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पेंड्रा. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) सुप्रीमो अजीत जोगी की पत्नी और कोटा से कांग्रेस विधायक रेणु जोगी के राजनैतिक भविष्य की तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट हो गई है. इसी के तहत रेणु जोगी ने आज कोटा से कांग्रेस विधायक उम्मीदवार बनने पेंड्रा ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय पहुंच कर दावेदारी पेश कर दी है. इस दौरान उन्होंने सभी अटकलों को विराम देते हुए कहा है कि संगठन से कोई खींचतान नहीं है,सिर्फ कम्युनिकेशन गैप रहा है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जीवन भर कांग्रेस पार्टी से जुड़ी रही,कांग्रेस के प्रति मेरी आस्था है. इसलिए कोटा से ही चुनाव तैयारी में जुटी हूं.
रेणु ने कहा कि मैं इसी क्षेत्र से विधायक रही हूं, इसलिए मेरी दावेदारी तो स्वाभाविक है,यही मेरा ससुराल और यही मेरा माईके भी है,इसलिए मैं अपनी दावेदारी पेश कर रही हूं. जोगा ने कहा कि मैने अपने ति को बता दिया है कि मैं पेंड्रा में हूं और फार्म लेने जा रही हूं. सोनिया जी से मेरे और अजीत जोगी के बहुत अच्छे संबंध थे. इसी सीट से अन्य दावेदारों के आवेदन को लेकर रेणु ने कहा कि कि पिछले चुनाव में मेरे खिलाफ 32 लोगों ने चुनाव लड़ा था यह लोकतंत्र है सभी अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर सकते हैं.वहीं ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ने बताया कि अब तक डॉ रेणु जोगी सहित 14 फार्म कोटा विधानसभा प्रत्याशी के रूप में लिए जा चुके हैं.
बता दें कि इससे पहले अजीत जोगी ने भी रेणू जोगी को लेकर कहा था कि डॉ रेणू जोगी कांग्रेस से ही लड़ेगी चुनाव लडेंगी, उन्होंने कहा था कि सोनिया गांधी से लगाव की वजह से कांग्रेस में ही रहेंगी रेणू जोगी. लिहाजा इस बयान के बाद कई तरह के राजनैतिक मायने निकाले जा रहे थे,जेसीसीजे सुप्रीमो ने यह भी कहा था कि यदि रेणू कोटा में कांग्रेस के तरफ से चुनाव में उतरेंगी तो जेसीसीजे उनके खिलाफ भी अपना उम्मीदवार उतारेगी. ऐसे में अब ये कांग्रेस को तय करना है कि रेणु को टिकट दिया जाए या नहीं. हालांकि अब तक इस पर कांग्रेस की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है.
::/fulltext::रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) सुप्रीमो अजीत जोगी की पत्नी और कांग्रेस विधायक रेणु जोगी के राजनैतिक भविष्य पर चिंता के बादल मंडराने लगे हैं. क्योंकि रेणु जोगी कहां से और किस पार्टी से चुनाव लडेंगी इस पर बड़ा संस्पेंस कायम है. ऐसे में रेणु जोगी को लेकर अजीत जोगी ने बड़ा बयान दिया है. जोगी ने कहा है कि परिवार सिर्फ दो लोग चुनाव लड़ेंगे. एक वो खुद हैं और दूसरा अमित, ऋचा या रेणु जोगी में से कोई भी हो सकते हैं.
दरअसल रेणु जोगी अभी तक कांग्रेस पार्टी में ही हैं. वे इस वक्त कोटा से कांग्रेस की विधायक हैं. लेकिन रेणु जोगी को कांग्रेस से टिकट मिलेगी या नहीं ये तय नहीं. ऐसे में अजीत जोगी ने कहा है कि रेणु जोगी आजाद हैं. वो चाहे तो कांग्रेस भी चुनाव लड़ सकती हैं या चाहे तो जनता कांग्रेस से भी. लेकिन रेणु जोगी को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर में स्थिति स्पष्ट नहीं है. लिहाजा जोगी का यह कहना भी बेहद भी महत्वपूर्ण है कि उनके परिवार से दो लोग ही चुनाव लड़ेंगे इसके मायन भी तलाशने होंगे.
अजीत जोगी और अमित जोगी को कांग्रेस पार्टी से निकाले जाने के बाद कांग्रेस के नेताओं ने भी धीरे-धीरे रेणु जोगी से दूरियां बढ़ाई हैं. रेणु जोगी को कांग्रेस ने उप नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाया और उसके बाद से ही किसी भी बैठक में रेणु जोगी कांग्रेस में सक्रिय नजर नहीं आती. लिहाजा कांग्रेस की ओर से यह संकेत तो स्पष्ट है कि उन्हें टिकट नहीं दी जाएगी. इन सबके बीच रेणु के लिए बड़ा बयान देकर अजीत जोगी ने नया राजनीतिक दांव चल दिया है. और इसमें फंसी रेणु जोगी ही नजर आ रही हैं. क्योंकि अब फैसला रेणु के हाथ में हैं.
::/fulltext::रायपुर (वीएनएस)। प्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने 15 वर्षों में पहली मर्तबा नक्सलियों को चेतावनी देने का कड़ा वक्तत्व दिया है, लेकिन क्या 15 वर्षो तक रमन सिंह सोते रहे। टाइमिंग सही नहीं होने से चेतावनी बेअसर है। उनका यह कहना कि “बीच का रास्ता बंद हो चुका है।’’ इससे साफ जाहिर होता है कि अब तक माओवादियों से समझौता कर, बीच के रास्ते पर चलकर भाजपा सरकार सत्ता का सुख भोग रही थी। चेतावनी भरे अंदाज में वक्तत्व डॉ. रमन ने सत्ता में आने के बाद दिया होता तो बेहतर था, लेकिन उनके रवैये ने वनवासियों को हताश किया है।
आदिवासियों ने भाजपा के आश्वासन-दर-आश्वासन पर विश्वास कर, उन्हें तीन बार सत्ता में रहने का मौका दिया। अब भाजपा सरकार के मुखिया की ओर से चौथी बार सत्ता में आने के लिए नया शिगुफा छोड़ा जा रहा है, कि बस्तर से नक्सलवाद का सफाया किया जाएगा। छत्तीसगढ़ की डॉ. रमन सरकार को समझ लेना चाहिए, कि बहुत देर हो चुकी है, जनता सब समझती है। अब की बार प्रदेश के लोग पूरी तरह से बदलाव चाहते हैं। कितना ही प्रलोभन दिया जाए, तिहार और बार-बार तिहार का प्रपंच किया जाए, उन्हें इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। डॉ. रमन की सरकार से नागरिकों को भरोसा खत्म हो चुका है, जाते-जाते उनका अंदाज काम नहीं आने वाला है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मो. असलम ने कहा है, कि भाजपा सरकार में माओवाद निरंतर फल-फूल रहा है और इसका दायरा बढ़ा है। सरकार खुद ही इस समस्या को बनाए रखना चाहती है, तभी तो इतनी तादाद में फोर्स की मौजूदगी और केंद्रीय सहायता के बाद भी समस्या यथावत बनी हुई है। जाहिर है, कि यह सिलसिला इस सरकार के रहते थमने वाला नहीं है। भाजपा की सरकार बेनकाब हो चुकी है और तिहारों के जरिए सत्ता वापसी का स्वप्न देख रही है।
::/fulltext::रायपुर 4 अगस्त 2018। राज्य सरकार ने एक बार कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को एक और बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने आज राज्य के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान के एयरिर्स को देने का ऐलान किया है। राजनादंगांव में मोबाइल तिहार के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि
“छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी मांग थी, लाखों कर्मचारी इसके लिए लंबे समय से संघर्षरत थे, छत्तीसगढ़ शासन के कर्मचारियों को 1.1.2016 से सांतवे वेतनमान का लाभ दिया जाकर तथा 1.07.2017 से नकद भुगतान किया गया। जनवरी 2017 से जून 2017 तक 18 महीने के एरियर्स की बकाया राशि , जो करीब 3300 करोड़ रुपये होती है, उसे आने वाले समय में मंजूरी देकर 6 किश्तों में भुगतान किया जायेगा। कर्मचारियों बंधुओं के लिए ये 3300 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गयी है,प्रथम किश्त का भुगतान 2018-19 में किया जायेगा”
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