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खास बातें
बच्चे, बड़े, युवा आजकल ज्यादातर लोग आंखों की समस्या (Eye Problem) से जूझ रहे हैं. लंबे समय तक मोबाइल (Mobile) देखना या कंप्यूटर (Computer) के सामने बैठने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है, जिसके चलते आंखों की रोशनी (Eye Sight) भी कम होने लगती है और इसका नतीजा यह होता है कि कम उम्र में बच्चों को चश्मा लग जाता है या बड़ी उम्र में चश्मे का नंबर बढ़ जाता है. ऐसे में क्या हम नेचुरली आंखों की रोशनी बढ़ा सकते हैं? जी हां, आज हम आपको बताते हैं पांच तरीके जिससे आप आंखों की रोशनी को बढ़ा सकते हैं.
ऐसे बढ़ाएं अपनी आंखों की रोशनी
ठंडे पानी का करें इस्तेमाल
सनग्लासेस का करें इस्तेमाल
अगर आप धूप, धूल मिट्टी या प्रदूषण वाले वातावरण में जा रहे हैं, तो आप सनग्लासेस का इस्तेमाल करें. रात के समय आप एंटी ग्लेयर ग्लासेस लगा सकते हैं. ऐसा करने से आंखों का प्रोटेक्शन होता है.
कम करें स्क्रीन टाइम
अगर आप लंबे समय तक कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल देखते हैं, तो इससे निकलने वाली रोशनी आंखों की रोशनी को कम कर सकती है. ऐसे में आप अनावश्यक इन चीजों का इस्तेमाल करने से बचें.
पढ़ते समय लाइट्स का रखें ध्यान
अगर आप बहुत ज्यादा रोशनी वाले लैंप के सामने पढ़ाई करते हैं या बहुत कम रोशनी में पढ़ाई करते तो उससे आपकी आंखों पर ज्यादा दबाव पड़ता है और रोशनी पर भी इफेक्ट होता है, इसलिए आप हमेशा एक न्यूट्रल लाइट में ही पढ़ाई करें.
खानपान का रखें विशेष ध्यान
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए हमें हेल्दी डाइट लेना चाहिए, इसमें विटामिन ए और बीटा-कैरोटीन से भरपूर चीजें हमें डाइट में शामिल करनी चाहिए. जैसे अलसी के बीज, गाजर, पालक अन्य चीजें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
नवरात्रि के समय व्रत के दौरान कई लोग अपने आपको हेल्दी रखने के लिए लौकी की बर्फी खाते हैं। व्रत के समय स्वाद के साथ आपके सेहत के लिए लौकी की बर्फी काफी फायदेमंद होती है।
लौकी की बर्फी बनाने की रेसिपी
* लौकी - 2 कप कद्दूकस की हुई
* मिल्क पाउडर - 1 कप
* चीनी - 1 कप
* घी - आधा कप
* बादाम - 1/4 कप कटे हुए
* पिस्ता - 1/4 कप कटा हुआ
* इलायची पाउडर - आधा छोटा चम्मच
बनाने की विधि
1. लौकी की बर्फी बनाने के लिए सबसे पहले गैस मीडियम आंच पर रखकर एक भारी तले की कड़ाही में घी गरम कर लें।
2. इसके बाद इसमें कद्दूकस की हुई लौकी डालकर 10 मिनट तक नरम होने तक अच्छे से फ्राई करें।
3. अब इसमें मिल्क पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
4. जब मिल्क पाउडर और लौकी अच्छी तरह मिल जाए तो इसमें चीनी डालकर अच्छी तरह घुलने तक चलाते रहे।
5. अब इसमें कटे हुए बादाम, पिस्ता और इलायची पाउडर डाल दें।
6. इस मिश्रण को तब तक चलाए जब तक वह गाढ़ा होकर पैन के किनारे न छोड़ने लगे।
8. आपकी लौकी की बर्फी तैयार है। अपने मनचाहे आकार में काट कर इसे मजे से खाएं।
लौकी की बर्फी खाने के हेल्थ बेनिफिट्स
1. हाई ब्लड प्रेशर रखें कंट्रोल
लौकी में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है जो बर्फी बनने के बाद भी इसमें मौजूद होते हैं। इस कारण लौकी की बर्फी खाने से आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। लौकी में मौजूद फाइबर के गुण आपके कोलेस्ट्रोल लेवल को भी कम करने में मदद करता है। व्रत के दौरान आपको हेल्दी रखने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
2. वेट कंट्रोल करने में फायदेमंद
वजन कंट्रोल करने या कम करने में लौकी की बर्फी फायदेमंद है। लौकी में फाइबर के गुण होते हैं, जिस कारण इसे खाने से दिन में बार-बार भूख नहीं लगती है। इसलिए लौकी वजन कम करने में मददगार साबित हो सकता है। लौकी में सोलेबल फाइबर भी होता है जो शरीर में फेट को जमने नहीं देता।
3. आपको रखें हाइड्रेटेड
गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी हो जाती है। खासकर व्रत के दौरान आपको हाइड्रेट रहना जरूरी हो जाता है। ऐसे में लौकी की बर्फी आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में मदद करता है। लौकी का सेवन आपके शरीर को ड्राई होने से बचाती है। नवरात्रि के व्रत के दौरान आप हाइड्रेटेड रहने के लिए लौकी की बर्फी का सेवन जरूर करें।
4. इम्युनिटी बूस्टर
लौकी आपके लिए इम्युनिटी बूस्टर के रूप में भी काम करता है। लौकी में विटामिन सी और विटामिन बी के गुण मौजूद होते हैं जो इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। लौकी की बर्फी में मौजूद ड्राई फ्रूट्स भी आपके हेल्थ के लिए फायदेमंद होती है। जिसके सेवन से आपमें कमजोरी की समस्या नहीं आती।
5. मेमोरी पावर बनाएं स्ट्रॉन्ग
आज के समय में बिजी लाइफस्टाइल और बढ़ते तनाव के कारण कई लोगों की मेमोरी पावर काफी कमजोर हो जाती है। लौकी में मौजूद कोलाइन कंपाउंड आपके मेमोरी को बूस्ट करने में मदद करता है और आपके सोचने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार है।
लौकी की बर्फी आपके पाचन संबंधी समस्याओं को भी दूर करने मे मदद करता है। इसे खाने से व्रत के दौरान होने वाली गैस, कब्ज और अपच की परेशानी से छुटकारा मिलता है।
हर माता-पिता अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए पोषण से भरपूर भोजन खिलाते हैं, ताकि उनका बेहतर विकास हो सके लेकिन कुछ अभिभावक की शिकायत होती है कि अच्छी डाइट के बावजूद उनका बच्चा कमजोर है. तो आपको बता दें कि ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि किस चीज को कितना खिलाना है इसके बारे में सही जानकारी नहीं होती है. ऐसे में आज हम आपको ऐसे 5 सूपरफूड के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें डीएचए, एआरए. विटामिन बी, आयरन, प्रोटीन, आयोडीन और कोलिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये सारे न्यूट्रिएंट्स बच्चों के दिमाग को शार्प (Sharp brain) बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं.
बच्चों के शार्प ब्रेन के लिए सूपरफूड
वॉलनट और एवोकाडो - दरअसल, एवोकाडो (avocado) में ल्यूटिन नाम का पोषक तत्व पाया जाता है, जो बुद्धि के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है. यही वजह है कि इसे बच्चों के दिमागी विकास (brain development) के लिए जरूरी माना जाता है. वहीं, अखरोट (walnut) मे फाइबर, मैंगनीज, मैग्नीशियम, तांबा, लोहा, कैल्शियम, जस्ता, पोटेशियम, विटामिन बी 6, फोलेट और थियामिन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो ब्रेन को शार्प बनाने काम करते हैं.
दूध - यह डेयरी प्रोडक्ट बच्चों की डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए. दूध बच्चे की हड्डियों (milk for strong bone) को मजबूत बनाता है, क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम (calcium) पाया जाता है. इसके अलावा दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई खनिज पाए जाते हैं.
हरी पत्तेदार सब्जियां - बच्चों के ब्रेन को शार्प बनाने के लिए उनकी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों (green leafy vegetable) को शामिल करना है. क्योंकि हरी सब्जियां विटामिन बी (vitamin b) के अलावा आयरन (iron) से समृद्ध होती हैं. आप पालक, लौकी, भिंडी, करेला आदि सब्जियां बच्चों को जरूर दीजिए खाने के लिए.
अंडे - इसको भी बच्चों के बेहतर ब्रेन डेवलपमेंट के लिए जरूर दीजिए खाने के लिए. क्योंकि इसमें सात प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चे के विकास में बेहतर भूमिका निभाते हैं. अंडे (nutrients in egg) में विटामिन ए, फोलेट, विटामिन बी5, विटामिन बी12, विटामिन बी2, फॉस्फोरस, सेलेनियम, कैल्शियम और जिंक भी होता है.
कोल्ड वाटर फिश - ये सूपफूड भी बच्चों के दिमाग के बेहतर विकास के लिए बहुत जरूरी है. आप बच्चों को सलमन (salmon) और टूना मछली (tuna fish) दे सकते हैं खाने के लिए. तो अब से यहां बताए गए फूड (food) को शामिल कर लीजिए.
खास बातें
अध्ययनों से पता चलता है कि प्याज कोलेस्ट्रॉल लेवल को सुधारने में मदद कर सकता है. एक अध्ययन में पाया गया कि प्याज में फ्लेवोनोइड्स होते हैं जो एलडीएल यानि खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं. इसके साथ ही ये मोटे लोगों में हार्ट डिजीज के रिस्क को घटाने के भी जाना जाता है. खून में खराब कोलेस्ट्रॉल आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. यह हृदय रोग के जोखिम से भी जुड़ा हुआ है. धमनियों की दीवारों में कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है, जिससे धमनियां संकरी हो जाती हैं. संकरी धमनियां ऑक्सीजन और ब्लड फ्लो में बाधा डालती हैं, जिससे दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ सकता है. अगर हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को घटाने के उपाय (Ways To Reduce Cholesterol Level) नहीं किए तो ये स्थिति बिगड़ सकती है. कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए हरी प्याज (Green Onions To Control Cholesterol) को फायदेमंद माना जाता है और कोलेस्ट्रॉल घटाने का बेस्ट तरीका साबित हो सकता है.
कौन सा प्याज कोलेस्ट्रॉल के लिए सबसे अच्छा है?
शोध से पता चलता है कि लाल प्याज दिल के लिए अच्छे हैं. इसके स्वास्थ्य गुणों का पता लगाने के बाद ये कोलेस्ट्रॉल रोगियों के लिए अच्छे माने जाते हैं. हेल्दी सब्जियों का इस्तेमाल अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बनाए रखने और शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को हटाकर हृदय रोग के जोखिम कम कर सकते हैं.
हरा प्याज कंट्रोल करेगा हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल
ये भी हैं प्याज के जबरदस्त स्वास्थ्य लाभ:
डायबिटीज रोगियों के लिए प्याज फायदेमंद होता है. यह एक लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला है जो शुगर स्पाइक को एकदम से नहीं बढ़ाता है. इसमें बहुत कम कार्ब्स भी होते हैं. प्याज हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं. अपनी डाइट में प्याज को शामिल करने से पाचन क्रिया भी तेज हो सकती है. प्याज के जीवाणुरोधी गुण बैक्टीरिया से संभावित जोखिमों से लड़ने में भी मदद कर सकते हैं. कच्चे प्याज को सलाद में डाला जा सकता है या आप अपने सैंडविच में प्याज के स्लाइस डाल सकते हैं. इसे आप लंच और डिनर के साथ सलाद के रूप में खा सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.