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रायपुर । संजीवनी 108/102 के कर्मचारियों ने न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर राजधानी में काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर रहे है। प्रथम चरण में विरोध आज और कल दो दिन किया जाएगा। द्वितीय चरण में विरोध 13 जुलाई को जिलेवार धरना प्रदर्शन किया जाऐगा। अगर सरकार ने इनकी बात नहीं मानी तो ये कर्मचारी संघ 16 को पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेगे। हड़ताल के दौरान एम्बुलेंस सेवा भी पूरे प्रदेश में ठप्प कर दी जाऐगी।
बता दें कि कर्मचारियों ने मांगो को लेकर 10 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया है. पर इनकी मांगे नहीं सुनी गई, आज कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर सांकेतिक प्रदर्शन किया है. हालाकिं इसके पहले भी संजीवनी के कर्मचारी ने अपनी मांगो को लेकर प्रदेश में प्रदर्शन कर चुके है। इस बार भी न्यूनतम मजदूरी, और पूर्व में लंबित मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस मामले में संजीवनी के कर्मचारियों ने बताया कि सभी परिस्थितियों को देखते हुये कर्मचारी संगठन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि आने वाले तारीख 13 जुलाई तक नियत तिथि पर वेतन देना सुनिष्चित नहीं किया गया, तो वो 16 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. और इस दौरान पूरे प्रदेश में एम्बुलेंस सेवा बंद कर दी जाएगी. जिसकी जिम्मेदारी पूर्ण रुप से शासन, प्रशासन एवं नियोक्ता कम्पनी (जी.वी.के.) की होगी।
::/fulltext::रायपुर: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के गांव रामपुर (पटना) निवासी एक गरीब श्रमिक परिवार के चार वर्षीय नन्हें बच्चे अश्विन को नया जीवन मिल गया है. बच्चे की मां ने अपना लीवर प्रत्यारोपण के लिए दिया. नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलयारी सांइस में लीवर प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया गया. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जे. पी. नड्डा को पत्र लिखकर इस बच्चे का नि:शुल्क इलाज करवाने का आग्रह किया था. बच्चे के माता-पिता सुनीता साहू और राजपाल साहू गांव में रोजी-मजदूरी करके जीवन-यापन करते हैं. मंत्री नड्डा के निर्देश पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बच्चे के लीवर प्रत्यारोपण के लिए राष्ट्रीय आरोग्य निधि से 14 लाख रुपये की धनराशि तत्काल मंजूर कर दी गई और यह राशि अस्पताल को दी गई.
::/introtext::सीएम रमन सिंह ने लिखी थी केंद्रीय मंत्री को चिट्ठी और आर्थिक मदद
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कुछ महीने पहले जब कोरिया जिले के प्रवास पर थे, तो गरीब माता-पिता ने अपने बच्चे की जान बचाने के लिए उनसे मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री ने संजीवनी कोष से बच्चे की प्रारंभिक चिकित्सा के लिए तत्काल एक लाख 50 हजार रुपये मंजूर कर दिया था. मुख्यमंत्री ने बच्चे के लीवर प्रत्यारोपण में मदद के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को तुरंत चिट्टी लिखी. साथ ही उन्होंने श्रममंत्री और बैकुण्ठपुर के विधायक भईयालाल राजवाड़े को बच्चे के इलाज के लिए आगे की कार्रवाई पूर्ण करने की जिम्मेदारी दी. मंत्री राजवाड़े ने अपनी ओर से सक्रिय पहल करते हुए इस गरीब परिवार को दिल्ली में इलाज के लिए रहने की सुविधा दिलाई. सुनीता और राजपाल साहू अपने बच्चे के इलाज के लिए दिल्ली के बसंत कुंज में किराए के मकान में लगभग ढाई महीने से निवास कर रहे हैं. आज हुए सफल ऑपरेशन पर मुख्यमंत्री रमन सिंह और श्रम मंत्री राजवाड़े ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बच्चे के स्वस्थ और सुखी जीवन की कामना की है.
डॉक्टरों के अनुसार, लीवर प्रत्यारोपण के बाद बच्चे के दवा आदि पर लगभग 10 लाख रुपये का खर्च संभावित है. श्रममंत्री राजवाड़े ने यह खर्च अपनी ओर से वहन करने का आश्वासन दिया है.
::/fulltext::छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से लगी नगर पंचायत सकरी निवासी संध्या बग्गा कॉमर्स में ग्रेजुएट है।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से लगी नगर पंचायत सकरी निवासी संध्या बग्गा कॉमर्स में ग्रेजुएट है। शहर जाकर नौकरी कर सकती थीं। सभी रास्ते खुले हुए थे। प्राइवेट जॉब्स के बेहतर विकल्प मौजूद थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता से जुड़े विचारों का ऐसा असर हुआ कि संध्या ने स्वच्छता दूत बनना पसंद किया।
स्वसहायता समूह से जुड़ गांव की सफाई का जिम्मा संभाल रही हैं। 24 साल की संध्या गांव में ही सफाईकर्मी का काम बखूब पूरा कर रही हैं। स्वसहायता समूह की ओर से महीने के पांच हजार रुपए ही मिलते हैं, लेकिन वह इससे अधिक अपने काम से संतुष्ट हैं। संध्या ने घर-घर से कचरा उठाकर अपने गांव को स्वच्छ रखने का बीड़ा उठाया है। रिक्शे पर कचरा ढोती हैं। पहली बार रिक्शा चलाया तो जख्मी भी हुई, लोगों ने मजाक भी खूब उड़ाया, लेकिन पीएम मोदी से प्रेरित संध्या ने किसी बात की परवाह नहीं की।
संध्या का कहना है कि कुछ अलग करने और परिवार की जिम्मेदारियों में पिता का हाथ बंटाने की चाह मन में हमेशा से थी। शहर में प्राइवेट जॉब के भी ऑफर थे। लेकिन गांव में रहकर कुछ सार्थक करने का मन बनाया। स्वसहायता समूह मणीकांचन केंद्र की संतोषी दीदी संपर्क में थी। उन्होंने इस सार्थक काम की राह दिखाई। पहली बार रिक्शा थामा तो मन में थोड़ा संकोच था, लेकिन धीरे-धीरे लोगों का सहयोग मिलता गया तो इरादा और भी पा हो गया। संध्या पिछले छह महीने से इस काम को अंजाम दे रही हैं।
संध्या बताया हैं कि शुरू में समाज और परिवार के ताने मिले। सभी ने कहा कि पढ़ी-लिखी हो, क्या इसके अलावा कोई और ढंग का काम नहीं मिला। कुछ लोगों ने यहां तक कहा कि ऐसे में कौन तुम्हें अपने घ्ार की बहू बनाना चाहेगा। तानों की परवाह किए बिना इस कार्य को कर रहीं संध्या कहती हैं, काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। सिर्फ सोच बड़ी-छोटी होती है। पहले पिता की नाराजगी थी।
वे सामाजिक व लोक मर्यादा के डर से इस काम के पक्ष में नहीं थे, लेकिन मेहनत और हौसला देखकर वे भी बिटिया के पक्ष में आ खड़े हुए। स्वच्छता को लेकर संध्या का कहना है कि यह सबसे ज्यादा पुनीत कार्य है। यदि यह छोटा काम होता तो गांधीजी से लेकर हमारे पीएम मोदी तक, सभी स्वच्छता अभियान नहीं चलाते। स्वच्छता ने ही हमें स्मार्ट शहरों की सूची में स्थान दिलाया। इस वजह से जीवनभर स्वच्छता प्रहरी बनकर ही काम करती रहूंगी। वह शाम को गांव में चौपाल लगाकर महिलाओं को सफाई के प्रति जागरूक भी करती है।
::/fulltext::रायपुर । मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आज यहां उनके निवास कार्यालय में मिसेज इंडिया टूरिज्म क्वीन इंटरनेशनल 2018 के विजेता श्रीमती सुचिता तिवारी ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने सुचिता तिवारी को प्रतियोगिता में उनके बेहतर प्रदर्शन के लिए अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी। रायपुर निवासी तिवारी ने विगत माह में चेन्नई में आयोजित इस प्रतियोगिता में 15 प्रतिभागियों के बीच यह गौरव हासिल किया।
सुचिता तिवारी आगामी अगस्त माह में मलेशिया में आयोजित होने वाले ग्रैंड फिनाले अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत की ओर से शामिल होंगी।