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नई दिल्ली. एक अध्ययन के अनुसार 1 सिगरेट आपकी जिंदगी के 11 मिनट कम कर देती है. इसलिए जिंदगी लंबी जीनी है तो आज ही से सिगरेट पीना छोड़ दीजिए. क्योंकि हर सिगरेट आपके जीवन से 11 मिनट घटा देता है. प्रिवेंटिव हेल्थकेयर के क्षेत्र में काम कर रही कंपनी इंडस हेल्थ प्लस ने अपने एक सर्वे में पाया है कि आज भी लगभग 30 प्रतिशत लोग सिगरेट पीना पसंद करते हैं. कंपनी के सर्वे से यह पता चला है कि 71.6 प्रतिशत लोग सिगरेट नहीं पीते हैं. बाकी लोगों में से कई लोग तनाव दूर करने के नाम पर, शौकिया तरीके से या अलग-अलग तरह के कारणों से सिगरेट पीते हैं. कंपनी ने सिगरेट पीने वाले लोगों के व्यवहार को जानने के लिए सर्वे किया तो कई रोचक नतीजे सामने आए. इनमें से सबसे ज्यादा लोगों ने सिगरेट पीने के पीछे जो तर्क दिया, वह धारणा ज्यादा है, कि सिगरेट पीने से तनाव दूर हो जाता है.
कंपनी के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर अमोल नायकावाड़ी ने कहा कि किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन एक सामाजिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य की समस्या है. लोगों को सेहत पर तंबाकू के दुष्परिणामों के बारे में संवेदनशील बनाए जाने की जरूरत है. इसके साथ ही एक चर्चा मंच तैयार करना भी जरूरी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किस वजह से लोग इस तरह की जीवनशैली का चुनाव करते हैं और उन्हें उससे कैसे बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि एक अध्ययन के अनुसार, एक सिगरेट आपकी जिंदगी को 11 मिनट तक कम कर सकती है. इंडस इस तथ्य को प्रसारित करने के लिये अभियान चला रही है और लोगों को सिगरेट छोड़कर 11 मिनट की खुशियां पाने की सलाह दे रही है. सिगरेट पीने वालों के व्यवहार को लेकर किए गए इस सर्वे के कुछ ऐसे ही दिलचस्प नतीजों के बारे में आइए जानते हैं.
1- सर्वे के अनुसार सिगरेट पीने की आदत को अपने घरवालों या परिचितों से छुपाकर रखना प्रिय शगल है. इसलिए दफ्तरों में अक्सर और घर पर कभी-कभार सिगरेट पीने वाले लोग, ऑफिस या लैपटॉप बैग में सिगरेट छुपाकर रखते हैं. ऑफिस या लैपटॉप बैग को अमूमन घर में दूसरा कोई नहीं छूता, इसलिए यह सिगरेट के लिए महफूज जगह होती है. इसके अलावा सर्वे में यह भी पता चला है कि 70 प्रतिशत पुरुषों को खाना खाने के बाद सिगरेट की तलब सबसे ज्यादा लगती है. वहीं, सुबह उठकर शौच जाने से पहले भी सिगरेट की तलब लगना आम आदत है.
2- सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 81 प्रतिशत स्मोकर्स (सिगरेट पीने वाले) घर में धूम्रपान करते हैं, जबकि 19 प्रतिशत लोग परिवार की मौजूदगी की वजह से घर पर सिगरेट नहीं पीते हैं. इतना ही नहीं, 94 प्रतिशत महिला स्मोकर्स और 74 प्रतिशत पुरुष स्मोकर्स घर पर सिगरेट पीते हैं. सर्वे की एक रोचक बात यह भी सामने आई कि 58 प्रतिशत महिलाएं सेक्स करने के बाद सिगरेट पीना पसंद करती हैं.
3- सिगरेट पीने वालों के व्यवहार जानने को लेकर किए गए सर्वे में यह तथ्य भी सामने आया कि घरों की बालकनी सिगरेट पीने के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है. इसके अलावा गार्डेन, बेडरूम और रेस्टरूम आराम करने की जगह होने के कारण धूम्रपान के सबसे पसंदीदा जगह होते हैं. इनमें बालकनी सबसे अधिक पसंदीदा स्थान है.
4- सिगरेट को मंथली-बजट में जोड़ने की बात, शायद ही किसी घर में होती हो. लेकिन इस सर्वे से यह चौंकाने वाला तथ्य भी सामने आया है कि लोग आजकल सिगरेट को भी मंथली-बजट का हिस्सा मानने लगे हैं. सिगरेट के लिए मासिक बजट बनाने की बात आती है, तो पुरुषों की तुलना में 33 प्रतिशत महिलाएं अपने स्मोक्स के लिए बजट बनाती हैं. हालांकि सिगरेट पीने वालों की कुल संख्या लगभग 30 प्रतिशत होने से ही यह उम्मीद भी बनी हुई है कि ज्यादातर लोग अपने परिवार और खुद के सेहत की चिंता करते हैं, इसलिए सिगरेट पीने को तवज्जो नहीं देते.
5- सर्वे में भाग लेने वाले सिर्फ 24 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वह बच्चे की योजना बनाने के लिये सिगरेट पीना छोड़ देंगे. यह दर्शाता है कि अधिकतर लोग इस बात से अंजान है कि सिगरेट पीने से महिलाएं और पुरुष दोनों में बांझपन होता है. 51 प्रतिशत लोगों के घर में उनके अलावा कोई और स्मोकर नहीं है. यह इस बात का प्रमाण है कि अपने परिवार के दूसरे लोगों को देखकर सिगरेट पीने के लिए प्रेरित नहीं हुए हैं.
::/fulltext::विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री मोदी व शेख हसीना शुक्रवार सुबह 10.30 बजे शांति निकेतन पहुंचे।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेने पहुंचे पीएम मोदी ने छात्रों को सफलता का मंत्र दिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों को जो भी असुविधा हुई उसके लिए मैं माफी मांगता हूं। विश्व भारती विश्वविद्यालय के प्रांगण में मैं मंदिर में मंत्रोच्चारण करने जैसी ऊर्जा महसूस करता हूं। मैं इस विश्वविद्यालय में कुलाधिपति के नाते आया हूं, मेहमान की तरह नहीं।''
गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर को किया याद
पीएम मोदी ने कहा, ''मैं जब मंच की तरफ आ रहा था, तो ये सोच रहा था कि कभी इसी भूमि पर गुरुदेव के कदम पड़े होंगे। यहां कहीं आसपास बैठकर उन्होंने शब्दों को कागज पर उतारा होगा, कभी कोई धुन, कोई संगीन गुनगुनाया होगा, कभी महात्मा गांधी से लंबी चर्चा की होगी, कभी किसी छात्र को जीवन का मतलब समझाया होगा।'' उन्होंने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के विचार आज भी