Wednesday, 12 March 2025

All Categories

1721::/cck::

शिशु के चेहरे पर क्यों निकलते हैं दाने......

::/introtext::
::fulltext::

छोटे बच्चों को अतिरिक्त देखभाल की ज़रुरत होती है क्योंकि ज़रा सी लापरवाही उनके लिए परेशानी का सबब बन सकती है, ख़ास तौर पर नवजात शिशुओं के लिए। ये इतने नाज़ुक होते हैं कि अगर ठीक तरह से इनका ख्याल न रखा जाए तो ये तुरंत बीमार पड़ जाते हैं।

आज अपने इस लेख में हम नवजात बच्चों को त्वचा से संबंधित होने वाली परेशानियों पर चर्चा करेंगे। अकसर हमने देखा है कि बच्चों को रैशेस, एग्ज़ीमा, घमोरिया आदि जैसी समस्या हो जाती है। इनमें से ज़्यादातर परेशानियां सामान्य है लेकिन फिर भी अगर समय रहते इनका ठीक तरह से इलाज न किया गया तो ये आपके बच्चे के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती हैं। ठीक इसी प्रकार बच्चों के चेहरे पर दाने निकलना भी आम बात है। इसमें कोई घबराने वाली बात नहीं होती लेकिन तब तक जब तक इससे आपके बच्चे को कोई परेशानी न हो।

इस तरह के दानों के कई कारण हो सकते हैं जैसे शिशु की नाज़ुक और संवेदनशील त्वचा या फिर ठीक तरीके से उसके साफ़ सफाई का ध्यान न रखना। यहाँ हम आपको इस तरह की समस्या के पीछे के कुछ कारणों के बारे बताएंगे। तो चलिए जानते हैं क्यों निकलते हैं आपके शिशु के चेहरे पर दाने।

हार्मोन्स

शिशुओं को दाने की समस्या हार्मोन्स के कारण भी हो जाती है। इस उम्र में उनके हार्मोन्स का स्तर सामान्य नहीं होता है इस वजह से उनके चेहरे या फिर कई बार शरीर के अन्य हिस्सों में दाने निकल आते हैं।

पसीना

बच्चों में दाने निकलने की समस्या अकसर गर्मियों में बढ़ जाती है क्योंकि इस समय उन्हें पसीना बहुत आता है। इस समय यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि यह दाने कई बार फोड़े और फुंसियों का रूप ले लेते हैं। गर्मी के मौसम में ये दाने ख़ास तौर पर चेहरे, गले और पीठ पर निकलते हैं। कई बार इसमें चुनचुनाहट भी होने लगती है।

ऐसे में आपको अपने नन्हे शिशु की कोमल त्वचा की खास देखभाल करनी चाहिए। ऐसे में बेहतर होगा आप किसी बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लें या फिर बाज़ार से उसकी नाज़ुक त्वचा के लिए जो भी उत्पाद खरीदें, उसकी जांच पड़ताल अच्छे से कर लें ताकि बच्चे की परशानी और न बढ़ जाए।

एलर्जी

कई बार ऐसे दाने बच्चों को एलर्जी के कारण भी हो जाते हैं इसलिए हम बार बार आपको सलाह देते हैं कि आप अपने बच्चों की संवेदनशील त्वचा के लिए जो भी उत्पाद खरीदें उसके बारे में अच्छे से जानकारी हासिल कर लें। आप अपने बच्चे के लिए बेस्ट करना चाहते हैं लेकिन शायद जो उत्पाद आप उसके लिए इस्तेमाल कर रहे है वह उसे सूट नहीं कर रहा है। ऐसे में मालिश में इस्तेमाल हो रहा तेल, बच्चे के नहाने का साबुन या फिर पाउडर इस तरह के दानों के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं।

वहीं दूसरी ओर स्तनपान कराने वाली माताओं को अपने खाने पीने का ख़ास ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उनके गलत खान पान की वजह से उनके शिशु को इस तरह की समस्या से गुज़रना पड़ सकता है। एक से छह माह तक के बच्चे पूरे तरीके से अपनी माँ के दूध पर ही निर्भर रहते हैं। ऐसे में यदि माँ ने किसी ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन किया तो शायद बच्चे को उससे एलर्जी हो जाए और उसके चेहरे या शरीर पर दाने उभर सकते हैं।

गन्दगी

यदि आप अपने शिशु की साफ सफाई का उचित ध्यान नहीं रखेंगे तो ऐसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस तरह की परेशानियों से दूर रहने के लिए बेहतर होगा आप बच्चे को रोज़ाना नहलाने के बाद अच्छे से उसके शरीर को पोंछ दें फिर उसे लोशन या पाउडर लगाएं। ध्यान रहे उनके लिए ऐसे उत्पाद ही खरीदें जिसमें कृत्रिम रंग, सुगंध न मिलाएं गए हों। इसके अलावा बच्चे को साफ़ सुथरे और ढीले ढाले कपड़े पहनाएं।

सुनिश्चित करें कि बच्चे के तकिये के कवर, चादरें, ब्लैंकेट्स और टॉवेल अच्छे से धुले हों और इन्हें धुलने के लिए आप किसी हल्के डिटर्जेंट का ही इस्तेमाल करें। जब भी कोई शख्स बच्चे को छुए या फिर गोद में ले तो इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि उनके हाथ साफ़ हों क्योंकि छोटे बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमण की चपेट में आते है।

::/fulltext::

1713::/cck::

कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए कुछ हेल्थ एवं फिटनेस टिप्स....

::/introtext::
::fulltext::

कॉलेज का लाइफस्टाइल हमारे स्कूली जीवन से काफी अलग होता है, एग्जाम के दिनों में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्र काफी तनावग्रस्त रहते हैं. असल में, कॉलेज में आप अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने रोजाना के प्रत्येक कार्य के लिए केवल खुद जिम्मेदार होते हैं. स्कूल में आपके टीचर आपके लिए क्लासेज का टाईमटेबल सेट करते हैं और घर पर आपके पेरेंट्स आपको सभी जरूरतों का ख्याल रहते हैं. इसी तरह, कॉलेज में एग्जाम्स शुरू होने से पहले छात्रों को कई-कई घंटे लगातार पढ़ना होता है. सारी-सारी रात जागकर पढ़ने और एग्जाम्स की तैयारी को लेकर हमेशा तनावग्रस्त या चिंतित रहने से छात्रों के स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ता है. ऐसे परिवेश में जब कॉलेज में पढ़ने के दौरान आप पूरे दिन कोई न कोई काम करने की वजह से काफी व्यस्त रहते हैं और आपको अचानक आने वाले जरुरी कामों पर भी रोजाना पूरा ध्यान पड़ता है. ऐसे में यह बिलकुल कॉमन बात है कि आप अपनी हेल्थ और उससे संबद्ध मामलों को नज़रंदाज़ कर देते हैं. लेकिन हकीकत में, अपनी पढ़ाई या एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज जैसा प्रत्येक काम बहुत अच्छी तरह पूरा करने के लिए आपको पूरी तरह फिट और हेल्थी रहना होगा. इसलिये, इस आर्टिकल में हमने आपकी सहूलियत के लिए कुछ महत्वपूर्ण हेल्थ टिप्स की चर्चा की है ताकि आप अपने कॉलेज में पढ़ते हुए शारीरिक और मानसिक तौर पर बिलकुल स्वस्थ रहें.

खानपान की आदतें

 ब्रेकफास्ट 

यह एक मशहूर कहावत है कि, ‘किसी राजा की तरह आप अपना ब्रेकफास्ट करें, किसी राजकुमार की तरह लंच करें और किसी गरीब की तरह डिनर करें’ और यकीनन आपने यह कहावत कहीं न कहीं जरुर सुनी होगी. अब, यहां आप एक बढ़िया और पौष्टिक ब्रेकफास्ट रोजाना खाने का महत्व समझ ही गए होंगे. पौष्टिक ब्रेकफास्ट खाने पर आपको पूरे दिन काम करने की ताकत मिलती है और आप ज्यादा थकावट या सुस्ती महसूस नहीं करते हैं. अधिकांश कॉलेज स्टूडेंट्स सुबह ब्रेकफास्ट किये बिना ही अक्सर अपने घर या हॉस्टल रूम से निकल जाते हैं, सारा दिन क्लासेज में पढ़ते समय लंच भी काफी कम मात्रा में खाते हैं और डिनर जरुर एक राजा की तरह कर लेते हैं. अब, चाहे जो भी हो लेकिन सुबह ब्रेकफास्ट न करना एक बड़ी गलती है और इसे खानपान की खराब आदतों में शामिल किया जाता है.   

जंक फ़ूड

कॉलेज स्टूडेंट्स के खानपान को लेकर जो एक अन्य चिंता का विषय है, वह है उनकी जंक फ़ूड खाने की आदत. बेशक जंक फ़ूड आसानी से हर जगह मिलता है और आप अपने बजट के अनुसार जंक फ़ूड खा सकते हैं लेकिन, जंक फ़ूड आपकी सेहत पर काफी बुरा असर डालता है. जंक फ़ूड में मिलाये गए फ़ूड प्रिज़र्वेटिव्स, सस्ते खाद्य पदार्थों से अस्वच्छ माहौल में बने ये फ़ूड तथा ऐसे ही अन्य कई कारणों से ये फ़ूड खाने से हमारी हेल्थ को काफी नुकसान होता है. जंक फूड्स में कोई पौष्टिक तत्व जैसे विटामिन्स, मिनरल्स आदि बहुत ही कम मात्रा में होते हैं और इन फूड्स को टेस्टी बनाने के लिए मिर्च, मसाले और घी/ तेल काफी मात्रा में डाले जाते हैं. बहुत से अध्ययनों से यह पता चला है कि युवा पीढ़ी में मोटापे की समस्या और दिल से संबंधित समस्यायें बहुत ज्यादा जंक फ़ूड खाने की वजह से आजकल एक आम बात हो गई है.

फ्लुइड्स

मानव शरीर का 70 प्रतिशत भाग पानी से बना है इसलिये, पानी हमारे जीने के लिए एक प्राथमिक जरूरत है. हालांकि, किसी भी मनुष्य के लिए रोज़ाना पानी पीने की कोई निश्चित मात्रा निर्धारित नहीं की जा सकती है लेकिन, अधिकांश स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह मानते हैं कि प्रत्येक मनुष्य को रोजाना तकरीबन 2 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए. इससे आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होती है. अगर आप इतनी ज्यादा मात्रा में पानी नहीं पी सकते हैं तो आपको जूस, बटरमिल्क, मिल्क, लस्सी, चाय, कॉफ़ी जैसे पेय पदार्थ काफी मात्रा में रोज़ पीने चाहिए. आप तरबूज़, खरबूज़, संतरा, मौसमी, नींबू जैसे रसदार फल भी खा सकते हैं. पेय पदार्थ आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते, पाचनक्रिया को ठीक रखते हैं और आपकी त्वचा को स्वस्थ रखते हैं. काफी मात्रा में पानी पीने से आप कई रोगों से भी बचे रहते हैं.   

पूरी नींद अवश्य लें 

अक्सर कॉलेज के छात्र एग्जाम के दिनों में रोज़ रात को देर तक पढ़ते हैं या फिर अगर आप अपने कॉलेज हॉस्टल में रहते हैं तो अपने दोस्तों के साथ देर रात तक गपशप, फ़िल्में देखने, पार्टी या मौजमस्ती करने या फिर, अपनी कोई असाइनमेंट निर्धारित समय पर सबमिट करने के लिए अक्सर देर रात तक जागते रहते हैं. अगले दिन छात्रों को अपनी क्लासेज भी अटेंड करनी होती हैं इसलिये, वे कम सोने या सारी-सारी रात जागने में कोई गलती नहीं समझते हैं. लेकिन, लंबे समय तक पूरी नींद न लेने से आपको निराशा, भूख न लगना, हमेशा थकावट या सुस्ती महसूस होना और चिढ़चिढ़ापन जैसी स्वाथ्य समस्यायें हो सकती हैं.

विशेषज्ञ यह मानते हैं कि किसी युवा को रोजाना कम से कम 6-7 घंटे जरुर सोना चाहिए. असल में, सोने से हमारा कीमती समय बरबाद नहीं होता है. सोने से हमारे शरीर को आराम और फिर से काम करने का बल मिलता है. अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए रोजाना पूरी नींद लेना हमारे लिए बहुत जरुरी होता है. अगर हम अपने सारे काम समय पर निपटाने की अच्छी आदत अपना लें तो हमें अपनी नींद कम करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. रोजाना अच्छी नींद लेने के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्वाइंट्स इस प्रकार हैं:

• शाम को गुनगुने पानी से स्नान करें या शावर लें.

• अपने लिए अच्छे तकिये का उपयोग करें.

• बिस्तर पर सोने से एक या दो घंटे पहले अपने बेडरूम में रोशनी हल्की कर लें.

• सोने के समय से कम से कम तीन घंटे पहले रात का खाना अवश्य खा लें.

• बिलकुल खाली पेट बिस्तर पर जाने से बचें.

• शाम को चाय, कॉफ़ी आदि कम पीयें.

करें एक्सरसाइज, रहें हेल्थी

अपनी अच्छी हेल्थ बनाये रखने के लिए हमारे लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करना बहुत जरुरी है. रोजाना एक्सरसाइज करने से आप फिट रहते हैं, आपकी रोग निरोधक क्षमता बढ़ती है, आपका दिमाग शांत रहता है और क्योंकि आप तनावमुक्त रहते हैं इसलिये, आपका दिल भी स्वस्थ रहता है. रोजाना एक्सरसाइज करने से आपको थकान महसूस नहीं होती और रात को नींद भी अच्छी आती है. एक स्टूडेंट के तौर पर भी, अपना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए रोजाना आपके लिए एक्सरसाइज करना अत्यंत आवश्यक है. अगर आप एक्सरसाइज नहीं करना चाहते हैं तो रोजाना अपनी पसंद का कोई खेल जरुर खेलें. आप एक्सरसाइज करते समय नीचे दिए गए प्वाइंट्स का जरुर पूरा ध्यान रखें:

• सही प्रकार के कपड़े पहनें.

• सही जूते पहनें ताकि आपके पैरों पर चोट न लगे.

• हाइड्रेटेड रहने के लिए नियमित रूप से पानी पीयें, इससे आपको कमजोरी भी महसूस नहीं होगी.

• शुरू में वार्मअप एक्सरसाइज करें ताकि आपकी मांसपेशियों में किसी प्रकार का खिंचाव न आ जाए.

बीमारियों से बचने के पर्सनल हाइजीन टिप्स 

कॉलेज में स्टूडेंट्स अक्सर काफी बड़े-बड़े ग्रुप्स में रहते हैं. आप कभी भी किसी संक्रामक बीमारी के शिकार बन सकते हैं. इसलिए, पर्सनल हाइजीन या खुद को हमेशा साफ़-सुथरा रखना हरेक कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए बहुत जरुरी है. अगर आप हमेशा अपने शरीर को साफ़-सुथरा रखते हैं तो आप अक्सर स्वस्थ रहेंगे. पर्सनल हाइजीन के कुछ महत्वपूर्ण प्वाइंट्स इस प्रकार हैं:  

• यदि आप किसी भी बीमार व्यक्ति से मिलें हैं या फिर, रोजाना खाने से पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से ठीक से धोयें.

• अपने दोस्तों के साथ पेय पदार्थ शेयर करने से बचें, क्योंकि जर्म्स शीतल पेय, जूस और पानी आदि  तरल पदार्थों को आपस में शेयर करने से आसानी से फैलते हैं.

• यदि आपके हाथ गंदे हैं, तो आप अपने नाक, मुंह और आंखों को न छूएं क्योंकि इन क्षेत्रों में मौजूद मेम्ब्रेन्स वायरस और बैक्टीरिया को बड़ी आसानी से फैलाते हैं.

• आप किसी भी प्रकार के मौसमी फ्लू से बचने के लिए समय-समय पर टीका जरुर लगवा लें.

फिट और खुश रहने के लिए सुधारें अपनी मेंटल हेल्थ

चाहे आप मानें या न मानें, दुनिया की हरेक बीमारी की वजह अक्सर मानसिक परेशानी या बढ़ता हुआ तनाव ही होता है. दिल से जुड़ी सभी बीमारियों का प्रमुख कारण तनाव, निराशा और चिंता ही होते हैं.  इसलिये, एक हेल्दी और सुखी जीवन जीने के लिए आप अपना मानसिक स्वास्थ्य बिलकुल ठीक रखें. यहां आपकी मानसिक तंदुरुस्ती के लिए कुछ जरुरी प्वाइंट्स दिए जा रहे है:

• तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दें क्योंकि इससे निराशा और अवसाद जैसी समस्यायें हो सकती हैं.  यदि किसी भी समय आपको तनाव महसूस होता है तो आप अपनी पढ़ाई से कुछ समय के लिए ब्रेक लेकर आराम करें और तरोताज़ा होकर अपनी पढ़ाई दुबारा शुरू करें.

• जीवन का एक कठोर सत्य यह है कि आप हर किसी को खुश नहीं कर सकते हैं. इसलिए, पहले अपनी खुशी का ख्याल रखें और फिर, बाद में दूसरों के बारे में चिंता करें तो आपके लिए बेहतर रहेगा. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आप एक स्वार्थी व्यक्ति बन जायें. आपको केवल पहले अपनी अपेक्षाओं को प्राथमिकता देनी होगी और उसके बाद आप दूसरों की मर्जी के मुताबिक काम कर सकते हैं.

• अपनी गलतियों पर बहुत अधिक ध्यान देने की बजाय, उन्हें सुधारने का प्रयास करें. अपने काम का पूरा आनंद लें. इससे आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और आपका मन तनावमुक्त रहेगा.

अंतिम कथन

प्रत्येक कॉलेज स्टूडेंट के अच्छे स्वास्थ्य के लिए उक्त सभी प्वाइंट्स बहुत महत्वपूर्ण हैं. रोजाना पौष्टिक खाना खायें, एक्सरसाइज करें और पूरी नींद लें. इससे आप रोजाना की थकावट और तनाव से बचे रहेगे.

::/fulltext::

1682::/cck::

ब्रेस्‍ट को रखना है हेल्‍दी तो खाएं ये आयुर्वेदिक हर्ब्‍स.....

::/introtext::
::fulltext::

आजकल कई मह‍िलाएं ब्रेस्‍ट केंसर और ब्रेस्‍ट से जुड़ी कई तरह की समस्‍याओं से परेशान है। ब्रेस्‍ट भी बाकि अंगों की तरह शरीर का बहुत ही जरुरी हिस्‍सा है। इसकी अनदेखी के चलते ब्रेस्‍ट इंफेक्‍शन और कैंसर जैसी कई समस्‍याओं से गुजरना पड़ सकता है। बाहरी तौर पर साफ सफाई और कपड़ों के अलावा कई आयुवेर्दिक हर्ब्‍स है जिनके सेवन से हम ब्रेस्‍ट को हेल्‍दी रख सकते हैं। आयुर्वेद प्राचीन भारतीय आरोग्य पद्धति है में अमा दोष को ब्रेस्ट कैंसर का कारण माना जाता है। इसल‍िए ब्रेस्ट को हेल्दी रखने के ल‍िए कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्‍स से इन्‍हें काफी समय तक हेल्‍दी रखा जा सकता है। इसके अलावा आप अपनी डाइट को सुधारें, आराम करें और नींद पूरी करें। अपने रिश्‍तों को मजबूत बनाएं तथा अच्‍छी अच्‍छी हॉबीज़ अपनाएं। अपने इमोशन्‍स को समझें। आप चाहें तो अपनी मन की बातों को एक डायरी में लिख सकती हैं। बाजार में मिलने वाले डियोड्रेंट को ना लगाएं। अगर पसीना आता है तो उसे प्राकृतिक तरीके से साफ करें। बाजारू डियो यूज़ करने से टिशू में लेयरर्स बिल्‍डअप हो जाती हैं, जिससे ब्रेस्‍ट को नुकसान पहुंचता है।

ऐलो वेरा-

ऐलो वेरा में मौजूद एंटी बैक्‍टीरियल गुण ब्रेस्‍ट को यीस्‍ट इंफेक्‍शन से दूर रखता है। ऐलोवेरा ब्रेस्ट को बढ़ने और सर्वाइकल कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है। ऐलो वेरा ब्रेस्ट के धमनी को मजबूत करने में मदद करता है। सौंफ- खाने के बाद सौंफ खाने की परंपरा के बहुत सारे फायदे होते हैं। सौंफ खाने से शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं और ये ब्रेस्ट के टिशु को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं।

मेथी-

मेथी तो हर किचन में पाया जाता है। डॉ. भगवती का कहना है कि नियमित रूप से मेथी का सेवन करने से ब्रेस्ट टिशु के आस-पास जो अमा दोष बनता है उसको होने से रोकने में मदद करता है। सिर्फ, मीठा खाने से नहीं होता है डायबिटीज? आपके सिंगल होने की वजह कहीं ये तो नहीं, पढ़ें यहां Ideal Indian Diet : ग्रोथ के ल‍िए क्‍या खिलाना चाहिए 3 साल के बच्‍चें को? Featured Posts

शतावरी-

शतावरी स्तनों को सुडौल और मजबूत बनाने में शतावरी जड़ी-बूटी बेहद उपयाेगी है। यह एक फाइटोस्ट्रोजेन है जो नियमित रूप से उन महिलाओं के लिए निर्धारित किया जाता है जिन्हें लैक्टेटिंग की परेशानी होती है।

तुलसी-

पवित्र तुलसी को भारतीय संस्कृति में कई स्वास्थ्य लाभ और धार्मिक महत्व के लिए सम्मानित किया गया है। यह सुगंधित जड़ी-बूटी, लीकोरिस की तरह, लसीका द्रव को साफ करने में मदद करती है और शरीर को एमा से छुटकारा दिलाती है।

यष्टिमधु-

यष्टिमधु में कैंसररोधी और हॉर्मोन को संतुलित करने का गुण होता है जो लिम्फैटिक फ्लूइड और टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करता है जो ब्रेस्ट को हेल्दी रखने की ज़रूरी होता है। 

पुनर्नवा

यह शरीर में जमा एमा को ख़त्म करने में सहायता करती है। इसे बोहेराविया डिफुसा के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग कई आयुर्वेदिक चीजों को बनाने में किया जाता है।

::/fulltext::

1615::/cck::

Alert: मानसून में बढ़ सकता है निपाह वायरस का खतरा, ध्यान रख रह सकते हैं सुरक्षित....

::/introtext::
::fulltext::

केरल सरकार ने मानसून में भी लोगों से अलर्ट रहने की अपील की है ताकि इस वायरस से निपटा जा सके।

 केरल में अब तक निपाह वायरस से 17 लोगों की जान जा चुकी है। कुछ लोगों को वायरस इंफेक्शन के सिम्टम के चलते आइसोलेशन में रखा गया है। केरल के चीफ मिनिस्टर पी. विजयन ने लोगों से अभी अलर्ट रहने की अपील की है। उनका कहना है कि वायरस को कंट्रोल कर लिया गया है लेकिन फिर भी लोगों को अलर्ट रहना चाहिए।मानसून का इस वायरस पर का क्या प्रभाव पड़ेगा ये पता लगाने के लिए हमने बॉम्बे हॉस्टिपटल इंदौर के जनरल फिजीशियन मनीष जैन से बात की तो उन्होंने बतायाटेम्प्रेचर चेंज होने, ह्यूमिटिडी बढ़ने से हर वायरस की मल्टीपल ग्रोथ होती है। इसलिए इसका असर निपाह वायरस पर भी हो सकता है। ये वायरस चमगादड़ और सुअरों से फैलता है इसलिए लोगों को चाहिए कि वे इनसे बचकर रहें। हालांकि दूसरे स्टेट में अब तक इस वायरस के मामले सामने नहीं आए हैं इसलिए थोड़ी राहत है लेकिन लोगों को अलर्ट रहना होगा। ये वायरस एक पेशेंट से दूसरे में ट्रांसफर हो जाता है इसलिए मुश्किल और भी बढ़ जाती है।

1. कई ऐसी बिल्डिंग्स हैं जहां चमगादड़ अपना घर बनाकर रहते हैं ऐसी जगहों पर अभी जाने से बचें।

2. कोई भी फल खाएं उसे अच्छी तरह धोकर ही खाएं आम केला और खजूर खाते वक्त विशेष ध्यान रखें। इसका मतलब ऐसा नहीं कि आप फल खाना ही बंद कर दें। लेकिन अलर्ट रहकर फलों को खाएं।

3. अगर किसी भी मरीज में इस वायरस के सिम्टम दिख रहे हैं तो उसके संपर्क में न आएं।

निपाह या बारिश में फैलने वाले किसी भी वायरस से बचने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1. घर या उसके आसपास कहीं भी पानी नहीं जमने दें ताकि डेंगू और मलेरिया फैलाने वाले मच्छर न पनपें।

2. घर में और आस-पास सफाई रखें ताकि प्राइमरी वायरस न पनपें।

3. पीने वाले पानी को साफ रखें। इस मौसम में खराब पानी की वजह से डायरिया जैसी बीमारियां फैलती हैं।

डॉक्टर ने किया मरीज का अंतिम संस्कार 
निपाह वायरस से लोग इतना डर चुके हैं कि अपनों का अंतिम संस्कार भी नहीं कर रहे हैं। हाल ही में निपाह के चलते 17 साल के लड़के की मौत हो गई। लेकिन उसकी फैमिली से कोई भी उसके अंतिम संस्कार में नहीं आया। उसकी मां ने उसे देखने से भी बना कर दिया। ऐसे में उसका इलाज कर रहे डॉक्टर गोपाकुमार ने उसका अंतिम संस्कार किया। ऐसा माना जा रहा है कि निपाह का वायरस अंतिम संस्कार की प्रॉसेस में होने वाले वाथ से भी फैलता है। इसलिए लोग इससे डर रहे हैं।

::/fulltext::
R.O.NO.13073/4 " B
RO No 13073/4 A
RO no 13129/5 D
R.O.NO.13073/4 " B
RO No 13073/4 A
RO no 13129/5 D

 Divya Chhattisgarh

 

City Office :-  Infront of Raj Talkies, Block - B1, 2nd Floor,

                              Bombey Market, GE Road, Raipur 492001

Address     :-  Block - 03/40 Shankar Nagar, Sarhad colony, Raipur { C.G.} 492007

Contact      :- +91 90099-91052, +91 79873-54738

Email          :- Divyachhattisgarh@gmail.com

Visit Counter

Total847472

Visitor Info

  • IP: 18.119.123.107
  • Browser: Unknown
  • Browser Version:
  • Operating System: Unknown

Who Is Online

1
Online

2025-03-12