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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नौ साल से बीमार हैं।
नई दिल्ली.पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सेहत का हाल जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को फिर एम्स पहुंचे। 10 से 15 मिनट तक यहां रुके। मोदी 18 दिन में तीसरी बार यहां आए। इससे पहले 25 जून को मोदी अचानक रात 9 बजे एम्स पहुंचे थे। 11 जून को भी उस वक्त देखने आए थे जब 93 साल के अटलजी को एम्स में भर्ती किया गया था। अटलजी को डायबिटीज है। उनकी सिर्फ एक किडनी काम कर रही है। इस बार उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट में इन्फेक्शन के चलते भर्ती किया गया है।
30 साल से अटलजी के निजी फिजिशियन डॉ. रणदीप गुलेरिया की देखरेख में एम्स में उनका इलाज चल रहा है। उन्हें इंजेक्टेबल एंटीबायोटिक दिए जा रहे हैं। 11 जून को अटलजी को देखने सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहुंचे थे। इसके बाद नेताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ था। राहुल के बाद नरेंद्र मोदी वहां पहुंचे। 1953 से वाजपेयी के साथ रहे लालकृष्ण अाडवाणी भी मिलने गए। गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, डॉ. हर्षवर्धन भी आए।
3 साल पहले सामने आई थी तस्वीर:अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर पिछली बार 2015 में सामने आई थी। तब तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए वाजपेयी को घर जाकर भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया था। वाजपेयी सबसे पहले 1996 में 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने। बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। दूसरी बार वे 1998 में प्रधानमंत्री बने। सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए। 13 अक्टूबर 1999 को वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस बार उन्होंने 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। 2005 में उन्होंने राजनीति से संन्यास लिया।
::/fulltext::नई दिल्ली. 2015 की यूपीएससी टॉपर रहीं टीना डाबी ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर की है जिसमें वह अपने पति अतहर के साथ लुंगी डांस की तैयारी करते हुए नजर आ रही हैं। टीना डाबी ने तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा, ऑल रेडी फॉर तेलगु डांस। दूसरी तस्वीर में दोनों एक ग्रुप के साथ हैं जिसमें सभी लड़के-लड़कियों ने लूंगी पहनी हुई हैं। टीना ने हाल ही में 2015 की यूपीएसएसी में रनरअप रहे कश्मीरी युवक अतहर आमिर उल शफी खान से शादी की है। टीना ने 24 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। टीना और अतहर दोनों ही राजस्थान कैडर के अफसर हैं। दोनों की शादी को लेकर कई लोगों ने उनकी आलोचना की थी और कहा था कि उन्हें अलग धर्म में शादी नहीं करनी चाहिए। हालांकि दोनों के परिवारों को इसमें कोई ऐतराज नहीं था।
::/introtext::बता दें कि दोनों की मुलाकात नॉर्थ ब्लॉक स्थित डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ऐंड ट्रेनिंग के दफ्तर में हुई थी। टीना और आमिर शुरूआत से ही अपने रिश्तों को लेकर काफी खुले विचारों के रहे हैं। दोनों लगातार अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालते रहे हैं। साल 2016 में अपने फेसबुक अकाउंट पर भी टीना से अपने और आमिर के रिश्ते को दुनिया को बताया। टीना डाबी ने 24 साल की उम्र में ही यूपीएससी की टॉप कर लिया था। डाबी और अतहर दोनों राजस्थान कैडर के अफसर हैं।टीना डाबी ने फोटो कैप्शन में लिखा है कि ऑल रेडी फॉर तेलगु डांस…। इस फोटो को काफी पसंद किया जा रहा है।
वर्तमान में सरकार सीधे तौर पर 850 से अधिक आवश्यक दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करती है।
नई दिल्ली। सरकार ने दवाओं की कीमत कम करने और जरूरी दवाओं को आम लोगों की पहुंच में लाने के लिए नई नीति बनाई है। दवाओं की खुदरा कीमतों को कम रखने के लिए सरकार निर्माता के स्तर पर आवश्यक दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने का फैसला किया है। इसी स्तर पर दवाओं की कीमत कम होने से स्टॉकिस्ट, थोक व्यापारी, वितरक या अस्पताल तक दवाएं पहुंचने पर उनकी कीमत नहीं बढ़ेगी। इसके अलावा डॉक्टरों, अस्पतालों और वितरकों द्वारा दूसरों ब्रांड की दवाओं की सिफारिश करने पर उनके लाभ में कटौती करने का कदम भी उठाया जा रहा है। वर्तमान में सभी आवश्यक दवाओं के मूल्य खुदरा विक्रेता स्तर पर नियंत्रित होती हैं, जिनकी बाजार में हिस्सेदारी एक फीसद से भी कम है। वहीं, रिटेलर का मार्जिन एमआरपी तक पहुंचते पहुंचते 16 फीसद तक हो जाता है। इसका सीधा असर स्टॉकिस्ट, थोक व्यापारी, अस्पताल तक पड़ता है। जिसका खर्च आखिरकार मरीज के परिजनों को उठाना पड़ता है।
नीति आयोग के द्वारा प्रस्तावित नए नियम के अनुसार, दवा निर्माता के यहां से दवाएं निकलने के बाद एमआरपी का 24 फीसद फिक्स ट्रेड मार्जिन ही दिया जाएगा। इससे दवाओं पर होने वाली जबरदस्त मुनाफाखोरी पर लगाम लगेगी। साथ ही सप्लाई-चेन के आधार पर कस्टमर को डिस्काउंट मिलेगा। बताते चलें कि वर्तमान में सरकार सीधे तौर पर 850 से अधिक आवश्यक दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करती है। नई प्रणाली के तहत एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के घरेलू दवा बाजार का लगभग 17 फीसद सीधे तौर पर सरकारी मूल्य नियंत्रण में आ जाएगा। इस प्रकार उपभोक्ताओं की चिकित्सा लागत कम हो जाएगी।
::/fulltext::मगहर,उप्र. संत कबीर दास का 620वां प्राकट्य दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी आज उत्तरप्रदेश के मगहर पहुंचे, ये वही स्थान है जहां कबीर दास जी की समाधि है. प्रधानमंत्री ने यहां पर ‘संत कबीर अकादमी‘ की आधारशिला रखी. प्रधानमंत्री के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. इसके बाद पीएम मोदी ने यहां जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कबीर की महिमा का बखान करते हुए कांग्रेस-सपा और बसपा पर तीखे हमले भी किए.
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ दल बस कलह और राजनीति चाहते हैं, ये दल समाजवाद और बहुजन वाद के नाम पर ढोंग कर रहे हैं, ये वही लोग हैं जिन्होंने अपने लिए करोड़ों के बंगले बनवाए हैं, ऐसे लोगों से यूपी के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है.मोदी ने कहा कुछ दलों को शांति और विकास नहीं, कलह और अशांति चाहिए. उनको लगता है जितना असंतोष और अशांति का वातावरण बनाएंगे उतना राजनीतिक लाभ होगा. सच्चाई ये है ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं. इन्हें अंदाजा नहीं कि संत कबीर, महात्मा गांधी, बाबा साहेब को मानने वाले हमारे देश का स्वभाव क्या है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 14-15 वर्ष पहले जब पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी यहां आए थे, तब उन्होंने इस जगह के लिए एक सपना देखा था. उनके सपने को साकार करने के लिए मगहर को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में सद्भाव-समरसता के मुख्य केंद्र के तौर पर विकसित करने का काम अब किया जा रहा है.
::/fulltext::नई दिल्ली 27 जून 2018. केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले ओवरटाइम भत्ता को बंद करने का फैसला किया है। लेकिन ऑपरेशनल स्टाफ को इससे अलग रखा जाएगा। कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंधी आदेश जारी किया है। 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश पर यह कदम उठाया गया है। यह आदेश भारत सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों, उनसे संबद्ध और अधीन आने वाले कार्यालयों पर लागू होगा। सरकार की ओर से साफ किया गया है कि कर्मचारियों का वेतन पिछले सालों में बढ़ता रहा है। इसीलिए वेतन आयोग ने ओवरटाइम भत्ता बंद करने की सिफारिश की। इसी के अनुसार सभी मंत्रालयों/ विभागों तथा उनसे संबद्ध एवं अधीन भारत सरकार के कार्यालयों में यह फैसला लागू करने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रालयों और विभागों के प्रशासन ने ऑपरेशनल स्टाफ की लिस्ट बनाने का आदेश जारी किया है। यह फैसला भी लिया गया है कि ओवरटाइम भत्ता बायोमीट्रिक अटेंडेंस के आधार पर दिया जाएगा। ऑपरेशनल स्टाफ को भत्ता तभी मिलेगा, जब उनके सीनियर अफसर लिखित में बताएंगे कि जरूरी काम के लिए कर्मचारी काे दफ्तर में रुकना है। ऑपरेशनल स्टाफ में वे कर्मचारी आते हैं जो कार्यालयों के ठीक से काम करने और व्यवस्था को बनाए रखने का काम करते हैं। यानी मकैनिकल और इलेक्ट्रिकल उपकरणों की मरम्मत और देखभाल करने वाले कर्मचारी इस श्रेणी में आते हैं। मंत्रालय ने कहा कि संबंधित मंत्रालयों/विभागों के प्रशासिनक निकायों से संचालन-परिचालन से संबद्ध कर्मचारियों की सूची तैयार करने और उसके साथ तर्कसंगत कारण बताने को कहा गया है। सरकार ने उनके ओटीए की दर भी संशोधित नहीं करने का फैसला किया है।
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