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फेस्टिवल सीजन से पहले सरकार ने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं । अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए GPF दर 7.6 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी कर दी गई है। इसका फायदा लाखों सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। इससे पहले सरकार ने छोटी बचत योजनाओं के लिए भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। जीपीएफ या जनरल प्रोविडंट फंड एक प्रोविडंट फंड खाता होता है जिसे सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही खुलवा सकते हैं। एक सरकारी कर्मचारी इस खाते में अपने वेतन का एक निश्चित फीसदी योगदान करके फंड का सदस्य बन सकता है।
जुलाई से सितंबर की तिमाही के लिए जीपीएफ की दर 7.6 फीसदी तय की गई थी। नई दर 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2018 के लिए लागू होगी। ये ब्याज की दर सरकारी कर्मचारियों के फंड पर लागू होती है। इसमें जीपीएफ के अलावा ऑल इंडिया सर्विस प्रोविडेंट फंड, स्टेट रेलवे प्रोविडेंट फंड, डिफेंस सर्विसेस जीपीएफ और आर्म्ड फोर्स पर्सनल प्रोविडेंट फंड शामिल होते हैं।
जीपीएफ खाते की जरूरी बातें
इस खाते में जमा राशि का भुगतान आम तौर पर कर्मचारी की सेवानिवृत्ति/ रिटायरमेंट के बाद किया जाता है। इस फंड में जमा रकम आयकर की धारा 80सी के अंतर्गत टैक्स छूट के दायरे में आती है। जीपीएफ खाते में जमा रकम पर 8 फीसदी की दर से ब्याज दिया जाता है।
कौन खुलवा सकता है खाता
भारत सरकार या कर सरकारी कर्मचारी जनरल प्रोविडंट फंड में अपना अकाउंट खुलवा सकता है। यह खाता एक निश्चित आय वर्ग के कर्मचारियों के लिए जरूरी है। निजी क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारी इस अकाउंट के लिए पात्र नहीं होते हैं।
कैसे काम करता है जीपीएफ
जनरल प्रोविडंट फंड एक तरह का सेविंग टूल है। जो एक कर्मचारी सरकार के साथ खोल सकता है। इस खाते में, खाताधारक एक निश्चित अवधि के लिए नियमित किस्तों के रूप में अपने वेतन का एक हिस्सा खाते में योगदान करता है। इस खाते में जमा राशि खाताधारक को रिटायरमेंट के समय दी जाती है। इसमें खाताधारक खाता खुलवाने के समय ही अपना नॉमिनी भी चुन सकता है। अगर खाताधारक को कुछ होता है तो नॉमिनी को अकाउंट से जुड़े तमाम फायदों का लाभ मिलता है।
जीपीएफ में खास फीचर
जीपीएफ खाते से जुड़ा एक खास फीचर होता है जिसे जीपीएफ एडवांस के नाम से भी जाना जाता है। यह जनरल प्रोविडंट फंड की सेविंग के अंतर्गत दिया गया इंटरेस्ट फ्री (ब्याजमुक्त) लोन होता है। इसे लोन इसलिए कहा जाता है क्योंकि उधार ली गई राशि का नियमित मासिक किश्तों में वापस भुगतान किया जाता है। जीपीएफ खाते से अग्रिम रूप में निकाली गई राशि पर कोई ब्याज का भुगतान नहीं करना होता है। आप अपने पूरे करियर में आवश्यकता पड़ने पर जितने चाहें जीपीएफ अग्रिम ले सकते हैं।
फेस्टिवल सीजन दस्तक दे चुका है और तैयारियां जोरों पर हैं. पहले दुर्गा पूजा, करवाचौथ, फिर दीपावली और आखिर में छठ पूजा. यानी कि त्योहार और खुशियों का सिलसिला लंबा चलने वाला है. अब त्योहार हैं तो सजना-संवरना तो बनता है. लेकिन सिर्फ महिलाएं ही नहीं सजतीं बल्कि पुरुष भी सजते हैं. और इसका सारा क्रेडिट बदलते फैशन को जाता है. जी हां, अब वो पहले जैसे दिन नहीं जब लड़कों को हर बार हर त्योहार में सिर्फ कुर्ता-पायजामा पहनकर काम चलाना पड़े. अब लड़कों के पास अपने कुर्ते को स्टाइल करने के एक से बढ़कर एक ऑप्शन हैं. वैसे तो ढेर सारे लोअर्स के ऑप्शन मौजूद हैं लेकिन हम यहां पर पहले से सिले-सिलाए कपड़ों की बात कर रहे हैं. कुर्ते के नीचे इन लोअर्स को पहनना भी आसान है और सस्ता भी.
सिल्क धोती
वैसे तो देश भर में धोतियों के कई प्रकार मौजूद हैं. लेकिन उन्हें खरीदने के लिए आपको किसी राज्य विशेष में जाने की जरूरत नहीं है. अगर आप इस बेज कलर की रेडीमेड धोती को अपने किसी ब्राइट कुर्ते के साथ पहनेंगे तो आपका लुक ही बदल जाएगा. मात्र 597 रुपये की इस धोती को आप यहांसे खरीद सकते हैं.
पटियाला सलवार
पटियाला सलवार के ऊपर भी कुर्ता बेहद जंचता है. धोती की तुलना में इसे पहनना और कैरी करना भी आसान है. इस पटियाला सलवार को आप पटियाला कुर्ते के साथ पहनेंगे तो मजा आ जाएगा. मात्र 799 रुपये की इस सलवार को आप यहां से खरीद सकते हैं.
जोधपुरी पैंट्स
अगर आपके पास प्रिंटेड ब्लेजर है तो बस आपका काम हो गया. जी हां, आप इस फेस्टिव सीजन में अपने प्रिंटेड ब्लेजर को इस मरून सिल्क जोधपुरी पैंट के साथ पहनेंगे तो आपका स्टाइल गेम कई गुना बढ़ जाएगा. आप इसे शॉर्ट कुर्ते के साथ भी पहन सकते हैं. इस जोधपुरी पैंट को आप 699 रुपये में यहां से खरीद सकते हैं.
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नई दिल्ली: आम्रपाली ग्रुप के अधूरे आवासीय प्रोजेक्ट और आदेशों की नाफरमानी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने और सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने लुका-छिपा का खेल न खेलने की नसीहत देते हुए आम्रपाली के तीन निदेशकों अनिल शर्मा, शिवप्रिय और अजय कुमार को पुलिस बुलाकर कस्टडी में भेज दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक सारे दस्तावेज़ ऑडिटर्स को उपलब्ध नहीं कराते तब तक डायरेक्टर्स पुलिस हिरासत में रहेंगे.सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर को फटकार भी लगाई. कहा कि सुप्रीम कोर्ट के साथ ‘ हाइड एंड सीक’ ना खेले. सुप्रीम कोर्ट ने कहा बिल्डर जानबूझकर आदेशों का पालन नहीं कर रहा है. ये पूरी तरह कोर्ट की गरिमा के साथ खिलवाड़ है.
खाते सीज कर चुका है सुप्रीम कोर्ट
निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट आम्रपाली ग्रुप पर पहले से शिकंजा कस चुका है. अगस्त में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कंपनी के ऑडिटर को कहा था कि वह जांच कर बताएं कि आखिर खरीददारों के 2500 करोड़ से ज्यादा रुपये कहां गए? कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को फटकार लगाते हुए कहा कि इस कंपनी की कारगुजारी पूरी तरह से गलत और अनुचित थी. कोर्ट ने सभी 40 कंपनियों और निदेशकों के फ्रीज बैंक खातों की भी जानकारी मांगी है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर मांगी गई किसी भी डिटेल में कमी हुई तो कोर्ट की अवमानना के मुकदमे के लिए तैयार रहे कंपनी. इतना ही नहीं बुधवार को कोर्ट द्वारा सभी बैंक खातों को फ्रीज करने के आदेश के बाद अगर खातों से पैसे निकाले गए तो भी कोर्ट कंपनी पर अवमानना की कार्रवाई करेगा. कोर्ट ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि वर्ष 2015 के बाद से लेकर अब तक कंपनी का ऑडिट तक नहीं हुआ है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ही आम्रपाली ग्रुप के सभी खातों को फ्रीज करने का आदेश जारी किया था.सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कंपनी के सभी डायरेक्टर के भी बैंक खातों को फ्रीज करने को कहा था. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने सभी डायरेक्टर के व्यक्तिगत सम्पत्ति को भी अटैच करने को कहा . मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ग्रुप कोर्ट के साथ गंदा खेल खेल रही है. ग्रुप सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का भी पालन नहीं कर रही. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराते हुए कहा कि आम्रपाली ग्रुप से जुड़े लोग उनके सब्र का इंतहा ले रहे हैं. इस मामले में कोर्ट ने शहरी विकास मंत्रालय के सेकेट्री को भी समन जारी किया था.