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भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) ने 'जीवन शांति' प्लान की शुरुआत की है। इस प्लान के लांच के मौके पर LIC के अध्यक्ष वी के शर्मा ने बताया कि यह जीवन शांति याेजना एक नॉन लिंक्ड प्लान है। साथ ही यह एकल प्रीमियम वार्षिकी योजना है जिसमें बीमा धारक को तत्काल वार्षिकी या स्थगित वार्षिकी चुनने का विकल्प है। दरहसल, इस पॉलिसी की खासियत इसमें मिलने वाली पेंशन है। मान लीजिए 50 वर्ष का कोई व्यक्ति 10,18,000 रुपये पॉलिसी में लगाता है तो उसे तुरंत 65600 वार्षिक पेंशन मिलने लगेगी। लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीदें पाॅलिसी
इस योजना को ऑफ़लाइन और साथ ही ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। एलआईसी की जीवन शांति एक व्यापक वार्षिकी योजना है जिसमें व्यक्ति और उसके परिवार को भी लाभ मिलेगा।
इसकी खूबियां कुछ ऐसी है...
(1) लोन की सुविधा
(2) 3 माह बाद कभी भी सरेंडर (बिना) किसी मेडिकल डॉक्यूमेंट के
(3) तुरंत या 1 से 20 वर्ष के बीच कभी भी पेंशन प्रारम्भ
(4) जॉइंट लाइफ ऑप्शन में किसी भी क्लोज रिलेटिव को शामिल कर सकते हैं।
(5) तुरंत पेंशन लगभग जीवन अक्षय VI के ही बराबर।
(6) 5 वर्ष से 20 वर्ष के बीच पेंशन दर 9.18 फीसदी से 19.23 फीसदी तक जीवन पर्यंत गारंटी।
(7) आयकर में छूट।
ऐसे समझें
अगर 50 वर्ष का व्यक्ति 10,18,000 रुपये पॉलिसी में लगाता है तो उसे तुरंत 65600 वार्षिक पेंशन मिलेगी। किन्तु Deferred ऑप्शन के अंतर्गत उसे निम्न धनराशि मिलेगी:-
1 वर्ष बाद- 69300 वार्षिक
5 वर्ष बाद- 91800 वार्षिक
10 वर्ष बाद- 128300 वार्षिक
15 वर्ष बाद- 69500 वार्षिक
20 वर्ष बाद- 192300 वार्षिक
महत्वपूर्ण बात यह है कि उपरोक्त दरों की जीवनपर्यन्त गारंटी है।
इस उम्र के लोग ले सकते हैं इस योजना का फायदा- LIC की इस योजना को न्यूनतम 30 वर्ष तथा अधिकतम 85 वर्ष तक के व्यक्ति ले सकते हैं। जीवन शांति प्लान में लोन, पेंशन शुरू होने के 1 वर्ष बाद तथा इसे सरेंडर, पेंशन शुरू होने के 3 महीने बाद किया जा सकता है।
तत्काल और स्थगित वार्षिकी दोनों विकल्पों के लिए पॉलिसी को लेते समय सालाना दरों की गारंटी दी जाएगी। योजना के तहत विभिन्न वार्षिकी विकल्प और वार्षिकी भुगतान के मोड उपलब्ध है। एक बार चुने गए विकल्प को बदला नहीं जा सकता है। इस योजना को ऑफ़लाइन और साथ ही ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। यह योजना LIC के पुराने प्लान जीवन अक्षय जैसा ही है।
इस उम्र के लोग ले सकते हैं इस योजना का फायदा- LIC की इस योजना को न्यूनतम 30 वर्ष तथा अधिकतम 85 वर्ष तक के व्यक्ति ले सकते हैं। जीवन शांति प्लान में लोन, पेंशन शुरू होने के 1 वर्ष बाद तथा इसे सरेंडर, पेंशन शुरू होने के 3 महीने बाद किया जा सकता है।
तत्काल और स्थगित वार्षिकी दोनों विकल्पों के लिए पॉलिसी को लेते समय सालाना दरों की गारंटी दी जाएगी। योजना के तहत विभिन्न वार्षिकी विकल्प और वार्षिकी भुगतान के मोड उपलब्ध है। एक बार चुने गए विकल्प को बदला नहीं जा सकता है। इस योजना को ऑफ़लाइन और साथ ही ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। यह योजना LIC के पुराने प्लान जीवन अक्षय जैसा ही है।
थगित वार्षिकी (Deferred Annuity)
- वार्षिकी प्रकार दोनों के लिए पॉलिसी की शुरुआत में गारंटीकृत एन्युइटी दरें
- विभिन्न वार्षिकी विकल्प चयनित विकल्प में कोई बदलाव की अनुमति नहीं है
- सिंगल प्रीमियम एन्युइटी प्लान
- खरीद मूल्य (+) अर्जित गारंटीकृत जोड़ (-) मृत्यु की तारीख तक कुल वार्षिक भुगतान खरीद मूल्य का 110%
Global Handwashing Day 2018: खाना खाने और बनाने से पहले जरूरी है हाथ धोना.
खास बातें
नई दिल्ली: Global Handwashing Day (GHD) दुनिया भर में हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है. हर साल ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे की एक थीम होती है. इस बार की थीम हाथ धोने और खाना बनाने से संबंधित है, जिसमें खाने बनाने में सफाई और पोषण का ध्यान रखना भी शामिल है. दरअसल, सुरक्षित खाना बनाने का सीध संबंध हाथ धोने से है. अगर खाना अच्छी तरह हाथ धोकर बनाया जाए तो बीमारियों की रोकथाम करना और बच्चों को तंदरुस्त बनाना आसान हो जाता है. यहां पर हम आपको ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे के बारे में कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं:
1. ग्लोबल हैंडवॉशिंग पार्टनरशिप (GHP) ने स्वीडन में आयोजित वर्ल्ड वॉटर वीक में साल 2008 में Global Handwashing Day की शुरुआत की थी. इसका मकसद साबुन से हाथ धोने के प्रति जागरुकता फैलाना था.
9. अगर हाथ धोने की आदत हो तो डायरिया और निमोनिया जैसी बीमारियों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है.
10. अगर आप भी Global Handwashing Day पर अपना योगदान देना चाहते हैं तो लोगों के सामने हाथ धोने की अच्छी आदत के जरिए उदाहरण पेश करें. साथ ही दूसरों को भी बताएं कि खाना खाने से पहले हाथ धोना बेहद जरूरी है.
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (Apj Abdul Kalam Birth Anniversary) की आज जयंती है. वह भारत के 11वें राष्ट्रपति थे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था. 27 जुलाई, 2015 को शिलॉंग में निधन हो गया था. उनकी पूरी जिंदगी शिक्षा को समर्पित रही. वैज्ञानिक कलाम साहित्य में रुचि रखते थे, कविताएं लिखते थे, वीणा बजाते थे और अध्यात्म से भी गहराई से जुड़े थे. इनके पिता अपनी नावों को मछुआरों को किराए पर देकर अपने परिवार का खर्च चलाते थे.
अपनी आरंभिक पढ़ाई पूरी करने के लिए कलाम को घर-घर अखबार बांटने का भी काम करना पड़ा था. कलाम ने अपने पिता से ईमानदारी व आत्मानुशासन की विरासत पाई थी और माता से ईश्वर-विश्वास तथा करुणा का उपहार लिया था. 27 जुलाई, 2015 को डॉ. कलाम जीवन की अंतिम सांसें लेने से ठीक पहले एक कार्यक्रम में छात्रों से बातें कर रहे थे, वह शायद इसी तरह संसार से विदा होना चाहते होंगे. उनका साफ मानना था कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं.
(डॉ विक्रम साराभाई के साथ युवा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम.)
(वह घर, जहां डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का बचपन बीता.)
(डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का स्कूल (रामनाथपुरम श्वार्ट्ज़ हायर सेकंडरी स्कूल).
(डॉ सतीश धवन के साथ एसएलवी - III रिव्यू मीटिंग में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम.)
(पोखरन परमाणु परीक्षण स्थल पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा तत्कालीन रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के साथ डॉ एपीजे अब्दुल कलाम.)
(वर्ष 1981 में तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीवा रेड्डी के हाथों देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मभूषण ग्रहण करते डॉ एपीजे अब्दुल कलाम.)
(रामेश्वरम स्थित वह मस्जिद, जहां डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अपने पिता तथा भाइयों के साथ नमाज़ पढ़ने जाया करते थे.)
नई दिल्ली. आज देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन के नाम से लोकप्रिय एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती है, वे भारत के 11वें राष्ट्रपति थे. भारत रत्न से सम्मानित हो चुके अब्दुल कलाम को जनता का राष्ट्रपति भी कहा जाता है. कलाम साहब का जीवन का हर पहलू लोगों के लिए प्रेरणा का श्रोत हैं, कलाम ने ये साबित किया कि इंसान अपने कर्मों और ज्ञान से ही बड़ा बनता है ना कि कपड़ों और पैसों से.
कलाम ने नहीं की शादी…
पूरी दुनिया जानती है कि बच्चों के बेहद प्रिय कलाम साहब ने पूरा जीवन अकेले बिताया, उन्होंने शादी नहीं की और ना ही अपना परिवार बढ़ाया लेकिन उनके बच्चे थे और ये बात सामने तब आई जब एक इंटरव्यू के दौरान उनसे उनके निजी जीवन के बारे में पूछा था. दरअसल एक बार राष्ट्रपति भवन में कलाम साहब बच्चों के बीच में घिरे हुए थे.
कलाम ने कहा- मेरे तीन बेटे हैं…
तभी वहां उनका इंटरव्यू लेने आए एक विदेशी पत्रकार ने उनसे पूछा था कि आपकी कोई अपनी संतान नहीं है फिर भी आप बच्चों से इतना प्यार करते हैं? पत्रकार की बातें सुनकर कलाम साहब मुस्कुराए और बड़ी शालीनता के साथ बोले कि नहीं आप गलत हैं मेरे तीन बच्चे हैं. जिनके नाम हैं. कलाम साहब का जवाब सुनकर सब भौचक्के रह गए लेकिन जब उन्होंने अपनी पूरा बात कही तो हर किसी की आंखें खुशी और गर्व से छलछला उठीं, क्योंकि कलाम ने कहा कि आपको पता नहीं मेरे तीन बेटे हैं, जिनके नाम हैं पृथ्वी, अग्नि, और ब्रह्मोस.
डॉ कलाम के छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान की कुछ खास तस्वीरें
15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में जन्मे कलाम ने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से की थी. उन्हें साल 2002 में भारत का राष्ट्रपति बनाया गया था. वो बच्चों से बेइंतहा मोहब्बत करते थे और इसे विधि का विधान कहिए कि अपने अंतिम वक्त में भी वो बच्चों के ही साथ थे. मालूम हो कि उनका 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में निधन हो गया था वे आईआईएम में लेक्चर देने गए थे, इसी दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वो पंचतत्व में लीन हो गए थे.
छत्तीसगढ़ से जुड़ी डॉ. कलाम की यादें