सूचना दी जाए।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस सिलेंडरों की रिफिलिंग व्यवस्था की भी समीक्षा की गई। खाद्य विभाग की सचिव ने बस्तर के सुदूर क्षेत्रों में बाजार हाट में गैस सिलेन्डरों के वितरण कराने तथा गैस रिफिलिंग एवं गैस कनेक्शन एवं इसके साथ मिलने वाले अन्य उपकरणों के संबंध में बाल राइटिंग कराने कहा। उर्जा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बताया कि 20 से 30 अगस्त के बीच विद्युत वितरण केन्द्र्रों पर विद्युत समस्याओं के निराकरण के लिए शिविर लगाए जाएंगे। इसके अलावा लाइन में की संख्या बढ़ाने जा रहे हैं। मेंटेनेंस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बैठक में जानकारी दी गई कि लगभग एक लाख 08 हजार शिक्षकों की कोषालय में डाटा एन्ट्री हो चुकी है। अब तक 99 हजार शिक्षक पंचायत एवं नगरीय संवर्ग के शिक्षकों का वेतन निकाला जा चुका है।
बैठक में संचार क्रांति योजना, अधोसंरचना के कार्यों, आबादी पट्टा वितरण, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), मजदूरी भुगतान, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, मुख्यमंत्री पेंशन योजना, गांवों में विद्युत समस्याओं के निराकरण, शिक्षक पंचायत एवं नगरीय निकाय संवर्ग के संविलियन के बाद वेतन भुगतान सहित अस्पतालों, उचित मूल्य दुकानों और आंगनबाड़ी केन्द्रांें के समय पर खुलने, शिक्षक और पटवारी की उपस्थिति, पंचायत सचिव के मुख्यालाय पर रहने आदि की जानकारी ली गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के दौरान मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव श्री अजय सिंह, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सी.के खेतान, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर.पी.मंडल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, खाद्य विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, खनिज साधन विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, श्रम विभाग की सचिव श्रीमती आर. शंगीता, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री गौरव द्विवेदी, ऊर्जा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, आवास और पर्यावरण विभाग के सचिव श्री संजय शुक्ला, समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव श्री आर. प्रसन्ना, एनआरडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रजत कुमार तथा संबंधित विभागों के अन्य अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
::/fulltext::रायपुर (वीएनएस)। राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी के सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति के लिए दस प्रतिशत पदों के सीमाबंधन को अगले माह की 14 तारीख तक शिथिल करने का आदेश जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में 31 जुलाई को मंत्रिपरिषद की बैठक हुई थी। जिसमें लिए गए निर्णय पर अमल करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया। विभाग की ओर से अध्यक्ष राजस्व मंडल सहित शासन के सभी विभागों, विभागाध्यक्षों, संभागीय कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों को इस संबंध में 1 अगस्त को परिपत्र जारी किया गया।
कुछ विभागों और उनके अधीनस्थ कार्यालयों में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए रिक्त पद उपलब्ध नहीं होने की वजह से ऐसे प्रकरण लंबित हैं। इसलिए अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित मामलों का निराकरण करने के लिए राज्य शासन ने दस प्रतिशत के सीमाबंधन को 14 सितम्बर तक के लिए शिथिल किया है। परिपत्र में निर्देश दिए गए हैं कि अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों का निराकरण 14 सितम्बर तक करने के निर्देश दिए गए हैं। 30 सितम्बर तक सभी विभागों की ओर से सामान्य प्रशासन विभाग को इस आशय का प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से भेजा जाए कि उनके विभाग में लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के सभी मामलों का निराकरण कर दिया गया है। पेंशनर्स फेडरेशन छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक वीरेन्द्र नामदेव ने कर्मचारियों के हित में लिए गए इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रति आभार प्रकट किया है।
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