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पोमेलो जिसे हिंदी में चकोतरा भी कहा जाता है एक लो-कैलोरी फूड को कई लोग खाना पसंद करते हैं। पोमेलो आपको कई हेल्थ बेनिफिट्स दे सकता है। इस फल को डायबिटीज से लेकर दिल से जुड़ी बीमारियों के मरीज भी अपनी डाइट में शामिल करना पसंद करते हैं। पोमेलो फल में विटामिन ए और विटामिन सी के गुण मौजूद होते हैं।। इस फल में पानी की मात्रा अधिक होने के कारण शरीर में डिहाइड्रेशन को दूर कर बॉडी को हाइड्रेट करने में मदद करती है। पोमेलो आपके हेल्थ के साथ आपकी स्किन के लिए भी फायदेमंद है। आप इस फल को किसी भी मौसम में खा सकते हैं। न्यूट्रीनिस्ट लवनीत बत्रा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर पोमेलो खाने के फायदों के बारे में जानकारी शेयर की। इसके साथ उन्होने कैप्शन में लिखा, "पोमेलो सबसे स्वस्थ साइट्रस फलों में से एक है जो आहार फाइबर, विटामिन सी, आयरन और पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण ट्रेस खनिजों सहित मूल्यवान पोषक तत्व प्रदान करता है।"
3. पोमेलो फ्रूट नारिनजेनिन और नारिंगिन के शक्तिशाली फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर है जो लिवर को फ्री रेडिकल टॉक्सिन्स से बचाने में मदद करता है।
4. पोमेलो की उच्च एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण यह एंटी-एजिंग पर भी अपनाा प्रभाव डाल सकता है। विटामिन सी सहित एंटीऑक्सिडेंट हानिकारक फ्री रेडिकल्स के कारण स्किन में होने वाली क्षति को रोकने में मदद कर सकता है। इस फल को खाने से आपकी स्किन ज्यादा जवां दिखती है।
Healthy Tips: भारत में प्राचीन समय से शरीर के कुछ हिस्सों में तेल से मालिश की जाती है, जैसे सिर में, हाथ-पैरों पर और नाभि में भी. हालांकि, आज के समय में कम ही लोग नाभि (Navel) में तेल डालते हैं लेकिन, इसके इतने फायदे हैं कि आपका भी मन होने लगेगा कि नाभि में तेल से मालिश करना शुरू कर दें. प्राचीन मान्यताओं के आधार पर नाभि (Belly Button) में तेल डालना नर्वस सिस्टम को बेहतर और बैलेंस्ड बनाता है. इतना ही नहीं इससे शरीर को अंदरूनी और बाहरी दोनों तरह के फायदे मिलते हैं, साथ ही नाभि में मैल नहीं जमता सो अलग. इसीलिए रोजाना नाभि में तेल डाला जाना अच्छा रहता है. यहां जानिए नाभि में तेल डालने के क्या-क्या फायदे हैं और कौनसे तेल नाभि में डाले जा सकते हैं.
नाभि में तेल डालने के फायदे
चेहरे पर निखार चाहते हैं तो नाभि में नारियल या बादाम का तेल (Almond Oil) डाला जा सकता है. इससे त्वचा बेहतर होती है और निखरी हुई दिखना शुरू होती है. रोज रात में 3 बूंदे नारियल या बादाम के तेल की नाभि में डाली जा सकती हैं.
नाभि में सरसों का तेल कई दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए डाला जा सकता है. फटे होठों के लिए, आंखों की रोशनी बेहतर करने के लिए, हेयर ग्रोथ के लिए और सिर के दर्द से छुटकारा पाने के लिए सरसों के तेल की 2 से 3 बूंदे नाभि में डाली जा सकती हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
भारत में H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में भारत में इस वायरस के कारण दो मौतों की पुष्टि की गई है। जिसमें बाद से लोगों के मन में इस वायरस को लेकर
1. घर पर रहने दें और पूरा आराम करने दें।
3. डिहाड्रेशन से बचाने के लिए बहुत पानी पिलाएं। साथ ही नारियल पानी, गुलुकोज जैसे तरह पदार्थ भी उनकी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
4. बुखार और खांसी का इलाज करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेकर मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदें और समय-समय पर उन्हें खाने के दें।
5. अगर आपके घर में कोई बहुत ज्यादा बीमार हो जाता है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करने में परहेज न करें। फ्लू के इलाज के लिए आपको एंटीवायरल दवा की जरूरत हो सकती है।
अगर आप फ्लू वाले व्यक्ति से घर के अन्य सदस्यों को फ्लू होने से बचाना चाहते हैं तो अपने घर में एक अलग सिक रूम जरूर तैयार करें। फ्लू वाले व्यक्ति को एक अलग कमरे में रखने से परिवार के अन्य लोगों को फ्लू होने से बचाने में मदद मिल सकती है। एक अलग सिक रूम बनाने के लिए ये फॉलो करें ये स्टेप्स -
1. बीमार व्यक्ति को अपना कमरा देने की कोशिश करें। अगर एक से ज्यादा लोग घर में बीमार हैं तो जरूरत पड़ने पर वो दोनों व्यक्ति एक कमरे को आपस में शेयर कर सकते हैं।
2. अगर आपके पास एक से ज्यादा बाथरूम हैं तो बीमार लोगों को एक ही बाथरूम का उपयोग करने की सलाह दें। घर के अन्य सदस्यो से दूसरा बाथरूम प्रयोग करने को कहें।
3. हर बीमार व्यक्ति को पानी पीने की अलग गलस या बोतल दें, तौलिया दें।
सिक रूम में रखें ये समान
1. टिश्यू पेपर रखें।
2. ढक्कन के साथ कूड़ेदान रखें।
3. अल्कोहल आधारित हैंड रब रखें।
4. कमरे में कूलर या मिट्टी का घड़ा रखें
5. थर्मामीटर
6. ह्यूमिडिफायर संभावित हो तो
7. फेसमास्क
8. सिक रूम में दवाओं को जरूर रखें।
( डिस्क्लेमर : इस लेख में दी गई सभी जानकारी और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। इन चीजों पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। )
क्या आप भी पिछले कुछ दिनों से सर्दी-खांसी से परेशान है और क्या आप पिछले कुछ दिनों से शरीर में कमजोरी महसूस कर रहे है। तो बतादें कि ये सभी लक्षण H3N2 फ्लू के भी हो सकते है। जिसको समय रहते गंभीरता से लेना बहुत जरूरी है। दरअसल मार्च के पहले सप्ताह में दिल्ली, मुंबई, यूपी सहित भारत के कई हिस्सों में H3N2 फ्लू के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है, इस वायरस से अबतक हरियाणा और कर्नाटक दोनों ही राज्यों से एक व्यक्ति की जान जा चुकी है। यही कारण है कि इस नए वायरस को लेकर लोगों में डर का माहौल है। इस वायरस के लक्षण कुछ-कुछ कोविड-19 की तरह ही हैं। ऐसे में इन दोनों की पहचान करना मुश्किल होता जा रहा है। हालांकि केंद्र ने इन्फ्लूएंजा से खुद को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। यहां हम आपको H3N2 फ्लू के लक्षण बताने के साथ ही अपने परिवार को इस वायरस से बचाने के तरीकों के बारे में बताने जा रहे है।
H3N2 फ्लू वायरस के लक्षण क्या है
- लगातार खांसी आना
- छीकें आना
- नाक बहना
- सांस लेने में तकलीफ
- बुखार
- उल्टी आना
- बैचेनी
- गले में दर्द और खराश
- मसल्स पेन
- दस्त की शिकायत
H3N2 फ्लू वायरस कैसे फैलता है
- जब कोई व्यक्ति सामने वाले या आसपास के व्यक्ति के सामने खांसता या छींकता है, तो H3N2 वायरस से संक्रमित व्यक्ति से बात करने पर इस वायरस के अंश या यूं कहें उसके ड्रॉप्लेट्स सामने वाले व्यक्ति तक पहुंचकर उसे संक्रमित कर सकते हैं।
- अगर इस वायरस के कण किसी सतह पर लगे हों तो ऐसी सतह को छूकर मुंह या नाक पर लगा लेने पर भी व्यक्ति इस वायरस की चपेट में आ सकता है।
- गर्भवती महिला, बच्चों, वृद्धों और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को इस वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है।
ऐसे करें H3N2 वायरस से अपने परिवार का बचाव
- घर के सभी सदस्यों को बार-बार हाथ धोने की आदत ड़ालनी होगी। अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करने के लिए साबुन और पानी का उपयोग करें।
- अगर आप या आपके परिवार के सदस्य कहीं बाहर जाते है तो थोड़ी-थोड़ी देर में अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
- खांसी या छींक आने पर मुंह को कवर करें। या फिर अपनी कोहनी में छींकें या खाँसें। और फिर तुरंत अपने हाथ धो लें।
- जितना हो सकें आंखों, नाक और मुंह सहित अपने चेहरे को अत्यधिक छूने से बचें।
- घर के दरवाजे, खिड़कियां या फिर अन्य सामान्य रूप से छुई जाने वाली सतहों को साफ रखें ताकि वायरस आपकी बॉडी में प्रवेश न कर सके।
- जितना संभव हो भीड़भाड़ में जाने से बचें।
- बीमार लोगों से दूरी बनाकर रखें।
- घर के बुजुर्ग, गर्भवती या किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को बाहर जा जाने दें।
- घर के किसी भी सदस्य को जुकाम या खांसी लगे तो ना सिर्फ घर के बाहर बल्कि घर में भी मास्क पहनें रखें।
- कपड़े, तौलिये या पानी की बोतल जैसी पर्सनल चीजों को शेयर करने से बचें।
- संभव हो तो अकेले ही खाना खाए।
- भरपूर मात्रा में पानी पीए ताकि बॉडी हाइड्रेटेड रहें।
- अपने इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए डाइट का खास ख्याल रखें।
- नियमित रूप से योग और एक्सरसाइज करें।
- डॉक्टरी सलाह पर ही कोई दवाई लें, अन्यथा ब्रोंकाइटिस से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती है।