Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
रायपुर। भगवान जगन्नाथ रथ पर सवार होकर 14 जुलाई को प्रजा को दर्शन देते हुए मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाएंगे। 9-10 दिन विश्राम करने के बाद वे 22 जुलाई दशमी तिथि को वापस मूल मंदिर में लौटेंगे। इसके अगले दिन देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार माह के लिए क्षीरसागर में विश्राम करने चले जाएंगे। इसके साथ ही मांगलिक एवं शुभ संस्कारों पर रोक लग जाएगी। इसे चातुर्मास कहा जाता है।
::/introtext::चातुर्मास के दौरान पूरे चार माह यानी सावन, भादो, क्वांर, कार्तिक माह की एकादशी तक मांगलिक संस्कार नहीं किए जा सकेंगे। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु के क्षीरसागर में प्रस्थान करने के साथ ही शुभ संस्कार नहीं किए जाते। चार माह बाद देवउठनी एकादशी (तुलसी पूजा) के दिन जब देवगण जागेंग।े इसके पश्चात शुभ संस्कार किए जा सकेंगे।
चातुर्मास में कथा सुनना पुण्य फलदायी
महामाया मंदिर के सहायक पुजारी पं.मनोज शुक्ला के अनुसार देवशयनी एकादशी को देवों के शयन (विश्राम) करने वाली एकादशी कहा जाता है। सभी देवगण चार माह तक विश्राम करते हैं, इसे चातुर्मास कहा जाता है।
इस दौरान साधु, संत एक ही जगह रहकर भगवान की आराधना करते हैं। चातुर्मास का काल पूजा, पाठ, भजन, कीर्तन, सत्संग व रामकथा, श्रीमद्भागवत कथा, शिव पुराण कथा, देवी भागवत कथा सहित अन्य कथाओं का श्रवण करने के लिए श्रेष्ठ समय माना जाता है। चातुर्मास में की गई पूजा, आराधना से पाप कटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
बृज की तीर्थ यात्रा फलदायी
चातुर्मास में तीर्थ यात्रा करने की भी मनाही है। भारत के सभी तीर्थों में सिर्फ बृज क्षेत्र की यात्रा की जा सकती है। माना जाता है कि सभी देवगण चातुर्मास काल में भगवान कृष्ण की लीला स्थली बृज क्षेत्र के मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बरसाना, नंदगांव आदि क्षेत्रों में निवास करते हैं इसलिए हजारों श्रद्धालु बृज में राधे-कृष्ण के दर्शन करने जाते हैं।
नहीं होंगे ये संस्कार
चातुर्मास काल में विवाह संस्कार, मुंडन संस्कार, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे।
::/fulltext::महासमुंद । ब्लाक के छिलपावन संकुल अंतर्गत बंबुरडीह पंचायत के आश्रित गांव रामाडबरी में अब तक स्थाई रूप से शिक्षक की व्यवस्था नहीं की गई है। रामाडबरी शासकीय प्राथमिक शाला में बीते दो साल से शिक्षक नहीं है।
::/introtext::एक शिक्षिका ने यहां ज्वाइन किया, बाद से लगातार अवकाश पर है। यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों का संकुल से व्यवस्था के तहत भेजे गए शिक्षक पढ़ाते है। सोमवार नौ जुलाई को स्कूल की अर्से की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने आंदोलन किया।
जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण पटेल की अगुवाई में गए ग्रामीणों ने यहां स्थाई रूप से शिक्षक की मांग को लेकर तालाबंदी कर दी है। जानकारी अनुसार स्कूल में स्थाई शिक्षक नहीं होने से ज्यादातर पालकों ने बच्चों को दूरस्थ स्कूल में भर्ती कराया है। यहां फिलहाल 34 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
ग्रामीण यहां दो साल से शिक्षक की मांग कर रहे हैं। शिक्षा अधिकारी के आदेश पर संकुल से कुछ-कुछ दिन के लिए अस्थाई तौर पर शिक्षक की नियुक्ति कर दी जाती है। ग्रामीणओं ने बताय कि यहां पदस्थ शिक्षिका आकांक्षा मिश्रा दो साल तक स्कूल नहीं आई।
हाल ही में एक दिन के लिए स्कूल आई फिर से लगातार अनुपस्थित है। ग्रामीणों ने बताया कि कक्षा पहली में बच्चों का प्रवेश नहीं हो रहा है। दूसरी ओर पांचवी उत्तीर्ण करने वालों छात्रों को समय पर टीसी नहीं मिली, जिससे बावनकेरा स्कूल में सभी को भर्ती किया गया।
जनदर्शन में बच्चों ने लगाई गुहार, स्कूल को बंद होने से बचाए
राजनांदगांव। शासन से अनुदान प्राप्त श्री देवानंद जैन स्कूल के बच्चें क्लास छोड़कर सोमवार को कलेक्टर जनदर्शन पहुंचे। यहां बच्चों ने कलेक्टर भीम सिंह से गुहार लगाई कि स्कूल को बंद होने से बचा लो। संचालक समिति ने शासन को पत्र लिखकर स्कूल बंद कराने की अनुमति मांगी है। यहां के करीब चार शिक्षकों को स्कूल बंद होने की वजह बताकर समिति ने बाहर निकाल दिया है। नया एडमिशन भी नहीं ले रहे हैं।
वर्तमान में यहां लगभग ढाई सौ बच्चें अध्ययरत हैं, जो कक्षा छठवीं से कक्षा 12वीं में हैं। शिक्षकों को हटाने के बाद स्कूल में पढ़ाई चौपट हो गई है।
बच्चों ने कलेक्टर को आवेदन देकर अनुदान प्राप्त अन्य स्कूलों की तरह इस स्कूल को भी चलाने की मांग की है, ताकि अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। स्कूल से सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचे बच्चों ने बताया कि शिक्षकों की नई भर्ती नहीं होने से अध्यापन व्यवस्था चौपट हो गई है।
- रामाडबरी में आकांक्षा मिश्रा नियुक्त है। दो वर्षो से स्कूल से अनुपस्थित रहने के कारण उनको दो अवसर दिया गया। हाल ही में उन्होंने ज्वानिंग लिया, बाद से पुन: अनुपस्थित है। उक्त शिक्षिका को बर्खास्त करने हमनें सीईओ जनपद को पत्र लिखा है। तालाबंदी कर रहे ग्रामीणों से चर्चा कर रास्ता निकालेंगे, स्थाई शिक्षक के लिए फाइल प्रक्रिया में है। - पीके शर्मा, बीईओ महासमुंद
::/fulltext::नई दिल्ली/बिलासपुर: पंचायतों का बेतुके फरमानों की घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक पंचायत ने मानवता की हदें पार करते हुए यौन शोषण की शिकार नाबालिग पीड़िता को तुगलकी फरमान सुना दिया. पंचायत ने आदेश दिए कि नाबालिग पीड़िता यौन शोषण करने वाले के साथ रहेगी. वहीं, शोषण के आरोपी युवक ने 15 दिन बाद किशोरी को घर से भगा दिया. इसके बाद किशोरी दर-दर न्याय के लिए भटक रही है. मामले की खबर मीडिया में आने पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. साथ ही युवक को गिरफ्तारी भी कर लिया है. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच के बाद पंचायत के लोगों पर भी मुकदमा किया जाएगा.
::/introtext::आरोपी युवक ने किशोरी को रखने से किया इनकार
दरअसल, मरवाही के ग्राम तेंदूमुड़ा में रहने वाली 16 वर्षीय नाबालिग किशोरी का गांव के ही आरोपी युवक योगेंद्र ने बहला-फुसलाकर छह माह तक यौन शोषण किया. इस दौरान किशोरी गर्भवती हो गई तो, आरोपी युवक ने किशोरी से कहा कि ये मेरा बच्चा नहीं है और उसे भगा दिया. इसके बाद ये मामला पंचायत पहुंचा. पंचायत ने जो निर्णय सुनाया वह और भी चौंकाने वाला था. पंचायत ने नाबालिग किशोरी और युवक को एक साथ रहने के लिए लिखित समझौता करा दिया. समझौते के 15 दिन बाद आरोपी युवक ने पंचायत के निर्णय को मानने और किशोरी को अपने साथ रखने से मना कर दिया. इसके बाद पीड़ित किशोरी ने पंचायत से गुहार लगाई तो, पंचायत ने असमर्थता जाहिर कर दी. मामला मीडिया की जानकारी में आने के बाद मरवाही थाने में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है.
पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में दर्ज किया मामला
मरवाही पुलिस थाना के एसएचओ एके खलखो ने नाबालिग पीड़ित किशोरी के बयान एवं लिखित रिपोर्ट लेकर दोषी युवक योगेंद्र के खिलाफ धारा 376 पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया. पुलिस ने तत्काल ही आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया. एसएचओ एके खलखो ने बताया कि पंचायत के निर्णय एवं लिखित पत्र को जांच में जौड़ा गया है. पंचायत के प्रतिनिधियों के विरुद्ध मामले को दबाने एवं रफा-दफा करने की कार्यवाही मामले की जांच करने के बाद की जाएगी.
पखांजुर . कांकेर के पखांजुर से एक बड़ी खबर आ रही है। नक्सलियों की आईई़डी ब्लास्ट में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गये हैं। ये घटना छोटे बेठिया इलाके की बतायी जा रही है। नक्सल डीआईजी सुंदरराज पी ने घटना की पुष्टि NPG से की है।
::/introtext::शहीद हुए जवानों के नाम संतोष लक्ष्मण और नित्यानंद नायक बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक नक्सलियों के खिलाफ आपरेशन में बीएसएफ जवान छोटे बेठिया इलाके के ताड़वाली के जंगल में गये हुए थे, इसी दौरान आईईडी ब्लास्ट नक्सलियों ने कर दिया, जिसमें दो जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गये। गंभीर रुप से जख्मी दोनों जवान बाद में शहीद हो गये। जानकारी के मुताबिक जवान बाइक पर सवार थे, इसी दौरान ये ब्लास्ट नक्सलियों ने किया।
दोनों जवानों के शवों को छोटे बेठिया थाना लाया गया है। हालांकि पुलिस अफसरों को दावा है कि इस दौरान दोनों तरफ से गोली बारी भी हुई है, जिसमें कुछ नक्सली मारे भी गये हैं।
::/fulltext::