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रायपुर. जल संकट की बड़ी समस्या को देखते हुए शहरों में तालाबों, कुओं को बचाने के साथ ही नदियों में भी हर साल तरह तरह की मुहिम चलाई जा रही है। महानदी में चलाई गई पाली पद्धति नदी के पानी को प्रदूषण से बचाने में बेहतर साबित हो रही है। छोटे-छोटे गांव को छूकर निकलती महानदी के घाटी हिस्से में पाली पद्धति से नाले बनाए गए। ये नाले पहली बारिश में नदी में जाने वाले कचरे को खुद बहाकर नदी को प्रदूषण से बचा रहे हैं। अब पाली पद्धति को जरूरत मानकर राज्य सरकार ने भी नदी में नाला बनाकर कचरा बाहर करने का फैसला किया है।
::/introtext::सामाजिक कार्यकर्ता गौतम बंदोपाध्याय ने महानदी में पाली पद्धति की शुरूआत की। इसके लिए छोटे-छोटे गांवों में जाकर लोगों को अपने साथ जोड़ा। उन्हीं की मदद से गांव के घाटी वली जगह में नाले बनवाए। गांव से लगे बड़े नालों से उसे जोड़ दिया गया। ऐसे में गांवों से निकलने वाला कचरा नदी में गिरने के बजाय नाले से होकर बाहर निकल जाता है। बंदोपाध्याय के मुताबिक पाली पद्धति की जरूरत खारुन को भी है, जहां पूरे शहर का कचरा जमा हो रहा है। आसपास के बड़े नाले ऐसे बनाए गए हैं कि वे प्रदूषण को कम करने के बजाय और बढ़ा रहे हैं। वर्तमान में नदियों, तालाबों और पहाड़ों बचाने के लिए प्रभावी अभियान प्रदेश के कई हिस्सों में जारी है।
खारुन से निकला 14 ट्रक कचरा
एक समय मुहिम चलाकर खारुन से करीब 14 ट्रक कचरा निकाला गया था। पैरा, लकड़ियों के साथ ही प्लास्टिक व पॉलीथिन से खारुन के ज्यादातर हिस्से प्रभावित हैं।
यह प्रयास भी कारगर
- तालाबों को बचाने के लिए पैठू पद्धति, बारिश में जमा पानी से जलभराव को बढ़ावा।
- कैचमेंट एरिया में कांक्रीट के बजाय मिट्टी के मेड़ बनाकर जल भराव की मुहिम।
- इंटरकनेक्ट तालाबों के आसपास कुआं व डबरी निर्माण। भू-जल स्तर में सुधार।
::/fulltext::रायपुर. राजधानी के कबीर नगर थाना क्षेत्र के अटारी गांव में चिकन खाने के विवाद में कलयुगी बेटे ने अपने पिता के सिर पर पटिया से वार कर उसे मौत घाट उतार दिया। वारदात को छिपाते हुए परिजनों ने मृतक का दाह संस्कार भी कर दिया, लेकिन बड़े बेटे ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने अस्पताल से पूरी रिपोर्ट लेकर मामले में हत्या का केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। घटना तीन जुलाई की रात की है।
::/introtext::कबीर नगर पुलिस के मुताबिक ग्राम अटारी निवासी मनीष निषाद (22) को चिकन पसंद नहीं थाा। तीन जुलाई की रात 9.30 बजे वह खाना खाने के लिए पिता नंदकुमार निषाद (45) के साथ बैठा था। नंदकुमार बड़े चाव से चिकन खा रहा है, यह देख मनीष नाराज हो गया। नंदकुमार की पत्नी अपने बेटे मनीष के लिए पड़ोसी के घर दाल लेने चली गई। इसी बीच पिता पुत्र के बीच चिकन खाने को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि मनीष ने आंगन में पड़े लकड़ी का पटिया उठाकर नंदकुमार के सिर पर ताबड़तोड़ तीन-चार वार कर दिया।
नंदकुमार लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ा। मनीष की बहन ने तुरंत अपने बड़े और मंझले भाई को बुला लिया। मंझला भाई मिथलेश ने मनीष को पकड़कर रखा था, लेकिन वह अपने भाई की पकड़ से किसी तरह छूटकर भाग निकला। परिवार वालों ने रात में एंबुलेंस बुलाकर नंदकुमार को अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इसके बाद परिजन नंदकुमार को शंकर नगर स्थित एक निजी अस्पताल ले गए।
इलाज में लाखों का खर्च बताने पर घर ले जाते रास्ते में मौत
मरीज की गंभीर स्थिति को देखते डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने की बात कहते हुए लाखों का खर्च बताया तो आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से परिजन इलाज का खर्च नहीं उठा पाए और दूसरे दिन शाम को नंदकुमार को अस्पताल से वापस घर ले जा रहे थे तभी रास्ते में नंदकुमार ने दम तोड़ दिया।
हादसे में मौत होना बताकर किया था दाह संस्कार
हत्या की बात को छिपाते हुए परिजनों ने उसी दिन आनन-फानन में नंदकुमार का दाह संस्कार कर दिया। गांव में एक्सीडेंट से मौत होने की बात फैला दी, लेकिन जब संदिग्ध मौत को लेकर ग्रामीणों के बीच चर्चा होने लगी तब मनीष के भाई मिथलेश निषाद (28) ने शुक्रवार शाम को थाना पहुंचकर पुलिस को घटनाक्रम की जानकारी दी और अपने भाई मनीष के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने अस्पताल से नंदकुमार के इलाज की पूरी रिपोर्ट हासिल कर मनीष को गिरफ्तार कर लिया। मनीष अपने भाई के साथ रूंगटा कॉलेज में मजदूरी करता था। बताया जा रहा है कि वह दिमागी रूप से कमजोर है।
::/fulltext::रायपुर । पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश रहे अजय त्रिपाठी ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।
::/introtext::शपथ ग्रहण के बाद मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी मीडिया से भी रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि त्वरित न्याय उनकी प्राथमिकता होगी। शपथ ग्रहण समारोह में राज्य की प्रथम महिला बृजपाल टंडन, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल के अलावा पटना हाईकोर्ट के जज चक्रधारी सिंह, झारखंड हाई कोर्ट के जज अनंत विजय सिंह, बिहार के एडिशनल सॉलीसिटर जनरल एस डी संजय, पूर्व महाधिवक्ता पीके शाही, कृष्ण प्रसाद सिंह, निर्भय कुमार सिंह, द्विवेदी सुरेंद्र, प्रशांत प्रताप, स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी, युवा चेतना के संयोजक रोहित कुमार सिंह, मुख्य न्यायाधीश की पत्नी अलका त्रिपाठी सहित उनके परिजन एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल नीलमचंद सांखला, न्यायाीश प्रीतिंकर दिवाकर, प्रशांत कुमार मिश्रा, मनींद्र मोहन श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
36 साल की न्यायिक सेवा के बाद आया छत्तीसगढ़
मुख्य न्यायाधीश की शपथ लेने के बाद जस्टिस त्रिपाठी ने कहा कि 36 साल की न्यायिक सेवा के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी मिली है। अदालतों की समस्याओं का अध्ययन कर निराकरण कराने का प्रयास सर्वोपरि होगा।
अंबिकापुर। बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर थानांतर्गत ग्राम सरना में इंजीनियरिंग छात्र की हत्या के मामले में आरोपी चचेरी भाभी को 10 महीने के नवजात सहित चार बच्चों के साथ पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। मां के साथ चारों बच्चों को भी साथ में रखने पुलिस ने अदालत से गुजारिश की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
::/introtext::वारदात को चचेरी भाभी ने ही घर वालों की इच्छा से युवक को फोन कर घर बुलाया था। आरोपित महिला के सास-ससुर व पति को घटना के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया था।
बलरामपुर जिले के सरना निवासी मनीष साहू (21) पिता रमाशंकर साहू की लाश बीते 17 जून की सुबह घर के पीछे कुएं के पास मिली थी। मृतक भिलाई में इंजीनियरिंग का छात्र था। पुलिस जांच में मृतक का चचेरी भाभी से प्रेम संबं का पता चला। पूछताछ के बाद आरोपी महिला ने बताया कि युवक की करतूत की जानकारी चचेरे भाई सतेंद्र साहू को लग चुकी थी। परिवार के सदस्यों के कहने पर महिला ने उसे 16 जून की रात को घर बुलाया। यहां महिला के ससुर कैलाश राम साहू, पति सतेंद्र साहू ने सिर पर राड से वार कर मनीष साहू को बेहोश कर दिया। बाद में गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। कैलाश साहू उसकी पत्नी सुमित्रा देवी व पुत्र सतेंद्र साहू ने बोरे में शव को भरकर कुएं के पास फेंक दिया था।
गर्भवती थी महिला,घटना के बाद गई थी मायके
अवैध संबंध से जुड़े मामले में जहां एक परिवार ने होनहार बेटा खो दिया, वहीं उसकी हत्या के आरोप में दंपती व उसके बेटे को पुलिस ने न्यायालय के निर्देश पर जेल भेज दिया था। परिवार में कोई दूसरा सदस्य नहीं होने से आरोपी सतेंद्र साहू की गर्भवती पत्नी, तीन मासूम बच्चों के साथ मायके चली गई थी। घटना के पर्दाफाश के दौरान वह गर्भवती थी और प्रसव का समय भी नजदीक था। संभवत: इसी कारण पुलिस ने उसे उस वक्त गिरफ्तार नहीं किया था।
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