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रायपुर: यदि आप सोच रहे हैं कि प्रदेश में सीएम रमन की विकास यात्रा की शुरुआत 11 मई से होगी तो भूल जाइए। क्योंकि 11 की जगह अब 12 मई से विकास यात्रा की शुरुआत होगी। ज्ञात हो कि पहले विकास यात्रा की शुरुआत 11 मई से होने वाली थी, लेकिन उसे अब एक दिन आगे बढ़ा दिया गया है। 12 मई से विकास यात्र का पहला चरण शुरू होगा। इसकी शुरुआत केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। वहीं इसका समापन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 11 जून को ही होगा। प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिश ने कार्यक्रम में बदलाव की पुष्टि कर दी है। वहीं भाजपा के नेशनल प्रेसीडेंट अमित शाह का कार्यक्रम अभी तय नहीं हो पाया है। बता दें कि विकास यात्रा एक माह तक चलेगी यात्रा। बता दें कि दंतेवाड़ा जिले से शुरू होने वाली इस विकास यात्रा में मुख्यमंत्री 65 विधानसभाओं का दौरा करेंगे। कई विधानसभाओं में वो दो से तीन बार भी जायेंगे। दूसरी ओर 16 अगस्त से 30 सितंबर तक विकास यात्रा का द्वितीय चरण शुरू होगा।
विकास यात्रा के दौरान आम सभाओं और स्वागत सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान लोकार्पण एवं भूमिपूजन के कार्यक्रम भी संपादित किए जाएंगे। हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत हितग्राहियों को सामग्री बांटी जाएगी। आमसभा स्थलों पर विभिन्न विभागों द्वारा विकास प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
::/fulltext::नक्सली मुठभेढ़ में शहीद आरक्षक भोजसिंह टांडिल्य और लेखाराम बघेल को आज सवेरे जिला मुख्यालय के पुलिस लाईन में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। दोनों शहीद जवानों को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस अवसर पर लोकसभा सांसद चन्दूलाल साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. श्वेता शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष मिलेश्वरी साहू, रायपुर रेंज के आई.जी. प्रदीप गुप्ता, कलेक्टर श्याम धावड़े, पुलिस अधीक्षक एम.आर. आहिरे, जिला पंचायत सी.ई.ओ. विनीत नंदनवार, जिला पंचायत उपाध्यक्ष पारस ठाकुर, शहीदों के परिजन, अनेक जनप्रतिनिधि और नागरिकों ने पुष्पगुच्छ अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
::/introtext::ज्ञातव्य है कि कल बुधवार को मैनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम ओड़ और अमलोर के बीच एरिया डॉमिनेशन के लिए रवाना हुए छः पार्टियों में दोनों शहीद जवान पहली पार्टी में शामिल थे। एरिया डॉमिनेशन के दौरान ही नक्सली मुठभेढ़ में आरक्षक क्रमांक 545 भोजसिंह टांडिल्य और आरक्षक क्रमांक 642 लेखाराम बघेल शहीद हो गये। श्रद्धांजलि के पश्चात दोनों शहीदों के पार्थिव शरीर को उनके गृहग्राम के लिए रवाना किया गया। शहीद लेखाराम बघेल आरक्षक क्रमांक 642 कांकेर जिले के ग्राम डोड़कवही (पर्थरी) और भोजसिंह टांडिल्य आरक्षक क्रमांक 545 गरियाबंद जिले के ग्राम कचरिया (देवभोग) के निवासी थे।
::/fulltext::रायपुर : छत्तीसगढ़ में एक और अंखफोड़वा कांड सामने आया है। प्रदेश में इससे पहले भी बालोद और कांकेर में मोतियाबिंद आपरेशन के बाद दर्जनों ग्रामीणों की आंखो से नहीं दिखने का मामला सामने आ चूका है। इसके बाद भीस्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और सुस्त कार्रवाई के कारण राजनादगांव के क्रिश्चियन फेलोशिप अस्पताल में मोतियाबिंद का आपरेशन करवाने आए मोहला-मानपुर क्षेत्र के लगभग 54 ग्रामीणों में से 37 लोगों के आंखों की रोशनी चले जाने का मामला सामने आया है। इस मामले को अस्पताल प्रबंधन के द्वारा दबाने और स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को जानकारी नहीं देने का मामला भी सामने आया। मीडिया के हस्तक्षेप के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच शुरू की है
दरअसल शहर के क्रिश्चियन फेलोशिप अस्पताल में पिछले शुक्रवार को मानपुर ब्लॉक के मुड़पार विचारपुर, हेलमकोड़ा,मरकाक्सा सहित अन्य गांवों से वनांचल के लगभग 54 ग्रामीण निःशुल्क मोतियाबिंद का आपरेशन करवाने के लिए भर्ती हुए। डॉक्टरों ने इन मरीजों का आपरेशन किया और दूसरे दिन छुट्टी दे दी गई। मरीज अपने घर चले गए। आंखों की पट्टी खुलने के बाद भी 37 मरीजों को दिखाई देना ही बंद होने की शिकायत थी।
इसके बाद मरीजों के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की। तब मरीजों का फिर से आपरेशन किया गया।उसके बाद भी उन लोगों की आंखों में अंधेरा ही दिखने कि शिकायत की गई। तब आननफानन में अस्पताल प्रबंधन नेअलग -अलग मरीजों का समूह बनाकर उनका एक और ऑपरेशन रायपुर के एक निजी निजी अस्पताल में करवाया गया। तब भी लोगों की आंखों की रोशनी वापस नहीं आई। ऐसे मरीजों के परिजनों ने इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन के ऊपर लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए जांच कर दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
इधर फेलोशिप अस्पताल के डायरेक्टर का कहना है कि इससे पहले भी ऑपरेशन किया गया है। लेकिन कोई शिकायत नहीं मिली। उन्होंने कहा कि संक्रमण के चलते इन मरीजों की आंखों की रोशनी गई है।
मामले में जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया को इस घटना का पता है नहीं था। उन्होंने मीडिया के माध्यम से जानकारी होने की बात कही। उन्होंने कहा कि मामले की टीम बनाकर जांच की जा रही है और जांच के बाद दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे मामले में जांच टीम का कहना है कि प्रथम दृष्ट्या संक्रमण के चलते ही लोगो की आंखों की रोशनी नहीं आ पाई है।
बता दें कि प्रदेश में इसके पूर्व भी वर्ष 2011 में बालोद जिले में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आयोजित मोतियाबिंद आपरेशन शिविर में ऑपरेशन के बाद दर्जनों लोगों की आंखो की रोशनी गायब होने की घटना हो चुकी है। वहीं कांकेर में भी 2 नवंबर 2016 को मोतियाबिंद शिविर में ऑपरेशन के बाद कई लोगो की आँखों की रोशनी चले जाने का मामला सामने आ चुका है और इन मामलों से सरकार की किरकिरी भी हुई थी।
::/fulltext::देश का बहुचर्चित मामला पत्थलगड़ी थमने का नाम ही नहीं ले रहा है, मामले में राजनीतिक सरगर्मी तेज होते नजर आ रही है। बुधवार को मरवाही विधायक अमित जोगी ने मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है, जोगी ने पत्थलगड़ी समर्थकों के पक्ष में कहा कि मामले में आपत्तिजनक उल्लेख नही किया गया है। जब मुख्यमंत्री ग्राम पंचायतों की संपत्ति अपने मित्रों को बेचने की साजिश करते है, तब सभाएं अपने अधिकारों को पत्थरों पर उल्लेख करती है।
मामले को लेकर बीते दिनों गृहमंत्री राम सेवक पैकरा ने कहा था कि कुछ रिटायर्ड अधिकारियों की साजिश का हिस्सा है। ये अलोकतांत्रिक और साजिश है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस आंदोलन को साजिश करार दिया है
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