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पश्चिम बंगाल में शनिवार को पहले चरण के मतदान से पहले बृहस्पतिवार को सत्ता के दोनों दावेदारों यानी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी का हाई वोल्टेज चुनाव प्रचार थम गया. लेकिन इस दौर में दोनों दलों के प्रचार अभियान के दौरान 'खेला होबे' और आरोप-प्रत्यारोप के शोर में आम लोगों से जुड़े मुद्दे हाशिए पर ही रहे.
पहले चरण में पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर के अलावा बांकुड़ा, पुरुलिया और झाड़ग्राम जिलों की 30 सीटों के लिए मतदान हो रहा है.
चुनाव प्रचार के आख़िरी दिन भी जहां एक तरफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर मिथुन चक्रवर्ती ने ताबड़तोड़ रैलियां की तो दूसरी तरफ टीएमसी की स्टार प्रचारक ममता बनर्जी ने हेलीकॉप्टर और व्हीलचेयर के सहारे चार रैलियों को संबोधित किया.
पहले दौर में जिन सीटों पर मतदान होना है उनमें जंगल महल के नाम से कुख्यात रहे इलाक़े की 23 सीटें हैं.
बाक़ी सात सीटें पूर्व मेदिनीपुर में हैं. इलाक़े की बाक़ी सीटों पर मतदान दूसरे चरण में एक अप्रैल को होगा. इनमें नंदीग्राम की हाई प्रोफाइल सीट भी शामिल है जहां ममता बनर्जी का मुक़ाबला कभी अपने सबसे क़रीबी रहे शुभेंदु अधिकारी से है.
अहम सीटें जिन पर होगा मुक़ाबला
इस दौर की सबसे अहम सीटों में पुरुलिया के अलावा बांकुड़ा की छातना सीट और पश्चिम मेदिनीपुर ज़िले की खड़गपुर और पूर्व मेदिनीपुर की मेदिनीपुर सीट शामिल है.
पुरुलिया और छातना की अहमियत इसलिए ज़्यादा है क्योंकि साल 2016 के चुनाव में यहां हार जीत का फ़ासला पांच हजार वोटों से भी कम रहा था. तब पुरुलिया सीट कांग्रेस के सुदीप मुखर्जी ने जीती थी और छातना सीट पर लेफ्ट की सहयोगी आरएसपी का कब्ज़ा रहा था.
साल 2016 में खड़गपुर सीट पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने जीत हासिल की थी. लेकिन साल 2019 में उनके लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बन जाने के बाद यहां हुए उपचुनाव में टीएमसी ने इस सीट पर कब्ज़ा कर लिया था.
टीएमसी ने इस बार वहां उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवार दिनेन राय को ही मैदान में उतारा है. मेदिनीपुर सीट पर पूर्व विधायक मृगेंद्र नाथ माइती की बजाय अभिनेत्री जून मालिया के टीएमसी के टिकट पर मैदान में उतरने से यहां का मुक़ाबला भी दिलचस्प हो गया है.
पहले चरण में पूर्व मेदिनीपुर की 16 में से सात, पश्चिम मेदिनीपुर की 15 में से छह और बांकुड़ा की 12 में से चार सीटों पर मतदान होगा जबकि पुरुलिया की सभी नौ और झाड़ग्राम की सभी चार सीटों पर इसी दौर में वोट डाले जाएँगे.
फिलहाल इस दौर की 30 सीटों के लिए कुल 191 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें 21 महिलाएं हैं. इन उम्मीदवारों में एक-चौथाई के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं तो 19 करोड़पति भी दौड़ में शामिल हैं.
पहले दौर में उम्मीदवारों की औसत संपत्ति क़रीब 43.77 लाख रुपए हैं और इनमें से क़रीब आधे लोग ग्रेजुएट हैं.
दोनों पक्षों ने झोंकी अपनी पूरी ताकत
आंकड़ों के लिहाज से देखें तो साल 2016 में टीएमसी ने इन 30 सीटों में से 27 जीती थीं. तब कांग्रेस को दो और आरएसपी को एक सीट मिली थी. लेकिन इस बार समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में मिली कामयाबी के बाद अब बीजेपी की निगाहें इन सीटों पर हैं. पार्टी के चुनाव अभियान से भी यह समझना मुश्किल नहीं है कि उसने इलाक़े की यहां के चुनाव प्रचार में कितनी ताकत झोंकी है.
यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन-तीन चुनावी रैलियां की हैं जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खड़गपुर में रोड शो के अलावा कम से कम आठ रैलियों को संबोधित किया है. उनके अलावा बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा से लेकर राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक इलाक़े में प्रचार कर चुके हैं.
चुनाव प्रचार के आख़िरी दिन अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने भी यहां रैलियां की हैं. दूसरी ओर, यहां ममता बनर्जी ने अकेले एक दर्जन से ज़्यादा रैलियां की हैं. टीएमसी ने इन 30 सीटों में से 29 पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. जयपुर सीट पर पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन रद्द जाने की वजह से टीएमसी वहां एक निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देने का फ़ैसला किया है.
बीजेपी के चुनाव प्रचार में मिथुन चक्रवर्ती
पहले चरण के चुनाव प्रचार से पहले ही ममता बनर्जी ने 'खेला होबे' यानी 'खेल होगा' का नारा दिया था. उनका पूरा अभियान इसी नारे और बीजेपी को बाहरी बताने पर केंद्रित रहा तो दूसरी ओर, बीजेपी ने इसी नारे को आधार बना कर उन पर ताबड़तोड़ हमले किए.
बुधवार को पूर्व मेदिनीपुर जिले के कांथी में अपनी आख़िरी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, "खेला होबे किंतु विकास का खेला होबे. ममता बनर्जी सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है. दीदी का खेला शेष होबे. अमित शाह समेत दूसरे नेता भी लगातार यही कहते रहे कि खेला नहीं होगा, अब खेला ख़त्म होगा."
उधर, ममता बनर्जी भी लगातार पलटवार करती रहीं हैं.
इसी कड़ी में बुधवार की अपनी रैली में उन्होंने कहा था, "प्रधानमंत्री की कुर्सी के प्रति मेरे मन में सम्मान था. लेकिन मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बड़ा झूठ बोलने वाला नहीं देखा है."
मतदान की तैयारी करते चुनाव अधिकारी
'प्रचार में नहीं दिखे मुद्दे'
वरिष्ठ पत्रकार पुलकेश घोष कहते हैं, "पहले चरण के चुनाव अभियान में खेला होबे और आरोप-प्रत्यारोप के शोर में आम लोगों से जुड़े असली मुद्दे ग़ायब ही रहे."
"प्रधानमंत्री और ममता दोनों ने सत्ता में आने के बाद विकास परियोजनाओं के जरिए इलाक़े और पूरे बंगाल का चेहरा बदलने का दावा तो करते रहे, लेकिन लोग अब इन दावों की हकीकत समझ गए हैं."
राजनीतिक विश्लेषक प्रोफ़ेसर समीरन पाल कहते हैं, "पहले चरण के पहले का अभियान पूरी तरह एक-दूसरे पर हमला करने का अभियान रहा. इसने आम लोगों को भी असमंजस में डाल दिया है."
"यही वजह है कि लोग अबकी खुल कर कुछ बोल नहीं रहे हैं. लोगों की यह चुप्पी क्या करेगी, इसके बारे में फिलहाल कुछ कहना मुश्किल होगा."
नई दिल्ली, कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिये के लिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक नये तरीके खोज रहे हैं। हवा के माध्यम से कोरोना के फैलने की आशंका अपेक्षाकृत अधिक होती है। इसलिए, वैज्ञानिक प्रयास भी उसी दिशा में केंद्रित हैं।
कोरोना वायरस विशेषकर सार्वजनिक स्थानों पर हवा के जरिये द्रुत गति से बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर सकता है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) ने अल्ट्रा-वायलेट (यूवी) डक्ट्स नलिका बनायी है, जो हवा में ही इस वारयस को नष्ट कर सकती है। इसमें एयर सैंपलिंग और वायरल लोड टेस्टिंग तकनीक जैसे नवाचार शामिल हैं, जो हवा में वायरल लोड की थाह लेने में सक्षम हैं।
सीएसआईओ के मशीन एवं उपकरण विभाग द्वारा इस सिस्टम को तैयार किया गया है। इस बारे में संस्थान के सूचना सेवा प्रभाग के प्रमुख और प्रधान वैज्ञानिक डॉ ए.के. शुक्ला ने बताया कि “इस सिस्टम में यूवीसी एयर डक्ट डिसइन्फेक्शन सिस्टम मौजूदा एयर डक्ट्स में रेट्रोफिट के रूप में डिजाइन किया गया है। यह स्लाइड मैकेनिज्म पर काम करता है, जिसमें रेगुलेटेड अल्ट्रा-वायलेट यानी पराबैंगनी प्रकाश स्रोत, और सेंसर होते हैं, जिसे डक्ट्स में आसानी से जोड़ा जा सकता है। इसे सामान्य एयर-कंडीशनर में लगाया जा सकता है, और यह उसमें हवा को डिसइन्फेक्ट कर देगा। इस प्रकार उन सार्वजनिक स्थलों पर यह तकनीक खासी उपयोगी हो सकती है, जहाँ सेंट्रल एयर कंडीशन काम करता है।”
इस तकनीक में बायो-पोल एयर सैंपलर का प्रयोग किया गया है। यह हवा में वायरल लोड का पता लगा सकता है। मशीन एवं उपकरण विभाग के वैज्ञानिक और विशेषज्ञों के अनुसार इसका उपयोग अस्पताल, बाजार, स्कूल, बस अड्डे और रेलवे स्टेशन जैसे बड़े सार्वजनिक स्थलों से हवा के नमूने लेने में किया गया है, जहाँ विषाणु एवं जीवाणु संक्रमण की आशंका काफी अधिक होती है। इसके अलावा, भारी ट्रैफिक वाले और औद्योगिक गतिविधियों के कारण प्रदूषित इलाकों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
बायो-पोल एयर सैंपलर विशेष रूप से डिजाइन किए गए फिल्टर के माध्यम से हवा में मौजूद रोगजनक इकठ्ठा करता है। एयर डक्ट में यूवीसी लाइट स्रोत से उत्सर्जित होने वाले प्रकाश में उच्च ऊर्जा वाले फोटोन्स वायरस एवं बैक्टीरिया को नष्ट कर सकते हैं। इस पद्धति को विभिन्न परिस्थितियों के अनुरूप ढालकर लचीले प्रयोग के उद्देश्य से बनाया गया है।
इस यूवी एयर डक्ट को बनाने वाली टीम में मशीन एवं उपकरण विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ हैरी गर्ग के साथ वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर अनंता रामकृष्ण और वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी सुपांकर दास शामिल हैं। संस्थान के वैज्ञानिकों का दावा है कि वायरस की उपस्थिति का पता लगाकर और वायरल लोड टेस्टिंग परीक्षण से यह बता पाना आसान होगा कि वायरस को नष्ट करने के लिए कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होगी।
नई दिल्ली, बढ़ते प्रदूषण एवं पेट्रोल तथा डीजल की कीमतों में वृद्धि ने वाहन निर्माताओं को ईको-फ्रेंडली और बेहतर एवरेज देने वाले वाहनों के निर्माण के लिए प्रेरित किया है। इस दिशा में काम करते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली द्वारा इंक्युबेटेड स्टार्टप गेलियोस मोबिलिटी ने इलेक्ट्रिक स्कूटर 'होप' लॉन्च किया है। इस स्कूटर को डिलीवरी एवं स्थानीय आवागमन के लिए अनुकूल बताया जा रहा है।
बीस पैसे प्रति किलोमीटर की दर से चलने वाले इस स्कूटर की अधिगतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह स्कूटर ऐसे वाहनों की श्रेणी में शामिल है, जिन्हें सड़क पर चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस या पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती है।
यह स्कूटर, कंपनी द्वारा विकसित बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम, डाटा मॉनिटरिंग सिस्टम और पेडल असिस्ट यूनिट जैसी आधुनिक तकनीकों से युक्त है। इसमें इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) का समावेश किया गया है, जिससे डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से स्कूटर की जानकारी मिलती रहती है। इन्हीं विशेषताओं के कारण ‘होप’ भविष्य के स्मार्ट एवं कनेक्टेड स्कूटर की श्रेणी में आता है।
'होप' के साथ पोर्टेबल चार्जर और पोर्टेबल लिथियम आयन बैटरी आती है। स्कूटर में लगी बैटरी को घर में उपयोग होने वाले सामान्य प्लग से चार्ज कर सकते हैं, जिससे पार्किंग में अतिरिक्त चार्जर की आवश्यकता नहीं होती है।
सामान्य बिजली से यह बैटरी चार घंटे में पूर्ण चार्ज हो जाती है। अपनी आवागमन की जरूरतों के मुताबिक ग्राहकों के पास दो अलग-अलग रेंज 50 किलोमीटर और 75 किलोमीटर की बैटरी क्षमता का चयन करने का विकल्प है।
गेलियोस मोबिलिटी भोजन, ई-कॉमर्स, किराना, अनिवार्य और अन्य वितरण अनुप्रयोगों में हाइपरलोकल डिलीवरी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वितरण कंपनियों के साथ सहयोग कर रही है। गेलियोस मोबिलिटी उन चुनिंदा कंपनियों में से है, जो स्कूटर में पेडल असिस्ट सिस्टम जैसा विशेष फीचर दे रही है। यात्रा के दौरान ग्राहक अपनी सुविधा अनुसार पेडल या थ्रॉटल का विकल्प चुन सकते हैं।
सुविधाजनक पार्किंग के लिए ‘होप’ को विशेष रिवर्स मोड तकनीक लैस किया गया है, जिसकी सहायता से संकरे स्थानों पर भी स्कूटर आसानी से पार्क किया जा सकता है।
अत्याधुनिक उपयोग के लिए इस स्कूटर में एक मजबूत और कम वजन का फ्रेम बनाया गया है। स्कूटर की संरचना और इसकी छरहरी डिजाइन, इसे भीड़ भरी सड़कों में भी आसानी से रास्ता बना लेने की क्षमता प्रदान करते हैं। वाहन में रिवॉल्यूशनरी स्लाइड और सवारी की आवश्यकता के अनुसार भार-वाहक एसेसरीज या पीछे की सीट जोड़ी जा सकती है।
कंपनी द्वारा अधिकतम उपयोग किए जाने वाले मार्गों पर स्कूटर के चार्जिंग और मेंटेनेंस के लिए हब स्थापित किए जाएंगे। इमरजेंसी की स्थिति में, आकस्मिक सेवाएं जैसे मार्ग पर सहायता एवं बैटरी को बदलने की सुविधा कंपनी द्वारा प्रदान की जाएगी।
गेलियोस मोबिलिटी के फाउंडर व सीईओ आदित्य तिवारी ने कहा है कि "तीन वर्ष पूर्व गेलियोस मोबिलिटी की शुरुआत ईको-फ्रेंडली आवागमन तंत्र विकसित करने के दृष्टिकोण से की गई थी। इस प्रयास में ‘होप’ की लॉन्चिंग एक प्रमुख कदम है। इस स्कूटर की कीमत मात्र 46,999 रुपये से शुरू होती है, जो इसे मार्केट का सबसे किफायती इंटरनेट कनेक्टेड स्कूटर बनाता है।
आईआईटी, दिल्ली द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि दिल्ली-एनसीआर के लिए इस स्कूटर की बुकिंग प्रारंभ कर दी गई है, और अन्य शहरों के लिए इस वर्ष के मध्य तक इसकी बुकिंग की जा सकेगी। आदित्य तिवारी ने बताया कि फिलहाल स्थानीय वितरण में उपयोग के लिए यह स्कूटर लॉन्च किया जा रहा है। आगामी महीनों में व्यक्तिगत आवागमन हेतु भी इसकी बुकिंग प्रारंभ की जाएगी।