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लो कॉलेस्ट्रोल की वजह से लोग फुल क्रीम दूध की जगह टोन्ड मिल्क का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं टोन्ड मिल्क आपके बच्चे की सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदायक है. कनाडा में हुए एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है.
इस शोध में फुल क्रीम दूध पीने वाले बच्चे मोटापे का कम शिकार पाए गए हैं. जबकि टोन्ड दूध पीने वाले बच्चों में मोटापा ज्यादा देखने को मिला है. कनाडा और अमेरिका में बच्चे दूसरे देशों के बच्चों की तुलना में ज्यादा मोटे पाए गए हैं. इसी वजह को जांचने के लिए यह रिसर्च किया था.
कनाडा के सैंट माइकल्स हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी के माध्यम से इस बात की पुष्टि की है. रिसर्च में लो-फैट वाले मिल्क में मोटापा दूर करने वाली बात को भ्रम बताया गया है. इसके विपरीत रोजाना फुल क्रीम दूध पीने वाले 40 फीसदी बच्चे मोटापे का कम शिकार पाए गए हैं.
शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च में गाय का दूध पीने वाले 21,000 बच्चों को शामिल किया था. यह शोध 1 से 18 साल तक के बच्चों पर किया गया था. साथ ही उन्होंने गाय के दूध से बढ़ने वाले मोटाप पर हुई करीब दो दर्जन रिसर्च का भी अध्ययन किया था.
सर्द मौसम में शीत लहर ने पूरे उत्तर भारत को अपने कब्जे में ले लिया है. ऐसे में डॉक्टर लोगों को सर्दी से बचने और खुद को गर्म रखने की सलाह दे रहे हैं. एम्स के एक वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर अमरिंदर माल्ही ने बताया, "ज्यादार मरीज अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूआरटीआई), लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (एलआरटीआई), उच्च तनाव, स्ट्रॉक और म्योकार्डियल इंफेक्शन की शिकायत लेकर आ रहे हैं."
माल्ही के अनुसार, शीत लहर से प्रभावित यहां आने वाले लोग ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं. उन्होंने कहा, "हमारे ज्यादातर मरीज उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के हैं, उनमें बच्चों, शिशुओं और बुजुर्गो की संख्या अधिक है."
बचाव के तरीके
उन्होंने आगे कहा, "इन बीमारियों से अगर बचना है तो खुद को गर्म रखना काफी महत्वपूर्ण है. लोगों को प्रतिदिन चार से पांच गिलास गर्म पानी पीना चाहिए. पारंपरिक हीटर के बजाय तेल वाले हीटर का प्रयोग करें, क्योंकि पारंपरिक हीटर वातावरण को शुष्क कर देते हैं. लेकिन प्रमुख तौर पर अपने शरीर को ऊंनी कपड़े, दस्ताने, टोपी, मोजे आदि से ही गर्म रखें."
वहीं ठंड से बढ़ते मरीजों की संख्या देखते हुए अस्पताल के प्रबंधन को लेकर डॉक्टर ने कहा, "हमने अस्पताल में अतिरिक्त कंबल, बिस्तर और हीटर का प्रबंध किया है, ताकि मरीजों को दिक्कत न हो."
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, शीत लहर का यह दौर कुछ और समय के लिए जारी रह सकता है. इस पर भारत आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र जेनामणि ने कहा, "यह लंबी अवधि वाला अलग तरह की ठंड है, जिससे पूरा उत्तर भारत प्रभावित है."